UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science [विज्ञान] ईकाई 1 रासायनिक पदार्थ- प्रकृति एवं व्यवहार – Chapter- 2 Acids, Bases and Salts ( अम्ल, क्षारक, एवं लवण ) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 1 रासायनिक पदार्थ- प्रकृति एवं व्यवहार (Chemical substances- Nature and Behavior ) के अंतर्गत चैप्टर 2 Acids, Bases and Salts ( अम्ल, क्षारक, एवं लवण ) पाठ के अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं हमारी मेहनत की क़द्र करते हुए इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करेंगे।
अम्ल, क्षारक, अम्ल तथा क्षारक के मध्य अभिक्रिया, सूचक, Ph मान , उदासीनीकरण, लवण
क्रिस्टलन जल: जलयोजित लवण अभिक्रिया
Class | 10th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Acids, Bases and Salts |
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न / लघु उत्तरीय प्रश्न
अम्ल, क्षारक, एवं लवण
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. यदि जल का pH मान 7 है तो उसकी तुलना में
(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन,
(ii) तनु HCI अम्ल का pH मान क्या होगा?
उत्तर–(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन का pH मान 7 से अधिक होगा क्योंकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड क्षारीय प्रकृति का है।
(ii) तनु HCl का pH मान 7 से कम होगा क्योंकि तनु HCI अम्लीय प्रकृति का है।
प्रश्न 2. ताजे दूध का pH मान 6 होता है। इससे दही बन जाने पर इसका pH मान घटेगा या बढ़ेगा? क्यों?
उत्तर– दही बन जाने पर pH मान बढ़ेगा क्योंकि दही एक अम्लीय पदार्थ है।
प्रश्न 3. कौन अधिक प्रबल अम्ल है जिसका pH = 5 है अथवा जिसका pH = 2 है?
उत्तर– जिसका pH = 2 है।
प्रश्न 4. चींटी के डंक में उपस्थित अम्ल का नाम लिखिए।
उत्तर– मेथेनॉइक अम्ल
प्रश्न 5. एक लवण का नाम लिखिए जिसमें क्रिस्टलन जल नहीं पाया जाता है।
उत्तर– साधारण नमक।
प्रश्न 6. किन क्षारकों को क्षार कहते हैं? क्षार का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर– वह क्षारक जो जल में विलेय होते हैं, क्षार कहलाते हैं। उदाहरण- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)।
प्रश्न 7. सब्जियों से बने किसी सूप के नमूने का pH मान 6.5 पाया गया। इस सूप का स्वाद कैसा होगा?
उत्तर– सूप का स्वाद खट्टा होगा।
प्रश्न 8. तीन अम्लीय विलयनों A, B तथा C के pH क्रमशः 0, 3 तथा 5 हैं। (i) किस विलयन की H’ आयनों की सान्द्रता सबसे अधिक है?
(ii) किस विलयन की H’ आयनों की सान्द्रता निम्नतम है?
उत्तर–(i) विलयन ‘A’ जिसका pH = 0, में H⁺ आयनों की सान्द्रता सबसे अधिक है।.
(ii) विलयन ‘C’ जिसका pH = 5, में H⁺ आयनों की सान्द्रता निम्नतम है।
प्रश्न 9. ऐन्टेसिड क्या है? उदर दर्द से मुक्त करने में इसकी क्या भूमिका है? उत्तर –(i) ऐन्टेसिड हल्का मृदुल क्षारक है।
(ii) यह अम्ल की अधिकता को उदासीन कर देता है।
प्रश्न 10. दूध में दही बनने से pH में अन्तर कैसे आता है?
