वर्तनी शुद्धिकरण सम्बंधी नियम (शुद्ध व अशुद्ध शब्द) – Hindi Shabd Shuddhikaran – Shuddh Ashuddh Shabd
वर्तनी शुद्धिकरण सम्बंधी नियम (शुद्ध व अशुद्ध शब्द) – Hindi Shabd Shuddhikaran – Shuddh Ashuddh Shabd-
वर्ण-संबंधी अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- अनाधिकार अनधिकार अनुकुल अनुकूल
- अनुशरण अनुसरण अनिष्ठ अनिष्ट
- अभ्यस्थ अभ्यस्त अध्यन अध्ययन
- अस्थान स्थान अद्वितिय अद्वितीय
- अरमूद अमरूद अहिल्या अहल्या
- अगामी आगामी अंताक्षरी अंत्याक्षरी
- अंतर्ध्यान अंतर्धान अवन्नति अवनति
- अमावश्या अमावास्या, अमावस्या अर्थात अर्थात्
- आधीन अधीन अपन्हुति अपहु़ति
- अकांछा आकांक्षा आहवान आह्वान
- आर्द आर्द्र आजीवका आजीविका
- अहलाद आह्लाद आमिश आमिष
- इकट्ठा इकठ्ठा ईर्षा ईर्ष्या
- उपरोक्त उपयुक्त उशृंखल उच्छृंखल
- उत्पात् उत्पात उंचाई ऊँचाई
- उज्वल उज्ज्वल उन्नती उन्नति
- उपलक्ष उपलक्ष्य औद्योगीकरण उद्योगीकरण
- उन्मीलीत उन्मीलित कवियित्री कवयित्री
- कलस कलश कुशाशन कुशासन
- कालीदास कालिदास कनिष्ट कनिष्ठ
- कैलाश कैलास कृत्यकृत्य कृतकृत्य
- कार्यक्रर्म कार्यक्रम कन्हय्या कन्हैया
- कंकन कंकण केंद्रीयकरण केंद्रीकरण
- कियारी क्यारी क्षात्र छात्र
- कोतुहल कौतूहल, कुतूहल गर्द्धव गर्दभ
- क्षत्र छत्र गनित गणित
- गडुर गरुड़ गृहस्थ्य गृहस्थ
- गोप्यनीय गोपनीय गिरस्ती गृहस्थी
- गरिष्ट गरिष्ठ गृहीत ग्रहीत
- गृहीता ग्रहीता चारदीवारी चहारदीवारी
- घनिष्ट घनिष्ठ चर्मोत्कर्ष चरमोत्कर्ष
- चिन्ह चिह्न छमा क्षमा
- च्युत् च्युत जमाता जामाता
- जागृत जागरित ज्योतसना ज्योत्सना
- जेष्ट ज्येष्ठ त्याज त्याज्य
- तड़ित तडित् तत्व तत्त्व
- तेलांजली तिलांजलि तलाव तालाब
- दधिची दधीचि दिपिका दीपिका
- द्वारिका द्वारका द्वंद द्वंद्व
- द्रविभूत द्रवीभूत निरपराधी निरपराध
- निरिह निरीह नरायन नारायण
- नछत्र नक्षत्र नबाब नवाब
- निवृती निवृत्ति निमिलित निमीलित
- पत्नि पत्नी नुपुर नूपुर
- पून्य पुण्य प्रंतु परंतु
- अर्च्छना अर्चना पुस्प पुष्प
- परिस्थिती परिस्थिति प्रज्ज्वलित प्रज्वलित
- पृष्ट पृष्ठ पुर्व पूर्व
- प्रशंशा प्रशंसा प्रनाम प्रणाम
- प्रमेश्वर परमेश्वर परिक्षा परीक्षा
- पुज्य पूज्य प्रशाद प्रसाद
- परिक्षण परीक्षण पृथक पृथक्
- पक्क पक्व प्रांगन प्रांगण
- पिचास पिशाच प्रवृर्त प्रवृत्त
- प्रतिकुल प्रतिकूल प्रर्याप्त पर्याप्त
- प्रत्युत् प्रत्युत प्रदर्शिनी प्रदर्शनी
- प्रान प्राण परिणती परिणति
- फाल्गुण फाल्गुन ब्रत व्रत
- ब्रम्ह ब्रह्म बिश्लेशन विश्लेषण
- बिराट विराट् ब्रिटीश ब्रिटिश
- बिधी विधि बुढ़ा बूढ़ा
- ब्राम्हन ब्राह्मण बृजभाषा व्रजभाषा
- वृज व्रज भरथ भरत
- भैय्या भैया भगीरथी भागीरथी
- भष्म भस्म भाग्यमान भाग्यवान्
- भिष्म भीष्म भागवत् भागवत
- भुधर भूधर भस्मिभूत भस्मीभूत
