UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science Chapter- 13 Our Environment ( हमारा पर्यावरण) Notes in hindi

UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science [विज्ञान] ईकाई 5 प्राकृतिक संसाधन Chapter- 13 Our Environment ( हमारा पर्यावरण) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 5  प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources) के अंतर्गत चैप्टर 13 (हमारा पर्यावरण)  पाठ के अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न  प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं हमारी मेहनत की क़द्र करते हुए इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करेंगे।

पारितन्त्र के प्रकार, खाद्य जाल, पारितन्त्र के घटक, जैविक आवर्धन या जैव आवर्धन, खाद्य श्रृंखला, मानव का प्राकृतिक पर्यावरण पर प्रभाव, ठोस अपशिष्ट तथा इनका प्रवन्धन

Class  10th  Subject  Science (Vigyan)
Pattern  NCERT  Chapter-  Our Environment

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न / लघु उत्तरीय प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. पारितन्त्र क्या है?

उत्तर- जैविक और अजैविक समुदाय के सम्बन्धों को प्रदर्शित करने वाली कार्यात्मक इकाई को पारितन्त्र कहते हैं; जैसे घास का मैदान, जलाशय आदि।

प्रश्न 2. ओजोन अपक्षय के लिए मुख्यतः उत्तरदायी यौगिक का नाम लिखिए।

उत्तर- क्लोरोफ्लुओरोकार्बन्स (CFCs )

प्रश्न 3. यह दिखाने के लिए कि पीड़कनाशकों का असीमित प्रयोग हमारे वातावरण का निम्नीकरण कर सकता है, कोई एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर- अत्यधिक पीड़कनाशकों के उपयोग से जैव आवर्धन हो जाता है, ये पीड़कनाशक खाद्यान्नों, सब्जियों आदि के द्वारा हमारे शरीर तक पहुँच जाते हैं तथा हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं; जैसे-तंत्रिका संबंधी रोग।

प्रश्न 4. ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली दो गैसों के नाम बताइए।

उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड तथा मेथेन।

प्रश्न 5. चार ऐसे पदार्थों के नाम लिखिए जिनका पुनः चक्रण किया जाता है।

उत्तर- प्लास्टिक, पॉलिथीन, काँच एवं धातु की वस्तुएँ।

प्रश्न 6. निम्न खाद्य श्रृंखला में जो जीव चौथे पोषी स्तर पर आता है, उसका नाम लिखिए-

साँप, कीट, मेंढक, पौधे, बाज।

उत्तर- बाज चौथे पोषी स्तर का जीव है।

प्रश्न 7. मेंढक, घास, कीट और साँप की किसी आहार श्रृंखला में मेंढक का पोषी स्तर निर्धारित कीजिए।

उत्तर-  मेंढक आहार श्रृंखला के तृतीयक पोषी स्तर का जीव है।

प्रश्न 8. समतापमण्डल में ओजोन का क्या कार्य है?

उत्तर- ओजोन पर्त सूर्य-प्रकाश की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी के जीवों की सुरक्षा करती है।

प्रश्न 9. विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर- विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है।

प्रश्न 10. हरे पौधे पारितन्त्र के उत्पादक क्यों कहलाते हैं?

उत्तर- हरे पौधे सौर ऊर्जा को ग्रहण करके रासायनिक ऊर्जा में बदलकर कार्बनिक पदार्थों में संचित करते हैं। यहीं ऊर्जा खाद्य श्रृंखला के माध्यम से सभी जीवों को उपलब्ध होती है।

प्रश्न 11. खाद्य श्रृंखला किसे कहते है?

उत्तर- खाद्य श्रृंखला- किसी पारितन्त्र में विभिन्न जीवधारियों का वह क्रम जिसमें जीवधारी भोजन एवं भक्षक के रूप में सम्बन्धित रहते हैं, खाद्य श्रृंखला (food chain) कहलाती है।

प्रश्न 12. अपघटनकर्ता किसे कहते हैं?

