UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] History [इतिहास] Chapter- 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय (Natsivad aur Hitlar ka Uday) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttariy Prashn
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-1: इतिहास भारत और समकालीन विश्व-1 खण्ड-1 घटनायें और प्रक्रियायें के अंतर्गत चैप्टर-3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय (Natsivad aur Hitlar ka Uday) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 9th] |
Chapter Name | नात्सीवाद और हिटलर का उदय (Natsivad aur Hitlar ka Uday) |
Part 3 | History [इतिहास] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | भारत और समकालीन विश्व-1 |
नात्सीवाद और हिटलर का उदय (Natsivad aur Hitlar ka Uday)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. वाइमर संविधान के दोषों को बताइए।
उत्तर- वाइमर गणतंत्र ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर निर्भर ऐसी प्रणाली का विकास किया जिसमें किसी एक दल को बहुमत पाना लगभग असंभव था, फलस्वरूप देश में गठबन्धन सरकारें बनती थीं। अनुच्छेद 48 राष्ट्रपति को नागरिक अधिकार समाप्त करते हुए आपातकाल लागू करके डिक्री द्वारा शासन करने की शक्ति देता था। अल्पकाल में ही वाइमर रिपब्लिक ने 20 अलग-अलग मन्त्रिमण्डल देखे जिनका औसत कार्यकाल 239 दिन था और साथ ही अनुच्छेद 48 का भी भरपूर प्रयोग हुआ। फिर भी संकट का समाधान नहीं हो सका। परिणामस्वरूप लोगों का लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली से विश्वास उठ गया।
प्रश्न 2. सन् 1945 के ‘पोट्सडैम सम्मेलन’ में मित्र राष्ट्रों के जर्मनी से सम्बन्धित क्या उद्देश्य थे? व्याख्या कीजिए।
उत्तर – ‘पोट्सडैम सम्मेलन’ 17 जुलाई से 23 जुलाई 1945 तक बर्लिन के निकट ‘पोट्सडैम’ नामक स्थान पर हुआ, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत संघ ने भाग लिया। इस सम्मेलन के बाद जारी घोषणा में जर्मनी के बारे में मित्र राष्ट्रों के उद्देश्यों को सामने रखा गया। जर्मनी द्वारा आत्मसमर्पण कर दिया गया। जर्मनी के चार भाग कर दिए गए। उसका प्रत्येक क्षेत्र अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस व सोवियत संघ के नियन्त्रण में था। इस घोषणा-पत्र में कहा गया था कि-
- मित्र राष्ट्रों का उद्देश्य जर्मनी का पूर्ण निःशस्त्रीकरण करना है।
- नाजी पार्टी को समूल उखाड़ना
- जर्मनी के पुनर्निर्माण के लिए लोकतान्त्रिक परिस्थितियाँ उत्पन्न करना।
- मानवता के विरुद्ध अपराध करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाना।
प्रश्न 3. महामंदी ने नाजीवाद को जन-आन्दोलन बनाने में क्या भूमिका निभायी?
उत्तर- नाजीवाद सन् 1930 के दशक में अधिक लोकप्रिय नहीं बन पाया किन्तु मंदी के दौरान नाजीवाद एक जन-आंदोलन बन गया। सन् 1929 के बाद बैंक दिवालिया हो चुके थे, काम-धन्धे बन्द होते जा रहे थे, मजदूर बेरोजगार हो रहे थे और मध्यवर्ग को लाचारी और भुखमरी का डर सता रहा था। ऐसे में लोगों को नाजी प्रोपेगैण्डा में एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाई देती थी। सन् 1929 में नाजियों को जर्मन संसद ‘राइखस्टाग’ में केवल 2.6 प्रतिशत वोट मिले। सन् 1932 तक यह सबसे बड़ा दल बन गया और इसे 27 प्रतिशत वोट मिले।
इस दौरान नाजियों ने अनेक बड़ी रैलियों का आयोजन किया। हिटलर का जनसमर्थन दिखाने और लोगों में एकता की भावना का संचार करने के लिए जनसभाओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिटलर ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने तथा युवाओं के लिए बेहतर भविष्य का वायदा किया।
प्रश्न 4. नात्सीवादी शासन में वांछित बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को किस प्रकार पुरस्कृत किया गया?
उत्तर- इस समयावधि में प्रजातीय आधार पर वांछित दिखने वाले बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को पुरस्कार दिया जाता था। ऐसी माताओं की चिकित्सालयों में विशेष सुविधाएँ दी जाती थीं, दुकानों में सामान खरीदने पर उन्हें अधिक छूट दी जाती थी। इसके साथ ही थियेटर व रेलगाड़ी के टिकट सस्ती दर पर दिए जाते थे। हिटलर ने ढेर सारे बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को उसी प्रकार पदकों से सम्मानित करने की व्यवस्था की थी जिस प्रकार सेना में शौर्य प्रदर्शित करने वाले सैनिकों को सम्मानित किया जाता था। चार बच्चे पैदा करने वाली माँ को कांस्य पदक, छह बच्चे पैदा करने वाली माँ को रजत पदक तथा आठ या उससे अधिक बच्चे पैदा करने वाली माँ को सोने के पदक दिए जाते थे।
प्रश्न 5. ‘दूसरा मोर्चा’ क्या था? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर- सन् 1942 तक दूसरे विश्वयुद्ध की महत्त्वपूर्ण लड़ाइयाँ सोवियत संघ और जर्मनी के मध्य पूर्वी मोर्चे पर लड़ी गई थी। सोवियत संघ अपने साथियों से दूसरा मोर्चा खोलने के लिए लगातार कह रहा था, जिससे उस पर दबाव कम हो। अतः उपयुक्त अवसर देखकर अमेरिका व ब्रिटेन ने लगभग 1,00,000 से लेकर 2,00,000 तक सैनिक नामण्डी के तट पर उतार दिए। इस प्रकार दूसरा मोर्चा खोल दिया गया। यह नया मोर्चा ‘द्वितीय मोर्चा’ के नाम से इतिहास में प्रसिद्ध है। इसके बाद जर्मनी को एक साथ सभी दिशाओं में लड़ना पड़ा। परिणामस्वरूप यह द्वितीय मोर्चा जर्मनी के पतन का एक महत्त्वपूर्ण कारण सिद्ध हुआ।
प्रश्न 6. नात्सी आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को किस प्रकार दण्डित किया जाता था?
उत्तर- 1. आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली आर्य महिलाओं की सार्वजनिक रूप से निन्दा की जाती थी तथा उन्हें कठोर दण्ड दिया जाता था।
2. आचार संहिता उल्लंघन की दोषी अनेक महिलाओं को गंजा करके, मुँह पर कालिख पोत कर और उनके गले में तख्ती लटकाकर उन्हें सारे शहर में घुमाया जाता था। उनके गले में लटकी तख्ती पर लिखा होता था कि ‘मैंने राष्ट्र के सम्मान को मलिन किया है।’
3.आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को न केवल जेल की सजा दी जाती थी बल्कि उनके नागरिक सम्मान, पति और परिवार से उन्हें वंचित कर दिया जाता था।