UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science Chapter- 1 Matter in Our Surroundings ( हमारे आस- पास के पदार्थ ) NCERT Based Important Question Answer

UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 1 द्रव्य- प्रकृति एवं व्यवहार – Chapter- 1 Matter in Our Surroundings ( हमारे आस- पास के पदार्थ )NCERT Based Important Question Answer

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई 1  द्रव्य- प्रकृति एवं व्यवहार  के अंतर्गत चैप्टर 1 (हमारे आस- पास के पदार्थ) पाठ के NCERT  के कुछ महत्वपूर्ण  प्रश्न  उत्तर सहित प्रदान किया जा रहे हैं । UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें

Class  9th  Subject  Science (Vigyan)
Pattern  NCERT  Chapter-  Matter in Our Surroundings

NCERT Based Important Question Answer

प्रश्न 1. निम्न में से पदार्थ हैंकुर्सी, वायु, स्नेह, गन्ध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगन्ध।

उत्तरपदार्थ निम्न हैं-कुर्सी, वायु, बादाम तथा नींबू पानी। यह सभी स्थान घेरते हैं तथा इन सभी का द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताइए : गरमागरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है, लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।

उत्तरकिसी पदार्थ की गंध या महक हमें तब अनुभव होती है जब गंध के कण वायु में मिश्रित होकर हमारी नाक तक पहुँचते हैं। यह भी जानते हैं कि कणों का विसरण किसी माध्यम में उच्च ताप पर अधिक तथा निम्न ताप पर कम होता है। इसलिए गरमागरम खाने की गंध तेजी के साथ कई मीटर दूर तक पहुँच जाती है। लेकिन ठंडे खाने की गंध लेने के लिए हमें उसके पास जाना पड़ता है।

प्रश्न 3. स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौनसा गुण प्रेक्षित होता है?

उत्तरस्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है क्योंकि जल के कणों के मध्य आकर्षण बल होता है जो कणों को साथ-साथ रखता है।

प्रश्न 4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?

उत्तरपदार्थ के कणों की विशेषताएँ

(1) पदार्थ के कणों के मध्य एक आकर्षण बल उपस्थित होता है।

(2) पदार्थ के कणों के मध्य पर्याप्त रिक्त स्थान होता है।

(3) पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते रहते हैं।

(4) पदार्थ के तीन रूप ठोस, द्रव और गैस हैं। पदार्थ की ये अवस्थाएँ उसके कणों की विभिन्न विशेषताओं के कारण होती हैं।

प्रश्न 5. किसी तत्त्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = द्रव्यमान/आयतन) बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में, निम्नलिखित को व्यवस्थित करेंवायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रुई और लोहा।

उत्तरघनत्व के बढ़ते क्रम में पदार्थ :

वायु < चिमनी का धुआँ < रुई < जल < शहद < चॉक < लोहा।

प्रश्न 6. (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए।

(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिएदृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व

उत्तर– (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में निम्नलिखित अन्तर पाये जाते हैं

गुण ठोस द्रव गैस
1. आकार ठोसों का आकार निश्चित होता है व स्थिर आकृति बनाए रखते हैं। द्रवों का आकार निश्चित नहीं होता। इन्हें जिस पात्र में डाला जाता है उसी की आकृति ग्रहण कर लेते हैं। गैसों का आकार निश्चित नहीं होता।
2. दृढ़ता ठोस दृढ़ होते हैं। द्रव दृढ़ नहीं होते ये बह सकते हैं। गैसें दृढ़ नहीं होर्ती।
3. आयतन ठोसों का आयतन निश्चित होता है। द्रवों का भी आयतन निश्चित होता है गैसों का कोई निश्चित आयतन नहीं होता वे तो जितना स्थान मिलता है सारा ही घेर लेते हैं।
4. संपीडन-शीलता ठोस असंपीडनीय होते हैं। द्रव बहुत कम संपीडित किए जाते हैं। गैसें बहुत अधिक संपीडनशील होती हैं।

 

5. कणों के बीच अन्तराण्विक बल ठोसों के कणों के बीच बहुत अधिक अन्तराण्विक बल पाया जाता है। द्रवों के कणों के मध्य ठोसों की अपेक्षा कम अन्तराण्विक बल पाया जाता है। गैसों के कणों के बीच अन्तराण्विक बल बहुत कम होता है अर्थात् नगण्य होता है।
6. कणों में गति ठोसों के कणों की गति कम्पन गति होती है और बहुत कम होती है। द्रवों के कणों की गति कम होती है परन्तु ठोसों से अधिक इनके कण एक दूसरे से अलग नहीं होते। गैसों के कण तीव्र वेग से अनियमित गति करते रहते हैं।

 

(b) (i) दृढ़ता: दृढ़ता पदार्थों का वह गुण है जिसके कारण बाह्य बल लगाने पर भी पदार्थ अपना आकार नहीं बदलते परन्तु बल लगाने पर वे टूट जाते हैं, जैसे ठोस पदार्थ दृढ़ होते हैं।