उत्तर- अपघटनकर्ता (Decomposers)-  ये सूक्ष्मजीव होते हैं, जैसे जीवाणु, कवक। ये उत्पादक एवं उपभोक्ताओं के अपशिष्ट पदार्थों, मूल शरीर को सरल तत्त्वों में अपघटित कर देते हैं जिससे इन पदार्थों का चक्रीकरण होता रहता है।

प्रश्न 13. यदि पृथ्वी से सभी अपघटक हटा दिये जायें तो क्या होगा?

उत्तर- यदि सभी अपघटक (Decomposers) ) हटा दिये जायें तो पृथ्वी पर पोषक तत्त्वों का सन्तुलन बिगड़ जायेगा। सूक्ष्मजीवों के न होने से पदार्थों का पुनःचक्रण नहीं होगा। प्रकृति के जैव जगत तथा अजैव जगत का सन्तुलन चिगड़ जायेगा।

प्रश्न 14. एक जलाशय के अन्दर होने वाली सामान्य आहार श्रृंखला लिखिए।

उत्तर- पादक प्लवक → प्राणी प्लवक → लार्वा → मछली → पक्षी

प्रश्न 15. पृथ्वी पर सौर ऊर्जा के प्रथम संग्राहक कौन हैं?

उत्तर- हरे पौधे ऊर्जा के प्रथम संग्राहक होते हैं।

प्रश्न 16. कृत्रिम पारितन्त्र के दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर- जल-जीवशाला तथा खेत कृत्रिम पारितन्त्र हैं।

प्रश्न 17. पारितन्त्र के दो मुख्य घटक कौन-से होते हैं?

उत्तर- पारितन्त्र के दो मुख्य घटक (1) अजैव घटक, तथा (2) जैव घटक होते हैं।

प्रश्न 18. ओजोन परत को क्षीण करने वाले पदार्थों के नाम बताइए।

उत्तर- क्लोरीन का एक परमाणु ओजोन के 1,00,000 अणुओं को नष्ट करता है। क्लोरीन परमाणु क्लोरोफ्लुओरोकार्बन्स (CFCs) के विघटन से बनते हैं।

प्रश्न 19. क्लोरोफ्लुओरोकार्बन्स क्या होते हैं?

उत्तर- ये रेफ्रीजरेटर व एयरकण्डीशनिंग संयन्त्रों में शीतलन के लिए प्रयोग किये जाने वाले यौगिक होते हैं।

प्रश्न 20. ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसों के नाम लिखिए।

उत्तर- ग्रीन-हाउस गैसें-CO2  मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लुओरोकार्बन्स, हैलोन्स आदि ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसें हैं।

प्रश्न 21. पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक पहुँचने से रोकने का कार्य कौन-सी गैस करती है?

उत्तर- ओजोन(O3) गैस की परत।

प्रश्न 22. एक पोषक स्तर से दूसरे पोषक स्तर तक कितनी ऊर्जा स्थानान्तरित होती है?

उत्तर- एक पोषक स्तर से दूसरे पोषक स्तर तक 10% ऊर्जा स्थानान्तरित होती है?

प्रश्न 23. निम्नलिखित खाद्य श्रृंखला पर विचार कीजिए-

घास बकरी बाघ।

यदि बाघ को इस खाद्य श्रृंखला में 30J ऊर्जा प्राप्त होती है तो प्रारम्भ में घास में कितनी ऊर्जा उपलब्ध थी?

