UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Civics [नागरिक शास्त्र] Chapter-1 लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यूँ ?(Loktantra Kya? Loktantra Kyon?) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttariy Prashn
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-3: नागरिक शास्त्र लोकतांत्रिक राजनीति-1 खण्ड-1 के अंतर्गत चैप्टर-1 लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यूँ ?(Loktantra Kya? Loktantra Kyon?) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 9th] |
Chapter Name | लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यूँ ?(Loktantra Kya? Loktantra Kyon?) |
Part 3 | Civics [नागरिक शास्त्र] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | लोकतांत्रिक राजनीति-1 |
लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यूँ ?(Loktantra Kya? Loktantra Kyon?)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. लोकतन्त्र की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर– लोकतन्त्र की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- इसमें स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव होते हैं। चुनाव लोगों के सामने वर्तमान शासकों को बदलने का एक विकल्प एवं अच्छा अवसर प्रदान करते हैं।
- एक लोकतान्त्रिक देश में प्रत्येक वयस्क नागरिक को एक वोट देने का अधिकार है और प्रत्येक वोट का समान महत्त्व है। कोई भी नागरिक किसी भी जाति, धर्म, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि का हो वह किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ सकता है जिसका अर्थ यह है कि सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार प्राप्त है।
- ऐसी सरकारें राजनैतिक समानता के मौलिक सिद्धान्त पर आधारित होती हैं।
- एक लोकतान्त्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों एवं नागरिक अधिकारों के दायरे में रहते हुए शासन करती है।
- 5. इसमें अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता होती है और लोग मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं।
- 6. लोकतान्त्रिक देशों में शासकों का चयन जनता करती है जो सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।
- 7. चुनाव के पहले और बाद में भी विपक्षी दलों को स्वतन्त्र रूप से काम करते रहने की अनुमति है।
प्रश्न 2. भारतीय लोकतन्त्र को अधिक सफल बनाने के लिए कोई चार सुझाव दीजिए।
उत्तर– भारतीय लोकतन्त्र को ज्यादा सफल बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं-
- लोगों को मताधिकार प्राप्त होना चाहिए।
- भारतीय नागरिक सतर्क एवं जागरूक होने चाहिए।
- राजनीति में धन का प्रभाव कम-से-कम होना चाहिए।
- भारतीय नागरिक शिक्षित एवं विचारवान होने चाहिए।
प्रश्न 3. लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली किस प्रकार उचित निर्णय लेने में सहायता करती है?
उत्तर– लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली निम्न प्रकार से उचित निर्णय लेने में सहायता करती है-
- अधिक-से-अधिक बहस या वाद-विवाद के पश्चात् लिए गए निर्णयों में गलतियों की सम्भावना कम रहती है।
- लोकतन्त्र में व्यापक स्तर पर किसी विषय पर बहस या वाद-विवाद हो सकता है।
- इस प्रकार के निर्णय से सभी वर्ग के लोग सन्तुष्ट रहते हैं।
- लोगों को बहस या वाद-विवाद में भाग लेने का अधिकार होता है।
प्रश्न 4. लोकतन्त्र का अर्थ बताओ।
उत्तर– लोकतन्त्र ग्रीक भाषा के दो शब्दों (Demos) और क्रेशिया (Kratia) से मिल कर बना है। डिमोस का अर्थ है ‘लोग’ और ‘क्रेशिया’ का अर्थ है ‘शासन’ या सत्ता। इस प्रकार डेमोक्रेसी का शाब्दिक अर्थ है वह शासन जिसमें शासन या सत्ता लोगों के हाथों में हो। दूसरे शब्दों में, लोकतन्त्र का अर्थ है प्रजा का शासन।
प्रश्न 5. लोकतन्त्र की त्रुटियों को कैसे सुधारा जा सकता है?
उत्तर – लोकतन्त्र स्वयं ही गलतियों को सुधारने की अनुमति देता है। इसकी कोई गारण्टी नहीं है कि लोकतन्त्र में कोई गलती नहीं हो सकती। सरकार का कोई भी स्वरूप इसकी गारण्टी नहीं दे सकता। लोकतन्त्र का गुण यह है कि ऐसी गलतियाँ लम्बे समय तक छिपी नहीं रहतीं। इन गलतियों पर सार्वजनिक चर्चा की जा सकती है और गलती सुधारने का अवसर भी उपलब्ध रहता है या तो शासकों को अपने निर्णय बदलने पड़ते हैं अन्यथा शासकों को बदल दिया जाता है।
प्रश्न 6. “लोकतन्त्र मतभेदों एवं विवादों से निपटने का तरीका उपलब्ध कराता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– किसी भी समाज के लोगों में मत एवं हितों में विवाद हो सकता है। भारत में ये मतभेद और भी गहरे हैं। लोग विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्ध रखते हैं, वे अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं, अलग-अलग धर्म का पालन करते हैं और वे विभिन्न जातियों से सम्बन्ध रखते हैं। एक समूह की प्राथमिकता दूसरे समूह के साथ टकराव का कारण बन सकती है। इस विवाद को बल प्रयोग से भी हल किया जा सकता है। जो भी समूह अधिक शक्तिशाली होगा वह अपनी शर्तें मनवा लेगा और दूसरे लोगों को इसे स्वीकार करना होगा। किन्तु यह आक्रोश का कारण बनेगा। लोकतन्त्र इस समस्या का एकमात्र शान्तिपूर्ण हल उपलब्ध कराता है। लोकतन्त्र में कोई भी स्थायी विजेता नहीं होता। विभिन्न समूह परस्पर शान्तिपूर्वक रह सकते हैं। भारत जैसे विविधता भरे देश में लोकतन्त्र विभिन्न प्रकार के लोगों को एक साथ रहने में सहायता करता है।
प्रश्न 7. “1958-1961 ई. के बीच का चीन का अकाल सरकारी नीतियों का परिणाम था।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– चीन में सन् 1958 से 1961 के बीच भीषण अकाल पड़ा। इस अकाल में लगभग 3 करोड़ लोग मारे गए। उस समय चीन की अर्थव्यवस्था भारत की अर्थव्यवस्था से अच्छी नहीं थी। चीन में लोकतान्त्रिक व्यवस्था न होने के कारण सरकार लोगों की अधिक चिन्ता नहीं करती थी। यदि चीन में बहुदलीय चुनावी व्यवस्था होती, विपक्षी दल होता और सरकार की आलोचना कर सकने वाली स्वतन्त्र मीडिया होती तो इतने सारे लोग भूख से नहीं मरे होते।