उत्तर– जब दूध से दही बनता है तब यह लैक्टिक अम्ल के बनने के कारण अम्लीय हो जाता है। इस प्रकार इसकी pH घट जाती है।
प्रश्न 11. क्षार को परिभाषित कीजिए तथा एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर- जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं। उदाहरण-NaOH, KOH
प्रश्न 12. सोडियम बाइकार्बोनेट का उपयोग लिखिए।
उत्तर– यह कोल्ड ड्रिंक, सोडा वाटर, बेकिंग पाउडर तथा दवाओं में प्रयोग होता है।
प्रश्न 13. अम्ल तथा क्षारक की आधुनिक अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
अथवा अम्ल तथा भस्म की आधुनिक अवधारणा दीजिए। एक प्रबल अम्ल तथा एक दुर्बल भस्म का नाम भी लिखिए।
उत्तर– अम्ल आधुनिक अवधारणा के अनुसार, वे पदार्थ जो जलीय विलयन में वियोजित होकर केवल हाइड्रोजन आयन (H⁺) देते हैं तथा हाइड्रोजन आयन (H⁺) के अतिरिक्त कोई अन्य धनायन नहीं देते, अम्ल कहलाते हैं। उदाहरण HCl (aq) → H⁺+ CI–
क्षारक वे रासायनिक पदार्थ, जो आयनन के पश्चात् जल में वियोजित होकर ऋणावेशित आयनों के रूप में केवल हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) देते हैं, क्षारक या भस्म कहलाते हैं।
प्रश्न 14. pH तथा हाइड्रोजन आयन सान्द्रण में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर- pH = -log10 [H⁺]
प्रश्न 15. क्यों कॉपर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल में घुलकर हाइड्रोजन गैस मुक्त नहीं करता है?
उत्तर– कॉपर कम क्रियाशील धातु होने के कारण सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया नहीं करता है अतः यह सल्फ्यूरिक अम्ल में घुलकर हाइड्रोजन गैस मुक्त नहीं करता है।
प्रश्न 16. एक प्रबल अम्ल तथा एक दुर्बल भस्म का नाम लिखिए।
उत्तर– प्रबल अम्ल-H₂SO₄, दुर्बल भस्म-NH4 OH.
प्रश्न 17. ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर- CaOCl2(ब्लीचिंग पाउडर या विरंजक चूर्ण)।
प्रश्न 18. फिटकरी का रासायनिक नाम व सूत्र लिखिए।
उत्तर– रासायनिक नाम–पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट। रासायनिक सूत्र–K2SO4AL2(SO4)3 24H2о
प्रश्न 19. सोडियम बाइकार्बोनेट के उपयोग लिखिए।
उत्तर– (ⅰ) आग बुझाने वाले यन्त्रों में, (ii) प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में, (iii) सोडावाटर बनाने में, तथा (iv) सोडियम कार्बोनेट बनाने में।
प्रश्न 20. साधारण फिटकरी में जल मिलाने का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर– फिटकरी ठण्डे जल में कम विलेय है किन्तु जैसे-जैसे ताप बढ़ता जाता है, इसकी विलेयता बढ़ती जाती है।
प्रश्न 21. फिटकरी बनाने का समीकरण दीजिए।
अथवा ऐलुमिनियम सल्फेट से पोटाश फिटकरी कैसे प्राप्त करोगे?