उत्तर- 3000 J

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अपशिष्ट निस्तारण की विभिन्न विधियाँ क्या है? इनका संक्षिप्त वर्णन कीजिए। कीजिए।

अथवा अवशिष्ट निम्नीकरण के विभिन्न उपायों का कीजिए। उल्लेख

उत्तर- अपशिष्ट (wastes) के निवारण हेतु किन तिमि प्रयोग की जाती है

  1. पुनःचक्रण अजेय निरीक्षक पाँच भातु आदि का पुन चक्रण करके उनका प्रयोग गयी वस्तुओं को बनले प्रयोग किया जाता है।
  2. कम्पोस्ट का निर्माण दबाकर खान में परिवर्तित करके इसका किया जा सकता है।
  3. भस्मीकरण विशिष्ट पट्टी (स्मक incinerator) में पदार्थों को उच्च ताप (100°C) पर जाकर देनास्मीक कहलाता है। इसके द्वारा रासायनिक अवशेष, अस्पतालों के जैविकीय तथा अजैविकीय अवशेत्रों को नष्ट किया जाय है।
  4. वाहित मल उपचार घरों, विद्यालयों, अस्पतालों तथा कार्यालयों आदि से निष्कासित बाहिन मल का उपचार वाहित उपचार केन्द्रों द्वारा किया जाता है। चाहित मल उपचार के पश्चात उत्पन्न जल को नदी आदि में छोड़ दिया जाता है।
  5. भू-भराई- कूड़े-करकट को गड्‌ढों आदि में भरकर और उसे मि‌ट्टी से ढककर उसका निस्तारण करना भू-भराई कहलाता है। शहरों में अधिकतर यही विधि अपनायी जाती है।

प्रश्न 2 भारत सरकार पॉलिथीन की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबन्ध क्यों लगा रही है? इन शैलियों के दो विकल्प सुझाइए और समझाइए कि इस प्रतिबन्ध से पर्यावरण में कैसे सुधार होगा?

उत्तर- भारत सरकार पॉलिथीन की थैलियों के उपयोग पर प्रतिवन्ध निम्न कारणों से लगा रही है

(i) यह अजैव निम्नीकरणीय है।

(ii) ये लाब्बे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं तथा पर्यावरण के अन्य सदस्यों को हानि पहुंचाते हैं, जैसे-जलाने पर वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, पालतू जानवर खा लेते हैं जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है।

इसके दो विकल्प हैं-

(i) जूट से बनी थैलियों का प्रयोग करना।

(ii) कागज की थैलियों का प्रयोग करना।

इनका अपमार्जन संभव है जिससे पर्यावरण संतुलन कायम रहेगा।

प्रश्न 3. किसी आहार श्रृंखला में पोषी स्तर क्या निरूपित करते हैं? किसी आहार श्रृंखला में स्वपोषियों तथा शाकाहारियों की स्थिति का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- किसी आहार श्रृंखला में एक पोषी स्तर पर कोई खास जीव होते हैं।

जैसे-           घास → खरगोश(Rabbit) → बाज (hawk)

पोषीस्तर-          I         II                                 III

किसी भी आहार श्रृंखला में स्वपोषी प्रथम पोषी स्तर पर तथा शाकाहारी द्वितीय पोषी स्तर पर स्थित होते हैं।

प्रश्न 4. (a) पारितंत्र क्या है? इसके दो प्रमुख घटकों की सूची बनाइए।

(b) हम तालाबों एवं झीलों की सफाई नहीं करते, किन्तु जलजीवशाला की नियमित सफाई करने की आवश्यकता होती है। ऐसा क्यों है? व्याख्या कीजिए।

उत्तर- (a) किसी क्षेत्र के सभी जीव तथा वातावरण के अजैव कारक (घटक) संयुक्त रूप से पारितंत्र बनाते हैं। इसके दो प्रमुख घटक हैं –

