UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science [विज्ञान] ईकाई 3 प्राकृतिक घटनाएँ ( संवृत्तियां) – Chapter- 10 The human eye and the colourful world ( मानव नेत्र तथा रंगबिरगा संसार) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 3 प्राकृतिक घटनाएँ ( संवृत्तियां) (Natural phenomena (phenomena) के अंतर्गत चैप्टर 10 (मानव नेत्र तथा रंगबिरगा संसार) पाठ के अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं हमारी मेहनत की क़द्र करते हुए इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करेंगे।
मानव नेत्र, प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन, दृष्टि दोष, प्रकाश का प्रकीर्णन
Class | 10th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | The human Eye and the Colourful world |
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न / लघु उत्तरीय प्रश्न
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. 100 cm की फोकस के अवतल लेंस की क्षमता की गणना कीजिए।
हल– अवतल लेंस की फोकस दूरी (f) = 100 cm
लेंस की क्षमता P = 100/f =-100/100 = -1D उत्तर
प्रश्न 2. निकट दृष्टि से पीड़ित एक व्यक्ति अधिक से अधिक 5 m की दूरी तक देख सकता है। सही दृष्टि के लिए उसे किस क्षमता का लेंस प्रयोग करना होगा?
अथवा निकट दृष्टि दोष से आप क्या समझते हैं? इसका निवारण किस प्रकार किया जाता है?
हल– निकट दृष्टि के निवारण हेतु प्रयुक्त अवतल लेंस की फोकस दूरी = व्यक्ति की स्पष्ट दृष्टि की अधिकतम दूरी = 5m = 500 cm
लेंस की क्षमता = – 100/f =-100/100 =0.2D. उत्तर
प्रश्न 3. आँख की समंजन क्षमता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर– निकट स्थित वस्तुओं का रेटिना पर स्पष्ट प्रतिबिम्ब बनाने हेतु नेत्र लेंस की फोकस दूरी को आवश्यकतानुसार परिवर्तित कर लेने की क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहते हैं।
प्रश्न 4. एक विद्यार्थी दूर रखे ब्लैक बोर्ड पर लिखे अक्षरों को स्पष्ट नहीं देख पाता। उसे चश्मे में किस प्रकार का लेंस लगाना होगा?
उत्तर– अवतल लेंस।
प्रश्न 5. मनुष्य की आँख में रेटिना का क्या कार्य होता है?
उत्तर– किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर ही बनता है। रेटिना बहुत सारी प्रकाश तन्त्रिकाओं की एक फिल्म होती है। रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के रंग और आकार आदि का मस्तिष्क को ज्ञान इन तन्त्रिकाओं द्वारा ही होता है।
प्रश्न 6. किस रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है?
उत्तर– बैंगनी रंग (क्योंकि बैंगनी रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे कम है)।
प्रश्न 7. दृश्य प्रकाश के किस रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है?
उत्तर– लाल रंग के लिए प्रकीर्णन सबसे कम होता है।
प्रश्न 8. श्वेत प्रकाश जब प्रिज्म से गुजरता है तो निर्गत प्रकाश में प्रिज्म के आधार से दूरस्थ प्रकाश का रंग क्या होता है?
उत्तर– लाल।
प्रश्न 9. श्वेत प्रकाश के किस रंग के लिए काँच का अपवर्तनांक न्यूनतम होता है?
उत्तर–लाल रंग के लिए।
प्रश्न 10. स्वस्थ आँख के लिए दूर बिन्दु कहाँ स्थित होता है?
उत्तर– अनन्त पर।
प्रश्न 11. एक व्यक्ति के द्विफोकस दूरी वाले लेंस के ऊपरी भाग में अवतल लेंस तथा निचले भाग में उत्तल लेंस लगा है। उसके नेत्र में कौन–कौन से दोष हैं?