- मतंतर मतांतर मुमुर्षू मुमूर्षु
- मृन्मय मृण्मय मूर्धण्य मूर्द्धन्य
- मुहुर्त मुहूर्त महत्व महत्त्व
- मरन मरण मुनीगन मुनिगण
- महत्वाकांछा महत्त्वाकांक्षा मैथलीसरन मैथिलीशरण
- महात्म महात्म्य याज्ञावल्क याज्ञवल्क्य
- यथेष्ठ यथेष्ट राज्यमहल राजमहल
- रुग्न रुग्ण रमायन रामायण
- रसायण रसायन लिक्खा लिखा
- लछिमन, लछमन लक्ष्मण ललायित लालायित
- लच्छन लक्षण वाहनी वाहिनी
- वनोवास वनवास विस्मरन विस्मरण
- विभिषिका विभीषिका व्यापित व्याप्त
- व्योहार व्यवहार वर्न वर्ण
- वीना वीणा वाल्मिकी वाल्मीकि
- विसन्न विषण्ण वनिक वणिक्
- वानी वाणी वांक्षनीय वांछनीय
- वांगमय वाङ्मय संतुष्ठ संतुष्ट
- वास्प वाष्प सिंदुर सिंदूर
- सिंघ सिंह सन्मान सम्मान
- संग्रहित संगृहीत सिंचित सिक्त
- सुर्य सूर्य सुर्पनखाँ शूर्पणखा
- साधूवाद साधुवाद सरवर सरोवर
- सदृश्य सदृश सत्व सत्त्व
- साशन शासन सृजन सर्जन
- स्मसान श्मशान सम्राज्य साम्राज्य
- सम्न्वय समन्वय समीति समिति
- सुचिपत्र सूचीपत्र स्वास्थ स्वास्थ्य
- स्थाई स्थायी स्थायीत्व स्थायित्व
- स्रवण (चुलाना) श्रवण (सुनना) स्मर्ण स्मरण
- सुश्रूषा शुश्रूषा सुसुप्ति सुषुप्ति
- सुसमा सुषमा सम्वाद संवाद
- सर्ब सर्व सस्यस्यामला शस्यश्यामला
- सृंखला श्रृंखला शृंगार श्रृंगार
- श्रोत स्रोत श्राप शाप
- श्रीयुत् श्रीयुत श्रीमति श्रीमती
- शसि शशि शिवी शिवि
- शत्रुहन शत्रुघ्न शोनित शोणित
- शुद्धिकरण शुद्धीकरण शारिरिक शारीरिक
- हिंदु हिंदू सौहार्द्र सौहार्द
- हिंग हींग हासील हासिल
- हिरण्यकश्यपु हिरण्यकशिपु हितैशी हितैषी
- हितेच्छुक हितेच्छु हिंदूस्थान हिंदुस्तान
प्रत्यय-संबंधी अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- अनुसंगिक आनुषंगिक अभ्यंतरिक आभ्यंतरिक
- अध्यात्मक आध्यात्मिक असहनीय असह्य
- आधीन अधीन अनुयाई अनुयायी
- आवश्यकीय आवश्यक इतिहासिक ऐतिहासिक
- उत्कर्षता उत्कर्ष उत्तरदाई उत्तरदायी
- एकत्रित एकत्र ऐक्यता ऐक्य, एकता
- कौशलता कौशल, कुशलता गुणि गुणी
- गोपित गुप्त चारुताई चारुता
- चातुर्यता चातुर्य, चतुरता जानतांत्रिक जनतांत्रिक
- ज्ञानमान् ज्ञानवान् तत्व तत्त्व
- त्रिवार्षिक त्रैवार्षिक तत्कालिक तात्कालिक
- देहिक दैहिक दारिद्रता दारिद्रय, दरिद्रता
- दाइत्व दायित्व द्विवार्षिक द्वैवार्षिक
- धैर्यता धैर्य, धीरता निश्चय नैपुण्यता नैपुण्य, निपुणता
- निश्चयता निश्चय निरपराधी निरपराध
- पौर्वात्य प्राच्य, पौर्विक, पौरस्त्य पूज्यनीय पूजनीय, पूज्य
- प्रफुल्लित प्रफुल्ल प्रदेशिक प्रादेशिक
- प्रतिनिधिक प्रातिनिधिक प्रमाणिक प्रामाणिक
- प्राप्ती प्राप्ति पौरुषत्व पौरुष
- पूज्यास्पद पूजास्पद पैत्रिक पैतृक
- पुष्टी पुष्टि बाहुल्यता बाहुल्य, बहुलता
- बुद्धिमानता बुद्धिमत्ता महत्व महत्त्व
- मैत्रता मित्रता माधुर्यता माधुर्य, मधुरता
- मान्यनीय मान्य, माननीय राजनैतिक राजनीतिक