(i) जैव घटक जैसे- घास, वृक्ष, विभिन्न जन्तु।

(ii) अजैव घटक भौतिक कारक, जैसे- ताप, वर्षा, वायु, मृदा, पहाड़ एवं खनिज इत्यादि।

(b) जल-जीवशाला एक कृत्रिम पारितंत्र है, जो एक अपूर्ण पारितंत्र है। इसमें विभिन्न प्रकार के अपमार्जक मौजूद नहीं होते हैं, जिसके कारण यदि कोई जतु जैसे-मछली तथा पौधे मर जाएँ तो संपूर्ण जल प्रदूषित हो जाता है, जिसका प्रभाव दूसरे जीवों पर पड़ता है। जबकि तालाब झील प्राकृतिक एवं आत्मनिर्वाही पूर्ण पारितंत्र हैं। विभिन्न प्रकार के जंतु एवं पौधे होते हैं, जो एक आहार जाल बनाते हैं तथा अपमार्जक जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल कार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं।

प्रश्न 5. प्रत्येक का एक उदाहरण लेकर जैव-निम्नीकरणीय तथा अजैव-निम्नीकरणीय पदार्थों के बीच विभेदन कीजिए। और अधिक पर्यावरण हितैषी बनने के लिए अपनी उन दो आदत्तों में परिवर्तन की सूची बनाइए, जिन्हें आप अपने अजैव-निम्नीकरणीय अपशिष्टों के निपटारा करने में अपनाएँगे।

उत्तर-

जैव-निम्नीकरणीय

अजैव-निम्नीकरणीय

1.वे पदार्थ जिनका अपघटन जैविक प्रक्रम द्वारा होता है जैव-निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण- चाय की उपयोग की गई पत्तियाँ, फलों तथा सब्जियों के छिलके इत्यादि। 1. वे पदार्थ जिनका अपघटन जैविक प्रक्रम द्वारा नहीं हो पाता है, अजैव-निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण-पॉलीथीन, प्लास्टिक, काँच की बोतलें, दूध की थैलियाँ।
2. इनका अपमार्जन जीवाणु तथा कवक करते हैं। 2. वे पदार्थ अक्रिय (inert) होते हैं, इसलिए इनका अपमार्जन जीवाणु तथा कवक द्वारा नहीं हो पाता।

पर्यावरण हितैषी के लिए दो मुख्य आदतें निम्न हैं-

(i) पुनः चक्रण

(ii) कचरे को एक निर्धारित स्थान पर फेंकना चाहिए ताकि नगरपालिका/नगर निगम को इसके प्रबंधन में सुविधा हो; जैसे- भष्मीकरण (Incineration अर्थात् अधिक उच्च ताप पर राख में बदलना)।

प्रश्न 6. उत्पादक तथा उपभोक्ता में अन्तर लिखिए।

उत्तर- उत्पादक तथा उपभोक्ता में अन्तर-

उत्पादक (Producers)

उपभोक्ता (Consumers)

1. हरे पौधे पर्णहरिम की उपस्थिति में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। अतः उपभोक्ताइन्हें ‘उत्पादक’ कहते हैं। 1. संसार के सभी जन्तु, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपना भोजन पौधों से ग्रहण करते हैं। कहलाते हैं।
2. उत्पादक स्वपोषी होते है।

 

 

 

 

उदाहरण-सभी प्रकार के हरे पौधे।

2. उपभोक्ता परपोषी होते हैं। ये निम्न तीन प्रकार के होते हैं।

(1) प्राथमिक (शाकाहारी),

(ii) द्वितीयक (भांसाहारी), तथा

(iii) तृतीयक (मांसाहारी)।

उदाहरण-टिड्डी, खरगोश, साँप, बाज, शेर आदि।

 

प्रश्न 7. जपादक तथा अपघटक में अन्तर बताइए।

उत्तर- उत्पादक तथा अपघटक में अन्तर-

उत्पादक (Producers)

अपघटक (Decomposers)