उत्तर– मनुष्य के नेत्र में निकट तथा दूर दृष्टि, दोनों दोष हैं।
प्रश्न 12. निकट दृष्टि–दोष के निवारण के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग किया जाता है?
उत्तर– अवतल लेंस।
प्रश्न 13. दूर दृष्टि–दोष के निवारण के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग किया जाता है?
उत्तर– उत्तल लेंस
प्रश्न 14. काँच के प्रिज्म के पदार्थ के लिए अपवर्तनांक का सूत्र लिखिए।
अथवा विचलन कोण और प्रिज्म कोण के पदों में प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक का सूत्र लिखिए।
उत्तर–
जहाँ n = अपवर्तनांक, A= प्रिज्म का कोण तथा £m = न्यूनतम विचलन कोण।
प्रश्न 15. एक श्वेत प्रकाश प्रिज्म से गुजरता है। किस रंग के लिए विचलन कोण सर्वाधिक तथा न्यूनतम होगा?
उत्तर– बैंगनी रंग के लिए अधिकतम तथा लाल रंग के लिए न्यूनतम।
प्रश्न 16. जिस परिघटना में टिंडल प्रभाव को देखा जा सके उसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर– घने जंगल के वितान (canopy) से सूर्य का प्रकाश गुजरना।
प्रश्न 17. मानव नेत्र में परितारिका के एक कार्य का उल्लेख कीजिए।
उत्तर– परितारिका (Iris) का कार्य है पुतली (Pupil) के आकार को नियंत्रित करना।
प्रश्न 18. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए–
(a) रेटिना से जुड़े दो तंतुओं के नाम लिखिए।
(b) आँख के रंगीन भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर– (a) दृक तंत्रिकायें
(b) परितारिका।
प्रश्न 19. अवतल लेंस के चश्में का उपयोग करके किस दृष्टि दोष को दूर किया जाता है?
उत्तर– निकट दृष्टि दोष
प्रश्न 20. मानव नेत्र के उस भाग का नाम लिखिए जो मानव नेत्र में प्रवेश होने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है?
उत्तर– पुतली।
प्रश्न 21. किसी अंतरिक्षयात्री को आकाश काला क्यों दिखाई देता है?
उत्तर– अन्तरिक्ष में वायुमण्डल नहीं होता अतः प्रकाश का प्रकीर्णन न होने के कारण आकाश काला दिखाई देता है।
प्रश्न 22. दूर दृष्टि दोष क्या है? इसका निवारण कैसे किया जाता है?
उत्तर– आँख के इस दोष में पीड़ित व्यक्ति को दूर की वस्तुएँ साफ स्पष्ट दिखाई देती हैं, निकट की नहीं। इस दोष के निवारण के लिए उचित फोकस दूरी का उत्तल लेंस प्रयुक्त करते हैं।
प्रश्न 23. मानव नेत्र के निकट बिन्दु तथा दूर बिन्दु में विभेद कीजिए।
उत्तर– मानव नेत्र जिस निकटतम दूरी तक देख सकता है निकट बिन्दु कहलाता है। स्वस्थ मानव नेत्र के लिए यह दूरी 25 cm होती है तथा मानव नेत्र जिस अधिकतम दूरी तक स्पष्ट देख सकता है दूर बिन्दु कहलाता है। स्वस्थ मानव नेत्र के लिए यह अनन्त पर होता है।
प्रश्न 24. निकट दृष्टि दोष क्या होता है? इसका निवारण कैसे किया जाता है?
