Hindi Muhavare aur Lokoktiyan – Muhavare aur Lokoktiyan – MCQ- Objective Questions With Answer PDF Notes मुहावरे और लोकोक्तियाँ – UP TGT/PGT,GIC,NET/ JRF, Assistent Professor UPPSC JPPSC

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Hindi Vyakran

 मुहावरे और लोकोक्तियाँ बहुविकल्पीय प्रश्न (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

मुहावरे और लोकोक्तियाँ

  1. चादर के बाहर पैर पसारना

(क) आराम की नींद सोना

(ख) बढ़ा चढ़ाकर बातें करना

(ग) आत्मप्रशंसा करना

(घ) क्षमता से अधिक व्यय करना

  1. छाती पर का पत्थर

(क) असहनीय दुःख

(ख) जिंदगी भर का रोग

(ग) जिस चीज की चिन्ता सदा सिर पर सवार रहे

(घ) अभिभूत कर लेना वाला

  1. छक्के छुड़ाना,

(क) क्रिकेट के खेल का एक नियम

(ख) परेशान करना

(ग) घायल करना

(घ) हिम्मत पस्त कर देना

  1. जमीन पर पैर न पड़ना

(क) थक जाना

(ख) नाजुक होना

(ग) अकड़कर चलना

(घ) कल्पनाशील होना

  1. तिनके की ओट पहाड़

(क) छोटी सी वस्तु में बहुत बड़े रहस्य का छिपा होना

(ख) असलियत न बताना

(ग) मजाक करना

(घ) साधन से अधिक काम हो जाना

  1. चींटी के पर निकलना

(क) अत्यधिक अनुभवी होना

(ख) बहुत परेशान करना

(ग) दीर्घायु होना

(घ) मरने के दिन निकट आना

  1. दाँत पर मैल न होना

(क) अकिंचन होना

(ख) मुकाबला होना

(ग) तहस नहस होना

(घ) धनी होना

  1. खून सफेद हो जाना

(क्र) दया भाव न रहना

(ख) विनम्र हो जाना

(ग) बलिदान करना

(घ) अनुभवी होना

  1. पलक पाँवड़े बिछाना

(क) अत्यन्त आदर से स्वागत करना

(ख) बहुत प्रतीक्षा करना

(ग) बलिदान करना

(घ) इनमें से कोई नहीं

  1. बालू का भीत

(क) अवरोधक वस्तु

(ख) निस्सार वस्तु

(ग) रेगिस्तानी इलाका

(घ) शीघ्र नष्ट हो जाने वाली

  1. छिपा रुस्तम

(क) छिपकर कार्य करने वाला

(ख) देखने में साधारण, वास्तव में गुणी

(ग) गुप्त बात का प्रकट होना

(घ) व्यक्ति की वास्तविकता प्रकट होना

  1. अक्ल का दुश्मन

(क) मूर्खतापूर्ण कार्य करना

(ख) शत्रु

(ग) महामुर्ख

(घ) मित्र

  1. बखिया उधेड़ना

(क) बात न मानना

(ख) गलत राह पर ले जाना

(ग) क्रुद्ध होना

(घ) किसी के दोष उजागर करना

  1. अखाड़े में आना

(क) साधु मण्डली में शामिल होना

(ख) पछाड़ देना

(ग) मुकाबले में खड़ा होना

(घ) ज्यादा भीड़ होना

  1. चाँदी का ऐनक लगाना

(क) घूस लेकर ही किसी का काम करना

(ख) किसी न किसी प्रकार प्रतिष्ठा बनाए रखना

(ग) खूब लाभ होना

(घ) बहुत अमीर होना

  1. दाम लगाना

(क) मूल्य आँकना

(ख) पूरी कीमत देना

(ग) लागत मात्र देना

(घ) मोल भाव करना

  1. अंग अंग ढीला पड़ना

(क) अस्वस्थ होना

(ख) बहुत मार खाना

(ग) फुर्ती न रहना

(घ) आर्थिक स्थिति कमजोर होना

  1. अंडे सेना