उत्तर– पोटैशियम सल्फेट तथा ऐलुमिनियम सल्फेट को समान अणुभार के मात्रा में जल में घोलकर विलयन का सान्द्रण करने पर फिटकरी प्राप्त हो जाती है। अभिक्रिया का समीकरण निम्न प्रकार है-
K₂SO₄ + Al2(SO4)3 + 24H2O→ K₂SO₄Al2(SO4)324H2O
प्रश्न 22. आवश्यक समीकरणों की सहायता से दर्शाइए कि आप कैसे प्राप्त कीजिएगा–
(i) धावन सोडा से बेकिंग सोडा
(ii) क्लोरीन गैस से विरंजक चूर्ण
प्रश्न 23. पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर– (i) जलशोधन के काम आती है।
(ii) बहते हुए रक्त को बन्द करने के काम आती है।
प्रश्न 24. विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम व सूत्र लिखिए।
उत्तर– रासायनिक नाम-कैल्सियम क्लोरोहाइपोक्लोराइट। रासायनिक सूत्र-CaOCl2
प्रश्न 25. सोडियम कार्बोनेट के किसी एक औद्योगिक निर्माण का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर– सॉल्वे अमोनिया सोडा विधि
NH3 + H2O + CO₂→ NH4 HCO3
NaCl + NH4 HCO3 → NaHCO3 + NH4 CI
NaCl + NH3 + H₂O + CO₂ → NaHCO3↓ + NH4 CI
2NaHCO3 →Na₂CO₃ + H₂O + CO2↑
प्रश्न 26. जल का आयनिक गुणनफल क्या है? 25°C पर इसका मान लिखिए।
अथवा जल का आयनिक गुणनफल क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– जल का आयनिक गुणनफल– यह स्थिर ताप पर, जल में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों के सान्द्रण [H+] तथा हाइड्रॉक्साइड आयनों के सान्द्रण [OH–] के गुणनफल के बराबर होता है। इसे Kw से प्रदर्शित करते हैं अर्थात् Kw = [H+] [OH–]
25°C पर जल के आयनिक गुणनफल का मान लगभग 1×10-14 होता है।
प्रश्न 27. pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन [H+] सान्द्रण से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर– किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रण के ऋणात्मक लघुगणक (Logarithm) को pH कहते हैं।
pH = -log10[H+]
= log10 1/ [H+]
प्रश्न 28. खाने के सोडे का रासायनिक नाम तथा अणुसूत्र लिखिए। इसके बनाने की विधि का केवल रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर– खाने के सोडे का रासायनिक नाम सोडियम बाइकार्बोनेट अणुसूत्र- NaHCO3
बनाने की विधि– सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) के संतृप्त जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO₂) प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO₃) प्राप्त होता है।
प्रश्न 29. प्रत्येक यौगिक के दो उपयोग लिखिए–
(i) कास्टिक सोडा
(ii) प्लास्टर ऑफ पेरिस
उत्तर– (i) (a) साबुन तथा डिटर्जेण्ट बनाने में
(b) पेट्रोलियम शोधन में
(ii) (a) वस्तु उद्योग में विरंजक के रूप में
(b) ऊन को सिकुड़न रहित बनाने में।
प्रश्न 30. धावन सोडा तथा मीठा सोडा का नाम तथा रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर– धावन सोडा (Washing Soda)
रासायनिक नाम – सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट
अणुसूत्र – Na2CO3.10H2O
मीठा सोडा (Baking Soda)
रासायनिक नाम : सोडियम बाइकार्बोनेट
अणुसूत्र – NaHCO3
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जब किसी अम्ल को पानी डालकर तनु किया जाता है तो उसके हाइड्रोनियम आयन (H3O⁺) की सान्द्रता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर- अम्ल को तनु करने पर उसमें उपस्थित अवियोजित जल की मात्रा बढ़ती जाती है परन्तु H3O⁺ की मात्रा वही रहती है, फलस्वरूप H3O⁺ आयनों की सान्द्रता घट जाती है।
