UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science
[विज्ञान] ईकाई 2 जैव जगत – Chapter- 6 Control and Coordination ( नियंत्रण एवं समन्वय ) NCERT Question Answer
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 2 जैव जगत (Organic world) के अंतर्गत चैप्टर 6 Control and Coordination ( नियंत्रण एवं समन्वय )पाठ के NCERT के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर सहित प्रदान किया जा रहे हैं । UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
मानव में समन्वयन, तंत्रिका तंत्र की सामान्य संरचना, प्रतिवर्ती क्रिया, जंतुओं में रासायनिक समन्वय: अंतः स्रावी ग्रंथियां एवं हॉर्मोन्स, पौधों में समन्वय: पादप हॉर्मोन्स
Class | 10th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Control and Coordination |
NCERT पाठ्यपुस्तक के प्रश्न–उत्तर
प्रश्न 1. प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अन्तर है?
उत्तर– प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच अन्तर निम्न प्रकार हैं-
प्रतिवर्ती क्रिया |
टहलना |
1. प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। | 1. टहलना मस्तिष्क के भाग अनुमस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती है। |
2. यह अनैच्छिक (involun- tary) क्रिया है। | 2. यह ऐच्छिक (voluntary) क्रिया है। |
3. यह क्रिया अत्यंत तेज अर्थात् एक सेकण्ड के सूक्ष्म अंश में ही पूर्ण हो जाती है। | 3. इस क्रिया में अधिक समय लगता है क्योंकि पहले मस्तिष्कविचार करता है तथा सूचना को तंत्रिका के माध्यम से पेशियों तक पहुँचाता है। |
प्रश्न 2. दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
उत्तर– अंतर्ग्रथन पर विद्युत तरंगों के रूप में आने वाला तंत्रिका आवेग कुछ रसायन के स्रावण को प्रेरित करता है। ये रसायन अंतर्ग्रथन को पार करके अगली तंत्रिका कोशिका में समान प्रकार का तंत्रिका आवेग उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 3. मस्तिष्क का कौन–सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर–अनुमस्तिष्क ।
प्रश्न 4. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर–अगरबत्ती की गंध का पता अग्रमस्तिष्क द्वारा लगाया जाता है। यहाँ गंध की संवेदना के लिए अलग संवेदी केंद्र होता है जहाँ सूचना प्राप्त होती है।
प्रश्न 5. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर– प्रतिक्तों क्रिया मेहरज्जु द्वारा सम्पन्न होती है। प्रतिवर्ती चाप इसी मैरुरज्जु में बनते है यद्यपि आगत सूचनाएँ मस्तिष्क तक दी जाती हैं। सामान्य प्रतिवर्ती क्रिया जैसे पुतली के आकार में परिवर्तन तथा कोई सोची किया जैसे कुर्सी खिसकाना। उसके मध्य एक और पेशी गति का सेट है जिस पर हमारे सोचने का कोई नियंत्रण नहीं है। इन अनैच्छिक क्रियाओं में से कई मध्यमस्तिष्क तथा पश्चमस्तिष्क से नियंत्रित होती हैं। ये सभी अनैच्छिक क्रियाएँ जैसे रक्तदाब, लार आना तथा वमन (उल्टी आना) पश्चमस्तिष्क स्थित मेडुला द्वारा नियंत्रित होती हैं।
प्रश्न 6. पादप हॉर्मोन क्या हैं?
