UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science [विज्ञान] ईकाई 1 रासायनिक पदार्थ- प्रकृति एवं व्यवहार – Chapter- 2 Acids, Bases and Salts ( अम्ल, क्षारक, एवं लवण ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 1 रासायनिक पदार्थ- प्रकृति एवं व्यवहार (Chemical substances- Nature and Behavior ) के अंतर्गत चैप्टर 2 Acids, Bases and Salts ( अम्ल, क्षारक, एवं लवण ) पाठ के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं हमारी मेहनत की क़द्र करते हुए इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करेंगे।
अम्ल, क्षारक, अम्ल तथा क्षारक के मध्य अभिक्रिया, सूचक, Ph मान , उदासीनीकरण, लवण
क्रिस्टलन जल: जलयोजित लवण अभिक्रिया
Class | 10th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Acids, Bases and Salts |
दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. अम्ल–क्षार सूचक क्या होते हैं? क्विनोनॉयड सिद्धान्त के अनुसार इनकी कार्य–विधि स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– अम्ल–क्षार सूचक– अम्ल-क्षार सूचक वे रासायनिक पदार्थ हैं जो अम्लीय विलयन में एक रंग तथा क्षारीय विलयन में दूसरा रंग देते हैं।
क्विनोनॉयड सिद्धान्त के अनुसार अम्ल–क्षार सूचक की कार्य–विधि– क्विनोनॉयड सिद्धान्त के अनुसार,
(i) अम्ल-क्षार सूचक ऐरोमैटिक कार्बनिक यौगिक होते हैं जो दो चलावयवी रूपों में उपस्थित होते हैं जिनमें से एक बेन्जेनॉयड तथा दूसरा क्विनोनॉयड रूप होता है।
(ii) इन दोनों रूपों का रंग अलग-अलग होता है। जैसे ही विलयन का माध्यम अम्लीय से क्षारीय अथवा क्षारीय से अम्लीय होता है, वैसे ही सूचक की संरचना एक रूप से दूसरे रूप में बदल जाती है।
प्रश्न 2. धावन सोडा बनाने की विधि लिखिए। (i) BaCl2, तथा (ii) SO2, के साथ होने वाली अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर- धावन सोडा (या सोडियम कार्बोनेट) बनाने की विधि- सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO₂) प्रवाहित करने पर सोडियम कार्बोनेट का विलयन प्राप्त होता है, जिसका वाष्पन करने पर सोडियम कार्बोनेट या धावन सोडा के क्रिस्टल (Na2 CO3, 10H2O) प्राप्त होते हैं। अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है-
(i) बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) के साथ क्रिया– सोडियम कार्बोनेट की बेरियम क्लोराइड से क्रिया कराने पर बेरियम कार्बोनेट का अवक्षेप बनता है।
(ii) सल्फर डाइऑक्साइड (SO) के साथ क्रिया– सोडियम कार्बोनेट विलयन में SO, गैस प्रवाहित करने पर सोडियम सल्फाइट बनता है।
प्रश्न 3. बेकिंग पाउडर या खाने वाला सोडा का रासायनिक नाम एवं अणुसूत्र क्या है? इसके बनाने की विधि एवं दो प्रमुख रासायनिक गुण समीकरण देते हुए लिखिए।
उत्तर– बेकिंग पाउडर या खाने के सोडे का रासायनिक नाम-सोडियम बाइकार्बोनेट।
अणुसूत्र-NaHCO
बनाने की विधि– इसे सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करके बनाया जाता है-
Na₂CO3+H₂O + CO₂→ 2NaHCO3
रासायनिक गुण–
- 100°C तक गर्म किये जाने पर यह विच्छेदित होकर सोडियम कार्बोनेट में बदल जाता है।
2NaHCO3 →Na2 CO3 + H₂O+CO3
- यह अम्लों से क्रिया करके सोडियम लवण बनाता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस मुक्त करता है।
