UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science [विज्ञान] ईकाई 4 विद्युत का प्रभाव – Chapter- 11 Electricity ( विद्युत ) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 4 विद्युत का प्रभाव (Effect of Electricity) के अंतर्गत चैप्टर 11 (विद्युत ) पाठ के अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं हमारी मेहनत की क़द्र करते हुए इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करेंगे।
विद्युत आवेश, विद्युत परिपथ तथा विद्युत परिपथ आरेख, विद्युत शक्ति का सामर्थ्य, विद्युत धारा, विद्युत विभव, विद्युत प्रतिरोध, विद्युत ऊर्जा, विद्युत विभवान्तर
Class | 10th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Electricity |
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न / लघु उत्तरीय प्रश्न
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जूल के तापन नियम के लिए गणितीय व्यंजक लिखिए। इस नियम पर आधारित किसी एक साधित्र का नाम लिखिए।
उत्तर– H = I2Rt; साधित्र का नाम-विद्युत हीटर।
प्रश्न 2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 1V है?
उत्तर– दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर 1V है यह कहने का तात्पर्य यह है कि 1 C आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1J कार्य करना पड़ेगा।
1V=1J/1C
प्रश्न 3. विद्युत सामर्थ्य (शक्ति) की परिभाषा लिखिए। अथवा विद्युत सामर्थ्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर– विद्युत परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर प्रति s किये गये कार्य को विद्युत सामर्थ्य अथवा विद्युत शक्ति कहते हैं।
प्रश्न 4. विद्युत ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर– किसी चालक में विद्युत आवेश प्रवाहित होने से जो ऊर्जा व्यय होती है, उसे विद्युत ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 5. नाइक्रोम तार के तन्तु का उपयोग विद्युत ऊष्मक में क्यों किया जाता है? दो कारण बताइए।
उत्तर– (i) नाइक्रोम तार के तन्तु का विशिष्ट प्रतिरोध अधिक होता है।
(ii) नाइक्रोम तार के तन्तु का ऑक्सीकरण आसानी से नहीं होता है।
प्रश्न 6. किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर उसमें उत्पन्न ऊष्मा का सूत्र लिखिए। धारा (ⅰ) तथा प्रतिरोध (R) के पदों में लिखिए। (
उत्तर– H = i2Rt जूल
प्रश्न 7. 1 अश्वशक्ति में कितने वाट होते हैं?
उत्तर– 746 W
प्रश्न 8. J, V व C में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर– जूल = C × V
प्रश्न 9. ऊष्मीय ऊर्जा का मात्रक लिखिए।
उत्तर– जूल अथवा कैलोरी।
प्रश्न 10. आवेश (q), धारा (ⅰ) तथा समय (1) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर– धारा (i) = आवेश(q)/समय (t)
प्रश्न 11. दो तार जिनके प्रतिरोध 4Ω और 2Ω हैं, श्रेणी क्रम में एक बैटरी से जुड़े हैं। पहले तार में 2A की धारा बह रही है। दूसरे तार में धारा का मान कितना होगा?
उत्तर– दूसरे तार में भी धारा का मान 2A ही होगा क्योंकि श्रेणी क्रम में प्रत्येक प्रतिरोध से समान धारा प्रवाहित होती है।
प्रशन 12. किसी बालक के प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है?