उत्तर– विविध पादप हॉर्मोन वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं। इनके संश्लेषण का स्थान इनके क्रिया क्षेत्र से दूर होता है और साधारण विसरण द्वारा वे क्रिया क्षेत्र तक पहुँच जाते हैं।
प्रश्न 7. छुई मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर– दोनों में निम्नलिखित अन्तर हैं-
पूर्व-मुई पादप की पत्तियों की गति |
प्रकाश की ओर प्ररोह की गति |
1. इसमें पत्तियों की गति किसी खास दिशा में नहीं निर्भर नहीं करती है। | 1. इसमें प्ररोह की गति उद्दीपक (प्रकाश) की दिशा होती है अर्थात् उद्दीपक (स्पर्श) की दिशा पर में होती है। |
2. इसमें वृद्धि नहीं होती है। | 2. इसमें वृद्धि होती है। |
3. अनुक्रिया की गति बहुत तीव्र होती है। | 3. अनुक्रिया की गति धीमी होती है। |
4. यह गति हॉर्मोन के द्वारा नहीं होती है। | 4. यह गति ऑक्सिन हॉर्मोन के द्वारा होती है। |
5. यह जल की मात्रा में परिवर्तन के कारण होता है। | 5. यह प्ररोह के दोनों ओर असमान वृद्धि के कारण होता है। |
प्रश्न 8. एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर– (i) ऑक्सिन पौधे के तने की लम्बाई को बढ़ाता है।
(ii) जिब्बेरेलिन पौधे के तने की वृद्धि करता है।
प्रश्न 9. किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर– प्रतान स्पर्श के प्रति संवेदनशील होता है। प्रतान जैसे ही किसी स्पर्श के सम्पर्क में आते हैं ऑक्सिन दूसरी ओर विसरित हो जाता है जिससे उस ओर की कोशिकाएँ अधिक लम्बी होने लगती हैं और प्रतान विपरीत दिशा में मुड़ता है। इस प्रकार वह सहारे के चारों ओर लिपटकर पौधे को सहारा देता है।
प्रश्न 10. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अधि कल्पना कीजिए।
उत्तर– जलानुवर्तन प्रदर्शित करने के लिए बीजों का अंकुरण एक ऐसी जमीन के ऊपर करवाते हैं जो एक तरफ नम है तथा दूसरी तरफ सूखी।
मूलांकुर पहले तो धनात्मक गुरुत्वानुवर्तन दशति हुए नीचे की ओर गति करते हैं। परन्तु जल्दी ही गीली जमीन की ओर मुड़ने लगते हैं। यह धनात्मक जलानुवर्तन गति को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 11. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर– जंतुओं में रासायनिक समन्वय कुछ रासायनिक पदार्थ जिसे हॉर्मोन कहते हैं के द्वारा होता है। ये अंत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्स्रावित होते हैं। स्स्रावित होने वाले हॉर्मोन का समय और मात्रा का नियंत्रण पुनर्भरण क्रिया विधि से किया जाता है।
प्रश्न 12. आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर– आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि आयोडीन, थाइराइड ग्रंथि जो कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन के उपापचय हेतु थायरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित करती है, के लिए आवश्यक है। यह हॉर्मोन संतुलित वृद्धि व विकास के लिए उत्तरदायी है। आयोडीन की कमी से घेघा रोग हो जाता है।
प्रश्न 13. जब एड्रोनेलीन रुधिर में स्त्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर– एड्रीनेलीन सीधे रक्त में स्रावित होता है तथा शरीर के विभिन्न भागों में रुधिर प्रवाह के साथ फैलता है। यह मुख्य रूप से हृदय पर प्रभाव डालता है, जिससे हृदय तेजी से धड़कने लगता है और पेशियों में ऑक्सीजन अधिक मात्रा में पहुँचाना शुरू करता है जिससे पेशियाँ अधिक सक्रिय हो जाती हैं। ये पेशियाँ शरीर की विभिन्न क्रियाविधियों को नियंत्रित करती हैं।
प्रश्न 14. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर– इंसुलिन हॉर्मोन रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। मधुमेह के रोगी में अग्न्याशय ग्रंथि के अल्प सक्रियता के कारण यह हॉर्मोन कम मात्रा में स्रावित होता है जिससे रक्त शर्करा बढ़ जाती है। इसके शरीर पर घातक परिणाम होते हैं। इसलिए इंसुलिन का इंजेक्शन देकर रोगी की रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जाता है।
अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण अभ्यास प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉमोंन है-
(a) इंसुलिन
(b) थायरॉक्सिन
(c) एस्ट्रोजन
(d) साइटोकाइनिन
उत्तर–(d) साइटोकाइनिन।
प्रश्न 2. दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते है–
(a) दुमिका
(b) सिनेप्स
(c) एक्सॉन
(d) आवेग
उत्तर– (b) सिनेप्स।
प्रश्न 3. मस्तिष्क उत्तरदायी है–
(a) सोचने के लिए
(b) हृदय स्पंदन के लिए
(c) शरीर का संतुलन बनाने के लिए
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर– (d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 4. हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहा हो। क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर– ग्राही, हमारी ज्ञानेन्द्रियों में स्थित एक खास कोशिकाएँ होती हैं, जो वातावरण से सभी सूचनाएँ ढूँढ़ सकती हैं और उन्हें केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (मेरुरज्जु तथा मस्तिष्क) में पहुँचाती हैं। मस्तिष्क के भाग अग्रमस्तिष्क में विभिन्न ग्राही से संवेदी आवेग (सूचनाएँ) प्राप्त करने के लिए क्षेत्र होते हैं। इसके अलग-अलग क्षेत्र सुनने, सूँघने, देखने आदि के लिए विशिष्टीकृत होते हैं। यदि कोई ग्राही उचित प्रकार कार्य नहीं करेगी तो उस ग्राही द्वारा एकत्र की गई सूचना मस्तिष्क तक नहीं पहुँचेगी।
जैसे– (i) यदि रेटिना की कोशिका अच्छी तरह कार्य नहीं करेंगी, तो हम देख नहीं पाएँगे जिससे हम अंधे भी हो सकते हैं।
(ii) जिह्वा द्वार मीठा, नमकीन आदि स्वाद का पता लगाना संभव नहीं हो पाएगा।
प्रश्न 5. एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइये तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर– तंत्रिका कोशिका के कार्य- न्यूरॉन या तंत्रिका कोशिका तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई है। इसके निम्न तीन भाग होते हैं- (i) दुमिका (ii) कोशिकाकाय, (iii) एक्सॉन।
सूचनाओं का आवेग दुमिका से कोशिकाकाय की ओर चलता है तथा फिर एक्सॉन में से होता हुआ सिनेप्स तक पहुँचता है। फिर इसे पार करता हुआ एक न्यूरॉन से दूसरे में गुजरता हुआ मेरुरज्जु तक पहुँचता है। इसी प्रकार सूचनाएँ मस्तिष्क से कार्यकारी अंग (पेशी, ग्रंथि) तक पहुँचती हैं।
प्रश्न 6. पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर– दिशिक या अनुवर्तन गति जो प्रकाश उद्दीपन के प्रभाव में, प्रकाश की और अथवा उसके विपरीत होती है उसे प्रकाशानुवर्तन कहते हैं। तने प्रकाश की ओर मुड़ते हैं जबकि जड़ें प्रकाश के विपरीत मुड़कर अनुक्रिया करती हैं।
प्रश्न 7. मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आवागमन में व्यवधान होगा ?
उत्तर– (i) सभी संकेत जो मस्तिष्क से दूर या मस्तिष्क की ओर मेरुरज्जु से होकर चलते हैं, उनके आवागमन में व्यवधान उत्पन्न होगा।
(ii) प्रतिवर्ती क्रिया नहीं संपादित होगी।
प्रश्न 8. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर– पौधों की विशेष कोशिकाओं द्वारा कुछ रासायनिक पदार्थ स्त्रावित होते हैं जिन्हें पादप हॉर्मोन कहते हैं। विभिन्न प्रकार के पादप हॉर्मोन वृद्धि व विकास तथा वातावरण के साथ समन्वय स्थापित करते हैं। ये पादप हॉर्मोन क्रिया स्थान से दूर कहीं स्रावित होकर विसरण द्वारा उस स्थान तक पहुँचकर कार्य करते हैं।
प्रश्न 9. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर– एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की आवश्यकता दो प्रकार्यों को करने के लिए होती है-
(1) इससे शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण होता है एवं अंगतंत्र एक व्यवस्थित तरीके से कार्य करते हैं और उनमें समन्वय बना रहता है। उदाहरण के लिए जब हम भोजन करने की सोचते हैं तो हम भोजन लेकर मुँह की तरफ ले जाते हैं, दाँत और जबड़े की पेशियाँ भोजन को तोड़ती हैं, लार ग्रंथियाँ लार का स्रावण करती हैं।