- लब्धप्रतिष्ठित लब्धप्रतिष्ठ व्यवसाइक व्यावसायिक
- व्याकुलित व्याकुल व्यवहारित व्यवहृत
- विद्यवान विद्यमान व्यापित व्याप्त
- विधिवत विधिवत् वास्तविक में वस्तुतः, वास्तव में
- वृष्टी वृष्टि वैधव्यता वैधव्य
- वैमनस्यता वैमनस्य श्रीमान श्रीमन, श्रीमान्
- शक्ती शक्ति षष्ठम षष्ठ
- सन्यास संन्यास सर्वजनिक सार्वजनिक
- सौहद्यता सौहृद्य, सौहार्द सहास साहस
- सौजन्यता सौजन्य स्वातंत्र स्वातंत्रय
- साम्यता समता, साम्य सौख्यता सौख्य
- सुंदरताई सुंदरता सौंदर्यता सौंदर्य, सुंदरता
- सहाय्यता साहाय्य, सहायता सप्ताहिक साप्ताहिक
- सृष्टी सृष्टि समुद्रिक सामुद्रिक, समुद्री
- सम्पर्कित सम्पृक्त संसारिक सांसारिक
लिंगप्रत्यय-संबंधी अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- अनाथिनी अनाथा अश्वी अश्वा
- कोमलांगिनी कोमलांगी कृशांगिनी कृशांगी
- गायकी गायिका गोपिनी गोपी
- चातकिनी चातकी त्रिनयनी त्रिनयना
- दिगंबरी दिगंबरा नारि नारी
- पिशाचिनी पिशाची प्रेयसि प्रेयसी
- भुजंगिनी भुजंगी विहंगिनी विहंगी
- सुलोचनी सुलोचना शताब्दि शताब्दी
- श्वेतांगिनी श्वेतांगी श्रीमान् रानी श्रीमती रानी
संधि-संबंधी अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- अधगति अधोगति अत्याधिक अत्यधिक
- अत्योक्ति अत्युक्ति अद्यपि यद्यपि
- अक्षोहिणी अक्षौहिणी हदकंप हकंप
- अंतस्पुर, अंतर्पुर अंतःपुर अधस्पतन अधःपतन
- अनाधिकारी अनधिकारी अंतर्साक्ष्य अंतः साक्ष्य,अंतस्साक्ष्य
- अध्यन अध्ययन अधतल,अधोतल अधस्तल
- आर्शिवाद आशीर्वाद आष्पद आस्पद
- इतिपूर्व इतः पूर्व आविस्कार आविष्कार
- उच्छास उच्छ्वास उज्वल उज्ज्वल
- किम्वदंती किंवदंती उपरोक्त उपर्युक्त
- छत्रछाया छत्रच्छाया चक्षुरोग चक्षूरोग
- जगबंधु जगबंधु जगतेश जगदीश
- जात्याभिमान जात्यभिमान जगधात्री जगद्धात्री
- जगरनाथ जगन्नाथ जाग्रदवस्था जागरितावस्था
- तरुछाया तरुच्छाया ज्योतींद्र ज्योतिरिंद्र
- तदोपरांत तदुपरांत तिरिष्कार,तिस्कार तिरस्कार
- दुरावस्था दुरवस्था दुस्कर दुष्कर
- नभमंडल नभोमंडल नमष्कार नमस्कार
- निरवान निर्वाण निरस नीरस
- निसाद निषाद निरोग नीरोग
- निर्पेक्ष निरपेक्ष निर्पक्ष, निश्पक्ष निष्पक्ष
- पयोपान पयः पान पित्रीण पितृण
- पुरष्कार पुरस्कार पुनर्रचना पुनारचना
- पुनराभिनय पुनरभिनय प्रतिछाया प्रतिच्छाया
- भाष्कर भास्कर भविष्यत्वाणी भविष्यवाणी
- मनोकष्ट मनः कष्ट मनहर मनोहर
- मनरथ मनोरथ मनयोग मनोयोग
- मनोसाधना मनः साधना मनोकामना मनः कामना
- यशलाभ यशोलाभ यावत्जीवन यावज्जीवन
- वयक्रम वयः क्रम वयवृद्ध वयोवृद्ध
- विछेद विच्छेद विसाद विषाद
- वयोप्राप्त वयः प्राप्त शिरोपीडा शिर: पीडा
- सन्मान सम्मान सन्मुख सम्मुख
- सन्मत सम्मत सम्हार संहार
- सम्वरण संवरण सम्वाद संवाद
- सदोपदेश सदुपदेश सरवर सरोवर
- स्वयम्वर स्वयंवर हस्ताक्षेप हस्तक्षेप