(क) काम आना

(ख) काम तमाम करना

(ग) देर हो जाना

(ख) घर में ही बैठे रहना

  1. अंधों में काना राजा

(क) अज्ञानियों में अल्पज्ञान वाले का सम्मान होना

(ख) विद्वानों की सभा में मूर्ख का सम्मान होना

(ग) मूर्खा द्वारा विद्या की पूजा करना

(घ) दुष्टों की सभा में सज्जन का सम्मान होना

  1. अँगूठी का नगीना

(क) सजीला और सुन्दर

(ख) छिपा हुआ

(ग) बहुत सस्ता

(घ) बहुत कीमती

  1. टिप्पस लगाना

(क) रिश्वत देना

(ख) झूठी बातें मिलाना

(ग) सिफारिश करवाना

(घ) निशाना लगाना

  1. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना

(क) तेजी से चलना

(ख) जवाब न देना

(ग) होश उड़ जाना

(घ) घबरा जाना

  1. तालु में जीभ न लगना

(क) चुप न रहना

(ख) प्यास से परेशान होना

(ग) भूख से तड़पना

(घ) स्वाद न मिलना

  1. कलम तोड़ना

(क) संदेह करना

(ख) बहुत मेहनत करना

(ग) भेद प्रकट करना

(घ) बहुत सुन्दर लिखना

  1. आँखें बिछाना

(क) प्रेम होना

(ख) झिड़की देना

(ग) प्रेम पूर्वक स्वागत करना

(घ) आदर करना

  1. अंधे की लकड़ी

(क) अयोग्य का सहारा

(ख) बिलकुल असमर्थ होना

(ग) अनपढ़ व्यक्ति

(घ) एकमात्र सहारा

  1. काठ का उल्लू

(क) निर्जीव

(ख) बुद्धिमान

(ग) मूर्ख

(घ) अत्यधिक सरल

  1. द्रोपदी का चीर

(क) कभी समाप्त न होना

(ख) शर्मनाक कार्य

(ग) नारी का अपमान करना

(घ) इनमें से कोई नहीं

  1. भगीरथ प्रयत्न

(क) साधारण प्रयत्न

(ख) असाधारण प्रयत्न

(ग) कठिन तपस्या करना

(घ) लगातार प्रयत्न करते रहना

  1. भुजी भाँग न होना

(क) नशे में चूर होना

(ख) दरिद्र होना

(ग) होश में न रहना

(घ) धोखा देना

  1. मैदान मारना

(क) पलायन करना

(ख) लड़ाई जीतना

(ग) धावा बोलना

(घ) पराजित होना

  1. मुँह उत्तरना

(क) लालची होना

(ख) मधुर वचन बोलना

(ग) उदास हो जाना

(घ) चेहरे से भोलापन झलकना

  1. सींग काटकर बछड़ों में मिलना

(क) बच्चों की तरह व्यवहार करना

(ख) वास्तविकता छिपाकर कार्य करना

(ग) निरभिमानी होना

(घ) बुढ़ापे में विवाह करना

  1. सिर हथेली पर रखना

(क) वीरता का प्रदर्शन करना

(ख) पराजय स्वीकार कर लेना

(ग) अहं का विसर्जन करना

(घ) मरने के लिए तैयार होना

  1. हाथ के तोते उड़ना

(क) एकदम अँधेरा छा जाना

(ख) अचानक संकट आ जाना

(ग) अचानक घबरा जाना

(घ) हाथ से मौका निकल जाना

  1. हाथ डालना

(क) चलते जाना

(ख) हार जाना

(ग) किसी काम की शुरूआत करना

(घ) कड़ी मेहनत करना

  1. हथेली पर सरसो उगाना

(क) असंभव कार्य करना

(ख) संघर्ष करना

(ग) कड़ी मेहनत करना

(घ) करतूत दिखाना

  1. हाथ मलना

(क) माँग करना

(ख) पीछे रह जाना

(ग) दुःखी होना

(क) पछताना

निम्नांकित लोकोक्तियों के सही अर्थ का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए-