उत्तर– कोई चालक विद्युत धारा के प्रवाह में जो बाधा डालता है, उसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।
प्रशन 13. विद्युत विभवान्तर की परिभाषा दीजिए।
उत्तर– किसी चालक में दो बिन्दुओं के बीच गति करने में एकांक आवेश द्वारा किये गये कार्य को उन बिन्दुओं के बीच का विद्युत विभवान्तर कहते हैं।
प्रश्न 14. किलोवाट–घण्टा से क्या तात्पर्य है? इसे जूल में व्यक्त कीजिए।
अथवा 1 यूनिट विद्युत ऊर्जा (किलोवाट–घण्टा) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर– 1 किलोवाट-घण्टा (अथवा 1 यूनिट) विद्युत ऊर्जा की वह मात्रा है जो किसी परिपव में 1 घण्टे तक विद्युत धारा प्रवाहित करने पर व्यय होती है जबकि परिपथ में 1 किलोवाट की विद्युत शक्ति हो।
1 kWh = 3.6 × 106 J
प्रश्न 15. आपके घर के विद्युत मीटर पर (250V-20W) लिखा हुआ है। आप इस मीटर से अपने घर में अधिकतम कितना विद्युत भार संचालित कर सकते हैं। (उत्तर को kW में बताइये)
उत्तर– अधिकतम भार P = VI
=250×20 W = 5000 W
P = 5 kW
प्रश्न 16. ओम का नियम लिखिए इसके आधार पर 1Ωको परिभाषित कीजिए।
उत्तर– यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाएँ (ताप, दाब, लम्बाई) आदि में परिवर्तन न हो तो चालक के सिरों के बीच लगाया गया विभवान्तर, चालक में प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात् V = I R
यदि किसी चालक के सिरों के बीच 1V विभवान्तर लगाने पर चालक में 1A की धारा प्रवाहित हो तो चालक का प्रतिरोध 1Ω होगा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर– वर्षा जल में कई खनिज लवण होते हैं जो जलीय विलयन में आयनित अवस्था में रहते हैं। इसीलिए वर्षा जल विद्युत का चालक है। इसके विपरीत आसवित जल लवणों से पूर्णतः मुक्त होता है और आयनों की अनुपस्थिति के कारण यह विद्युत का चालक नहीं है।
प्रश्न 2. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है? खुले और बंद परिपथ में भेद लिखिए।
उत्तर– किसी विद्युत धारा के सतत तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।
बंद परिपथ में स्विच ऑन रहती है या प्लग कुंजी लगा दी जाती है। परिपथ पूर्ण होने के कारण धारा प्रवाहित होती है तथा जुड़े हुए बल्ब जलने लगते हैं।
खुले परिपथ में स्विच ऑफ होती है या प्लग कुंजी निकाल दी जाती है। यह अपूर्ण परिपथ होता है, जिससे धारा प्रवाहित नहीं होती है।
प्रश्न 3. यदि एक तार को तीन समान भागों में काटकर पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है तो उसका (a) प्रतिरोध, (b) प्रतिरोधकता कैसे होगी?
उत्तर–(a) चूंकि तार को तीन समान भागों में काटा गया है तथा पाश्र्वक्रम में ओड़ा गया है. इसलिए प्रत्येक तार के टुकड़े का प्रतिरोध = R/3; परिणामी या तुल्य प्रतिरोध = R’
(b) प्रतिरोधकता का मान तार की लम्बाई पर निर्भर नहीं करता है। यह केवल तार के पदार्थ पर निर्भर करती है और पदार्थ अपरिवर्तित है। इसलिए, प्रतिरोधकता का मान भी अपरिवर्तित रहेगा।
प्रश्न 4. विद्युत बल्ब में कौन–सी गैस भरी जाती है और क्यों?
उत्तर– विद्युत बल्ब में नाइट्रोजन और आर्गन गैस भरी जाती है, क्योंकि ये रासायनिक दृष्टि से अक्रिय गैसें होती हैं, जिसके कारण तंतु का उपचयन (दहन) नहीं हो पाता है और उसकी आयु में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 5. विद्युत हीटर की डोरी लाल तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव लाल तप्त होकर चमकने लगता है ऐसा क्यों होता है?
उत्तर– विद्युत डोरी तथा तापन अवयव दोनों श्रेणीक्रम में जुड़े होते हैं, जिससे दोनों में समान धारा प्रवाहित होती है, परन्तु डोरी का प्रतिरोध अत्यंत कम होता है, जबकि तापन अवयव विशुद्ध रूप से प्रतिरोधक है, जिसका प्रतिरोध काफी ज्यादा होता है। अतः जूल के नियम से HR होता है, इसलिए विद्युत स्रोत की ऊर्जा पूर्ण रूप से ऊष्मा में बदलकर तापन अवयव तप्त हो जाता है जबकि डोरी के ताप में नगण्य वृद्धि होती है।
प्रश्न 6. विद्युत प्रतिरोध क्या है? इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर– यदि किसी चालक के सिरों पर 1 V का विभवान्तर लगाने पर चालक में 1 A की धारा बहे तो चालक का प्रतिरोध 1Ω कहलाता है। प्रतिरोध का मात्रक Ω है।
प्रश्न 7. ऐमीटर क्या है?