1. उत्पादक वे जैवीय घटक हैं जो सरल अकार्बनिक यौगिकों से प्रकाश-संश्लेषण द्वारा जटिल कार्बनिक यौगिकों का निर्माण करते हैं। 1. अपघटक वे जैवीय घटक हैं जो जटिल कार्बनिक यौगिकों को सरल अकार्बनिक यौगिकों में विघटित कर देते हैं।
2. ये प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलकर कार्बनिक यौगिकों में संचित कर देते हैं। उदाहरण-हरे पौधे। 2. ये कार्बनिक यौगिकों में संचित ऊर्जा को अन्ततः रूप में रूपा- न्तरित कर वायुमण्डल में मुक्त कर देते हैं। उदाहरण-जीवाणु, कवक आदि

मृतजीवी।

प्रश्न 8. अम्ल वर्षा किन दो ऑक्साइडों के वातावरणीय जल के साथ क्रिया करने से होती है? अम्ल वर्षा का मछली, मृदा एवं पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर- अम्ल वर्षा (Acid Rain)- सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड तथा CO2 वातावरणीय जल से क्रिया करके क्रमशः सल्फ्यूरिक (H₂SO₄), नाइट्रिक अम्ल (HNO3) तथा कार्बोनिक अम्ल (H2CO3) बनाती है। यह वर्षा के साथ नीचे आ जाते हैं। इसे अम्ल वर्षा (acid rain) कहते हैं।

अम्ल वर्षा के प्रभाव (Effects of Acid Rain)-

  1. अम्ल वर्षा के कारण जल की अम्लीयता बढ़ जाती है। जलीय जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मछलियाँ मरने लगती हैं जिससे इनका उत्पादन प्रभावित हो जाता है।
  2. अम्ल वर्षा के कारण मृदा की अम्लीयता बढ़ जाती है। पौधों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मृदा प्रायः ऊसर हो जाती है। पौधों की पत्तियों पीली पड़ जाती हैं। इनकी शिराये सूखने लगती हैं।
  3. अम्ल वर्षा के कारण मृदा की उर्वरता नष्ट हो जाती है।
  4. अम्ल वर्षा के कारण मनुष्य में त्वचा रोग, श्वास रोग आदि हो जाते हैं।
  5. अम्ल वर्षा के कारण पौधों की उपापचयी क्रियायें प्रभावित होती हैं।
  6. अम्ल वर्षा के कारण ऐतिहासिक इमारतों को भी क्षति पहुंचती है।

प्रश्न 9. ओजोन परत की उपयोगिता तथा इसके अपक्षय पर टिप्पणी कीजिए।

अथवा    ओजोन परत क्या होती है तथा यह प्रकृति में किस प्रकार अपक्षयित होती है?

अथवा ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिन्ता का विषय क्यों है? इस क्षति का सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गये हैं?

उत्तर- ओजोन परत तथा इसका अपक्षय-वायुमण्डल को पृथ्वी धरातल से क्रमशः क्षोभमण्डल, समतापमण्डल, मध्यमण्डल, आयनमण्डल में विभाजित करते हैं। क्षोभमण्डल में जीवधारी रहते हैं। पृथ्वी की सतह से लगभग 50-60 किमी ऊपर समतापमण्डल (Stratosphere) में ओजोन की परत पायी जाती है जो पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है। पराबैंगनी किरणों से उत्परिवर्तन, त्वचा का कैन्सर, प्रतिरोध क्षमता (immunity) का हास आदि लक्षण विकसित होते हैं। आजांन कवच के न होने से हमारे खाद्य संसाधन भी प्रभावित होंगे।