- अंतष्करण,अंतर्करण अंतः करण
समास-संबंधी अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- अहोरात्रि अहोरात्र अष्टवक्र अष्टावक्र
- आत्मापुरुष आत्मपुरुष एकतारा इकतारा
- उच्चश्रवा उच्चैःश्रवा एकलौता इकलौता
- कृतघ्नी कृतघ्न गुणीगण गुणिगण
- दुरात्मागण दुरात्मगण दिवारात्रि दिवारात्र
- निर्दोषी निर्दोष निर्गुणी निर्गुण
- निर्दयी निर्दय नेतागण नेतृगण
- पक्षीगण पक्षिगण पक्षीराज पक्षिराज
- पिताभक्ति पितृभक्ति प्राणीवृंद प्राणिवृंद
- भ्रातागण भ्रातृगण मातादेव मातृदेव
- मंत्रीवर मंत्रिवर माताहीन मातृहीन
- महात्मागण महात्मगण महाराजा महाराज
- मंत्रीमंडल मंत्रिमंडल मनीषीगण मनीषिगण
- योगीवर योगिवर योगीराज योगिराज
- राजापथ राजपथ राजागण राजगण
- वक्तागण वक्तृगण विद्यार्थीगण विद्यार्थिगण
- शशीभूषण शशिभूषण स्वामीभक्ति स्वामिभक्ति
- सतोगुण सत्त्वगुण सशंकित सशंक
- सलज्जित सलज्ज सकुशलपूर्वक सकुशल
- सानंदित सानंद
हलंत – संबंधी अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- प्रत्युत् प्रत्युत बुद्धिवान बुद्धिमान्
- भाग्यवान भाग्यवान् भविष्यत भविष्यत्
- विधिवत विधिवत् सतचित सच्चित्
- श्रीमान श्रीमान् साक्षात साक्षात्
चंद्रबिंदु और अनुस्वार से संबद्ध अशुद्धियाँ
- अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
- अंगना (आँगन) अँगना आंख आँख
- उंगली उँगली उंचा ऊँचा
- कंगना कॅंगना कांच काँच
- गूंगा गूँगा गांधीजी गाँधीजी
- चांद चाँद छटांक छटाँक
- जहां जहाँ जाऊंगा जाऊँगा
- डांट डाॅंट तांत ताॅंत
- दांत दाँत दूंगा दूँगा
- पहुंच पहुँच पांचवां पाँचवाँ
- बंगला बॅंगला बांस बाँस
- महंगा महँगा मुंह मुॅंह
- सांकल साँकल सूंड सूॅंड़
एक शब्द के दो रूप – हिंदी में कुछ शब्दों के दो रूप प्रयोग में आते हैं और दोनों का एक ही अर्थ है। अतः, दोनों शुद्ध माने गए हैं। किंतु, लिखते समय दोनों में से किसी एक का ही प्रयोग सर्वत्र होना चाहिए ।
कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
- अंजनि – अंजनी,
- अंजलि – अंजली,
- अवनि – अवनी,
- अमिय — अमी,
- कर्ता – कर्ता,
- कलश – कलस,
- कुटीर – कुटिर,
- कौसल्या — कौशल्या,
- त्रुटि – त्रुटी,
- दश- दस,
- धरणी — धरण,
- पृथिवी – पृथ्वी,
- दंपति — दंपती,
- भूमि — भूमी,
- मणि— मणी,
- मट्टि – मट्टी,
- वशिष्ठ – वसिष्ठ,
- श्रेणि— श्रेणी,
- हनुमान – हनूमान,
- जूआ — जुआ,
- पपिहा — पपीहा,
- तलुवा – तलवा,
- प्रतिकार – प्रतीकार,
- केशरी – केसरी
- सारथी – सारथि
भाषा | वर्ण | शब्द | पद | वाक्य | संज्ञा | सर्वनाम | विशेषण | क्रिया | क्रिया विशेषण |
समुच्चयबोधक | विस्मयादिबोधक | वचन | संधि | छन्द | प्रत्यय | रस | पर्यायवाची शब्द | शुद्ध अशुद्ध शब्द | |
लिंग | कारक | पुरुष | उपसर्ग | समास | अलंकार | विलोम | अनेक शब्दों के लिए एक शब्द |