अथवा विद्युत परिपथ में ऐमीटर क्यों लगाया जाता है? इसे परिपथ में किस क्रम में जोड़ा जाता है?
उत्तर– ऐमीटर-यह एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा किसी परिपथ में विद्युत धारा को नापा जाता है। ऐमीटर को परिपय में श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है जिससे कि सम्पूर्ण धारा इसमें से प्रवाहित हो।
प्रश्न 8. वोल्टमीटर क्या है?
अथवा विद्युत परिपथ में वोल्टमीटर क्यों लगाया जाता है? इसे परिपथ में किस क्रम में जोड़ा जाता है?
उत्तर- वोल्टमीटर-यह एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा विद्युत परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापा जाता है। मीटर को परिपथ में समान्तर क्रम में लगाया जाता है।
प्रश्न 9. बल्ब में वायु के स्थान पर नाइट्रोजन तथा आर्गन गैस क्यों भरी जाती है? (2011, 13)
अथवा विद्युत बल्ब में कौन–सी गैस भरी जाती है और क्यों?
उत्तर– विद्युत बल्ब में धारा के ऊष्मीय प्रभाव का उपयोग किया जाता है। विद्युत बल्ब में आर्गन तथा नाइट्रोजन भरने के निम्न कारण हैं-
(i) यदि बल्ब में वायु भरी हो तो बल्ब का तन्तु गर्म होकर वायु की ऑक्सीजन से संयोग करके जल जायेगा। लेकिन बल्ब में वायु के स्थान पर नाइट्रोजन तथा आर्गन भरी होने से तन्तु गर्म होकर जल नहीं पाता है, क्योंकि ये निष्क्रिय गैस हैं।
(ii) बल्ब में निर्वात रखने पर तन्तु का पदार्थ गर्म होकर वाष्पित हो जायेगा तथा शीघ्र ही पतला होकर जल जायेगा। लेकिन आर्गन व नाइट्रोजन भर देने से तन्तु के पदार्थ की वाष्पन की दर बहुत कम हो जाती है तथा बल्ब की आयु बढ़ जाती हैं।
प्रश्न 10. विद्युत बल्ब का सिद्धान्त, संरचना तथा कार्य का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
अथवा विद्युत बल्ब से प्रकाश प्राप्त होने के सिद्धान्त को समझाइए।
उत्तर–
विद्युत बल्ब विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर कार्य करता है। इसमें काँच का एक बल्ब होता है जिसमें आर्गन तथा नाइट्रोजन गैसों का मिश्रण भरा होता है। इसके अन्दर टंगस्टन धातु (इसका गलनांक बहुत अधिक लगभग 3400°C होता है) के पतले तार का एक छोटा-सा तन्तु कुण्डली के रूप में, शीशे की छड़ में लगे दो मोटे ताँबे के तारों से जुड़ा होता है। इसके ऊपरी भाग पर पीतल की टोपी चढ़ी होती है जिसमें दो पिनें निकली रहती हैं। टोपी के ऊपर जस्ते के दो टाँके लगे रहते हैं जिनका सम्बन्ध तांबे के मोटे तारों से होता है।
जब ताँबे के सिरों से होकर विद्युत धारा टंगस्टन के तन्तु (फिलामेन्ट) में प्रवाहित होती है तो वह इतना गरम हो जाता है कि श्वेत तप्त होकर प्रकाश देने लगता है।
प्रश्न 11. दो विद्युत बल्बों में समान धातु व समान लम्बाई के तन्तु लगे हैं, परन्तु एक बल्ब का तन्तु दूसरे की अपेक्षा अधिक मोटा है। यदि बल्बों की वोल्टेज समान हो, तो किस बल्ब की सामर्थ्य अधिक होगी तथा क्यों?
