पिता/पितृ शब्द के रूप – Pitra/Pita ke roop – Sanskrit Raja Ka Shabd Roop in Sanskrit (राजा का शब्द रूप संस्कृत में)

पिता/पितृ शब्द के रूप – Pitra/Pita ke roop – Sanskrit

Raja Ka Shabd Roop in Sanskrit (राजा का शब्द रूप संस्कृत में)

पिता/पितृ के शब्द रूप – Pitra/Pita Shabd Roop in Sanskrit  – राजा शब्द के रूप – Raja Ke Roop, Shabd Roop – In Sanskrit vyakran. Pitri ka Shabd Roop, Rajan Raja Ka Shabd rup in Sanskrit Grammar. 

पिता/पितृ शब्द के रूप - Pitra/Pita ke roop - Sanskrit Raja Ka Shabd Roop in Sanskrit (राजा का शब्द रूप संस्कृत में)

Raja Ka Shabd Roop in Sanskrit – राजा/राजन् का शब्द रूपसंस्कृत व्याकरण 

विभक्ति  एकवचन  द्विवचन  बहुवचन
प्रथमा  राजा  राजानौ  राजानः
द्वितीया  राजानम्  राजानौ  राज्ञः
तृतीया  राज्ञा  राजभ्याम्  राजभिः
चतुर्थी  राज्ञे  राजभ्याम्  राजभ्यः
पंचमी  राज्ञः  राजभ्याम्  राजभ्यः
षष्ठी  राज्ञः  राज्ञोः  राज्ञाम्
सप्तमी  राज्ञि, राजनि  राज्ञोः  राजसु
सम्बोधन  हे राजन् !  हे राजानौ !  हे राजानः !

पिता अथवा पितृ शब्द के रूप – Pitra/Pita ke roop – In Sanskrit Vyakran 

पिता शब्द रूप संस्कृत व्याकरण सभी रूपों में प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी एकवचन द्विवचन बहुवचन।

विभक्ति एकवचन   द्विवचन   बहुवचन  
प्रथमा  पिता    पितरौ  पितरः  
द्वितीया  पितरम्   पितरौ   पितृन्  
तृतीया  पित्रा   पितृभ्याम्   पितृभिः 
चतुर्थी  पित्रे पितृभ्याम्  पितृभ्यः 
पंचमी  पितुः  पितृभ्याम्  पितृभ्यः
षष्ठी पितुः पित्रोः पितृणाम्
सप्तमी   पितरि पित्रोः पितृषु 
सम्बोधन   हे पितः! हे पितरौ ! हे पितरः !

शब्द रूप (Shabd Roop) किसे कहते हैं?

संज्ञा, सर्वनाम आदि शब्दों को पद बनाने हेतु इनमें प्रथमा, द्वितीया आदि विभक्तियाँ लगाई जाती हैं। इन शब्दरूपों (पदों) का प्रयोग (पुंल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग और नपुंसकलिङ्ग तथा एकवचन, द्विवचन और बहुवचन में भिन्न-भिन्न रूपों में) होता है। इन्हें ही सामान्यत: शब्दरूप कहा जाता है।

संस्कृत में वचन (vachan) कितने होते हैं?

संस्कृत में तीन वचन होते हैं- एकवचन, द्विवचन तथा बहुवचन। संख्या में एक होने पर एकवचन , दो होने पर द्विवचन तथा दो से अधिक होने पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। 

 

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