प्रश्न 2. प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम तथा अणुसूत्र लिखिए। इसके बनाने के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर- प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम- कैल्सियम सल्फेट हेमी-हाइड्रेट।
अणुसूत्र- CaSO4.1/2H₂O या (CaSO4)2.H₂O
बनाने की विधि- जिप्सम को 120-130°C तक गर्म करने पर प्लास्टर ऑफ पेरिस बनता है।
प्रश्न 3. बेकिंग सोडा और वाशिंग सोडा में दो-दो उपयोग बताइए।
उत्तर- बेकिंग सोडा के उपयोग-
(i) आग बुझाने वाले यन्त्रों में।
(ii) प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में।
वाशिंग सोडा के उपयोग-
(i) प्रयोगशाला में अभिकर्मक रूप में।
(ii) कठोर जल को मृदु करने में।
प्रश्न 4. निम्नलिखित की आधुनिक परिभाषा लिखिए –
(a) अम्ल, (b) क्षार तथा क्षारक, (c) लवण।
अथवा अम्ल व क्षार की आधुनिक धारणा स्पष्ट कीजिए।
अथवा अमन तथा क्षार की आधुनिक परिभाषा लिखिए तथा प्रत्येक को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (a) अम्ल- ये ऐसे यौगिक हैं जिनके जलीय विलयन में H₂O+ आयन उपस्थित रहते हैं।
(b) क्षार- ये ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में उपस्थित H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल (H₂O) बनाते हैं।
क्षारक– ये ऐसे क्षार होते हैं जिनके जलीय विलयन में OH– आयन उपलब्ध होते हैं।
(c) लवण- ये ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में अथवा पिघली हुई अवस्था में धनात्मक आयन (H+ के अतिरिक्त) तथा ऋणात्मक आयन [(OH–) के अतिरिक्त] में वियोजित हो जाते हैं।
प्रश्न 5. सूचक क्या है? एक उदाहरण की सहायता से अम्ल-क्षार सूचकों के अम्लीय तथा क्षारीय माध्यम में रंग परिवर्तन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-pH सूचक (Indicators)- सूचक ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो अपनी उपस्थिति से किसी रासायनिक अभिक्रिया के पूर्ण होने की सूचना देते हैं। सामान्यतः इन पदार्थों का रंग, क्रिया के पूरा होने के पहले एक प्रकार का तथा क्रिया पूरी होने पर दूसरे प्रकार का हो जाता है।
अम्लों तथा क्षारों की क्रिया में, विलयन का उदासीन हो जाना ही उसकी पूर्णता होती है। अम्ल-क्षार सूचक (acid alkali indicators) अथवा pH सूचक ऐसे विशेष पदार्थ हैं जो विलयन में अत्यंत अल्प मात्रा में मिलाये जाते हैं। विलयन की प्रकृति अम्लीय होने पर इनका रंग एक प्रकार का तथा क्षारीय होने पर दूसरे प्रकार का होता है। यदि किसी एक प्रकृति (अम्लीय या क्षारीय) के विलयन में दूसरी प्रकृति (क्षारीय या अम्लीय) का विलयन धीरे-धीरे मिलाया जाय तो ठीक जिस बिन्दु पर विलयन में सूचक का रंग बदलता है, उस बिन्दु पर विलयन पूर्ण उदासीन होता है। सामान्यतः प्रयुक्त कुछ अम्ल-क्षार सूचक निम्नवत् हैं-
सूचक (Indicators) | अम्लीय विलयन में रंग | क्षारीय विलयन में रंग |
लिटमस (Litmus) | लाल | नीला |
फिनॉल्फ्थेलीन(Phenolphthalene) | रंगहीन | गुलाबी |
मेथिल ऑरेन्ज (Methyl Orange) | लाल | नारंगी-पीला |
मेथिल रेड (Methyl Red) | लाल | पीला |
थायमोल ब्लू (Thymol Blue) | पीला | नीला |
प्रश्न 6. pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या सम्बन्ध है?
अथवा हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है?