उत्तर– बल्ब की सामर्थ्य उसके प्रतिरोध की व्युत्क्रमानुपाती होती है अर्थात्
P 1/R
अतः जिस बल्ब के तार का प्रतिरोध कम होगा, उसकी सामर्थ्य अधिक होगी। क्योंकि मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है अतः जिस बल्ब में मोटा तन्तु लगा है, उसकी सामर्थ्य अधिक होगी।
प्रश्न 12. विद्युत विभव की परिभाषा दीजिए तथा चालक के विभवान्तर एवं धारा का सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर– विद्युत विभव– आवेशित चालक के किसी बिन्दु पर विभव उस कार्य के बराबर होता है जो एकांक धनावेश को अनन्त से उस बिन्दु तक लाने में किया जाता है, अर्थात्
विभव (V) = किया गया कार्य (Ω)/अनन्त में लाया गया आवेश (q)
मात्रक– इसका मात्रक जूल/कूलॉम या बोल्ट है।
विभवान्तर एवं धारा में सम्बन्ध-V = iR.
प्रश्न 13. सिद्ध कीजिए कि किसी विद्युत बल्ब की सामर्थ्य उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
उत्तर– किसी विद्युत उपकरण की सामर्थ्य P = Wit वाट यदि किसी विद्युत बल्ब का प्रतिरोध R, उसमें प्रवाहित धारा । तथा उस पर विभवान्तर V हो तो बल्ब में। में व्यय हुई विद्युत ऊर्जा
W = V.i.t
या, Px 1/R, अर्थात् बल्ब की सामर्थ्य P, उसके प्रतिरोध R के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
प्रश्न 14. विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर– जब किसी प्रतिरोध युक्त चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक कुछ समय बाद गर्म हो जाता है। यह विद्युत ऊर्जा के ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरण के कारण होता है। इस प्रभाव को विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 15. किसी विद्युत परिपथ की सामर्थ्य का सूत्र (i) विभवान्तर और धारा, (ii) धारा और प्रतिरोध, के पदों में लिखिए।
उत्तर– यदि विद्युत परिपथ की सामर्थ्य P, प्रतिरोध R, उसमें प्रवाहित धारा i तथा उस पर विभवान्तर V है, तो-
(i) P = Vx i वाट, (ii) P=i2x R वाट।
प्रश्न 16. तार में कुछ देर तक धारा प्रवाहित करने से तार का ताप 3°C बढ़ जाता है। यदि धारा को दोगुना कर दें तो उतनी ही देर में तार का ताप कितना बढ़ जायेगा?
उत्तर– किसी तार के निश्चित प्रतिरोध में उत्पन्न ऊष्मा उसमें प्रवाहित धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है अतः धारा दोगुना करने पर ताप चार गुना अर्थात् 12°C हों जायेगा।
प्रश्न 17. किसी चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न ऊष्मा किन–किन कारकों पर निर्भर करती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– किसी चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न ऊष्मा निम्न कारकों पर निर्भर करती है-
(i) विद्युत धारा के वर्ग के समानुपाती होती है, अर्थात् H x i²
(ii) प्रतिरोध के समानुपाती होती है अर्थात्, HxR
(iii) समय (t) के समानुपाती होती है अर्थात्, Ha*.
प्रश्न 18. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है? समान्तर क्रम में जुड़े तीन प्रतिरोधों R1, R2 तथा R3 का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर– चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है- (i) चालक की लम्बाई पर
(ii) अनुप्रस्थ क्षेत्रफल पर
(iii) चालक के पदार्थ
(iv) चालक के ताप पर
समान्तर क्रम में जुड़े तीन प्रतिरोधों R1, R2व R3 का तुल्य प्रतिरोध
1/R =1/R1+1/R2+1/R3
प्रश्न 19. श्रेणी क्रम में तीन प्रतिरोधों को जोड़ा जाता है। संयोजन के समतुल्य प्रतिरोध का सूत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर– R = R1 + R2 + R3 श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध है।
UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science Chapter- 11 Electricity ( विद्युत ) MCQ