NaHCO3 + HCl→ NaCl + H2O + CO₂
2NaHCO3+H₂SO4→ Na₂SO₄ + 2H2O+2CO2
प्रश्न 4. विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) का रासायनिक नाम, अणुसूत्र तथा बनाने की विधि लिखिए। इसके प्रमुख गुण तथा दो उपयोग लिखिए।
उत्तर- विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम कैल्सियम क्लोरोहाइपोक्लोराइट है। इसे CaOCl2 या Ca(OCl)CI सूत्र द्वारा प्रदर्शित करते हैं। बनाने की विधि-प्रयोगशाला में विरंजक चूर्ण शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन (Cl2) गैस प्रवाहित करने पर प्राप्त होता है।
Ca(OH)2+Cl2→CaOCl₂ + H₂O
रासायनिक गुण–
- अपघटन– कोबाल्ट क्लोराइड की उपस्थिति में विरंजक चूर्ण अपघटित होकर ऑक्सीजन देता है।
2CaOCl2 →2CaCl2 +02
- CO2 से क्रिया– कार्बन डाइऑक्साइड इसकी सम्पूर्ण क्लोरीन की निकाल देती है।
CaOCl2 + CO2→CaCO3 + Cl2
- तनु अम्ल की अल्प मात्रा से क्रिया–विरंजक चूर्ण की तनु अम्ल (HCI, H2SO4आदि) की अल्प मात्रा से क्रिया कराने पर 0, प्राप्त होती है।
2CaOCl2+H₂SO4→ CaSO4 + CaCl₂+2HCl+O2
- जल से क्रिया– इसकी जल से क्रिया कराने पर क्लोरीन गैस मुक्त होती है।
CaOCl2+H₂O→ Ca(OH)2 + Cl₂
उपयोग–
- ऑक्सीकारक के रूप में काम आता है।
- क्लोरोफॉर्म (CHCI3) बनाने में काम आता है।
- ऊन को सिकुड़न-रहित बनाने में इसका उपयोग होता है।
- कीटाणुनाशक के रूप में प्रयुक्त होता है।
प्रश्न 5. फिटकरी का रासायनिक नाम तथा सूत्र लिखिए। साधारण फिटकरी (पोटाश एलम) बनाने की विधि बताइए। इस पर ताप व जल के प्रभाव की विवेचना कीजिए तथा उपयोग बताइए।
उत्तर– रासायनिक नाम– फिटकरी अथवा साधारण फिटकरी का रासायनिक नाम पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट है। अणुसूत्र – K2SO4 Al2 (SO4)3 24H2O है।
पोटाश एलम बनाने की विधि– पोटैशियम सल्फेट (K2SO) तथा ऐलुमिनियम सल्फेट [Al2 (SO₂)]3 की सम अणुक मात्राओं को जल में घोलकर विलयन का सान्द्रण करने पर फिटकरी के क्रिस्टल बन जाते हैं।
K₂SO₄ + Al2(SO4)3 + 24H2O→ K2SO4. Al2 (SO4)4 24H2O
रासायनिक गुण–
(i) ताप का प्रभाव– गर्म किये जाने पर लगभग 92°C पर फिटकरी पिघल जाती है और 200°C पर सम्पूर्ण क्रिस्टलन जल निकल जाने से फिटकरी फूल जाती है। इस फूले हुए पदार्थ को ‘फूल फिटकरी’ कहते हैं।
K2SO2. Al2(SO4)3. 24H₂O→K₂SO₄ Al2 (SO4)3+24H2
K2SO4.Al2 (SO4)3 → K₂SO₄ + Al₂O₃+3SO3
(ii) जल का प्रभाव– फिटकरी को जल में घोलने पर यह आयनिक सिद्धान्त के अनुसार K+, AI+++ तथा SO2- आयनों में विभक्त हो जाती है अतः यह जलीय विलयन में K+, AI+++ तथा SO2-4 आयनों का परीक्षण देता है।
K2SO4. Al2 (SO4)3 24H2O→K2 SO4. Al2(SO4)3+ 24H2O
उपयोग –
- जल साफ करने में फिटकरी का उपयोग होता है।
- यह खून का बहना रोकने में भी सहायक है, अतः दाढ़ी बनाने के बाद चेहरे पर फिटकरी लगाते हैं।
- चमड़े की रंगाई में फिटकरी का प्रयोग किया जाता है।
- जल के शोधन के काम आती है।
प्रश्न 6. नौसादर का रासायनिक नाम एवं अणुसूत्र क्या है? इसके बनाने की विधि एवं दो प्रमुख रासायनिक गुण व उपयोग लिखिए।
अथवा नौसादर का रासायनिक गुण व सूत्र लिखिए। इसका ऊर्ध्वपातन का गुण स्पष्ट कीजिए तथा इसकी सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर– नौसादर का रासायनिक नाम– अमोनियम क्लोराइड।
अणुसूत्र– NH4 CI