अथवा हाइड्रोजन आयन सान्द्रण क्या है? एक विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण 1 × 10-8 mol/L है। इस विलयन का pH का मान ज्ञात कीजिए।
अथवा pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर- हाइड्रोजन आयन सान्द्रण को प्रायः प्राम-आयन प्रति लीटर अर्थात् मोल प्रति लीटर में प्रदर्शित करते हैं। हाइड्रोजन आयन सान्द्रण सामान्यतः 1 से 1 × 10-14 mol/L तक होता है। हाइड्रोजन आयन सान्द्रण को अधिक सुविधाजनक रूप में प्रदर्शित करने के लिए सोरेन्सन (Sorensen) नामक वैज्ञानिक ने सन् 1909 में एक नयी पद्धति का प्रयोग किया जिसे pH पैमाना या (pH scale) कहते हैं। इस पद्धत्ति के अनुसार-
pH= -log[H+] = log 1/[H+]
हाइड्रोजन आयनों के मोल प्रति लीटर में सान्द्रण के ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं। दूसरे शब्दों में हाइड्रोजन आयनों के मोल प्रति लीटर में सान्द्रण के व्युत्क्रम में लघुगणक को pH कहते हैं। उपरोक्त सम्बन्ध को इस प्रकार भी प्रदर्शित किया जा सकता है-
[H+] =10-ph
उदासीन विलयन का pH 7 होता है। अतः उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान 1× 10-7 होता है।
[OH–] = 10-8 mol/L.
जल के आयनिक गुणनफल का मान 1× 10-14 होता है।
प्रश्न 7. अम्लों तथा क्षारकों में अन्तर दर्शाइए।
उत्तर- अम्लों तथा क्षारकों में निम्नलिखित अन्तर है-
अम्ल | क्षारक |
1. अम्लों का स्वाद खट्टा होता है। | 1. क्षारकों का स्वाद कड़वा होता है। |
2. ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। | 2. ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। |
3. इनकी प्रकृति संक्षारक होती है अर्थात् इनके सम्पर्क में, लकड़ी, कपड़ा, त्वचा, आदि आने पर नष्ट हो जाते हैं। | 3. इनकी प्रकृति भी संक्षारक होती है परन्तु ये प्रबल अम्लों की अपेक्षा कम संक्षारक होते हैं। |
4. जब ये क्षारों के साथ क्रिया करते हैं, तो अम्लीय गुण विलुप्त हो जाता है। | 4. जब ये अम्लों के साथ क्रिया करते हैं, तो क्षारीय गुण विलुप्त हो जाता है। |
5. ये जल में विलेय होकर H+ आर्यन देते हैं। उदाहरण-HCI, H2SO4
HNO3, HCIO4, आदि। |
5. ये जल में विलेय होकर OH–
आयन देते हैं। उदाहरण-KOH, NaOH. Ca(OH)2 आदि। |
प्रश्न 8. प्रबल अम्ल तथा दुर्बल क्षार से बने लवण की जल- अपघटन प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर- प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक से बने लवण का जल- अपघटन-इस प्रकार के लवण जल अपघटित होकर अम्लीय विलयन बनाते हैं क्योंकि इनके विलयन में H आयनों का सान्द्रण OH आयनों की अपेक्षा अधिक होता है। जैसे CuSO4, NH4 CL, FeCI3,, AICI3, आदि का विलयन अम्लीय होता है।
प्रश्न 9. हाइड्रोजन आवन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है?
उत्तर- एक लीटर विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन के आम आयनों की संख्या हाइड्रोजन आयन सान्द्रण [H+] कहलाती है। हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 उदासीन विलयन में mol/L होता है।
प्रश्न 10. आयनन क्या है? यह ताप तथा विलयन की सान्द्रता से किस प्रकार प्रभावित होता है?
