Sardaar purd singh (सरदार पूर्णसिंह) ka Jivan Parichay, jivani, Bhasha Shaili, avam Unki rachnaaye Biography

अध्यापक सरदार पूर्णसिंह का जीवन परिचय, जीवनी, भाषा शैली, एवं उनकी रचनाएं, Sardaar purn singh ka Jivan Parichay, jivani, Bhasha Shaili, avam Unki rachnaaye (Biography of sardaar purd singh)

मेरे प्यारे विद्यार्थियो हम यहाँ पर आपको हिंदी साहित्य के महान निबन्धकार अध्यापक सरदार पूर्णसिंह जी का जीवन परिचय प्रदान कर रहे है और उनकी रचनाये एवम् जीवन का सार नीचे दिया गया है। Biography of sardaar purd singh.srdaar purdsingh Ji ka Jeevan Parichay Sahityik Parichay of sardaar purd singh. important for UP Board Exam and all Competition.

Sardaar purd singh (सरदार पूर्णसिंह) ka Jivan Parichay, jivani, Bhasha Shaili,

जीवन परिचय (Biography) 

लेखक का  संक्षिप्त जीवन परिचय (फ्लो चार्ट)
  • जन्म –17 फरवरी सन् 1881 ई०
  • जन्म स्थान – सलहद नामक ग्राम में
  • पिता – सरदार करतार सिंह भागर
  • मृत्यु – 31 मार्च,1931 में
  • भाषा – शुद्ध खडी बोली
पूरा नाम अध्यापक सरदार पूर्णसिंह
जन्म 17 फरवरी सन् 1881 ई०
जन्म स्थान सलहद नामक ग्राम में
पिता का नाम सरदार करतार सिंह भागर
हिंदी साहित्य में स्थान निबन्धकार
भाषा शुद्ध खडी बोली
मृत्यु 31 मार्च,1931 में
Board UP Board and Competition Exam TGT PGT and other Hindi Examination
Category Jivan Parichay / Biography
Home Page Click Here

सरदार पूर्णसिंह का जन्म 17 फरवरी सन् 1881 ई० में सीमा प्रान्त के (जो की अब पाकिस्तान में है।) हजारा जिले के सलहद नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम सरदार करतार सिंह भागर था जोकी सरकारी कर्मचारी थे। इनके पूर्वज रावलपिंडी जिले के खालसा ग्राम में रहते थे इसलिए इनकी आरंभिक शिक्षा रावलपिंडी में हुई थी। इन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन में ही हिन्दी, उर्दू, फारसी, संस्कृत, अंग्रेजी आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। पूर्णसिंह हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद लाहौर चले गये। लाहौर के एक कॉलेज में इन्होंने एफ० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण किया। Sardar Purnsingh 

इसके बाद एक विशेष छात्रवृत्ति प्राप्त कर सन् 1900 ई० में रसायनशास्त्र के अध्ययन के लिए ये जापान चले गये और यहाँ इम्पीरियल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने लगे। वहाँ पर स्वामी रामतीर्थ के विचारों से प्रभावित होकर ये जापान में होने वाली ‘विश्व धर्म सभा’ में भाग लेने के लिए स्वामी जी  के वहाँ पहुंचे तो उन्होंने वहाँ अध्ययन कर रहे भारतीय विद्यार्थियों से भी भेंट की। इसी क्रम में सरदार पूर्णसिंह से स्वामी रामतीर्थ की भेंट हुई।

स्वामी रामतीर्थ से प्रभावित होकर इन्होंने यही संन्यास ले लिया और स्वामी रामतीर्थ जी के साथ ही भारत लौट आये। स्वामी जी की मृत्यु के बाद इनके विचारों में परिवर्तन हुआ और इन्होंने विवाह करके गृहस्थ जीवन को स्थापित किया । इनको देहरादून के इम्पीरियल फारेस्ट इंस्टीट्यूट में 700 रुपये महीने की एक अच्छी अध्यापक की नौकरी मिल गयी। यहीं से इनके नाम के साथ अध्यापक शब्द जुड़ गया। ये स्वतंत्र प्रवृति के व्यक्ति थे, इसलिए इस नौकरी नहीं कर सके और वहाँ त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद ये ग्वालियर गये। यहाँ इन्होंने सिखों के दस गुरुओं और स्वामी रामतीर्थ की जीवनी अंग्रेजी में लिखीं। ग्वालियर में भी इनका मन नहीं लगा। तब ये पंजाब के में जाकर खेती करने लगे।

खेती में हानि हुई और ये आर्थिक संकट से नौकरी की तलाश में इधर उधर फिरने लगे। ‘देहली षड्‌यंत्र’ के मुकदमे में मास्टर अमीरचंद्र के साथ इनको भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। किन्तु इन्होंने मास्टर अमीरचंद से अपना किसी प्रकार का सम्बन्ध होने से अस्वीकार कर दिया परन्तु न्यायालय में झूठा बयान देने के पश्चताप से अन्दर ही अन्दर पश्चताप की आग में जल गये और सुधार न होने से हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ निबन्धकार 31 मार्च,1931 में इनका देहावसान हो गया।

रचनाएँ

  • निबन्ध- 1. पवित्रता, 2. मजदूरी और प्रेम, 3. सच्ची वीरता, 4.
  • अमेरिका का मस्त योगी वाल्ट हिटमैन, 5.  कन्यादान,
  • 6. आचरण की सभ्यता

हिंदी भाषा में इन्होंने अपने जीवनकाल में सिर्फ छ: निबन्ध लिखे थे।

भाषा-शैली

                 इनकी भाषा शुध्द खडी बोली है तथा इनकी निबन्ध-शैली कि दृष्टि से निजी-शैली है।

Jeevan Parichay || Jivan Parichaya || Biography || Jeevani || Jivani || Vyaktitva and Krititva

जीवन परिचय || जीवनी || रचनाएँ || व्यक्तित्व और कृतित्व 

Post Overview 2024

Post Name Sardaar purn singh ka Jivan Parichay, jivani
Class All
Subject Hindi
Topic Jivan Parichay/ Biography/ Jeevani 
Board All Board and All Students 
State Uttar Pradesh
Session All Students and all Session
Downloadable File PDF File Download
All Jivan Parichay Link Click Here
Join Telegram Click Here
Join Whatsapp Channel Click Here
Follow Facebook Page Click Here
error: Copyright Content !!
Scroll to Top