Rai krishna das ji ka jivan parichy, jivani, and Rachnaaye राय कृष्णदास का जीवन परिचय, जीवनी, एवम् रचनाएँ
मेरे प्यारे विद्यार्थियो हम यहाँ पर आपको हिंदी साहित्य के महान लेखक राय कृष्णदास जी का जीवन परिचय प्रदान कर रहे है और उनकी रचनाये एवम् जीवन का सार नीचे उलेखित किया गया है। Biography of Rai krishna das. Ray krisn das Ji ka Jeevan Parichay Sahityik Parichay of Rai krishna das.
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लेखक का संक्षिप्त जीवन परिचय (फ्लो चार्ट) |
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जीवन परिचय (Jivan Parichay)
पूरा नाम | राय कृष्णदास |
उपनाम | नेही। |
जन्म सन् | 13 नवम्बर 1892 ई० |
जन्म स्थान | काशी (उ०प्र०) |
पिता | राय प्रह्लाददास |
मृत्यु | 21 जुलाई 1980 ई० |
रूचि | चित्रकला,मूर्तिकला एवं पुरातत्व। |
हिन्दी गद्य-गीत के प्रवर्तक राय कृष्णदास जी का जन्म काशी के प्रसिद्ध राय परिवार में 13 नवम्बर सन् 1892 ई० में हुआ था। यह परिवार कला, संस्कृति साहित्य-प्रेम के लिए विख्यात रहा है। भारतेन्दु परिवार से सम्बन्धित होने के कारण राय साहब के पिता राय प्रह्लाददास में हिन्दी के प्रति अटूट प्रेम था।इस प्रकार राय साहब को हिन्दी-प्रेम पैतृक-दाय के रूप में प्राप्त हुआ है। राय साहब की स्कूली शिक्षा बहुत स्वल्प हुई, पर इनमें उत्कट ज्ञान-लिप्सा थी। इन्होंने स्वतंत्र रूप से हिन्दी, संस्कृत तथा अंग्रेजी भाषाओं का अध्ययन किया और इनमें अच्छी योग्यता प्राप्त कर ली तथा इनके पिता के जयशंकर प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त से निकट संपर्क से ये आठ वर्ष की आयु से ही कविता लिखने लगे थे। और राय साहब जब 12 वर्ष के ही थे तभी इनके पिता की असामयिक मृत्यु हो गयी और इनकी शिक्षा बाधित हो गयी। साहित्यिक गतिविधियों के कारण बहुत प्रारम्भ में ही इनकी घनिष्ठता जयशंकर प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त, रामचन्द्र शुक्ल आदि प्रमुख कवियों-आलोचकों से हो गयी कुछ समय बाद ये काशी नागरी प्रचारिणी सभा के कार्यक्रमों में भी प्रमुख रूप से हाथ बंटाने लगे। भारतीय कला-आन्दोलन में भी राय साहब का अप्रतिम स्थान रहा है। इन्होंने ‘भारत कला भवन’ नामक एक विशाल संग्रहालय की स्थापना की थी जो अब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का एक विभाग है। इस संग्रहालय की गणना संसार के प्रमुख संग्रहालयों में की जाती है। सन् 1980 ई० में भारत सरकार ने इन्हें ‘पद्म-भूषण’ अलंकरण से सम्मानित किया और सन् 1980 ई० में ही इनका निधन हो गया।
रचनाएँ
- काव्यसंग्रह– ब्रजरज, भावुक।
- कला– भारत की चित्रकला, भारत की मूर्तिकला।
- गद्यगीत– साधना, छायापथ, प्रवाह।
- संस्मरण– जवाहर भाई।
- कहानी– अनाख्या, सुधांशु, आँखों की थाह।
- निबंध– संलाप, प्रवाल।
- अनुवाद– खलील जिब्रान के ‘दी मेड मैन’ का पगला शीर्षक का हिंदी अनुवाद।
- सम्पादन– कलानिधि आदि इनकी रचनाएं हैं।
पुरस्कार
‘पद्म-भूषण’ से सम्मानित किये गये।
यह भी देखे-
Jeevan Parichay || Jivan Parichaya || Biography || Jeevani || Jivani || Vyaktitva and Krititva
जीवन परिचय || जीवनी || रचनाएँ || व्यक्तित्व और कृतित्व
Post Overview
Post Name |
Rai Krishna Das ji ka Jivan Parichay, jivani |
Class | All |
Subject | Hindi |
Topic | Jivan Parichay/ Biography/ Jeevani |
Board | All Board and All Students |
State | Uttar Pradesh |
Session | All |
Downloadable File | PDF File Download |
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