  1. तेल देखो तेल की धार देखो

(क) लापरवाही से नुकसान होता है।

(ख) काम करते समय उसकी पहचान करना

(ग) तेल की धार देखकर तेल का परीक्षण करना

(घ) सावधानी और धैर्य से काम लो

  1. आँख का अंधा नाम नयनसुख

(क) एक ही व्यक्ति में कई अवगुण

(ख) गुण के विपरीत नाम

(ग) केवल नाम अच्छा होने से कोई व्यक्ति अच्छा नहीं होता

(घ) आँख न होने पर भी सुखी

  1. अधजल गगरी छलकत जाय

(क्र) अल्पज्ञ द्वारा गर्व प्रदर्शन

(ख) अत्यधिक बोलना

(ग) सँभल कर न चलना

(घ) अपनी छोटी सी बात की प्रशंसा करना

  1. आगे नाथ न पीछे पगहा

(क) भगवान को प्राप्त करना

(ख) रस्सी के पीछे-पीछे दौड़ना

(ग) रस्सी से पीटना

(घ) किसी प्रकार का अंकुश न होना

  1. तीन दिन मेहमान चौथे दिन हैवान

(क) आतिथ्य थोड़े दिन का ही अच्छा होता है

(ख) मेहमान भी कभी-कभी शैतान बन जाता है

(ग) अतिथि का कभी अनादर नहीं करना चाहिए

(घ) ससुराल में दामाद को अधिक दिन नहीं रहना चाहिए

  1. चोर चोर मौसेरे भाई

(क) सब चोर समान होते हैं

(ख) एक पेशे वाले आपस में नाता जोड़ लेते हैं

(ग) चोरों की रिश्तेदारी का भरोसा है

(घ) चोरों की माताओं का स्वभाव एक सा होता है

  1. पर उपदेश कुशल बहुतेरे

(क) बिन मांगे सलाह देना

(ख) दूसरों को उपदेश देने को आसान समझना

(ग) दूसरों की सलाह को शीघ्र मान लेना

(घ) दूसरों की बात को शीघ्र मान लेना

  1. अंधे के हाथ बटेर लग जाना

(क) अंधा भी अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है

(ख) अपात्र को सफलता मिल जाना

(ग) अंधेरे में कोई चीज मिल जाना

(घ) शेयरों में भारी लाभ होना

  1. घर की मुर्गी दाल बराबर

(क्र) घर की वस्तु का लोग महत्त्व नहीं समझते हैं

(ख) घर की नई वस्तु कीमती नहीं होती है

(ग) घर की वस्तु बहुमूल्य होती है

(घ) इनमें से कोई नहीं

  1. सौ सयाने एक मत

(क) कुछ भी निश्चय न कर पाना

(ख) अच्छे विचारों में भिन्नता होना

(ग) ज्यादा चालाक बनना

(घ) बुद्धिमानों के विचार एक से होते हैं।

  1. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

(क) ऊटपटांग बात करना

(ख) राजा और सामान्य व्यक्ति की तुलना

(म) आकाश पाताल का अन्तर होना

(घ) राजा और गंगू तेली के बीच तुलना करने का प्रयास

  1. काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती

(क) बुरे दिन हमेशा नहीं रहते

(ख) लकड़ी का बर्तन अग्नि से जल सकता है

(य) छल कपट का व्यवहार हमेशा नहीं चलता

(घ) दुर्भाग्य की मार बार-बार नहीं होती है

  1. एक और एक ग्यारह होना

(क) संसार में सब संभव है।

(ख) गणित विद्या में निपुड़ता प्राप्त करना

(ग) भीड़ में बल है

(घ) संगठन में शक्ति है

  1. नीम हकीम खतरे जान

(क) डींग हाँकना

(ख) खतरनाक चीजें

(ग) बीमारी का गलत इलाज होना

(घ) अल्प विद्या भयंकर

  1. फिसल पड़े तो हर गंगा

(क) काम बिगड़ जाने पर यह कहना कि यह किया ही ऐसे गया था

(ख) विपत्ति पड़ने पर ईश्वर का नाम लेना

(ग) एक साथ दो काम करना

(घ) नुकसान उठाना

  1. आम के आम गुठलियों के दाम

(क) मनमानी करना

(ख) दोहरा लाभ होना

(ग) बहुत चतुर व्यापारी बनना

(घ) नकली वस्तु देना

  1. राम नाम जपना पराया माल अपना

(क) दान करना

(ख) धोखे से धन जमा करना

(ग) सर्वज्ञ होना

(घ) दूसरों से सहानुभूति रखना

  1. कोई ईर घाट तो कोई बीर घाट

(क) बार-बार कथन बदलना

(ख) ताल मेल न होना

(ग) तितर बितर होना

(घ) बहुत चालाक होना

  1. तू डाल-डाल मैं पात-पात

(क) दोनों विद्वान

(ख) दोनों तत्वज्ञ

(ग) दोनों मूर्ख

(घ) दोनों चालाक

  1. दस जने की लाठी एक जने का बोझ

(क्र) माँग कर खाना

