वृध ( बढ़ना) धातु के रूप-Dhatu Roop – Sanskrit Vyakran
इस पोस्ट में आपको वृध ( बढ़ना) धातु रूप के बारे में बताया गया है।
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको संस्कृत व्याकरण कक्षा – 10 के वृध ( बढ़ना) के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों(लट्, लृट्, लोट्, लङ् तथा विधिलिङ् लकारों में), पुरुष एवं तीनों वचन में नीचे दिये गये हैं। आशा करते हैं की पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Chapter Name | वृध ( बढ़ना) धातु रूप |
Part 3 | Sanskrit Vyakaran |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | वृध ( बढ़ना) धातु रूप- Vrdh Dhatu Roop |
वृध् (बढ़ना) धातु
लट् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्र० पु० वर्धते वर्धेते वर्धन्ते
म० पु० वर्धसे वर्धेथे वर्धध्वे
उ० पु० वर्धे वर्धावहे वर्धामहे
लृट् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्र० पु० वर्धिस्यते वर्धिस्येते वर्धिस्यन्ते
म० पु० वर्धिस्यसे वर्धिस्येथे वर्धिस्यध्वे
उ० पु० वर्धिस्ये वर्धिस्यावहे वर्धिस्यामहे
लोट् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्र० पु० वर्धताम् वर्धेताम् वर्धन्ताम्
म० पु० वर्धस्व वर्धेथाम् वर्धध्वम्
उ० पु० वर्धे वर्धावहै वर्धामहै
लङ् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्र० पु० अवर्धत अवर्धेताम् अवर्धन्त
म० पु० अवर्धथाः अवर्धेथाम् अवर्धध्वम्
उ० पु० अवर्धे अवर्धावहि अवर्धामहि
विधिलिङ् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्र० पु० वर्धेत वर्धेयाताम् वर्धरन्
म० पु० वर्धेथा वर्धेयाथाम् वर्धेध्वम्
उ० पु० वर्धेय वर्धेवहि वर्धेमहि
इष् ( इच्छा करना) धातु के रूप- Ish ke Dhatu Roop – Sanskrit Vyakran