बनाने की विधि– हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को अमोनिया द्वारा उदासीन करने से अमोनियम क्लोराइड का विलयन प्राप्त होता है।
NH3 + HCl → NH4 CI
गुण– 1. नौसादर एक सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ है।
- यह जल में अत्यन्त विलेय है।
- ऊर्ध्वपातन गुण– गर्म किये जाने पर यह अमोनिया तथा हाइड्रोजन क्लोराइड में वियोजित हो जाता है तथा ठण्डा किये जाने पर पुनः नौसादर बन जाता है। इस क्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।
- नौसादर को बुझे हुए चूने के साथ गर्म करने पर अमोनिया गैस प्राप्त होती है।
2NH4Cl + Ca(OH)2 → CaCl₂ + 2H2O+2NH3
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ क्रिया–अमोनिया गैस बनती है। NH4Cl + NaOH → NH3↑+ NaCl + H₂O
उपयोग– 1. नौसादर को प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- शुष्क सेल तथा लैक्लांशी सेल में भी नौसादर का प्रयोग किया जाता है।
- अनेक उर्वरक तथा रासायनिक पदार्थ बनाने में नौसादर का प्रयोग किया जाता है।
- बर्तनों पर कलई करने तथा टाँका लगाने में नौसादर का प्रयोग किया जाता है।
- कपड़ों की रंगाई में भी नौसादर का उपयोग होता है।
प्रश्न 7. माइक्रोकॉस्मिक लवण का रासायनिक नाम, अणुसूत्र तथा बनाने की विधि लिखिए। इसके प्रमुख गुण तथा उपयोग लिखिए।
उत्तर– माइक्रोकॉस्मिक लवण का रासायनिक नाम सोडियम अमोनियम हाइड्रोजन फॉस्फेट तथा अणुसूत्र Na (NH4) HPO4.4H2O
बनाने की विधि–डाइ-सोडियम हाइड्रोजन फॉस्फेट (Na2HPO4) और अमोनियम फॉस्फेट [(NH4)3 PO4] के (5:3) मिश्रित विलयन का क्रिस्टलन करने पर सोडियम अमोनियम हाइड्रोजन फॉस्फेट [Na(NH4) HPO4. 4H2O] के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
3Na2 HPO4 + (NH4)3 PO4 → 3Na(NH4)HPO₄ + Na3 PO4
गुणधर्म–
(i) यह रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है।
(ii) यह जल में घुलनशील है।
(iii) माइक्रोकॉस्मिक लवण को गर्म करने पर यह पिघल जाता है और रंगहीन तथा पारदर्शक पिण्ड बनाता है जो धातुओं के ऑक्साइडों के साथ संयोग करके रंगीन ऑर्थोफॉस्फेट बनाता है।
Na(NH4)HPO4→NaPO3 (सोडियम मेटाफॉस्फेट) + H₂O + NH3
NaPO3 + CoO→NaCoPO4 (नीला ऑर्थोफॉस्फेट)
उपयोग–इसका उपयोग गुणात्मक विश्लेषण में होता है। सिलिकेट की पहचान करने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 8. विरंजक चूर्ण बनाने की हेसेनक्लेवर विधि का सचित्र वर्णन कीजिए। इसके दो मुख्य रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर– हेसेनक्लेवर विधि-इस विधि में लोहे के 6 या 8 पाइप क्षैतिजतः एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इन पाइपों में घूर्णी पंखे (rotatory blades) लगे होते हैं। ऊपर के प्रवेश मार्ग (hopper) द्वारा शुष्क बुझा चूना डालते रहते हैं और नीचे से CI2 गैस भेजी जाती है। इस प्रकार चूना क्लोरीन गैस से भली-भाँति मिश्रित होकर ब्लीचिंग पाउडर बनाता है।
Ca(OH)2 + Cl₂→ Ca(OCl)Cl + H₂O
ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण) को नीचे के रास्ते से निकालते रहते हैं।
रासायनिक गुण–
(i) जल से क्रिया– क्लोरीन गैस निकलती है।
CaOCl2+H₂O→ Ca(OH)2 + Cl₂↑
(ii) ऑक्सीकारक गुण (PbO से क्रिया)- यह PbO को PbO, में ऑक्सीकृत कर देता है।
2CaOCl₂ +2PbO→2CaCl₂ +2PbO2