उत्तर– जब मनुष्य को निकट की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं दूर की नहीं तो निकट दृष्टि दोष कहलाता है। इसके निवारण के लिए उचित फोकस दूरी का अवतल लेंस प्रयुक्त करते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एक चित्र बनाकर स्पष्ट कीजिए कि हम किस प्रकार सूर्योदय को वास्तव में सूर्य के क्षितिज से ऊपर उगने के दो मिनट पहले ही देख लेते हैं।
उत्तर– जब सूर्य क्षितिज से थोड़ा नीचे होता है तब सूर्य की किरणें अपेक्षाकृत कम सघन वायुमंडल से अधिक संधन वायुमंडल की ओर आती हैं जिसके कारण वायुमंडलीय अपवर्तन होता है तथा सूर्य ऊपर की तरफ उठा हुआ प्रतीत होता है। इस तरह सूर्योदय के 2 मिनट पहले ही हमें सूर्य दिखलाई देता है।
प्रश्न 2. किसी काँच के प्रिज्म से श्वेत प्रकाश के पतले किरण–पुंज के गुजरने पर उसके विक्षेपण को दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख खींजिए।
उत्तर–
प्रश्न 3. आकाश में एक तारा अपनी वास्तविक स्थिति से कुछ ऊपर (ऊँचाई पर) प्रतीत होता है। नामांकित आरेख की सहायता से इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर– पृथ्वी की सतह के अधिक ऊँचाई पर वायुमंडल विरल होता है परन्तु पृथ्वी की सतह पर अपेक्षाकृत सघन। इसलिए जब तारों से प्रकाश की किरणें आती हैं, तो वे अभिलंब की ओर झुक जाती हैं। अतः तारे की आभासी स्थिति उसकी वास्तविक स्थिति से ऊपर प्रतीत होती है।
प्रश्न 4. निकट–दृष्टि दोष कौन–सा नेत्र दोष है? एक स्पष्ट चित्र बनाकर समझाइए कि उचित लेंस का प्रयोग कर कैसे इस दृष्टिदोष का निवारण किया जा सकता है?
उत्तर– जब कोई व्यक्ति निकट या पास रखी वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है, परन्तु दूर रखी वस्तुओं को वह सुस्पष्ट नहीं देख पाता है तब उसे निकट दृष्टि दोष कहते हैं। ऐसे दोषयुक्त व्यक्ति का दूर-बिन्दु अनंत पर न होकर नेत्र के पास आ जाता है, जिसके कारण दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब दृष्टिपटल (रेटिना) पर न बनकर इसके सामने बनता है। इस दोष का संशोधन उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस (अपसारी लेंस) के उपयोग से किया जाता है। उपयुक्त क्षमता का अवतल लेंस वस्तु के प्रतिबिम्ब को पुनः दृष्टिपटल (रेटिना) पर से आता है, तथा इस तरह इस दोष का संशोधन हो जाता है।
प्रश्न 5. आँख (नेत्र) की समंजन क्षमता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर– आँख की पक्ष्माभिकी पेशियों द्वारा नेत्र लेंस की फोकस दूरी, आवश्यकतानुसार इस प्रकार समंजित हो जाती है कि वस्तु आँख से चाहे दूर हो या पास, उसका प्रतिबिम्ब सदैव रेटिना पर ही बनता है। आँख की पेशियों द्वारा नेत्र-लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करने की क्षमता को आँख की समंजन क्षमता कहते हैं।
प्रश्न 6. वर्णान्धता (Colour Blindness) क्या है? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर– कुछ व्यक्तियों की आँखों की रेटिना में शंकु कोशिकाएँ नहीं होती हैं जिसके कारण उनमें रंगों की पहचान एवं अन्तर करने की क्षमता नहीं होती है। नेत्र के इस दोष को वर्णान्धता (Colour Blind- ness) कहते हैं। यह एक आनुवंशिक रोग है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित घटनाओं का कारण स्पष्ट कीजिए–
(i) गहरा जल नीला क्यों दिखाई देता है?
(ii) पृथ्वी से आकाश का रंग हल्का नीला क्यों दिखाई देता है?
