Bhagwati Charan verma ka jivan parichy, jivani, and Rachnaaye भगवतीचरण वर्मा जी का जीवन परिचय, जीवनी, एवम् रचनाएँ Biography

Bhagwati Charan verma ka jivan parichy, jivani, and Rachnaaye भगवतीचरण वर्मा जी का जीवन परिचय, जीवनी, एवम् रचनाएँ (Biography of Mhakavi bhusad).

मेरे प्यारे विद्यार्थियो हम यहाँ पर आपको हिंदी साहित्य के महान लेखक महाकवि भूषण जी का जीवन परिचय प्रदान कर रहे है और उनकी रचनाये एवम् जीवन का सार नीचे उलेखित किया गया है। Biography of  Bhagwati Charan verma. Bhagvati charad verma ji ka Jeevan Parichay (Biography) Sahityik Parichay of Bhagwati Charan verma.

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Bhagwati Charan verma ka jivan parichy, jivani, and Rachnaaye भगवतीचरण वर्मा जी का जीवन परिचय, जीवनी, एवम् रचनाएँ Biography

लेखक का  संक्षिप्त जीवन परिचय (फ्लो चार्ट)
  • जन्मसन् 1903 ई०।
  • जन्म स्थानउन्नाव (सफीपुर)।
  • विधाउपन्यास, कहानी, नाटक।
  • मृत्यु सन् 1981ई०।
  • पुरस्कार साहित्य अकादमी, पद्मभूषण।
पूरा नाम भगवतीचरण वर्मा।
जन्म 1903 ई०।
जन्म स्थान उन्नाव (सफीपुर)।
पिता का नाम देवीचरण वर्मा।
मृत्यु 1981 ई०।
पुरस्कार साहित्य अकादमी, पद्मभूषण।
विधा उपन्यास, कहानी, नाटक।
शिक्षा बी०ए०, एल-एल०बी०।

जीवन परिचय

भगवतीचरण वर्मा का जन्म 1903 ई० में उन्नाव (शफीपुर) में हुआ था। इनके पिता का नाम देवीचरण था इन्होने प्रयाग विश्वविद्यालय से बी०ए०, एल-एल०बी० तक की शिक्षा प्राप्त की। और प्रारम्भ में कविता का लेखन शुरु किया। और बाद में उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्ध हुए। हिन्दी साहित्य में आपका पदार्पण छायावाद की नवीन धारा के कवि के रूप में हुआ था तथा प्रगतिशील कवियों में आपने अपना विशिष्ट स्थान बनाया। वर्मा जी एक सफल उपन्यासकार तो थे ही, उच्चकोटि के व्यंग्यात्मक कहानीकार के रूप में भी प्रतिष्ठित हुए।1933 ई० में ये प्रतापगढ़ के राजा भदरी के साथ रहे। 1936 ई० मे  फिल्म कोर्पोरेशन में कार्य किया। कुछ दिनों तक ‘विचार’ नामक साप्ताहिक पत्रिका का सम्पादन किया। तथा फिर आकाशवाणी कार्यक्रमों में भी आपने नाम कमाया। और अंत में 1957 ई० से स्वतंत्र साहित्यकार के रूप में लेखन सुरु कर दिया। और 5 अक्टूबर 1981 ई० में लखनऊ में इनका निधन हो गया।

कृतित्व

  • कहानी संग्रह-इन्स्टालमेण्ट, दो बाँके तथा राख और चिनगारी।
  • उपन्यास-पतन, चित्रलेखा, तीन वर्ष, टेड़े-मेढ़े रास्ते, सामर्थ्य और सीमारेखा, सीधी-सच्ची बातें, सबहिं नचावत राम गुसाईं, प्रश्न और मारीचिका आदि। इन्होने कविताएँ, रेडियो-रूपक तथा नाटक भी लिखे हैं।

भाषा-शैली

आपकी भाषा-शैली सरल, सहज एवं व्यावहारिक है। शैली में व्यंग्य के साथ-साथ प्रवाह है।

पुरस्का

‘भूले-बिसरे चित्र’ उपन्यास पर साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मभूषण व राज्यसभा की मानक सदयस्ता प्राप्त हुई।

यह भी देखे-

Jeevan Parichay || Jivan Parichaya || Biography || Jeevani || Jivani || Vyaktitva and Krititva

जीवन परिचय || जीवनी || रचनाएँ || व्यक्तित्व और कृतित्व 

Post Overview

Post Name

  Bhagwati Charan verma ji ka Jivan Parichay, jivani

Class All
Subject Hindi
Topic Jivan Parichay/ Biography/ Jeevani 
Board All Board and All Students 
State Uttar Pradesh
Session All 
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