उत्तर- आयनन (Ionisation)- किसी विद्युत-अपघट्य, जैसे अम्ल, क्षारक व लवण को जल में घोला जाता है तो दो प्रकार के विद्युत आवेशित कणों में विभक्त हो जाते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। इस प्रकार की घटना ‘आयनन’ कहलाती है। उदाहरणार्थ,
ताप का प्रभाव- विलयन का ताप बढ़ाने में आयनन की मात्रा बढ़ती है। तापवृद्धि से अणुओं की गति बढ़ती है जिससे आयनों के बीच आकर्षण बल कम हो जाता है और आयनन बढ़ जाता है।
सान्द्रता का प्रभाव- किसी विद्युत अपघट्यों का आयनन विलयन के सान्द्रण के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः विलयन की सान्द्रता जितनी कम होगी, आयनन उतना ही अधिक होगा, अर्थात् तनुता ‘बढ़ने पर आयनन भी बढ़ता है।
प्रश्न 11. किसी द्विक् लवण तथा संकर लवण का नाम एवं सूत्र लिखिए। इनका मुख्य लक्षण लिखिए।
उत्तर- 1. द्विक् लवण (Double Salts)- दो सरल लवणों के संयोग से बने योगात्मक यौगिक ‘द्विक लवण’ कहलाते हैं।
जैसे-फेरस अमोनियम सल्फेट (या मोर लवण), FeSO (NH) SO.6H,O द्विक् लवण है।
द्विक् लवण के लक्षण-
(i) इनका अस्तित्व केवल ठोस अवस्था में होता है, विलयन में नहीं।
(ii) ये विलयन में अपने अवयवी लक्षणों के धनावन तथा ऋणायन में पृथक् हो जाते हैं।
- संकर लवण (Complex Salts)- ये लवण जिनमें आयन या उदासीन अणु किसी धात्वीय धनायन के साथ उपसह-संयोजक बन्ध बनाते हैं, ‘संकर लवण कहलाते हैं। जैसे-पोटैशियम फेरोसायनाइड,K4 [Fe(CN6)
संकर लवण के लक्षण
(i) इनका अस्तित्व ठोस तथा विलयन दोनों अवस्था में होता है।
(ii) संकर लवणों के विलयन के गुण उन पदार्थों के गुणों से भिन्न होते हैं जिनसे मिलकर बने होते हैं।
प्रश्न 12. जल का आयनिक गुणनफल क्या है? 25°C पर इसका मान बताइए।
उत्तर- जल का आयनिक गुणनफल– शुद्ध जल में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों (H+) तथा हाइड्रॉक्साइड आवनों (OH–) की सान्द्रता का गुणनफल एक निश्चित ताप पर एक स्थिरांक होता है, इसे जल का आयनिक गुणनफल (Kw) कहते हैं।
Kw = [H+] [OH–]
25°C पर जल का आयनिक गुणनफल 1× 10-14 होता है।
प्रश्न 13. निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(1) लिटमस पेपर, (2) फिनॉल्फ्थेलीन, (3) मेथिल ऑरेन्ज ।
उत्तर-(1) लिटमस पेपर (Litmus Paper)- लिटमस प्रकृति में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक सूचक है। इसे बैलोफाइटा से सम्बद्ध लाइकेन पौधे से प्राप्त किया जाता है। अम्ल-क्षार की पहचान के लिए प्रायः लिटमस पेपर का प्रयोग किया जाता है। लिटमस पेपर नीले एवं लाल कागज की पट्टियो के रूप में उपलब्ध होते हैं। नीला लिटमस पेपर अम्ल में डुबोने पर लाल हो जाता है और लाल लिटमस पेपर क्षार में डुबोने पर नीला हो जाता है।
(2) फिनॉल्फ्थेलीन (Phenolphthalein)- फिनॉल्फ्थेलीन सूचक एक दुर्बल कार्बनिक अम्ल है। संक्षेप में इसे HPh से प्रदर्शित किया जा सकता है।
फिनॉल्फ्थेलीन अम्लीय विलयन में रंगहीन तथा क्षारीय विलयन में गुलाबी हो जाता है। यह जल में वियोजित होकर गुलाबी रंग का ऋणायन Ph– (फिनॉल्फ्थेलीन आयन) तथा रंगहीन धनायन H+ देता है।