(ख) सबकी सेवा व्यर्थ करने वाला

(ग) सहयोग से काम आसानी से हो जाना

(घ) दूसरों के भरोसे रहना

  1. काला अक्षर भैस बराबर

(क) छिद्रान्वेषी होना

(ख) समदर्शी होना

(ग) अनपढ़ होना

(घ) अदूरदर्शी होना

  1. जाके पाव न फटे बिवाई सो का जाने पीर पराई

(क्र) जिसके ऊपर बीतती है वही जानता है

(ख) दयालु होना

(ग) दूसरों के कष्ट को अनुभव करना

(घ) कठोर होना

  1. हाथ कंगन को आरसी क्या

(क) बिल्कुल पढ़ा लिखा न होना

(ख) विद्वान को धन की आवश्यकता नहीं

(ग) प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरुरत नहीं

(घ) सुन्दर महिला को जेवर की आवश्यकता नहीं

  1. ऊधो का लेना न माधव का देना

(क) अपने काम से काम

(ख) भक्तिभाव से दूर रहना

(ग) सबसे अलग रहना

(घ) सबसे आगे रहना

  1. गए थे रोजा छुड़ाने, नमाज पड़ी गले

(क) मुश्किल में पड़ जाना

(ख) कष्ट पहुँचाना

(ग) गरीब हो जाना

(घ) उपकार करने के बदले स्वयं को कष्ट भोगना पड़ा

  1. आप डूबे तो जग डूबा

(क) बुरा आदमी सबको बुरा कहता है।

(ख) भले आदमी को सब भले ही मिलते हैं।

(ग) मरने के बाद देखने कौन आता है कि क्या हुआ।

(घ) अपनी हानि होने पर दूसरों को हानि पहुँचाना।

  1. गंगा गए गंगादास जमुना गए जमुनादास

(क) अपने-अपने घर जाना

(ख) किसी की नहीं करना

(ग) अपना-अपना काम करना

(घ) जिसका कोई दृढ़ सिद्धान्त नहीं होता है।

  1. ऊँट के मुँह में जीरा

(क) अयोग्य व्यक्ति को अति उत्तम वस्तु मिलना

(ख) जरूरत से बहुत कम

(ग) बीमारी का घरेलू इलाज करना

(घ) धनी व्यक्ति को निर्धनों जैसा भोजन

  1. हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा होय

(क) अधिक मेहनत का कम फल मिलना

(ख) बिना खर्च किए काम अच्छा होना

(ग) मेहनत के बावजूद भी फल न मिलना

(घ) इनमें से कोई नहीं

  1. गुरु गुड़ चेला चीनी

(क) गुरु हमेशा सर्वोपरि होता है

(ख) चेले द्वारा महान कार्य करना

(ग) गुरु से चेले का आगे बढ़ जाना

(घ) गुरु के कथनानुसार कार्य करना

  1. एक अनार सौ बीमार

(क) एक वैद्य अनेक बीमार

(ख) महामारी के दिनों में दवाओं की कमी

(ग) किसी वस्तु की पूर्ति कम किन्तु माँग अधिक

(घ) किसी वस्तु की आपूर्ति समाप्त हो जाना

  1. एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा

(क) एक के साथ दूसरा दोष

(ख) बुरे व्यक्ति की बुरी संतान

(ग) बुरे का अच्छे से संग होना

(घ) एक बुरा दूसरा उससे भी बुरा

  1. खोदा पहाड़ निकली चुहिया

(क) कम परिश्रम से बहुत अधिक फल मिलना

(ख) परिश्रम करने पर भी कुछ न मिलना

(ग) अधिक परिश्रम से कम फल प्राप्त होना

(घ) परिश्रम के बिना ही फल प्राप्त हो जाना

  1. जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी दीजे

(क) समय का रुख देखकर काम करना चाहिए

(ख) राजनीति में दल-बदल करते रहना चाहिए

(ग) ऐसा काम करना चाहिए जिससे संकट में न फँसा जाए

(घ) पवन की तरह कभी शीतल और कभी उष्ण होना चाहिए

  1. अक्ल बड़ी या भैंस

(क) दोनों विद्वान

(ख) दोनों तत्त्वज्ञ

(ग) शारीरिक शक्ति श्रेष्ठ होती है

(घ) शारीरिक शक्ति से बुद्धि श्रेष्ठ होती है

  1. बिल्ली को पहले ही दिन मारना चाहिए

(क) भय का शमन शुरू में ही कर देना चाहिए

(ख) दुश्मन पर पहले ही वार कर देना चाहिए

(ग) रौब पहले ही दिन पड़ता है, फिर नहीं

(घ) बुरा समय आते ही सचेत हो जाना चाहिए

  1. अंधा पावै आँखें तो पतियाय

(क) सबसे मूल्यवान वस्तु प्राप्त करके प्रसन्न होना

(ख) अभीष्ट की प्राप्ति होने पर विश्वास का जमना

(ग) असंभव की चाह होना

(घ) असंभव को संभव कर दिखाना

  1. हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत

(क) शादी का गीत गाना

(ख) जश्न मनाना

(ग) असंगत बातें करना

(घ) निचले स्तर का कार्य करना

  1. पुचकारा कुत्ता सिर चढ़े

(क) पुचकारने पर कुत्ता भी प्यार दिखाता है

(ख) ओछे लोग मुँह लगाने पर अनुचित लाभ उठाते हैं

(ग) ओछे लोग ही इस जमाने में तरक्की कर सकते हैं

(घ) नगण्य व्यक्ति को कभी अपमानित नहीं करना चाहिए

  1. तबेली की बला बन्दर के सिर

(क) किसी की शिकायत दूसरों से करना

(ख) एक-दूसरे से लड़वाना

(ग) अपराध किसी का दण्ड किसी को

(घ) अपना दोष दूसरों के सिर मढ़ना

  1. पत्थर को जोंक नहीं लगती

(क) सबल का ही शोषण होता है

(ख) दो नींच व्यक्तियों में टकराव नहीं होता है

(ग) हठी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है

(घ) सबल का शोषण नहीं होता है

  1. कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है

(क) अपनी ही प्रशंसा करना

(ख) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है

(ग) किसी को बोलने नहीं देना

(घ) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना

  1. आग लगन्ते झोपड़ा; जो निकले सो लाभ

(क) बहुत नुकसान हो जाए, तो बचा हुआ भी व्यर्थ है

(ख) नुकसान होते-होते जो कुछ बच जाए, वही बहुत है

(ग) नुकसान हो जाए तो बड़ा कष्ट होता है

(घ) आग लगने पर सब नष्ट हो जाता है।

  1. चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय

(क) पैसा ही माँ बाप होना

(ख) मटीचूस होना

(ग) मर जाएँ पर पैसा न जाए                          

(घ) अत्यधिक कंजूस होना

  1. अपनी करनी पार उतरनी

(क) अपना किया काम ही फलदायक होता है।

(ख) बुरे कार्य करना

(ग) किसी के साथ अच्छा व्यवहार न करना

(घ) साधुता दिखाना

  1. अपना हाथ, जगन्नाथ

(क) दूसरे का किया काम किसी का नहीं

(ख) अपनी वस्तु का उपयोग जी खोलकर करना

(ग) अपना काम अपने से करना

(घ) अधिकार प्राप्त होने पर हम मनमानी करते हैं

  1. का बरखा, जब कृषि सुखाने

(क) कार्य असफल होने पर सहायता व्यर्थ है

(ख) सहायता मिलने पर भी काम बिगड़ जाना

(ग) फसल सूख जाने पर वर्षा व्यर्थ है

(घ) फसल अच्छी हो तो वर्षा की क्या आवश्यकता

  1. आसमान से गिरा खजूर में अटका

(क) मृत्यु से रक्षा हो जाना

(ख) बड़ी मुसीबत की जगह छोटी मुसीबत में पड़ जाना

(ग) सफलता से थोड़ी दूर रह जाना

(घ) किसी काम के बनने में अनेक बाधाएँ उपस्थित हो जाना

  1. आए थे हरि भजन को औटन लगे कपास

(क) हरि भक्ति का मार्ग कठिन होता है।

(ख) उद्देश्य की प्राप्ति में असफल होना

(ग) किसी विशेष कार्य की उपेक्षा कर किसी अन्य कार्य में लग जाना

(घ) ईश्वर भक्ति को छोड़कर व्यापार में लग जाना

  1. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

(क) समय रहते काम करना चाहिए

(ख) अपने सामान की रक्षा पहले ही करनी चाहिए

(ग) नष्ट फसल की रखवाली बेकार है

(घ) समय पर काम न करने से बाद में पछताना पड़ता है

  1. जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ

(क) सब एक समान हैं।

(ख) सब एक समान दुष्ट प्रकृति वाले हैं

(ग) सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए

(घ) सबको एक समान समझना चाहिए

  1. चंदन विष व्यापत नहीं लपटे रहत भुजंग

(क) भले लोगों पर बुरे लोगों की संगति का असर पड़ता है।

(ख) भले लोगों पर बुरों की संगति का असर नहीं पड़ता है।

(ग) बुरे लोगों पर भले लोगों की संगति का असर पड़ता है।

(घ) भले एवं बुरे दोनों की ही संगति कष्टदायक है।

 

प्रश्न संख्या 1 से 100 तक  प्रश्न संख्या 101 से 190 तक 

 

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