(2) बस से कूदना, आग की लौ से अपना हाथ पीछे खींच लेना, भूख के कारण मुँह में पानी आना। इन सभी उदाहरणों में एक सामान्य विचार आता है कि जो कुछ हम करते हैं उसके बारे में विचार नहीं करते, या अपनी क्रियाओं को नियंत्रण में महसूस नहीं करते हैं। फिर भी ये वे स्थितियाँ हैं जहाँ हम अपने पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति अनुक्रिया कर रहे हैं। इन परिस्थितियों के लिए हमें नियंत्रण व समन्वय तंत्र की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 10. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक–दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर – अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ निम्न प्रकार से एक-दूसरे से भिन्न हैं-
अनैच्छिक क्रियाएँ |
प्रतिवर्ती क्रियाएँ |
1. वे क्रियाएँ जिनका नियंत्रण हमारे सोचने से नहीं होता या ऐसी क्रियाएँ जो शरीर में निरन्तर चलती रहती हैं। | 1. वह क्रियाएँ जिनमें किसी बाह्य उद्दीपन के प्रति अनुक्रियाएँ होती हैं प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती हैं। |
2. इसका नियंत्रण पश्चमस्तिष्क स्थित मेडुला द्वारा होता है। | 2. इनका नियंत्रण मुख्यतः मेरुरज्जु द्वारा होता है तथा प्रत्यावर्ती चाप के रूप में क्रियान्वित होता है। |
3. उदाहरण के लिए – हृदय का स्पन्दन, साँस लेना, श्वसन क्रिया द्वारा ऊर्जा का उत्पादन, भोजन देखकर लार का निकलना, वर्ज्य पदार्थों का उत्सर्जन आदि । | 3. उदाहरण के लिए-किसी गर्म वस्तु को स्पर्श करने पर हाथ शीघ्रता से हटाना । |
प्रश्न 11. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए।
उत्तर– जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक
जंतुओं में तंत्रिका द्वारा नियंत्रण एवं समन्वय |
जंतुओं में हॉर्मोन द्वारा नियंत्रण एवं समन्वय |
1. यह नियंत्रण एवं समन्वय से सम्बन्धित क्रियाविधि है। | 1. यह क्रियाविधि भी नियंत्रण एवं समन्वय से सम्बन्धित होती है। |
2. तंत्रिका क्रियाविधि में रासायनिक परिवर्तन मांसपेशियों की कोशिकाओं में होता है। | 2. शरीर के एक अंग में उत्पन्न हॉर्मोन शरीर के अन्य भागों को भेजे जाते हैं। |
3. यह मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। | 3. यह अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्स्रावित होते हैं। |
प्रश्न 12. छुई मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है?
उत्तर– छुई मुई पौधे में गति छुई मुई में स्पर्श उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया के फलस्वरूप गति होती है। यदि पत्ती को छूते हैं तब उद्दीपन पत्ती के आधार तक संचरित हो जाता है और पत्तियाँ नीचे झुक जाती हैं। यह आधार कोशिकाओं में परासरणीय दाब कम होने के कारण होता है। जब उद्दीपन समय समाप्त हो जाता है तब परासरणीय दाब पुनः स्थापित हो जाता है तथा पत्तियाँ सामान्य अवस्था में आ जाती हैं। यह वृद्धि अनाश्रित गति है।
छुई मुई में स्पर्श बिंदु (उद्दीपन) से अलग भाग में गति होती है। इसमें सूचना विशिष्ट ऊतकों से होकर नहीं बल्कि विद्युत रासायनिक संकेतों के रूप में एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक संचरित होती है। पादप 1 कोशिकाओं की रचना उनमें पानी की मात्रा के परिवर्तन से परिवर्तित होती है जिसके परिणामस्वरूप गति होती है।
हमारे पैर की गति– हमारे पैर की पेशियाँ तंत्रिकाओं से सम्बद्ध होती हैं जिनमें गति करने हेतु आवश्यक सूचनाएँ मस्तिष्क द्वारा भेजी जाती हैं।
सूचनाएँ विद्युत रासायनिक संकेतों के रूप में संचरित होती हैं। यह पेशियों तक पहुँचकर रासायनिक संकेतों में बदल जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप पैर में गति होती है। अतः पैर में गति पेशियों के सिकुड़ने एवं फैलने से होती है जो मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती रहती है।