फिनॉल्फ्थेलीन का प्रयोग प्रबल क्षार तथा दुर्बल अम्ल के अनुमापन में भी किया जाता है। जैसे-NaOH तथा H₂C2O4, (ऑक्सैलिक अम्ल) के अनुमापन में फिनॉल्फ्थेलीन सूचक का प्रयोग किया जाता है।
(3) मेथिल ऑरेन्ज (Methyl Orange)- मेथिल अरिन्ज सूचक एक दुर्बल कार्बनिक क्षारक है। इसे संक्षेप में MeOH से प्रदर्शित किया जा सकता है। यह अवियोजित अवस्था में पीला होता है। यह जल में वियोजित होकर लाल रंग का धनायन Me+ तथा रंगहीन ऋणायन OH– आयन देता है।
मेथिल अंरिन्ज अम्लीय विलयन में लाल तथा क्षारीय विलयन में पीला हो जाता है। मेथिल ऑरेन्ज का प्रयोग प्रबल अम्ल तथा दुर्बल क्षार के अनुमापन में भी किया जाता है। उदाहरण के लिए HCI तथा NH4OH के अनुमापन में मेथिल ऑरेन्ज सूचक का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 14. फिटकरी क्या होती है? ऐलुनाइट खनिज से फिटकरी (alum) के क्रिस्टल के रूप में बनाने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर- फिटकरी (Alums)- वे द्विक् लवण जिनका संघटन M2SO4R2 (SO4) 24H2O होता है, फिटकरी कहलाते हैं। जहाँ M = NH+4 तथा एक संयोजी धातु Na, K आदि तथा R = त्रिसंयोजी धातुएँ जैसे Fe, Al, Cr आदि।
जैसे-K2SO4 Al2 (SO4)3. 24H₂O (पोटाश एलम) ।
ऐलुनाइट से फिटकरी का निर्माण- ऐलुनाइट को तनु H2SO4 के साथ उबाल कर विलयन को छान लेते हैं और उसमें K2SO4 की आवश्यक मात्रा मिलाकर विलयन का क्रिस्टलन करने पर फिटकरी के क्रिस्टल प्राप्त कर लेते हैं।
प्रश्न 15. विरंजक चूर्ण के विरंजक गुण की व्याख्या रासायनिक समीकरण देते हुए लिखिए।
उत्तर- विरंजक चूर्ण की तनु अम्लों के साथ क्रिया से क्लोरीन प्राप्त होती है, यह क्लोरीन ही विरंजन का कार्य करती है.
CaOCl2+H2 SO4 → CASO4+H₂O+CL2
रंगीन पदार्थ +Cl2 → रंगहीन पदार्थ
प्रश्न 16. किसी प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा स्थिर होती है। क्यों?
उत्तर- किसी प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा सदैव स्थिर रहती है। इसे निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है-
अतः उदासीनीकरण ऊष्मा, प्रबल अम्ल के H+ तथा प्रबल क्षार के OH– आयन से बने एक अणु जल की उत्पादन ऊष्मा है। अतः यही कारण है कि प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा का मान स्थिर रहता है।
प्रश्न 17. क्या होता है जब (केवल रासायनिक समीकरण दीजिए)-
(i) सोडियम हाइड्रोजनकॉर्बोनेट को गर्म किया जाता है?
(ii) बुझे हुए चूने को अमोनियम क्लोराइड के साथ उबाला जाता है?
(iii) धावन सोडा को वायु में रखा जाता है?
(iv) बुझे हुए चूने के साथ क्लोरीन क्रिया करती है?
(v) विरंजक चूर्ण की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कराई जाती है?
(vi) सोडियम क्लोराइड (NaCl) से सोडियम बाईकार्बोनेट
(vii) विरंजक चूर्ण (CaOCl2) की क्रिया तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) से कराई जाती है।
उत्तर-
प्रश्न 18. क्या होता है जबकि-
(i) प्लास्टर ऑफ पेरिस को गर्म किया जाता है।
(ii) खाने के सोडे को गर्म किया जाता है।
(iii) जिप्सम को 373K पर गर्म किया जाता है।
(iv) बुझे हुए चूने में क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है?
उत्तर-