समतापमण्डल में क्लोरीनं परमाणु के विसरण से ओजोन अणु नह होते हैं। क्लोरीन का एक परमाणु ओजोन के 1,00,000 अणुओं को नष्ट करता है। क्लोरीन परमाणु क्लोरोफ्तुओरो कार्बन्स (CFCs) के विघटन से बनते हैं। इससे ओजोन की परत पतली हो रही है। ओजोन की पतली परत को ओजोन छिद्र कहते हैं। अण्टार्कटिका पर ओजोन की परत के पतला होने से पृथ्वी के औसतन तापमान में वृद्धि हो रही हैं तापमान में 3.6°C तक की तापवृद्धि होने पर अण्टार्कटिका की बर्फ पिघलने से समुद्र स्तर में 10 इंच से 5 फुट तक की वृद्धि हो जायेगी, जिससे अनेक तटवर्ती क्षेत्र जलमग्न हो जायेंगे। फ्रेऑन (freon) क्लोरोफ्लुओरो कार्बन्स का सबसे घातक स्रोत है। इसका उपयोग ऐरोसॉल स्त्रे, रेफ्रिजरेटर, एयरकण्डीशनर, फोम आदि बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 10. आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- कचरा निपटान (Disposal of waste)- इसके लिए निम्न युक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है-

(i) सर्वप्रथम जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय कचरे को पृथक किया जाना चाहिए।

(ii) जैव निम्नीकरणीय कचरे (सब्जी, फल आदि के छिलके, अप्रयुक्त बाल-सब्जी, चाय की प्रयुक्त पत्तियाँ आदि) का उपयोग ह्यूमस/ कम्पोस्ट खाद बनाने में किया जा सकता है। गोबर का उपयोग गोबर गैस (bio-gas) तथा खाद के रूप में किया जा सकता है।

(iii) अजैव निम्नीकरणीय कचरे से प्लास्टिक, पॉलिथीन, टिन, काँच आदि को पृथक कर इनका पुनःचक्रण किया जा सकता है। शेष अजैव निम्नीकरणीय कचरे का उपयोग गड्‌छों के भराव के लिए किया जा सकता है।

(iv) पॉलिथीन बैग्स के स्थान पर कपड़े के थैले प्रयोग करके कचरे की समस्या को कम कर सकते हैं।

प्रश्न 11. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें अर्थात् मार डालें?

उत्तर-आहार श्रृंखला के सभी पोषी स्तर (trophic level) के जीवधारी एक-दूसरे से सम्बन्धित होते हैं, ये आहार श्रृंखला में भोजन और भक्षक की स्थिति में रहते हैं। यदि किसी पोषी स्तर के सभी जीवों को नष्ट कर दिया जाये तो आहार श्रृंखला छिन्न-भिन्न हो जायेगी और पारितन्त्र में ऊर्जा का प्रवाह रुक जायेगा।

लेकिन सामान्यतः ऐसा नहीं होता है क्योंकि विभिन्न पोषी स्तर के जीवधारी भोजन (ऊर्जा) के लिए अन्य वैकल्पिक स्रोतों से भोजन प्राप्त करने लगते हैं क्योंकि आहार श्रृंखलाएँ खाद्य जाल (Food web) के रूप में परस्पर सम्बद्ध जती हैं।

प्रश्न 12. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन- सी समस्याएँ उत्पन्न होती है? उत्तर- अजैव निम्नीकरणीय कचरे से पर्यावरण सम्बन्धी अनेक समस्याएँ उत्पत्र होती हैं, जैसे

(i) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों के कारण वायु, जलं और मृदा का प्रदूषण होता है। वायु, जल और मृदा प्रदूषण के कारण जीवधारियों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दुष्यभाव पड़ता है।

(ii) अजैव निम्नीकरणीय हानिकारक रसायन आहार श्रृंखला के माध्यम जैविक आवर्धन प्रदर्शित करते हैं। हानिकारक रसायनों के संचय के कारण जीवधारियों को हानि पहुँचती है।

(iii) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों के संचय के कारण पदार्थों का पुनःचक्रण प्रभावित होता है।

(iv) जैव निम्नीकरणीय पदार्थों (प्लास्टिक, पॉलिथीन आदि) के कारण नालियों आदि में जल का प्रवाह रुक जाता है और सीवर अवरुद्ध हो जाते हैं।

 

UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science Chapter- 13 Our Environment ( हमारा पर्यावरण) MCQ

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