उत्तर-(i) गहरे जल का नीला दिखाई देना– जब प्रकाश गहरे जल में से गुजरता है तो जल द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। नीले एवं बैंगनी रंग का प्रकीर्णन अधिकतम होने के कारण, प्रकीर्णित प्रकाश का रंग हल्का नीला हो जाता है, और हमें जल नीला दिखाई देता है।
(ii) पृथ्वी से आकाश का रंग हल्का नीला दिखाई देना– जब सूर्य का प्रकाश (जो अनेक रंगों से मिलकर बना है) वायुमण्डल से होता हुआ पृथ्वी पर पहुँचता है तो वायुमण्डल में उपस्थित धूल के कणों तथा वायु के अणुओं द्वारा उसका प्रकीर्णन होता है। बैंगनी और नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है, अतः नीला और बैंगनी प्रकाश चारों ओर फैल जाता है। इस प्रकीर्णित प्रकाश का मिश्र रंग (composite colour) हल्का नीला होता है। जब यह प्रकीर्णित प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँचता है तो आकाश हमें हल्के नीले रंग का दिखाई देता है।
ब्रान 8. इन्द्रधनुष बनने को दिखाने की प्रक्रिया एक नामांकित चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर– इन्द्रधनुष (Rainbow)- इन्द्रधनुष, वर्षा के पश्चात् आकाश में जल के सूक्ष्म कणों में दिखाई देने वाला प्राकृतिक स्पेक्ट्रम है।
आकाश में इन्द्रधनुष का बनना– बरसात के बाद वायुमण्डल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूंदें अपने ऊपर आपतित प्रकाश की किरणों को अपवर्तित तथा विक्षेपित करती हैं, तत्पश्चात् इसे आन्तरिक परावर्तित करती हैं तथा जल की बूँद से बाहर निकलते समय प्रकाश को पुनः अपवर्तित करती हैं। प्रकाश के परिक्षेपण तथा आन्तरिक परावर्तन के कारण विभिन्न रंग प्रेक्षकों के नेत्रों तक पहुँचते हैं। इस प्रकार की बनी संरचना को ही इन्द्रधनुष कहते हैं। इन्द्रधनुष सदैव सूर्य के विपरीत दिशा में ही बनता है।
प्रश्न 9. जरा–दूरदृष्टिता क्या है? संक्षेप में समझाइए।
अथवा जब किसी व्यक्ति के आँख की पक्ष्माभी पेशियाँ कमजोर होने लगती हैं तथा आँखों के लेंस का लचीलापन कम होने लगता है तो उस व्यक्ति के आँख के दोष को क्या नाम दिया गया है? इस रोग को ठीक करने के लिए उसे किस लेंस का चश्मा लगाना होगा?
उत्तर– आयु में वृद्धि होने के साथ-साथ मनुष्य के नेत्र की समंजन क्षमता कम होती जाती है। अधिकांश मनुष्यों का निकट बिन्दु दूर हूट जाता है। संशोधक चश्मों के बिना उन्हें पास की वस्तु अस्पष्ट दिखाई देती है। यह दोष जरा-दूरदृष्टिता (Presbyopia) कहलाता है। यह पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे कमजोर होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण उत्पन्न होता है। कभी-कभी व्यक्ति के नेत्र में दोनों ही प्रकार के दोष (निकट दृष्टि तथा दूर दृष्टि दोष) हो सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों को प्रायः वस्तुओं को स्पष्ट देखने के लिए द्विफोकसी (अवतल तथा उत्तल) लेंसों की आवश्यकता होती है। कॉन्टेक्ट लेंस अथवा सर्जरी द्वारा भी दृष्टि दोषों को ठीक किया जा सकता है।
प्रश्न 10. मनुष्य की आँख के लिए दूर बिन्दु से क्या तात्पर्य है? स्वस्थ आँख के लिए इसकी स्थिति बताइए।
उत्तर– वह बिन्दु जिस पर स्थित वस्तु आँख को स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देती, आँख का दूर बिन्दु कहलाता है। स्वस्थ आँख के लिए दूर बिन्दु अनन्त पर माना जाता है।