(ii) संपीड्यता : संपीड्यता का अर्थ है कि पदार्थ पर बल लगाने पर उसके कण एक-दूसरे के समीप आ जाएँ जिससे उसका आयतन कम हो जाये। ठोस पदार्थों तथा द्रवों का संपीडन नहीं किया जा सकता। गैसों को आसानी से संपीडित किया जा सकता है।

(iii) तरलता : तरलता का अर्थ है बहाव। ऐसे पदार्थ जो बह सकते हैं तरल या द्रव पदार्थ कहलाते हैं। कुछ पदार्थ आसानी से बहते हैं जैसे जल, दूध आदि परन्तु कुछ पदार्थ धीरे बहते हैं जैसे शहद, ग्लिसरीन ।

(iv) बर्तन में गैस का भरना गैसों को आसानी से संपीडित किया जा सकता है इसलिए गैसों के अत्यधिक आयतन को एक कम आयतन वाले सिलेण्डर में संपीडित करके भरा जा सकता है जैसे द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG), अस्पतालों में दिये जाने वाले ऑक्सीजन सिलेण्डरों में भी संपीडित करके गैस को भरा जाता है। इसी प्रकार संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) को भी अधिक ताप पर गैस सिलेण्डरों में भरा जाता है।

(v) आकार : यदि पदार्थ के कणों के बीच आकर्षण बल बहुत अधिक हो तो उनका आकार निश्चित होता है, जैसे ठोस पदार्थों का आकार निश्चित होता है। परन्तु तरल पदार्थ के कणों के मध्य आकर्षण बल कम होने के कारण आकार निश्चित नहीं होता। वे उसी बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं जिसमें उन्हें रखा जाता है। इसी प्रकार गैसीय पदार्थों का आकार भी निश्चित नहीं होता है।

(vi) गतिज ऊर्जा एवं घनत्व : पदार्थ के कण सदैव गतिशील रहते हैं जिनके कारण उनमें गतिज ऊर्जा होती है। ठोस पदार्थों के कणों की गतिज ऊर्जा बहुत कम होती है, तरल पदार्थों में ठोस पदार्थों से अधिक तथा गैसीय पदार्थ की गतिज ऊर्जा सबसे अधिक होती है। घनत्व किसी पदार्थ के एक इकाई आयतन का द्रव्यमान होता है। सामान्यतः ठोस पदार्थों का घनत्व अधिक होता है। गैसीय पदार्थों के कणों के मध्य खाली स्थान बहुत अधिक होता है इनकी गतिज ऊर्जा भी बहुत अधिक होती है परन्तु इनका घनत्व ठोस तथा द्रवों की अपेक्षा बहुत कम होता है।

प्रश्न 7. कारण बताएँ

(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।

(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।

(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।

(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।

उत्तर(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है जिसमें उसे हम रखते हैं क्योंकि उच्च गतिज ऊर्जा तथा नगण्य आकर्षण बलों के कारण, गैस के अणु उच्च वेग से सभी दिशाओं में गतिशील होते रहते हैं।

(b) तेजी से गति करते हुए, जब गैस के अणु बर्तन की दीवारों से टकराते हैं, वे दबाव डालते रहते हैं। गैस द्वारा डाला गया दबाव तेजी से गति करने वाले गैस-अणुओं की बर्तन की दीवारों से टक्करों के कारण होता है।

(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है, क्योंकि इसका आकार तथा आयतन निश्चित होता है।

(d) हवा में हाथ आसानी से चला सकते हैं क्योंकि हवा के अणु आसानी से काटे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कणों के बीच बहुत कम बल लगा होता है। जबकि लकड़ी के कणों के बीच बहुत कम स्थान होता है, अतः उनके बीच अत्यधिक बल लगा होता है। उसमें हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।

प्रश्न 8. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को पानी पर तैरते देखा होगा। पता लगाइए ऐसा क्यों होता है?

उत्तरबर्फ का टुकड़ा पानी पर तैरता है क्योंकि यह अपने अधिक आयतन के कारण अपने द्रव्यमान से अधिक पानी हटा सकता है। इसीलिए बर्फ का टुकड़ा तैरता रहता है। बर्फ का आयतन अपने उस जल से जिससे वह बना होता है अधिक होता है।

निक प्रश्न 9. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें

(a) 300 K

(b) 573 K

उत्तर

(a) K = °C +273

°C=K-273=300-273=27°C

(b) K=°C+ 273

°C=K-273

=573-273 = 200°C

प्रश्न 10. निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी ?

(a) 250° C

(b) 100° C

उत्तर(a) 250° C ताप पर जल गैसीय अवस्था में बदल जायेगा।

(b) 100° C ताप पर जल द्रव तथा गैसीय अवस्था में बदल जायेगा।

प्रश्न 11. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है?

उत्तर किसी पदार्थ का ताप बढ़ाने पर वह एक निश्चित ताप पर अवस्था में परिवर्तन करके दूसरी भौतिक अवस्था प्राप्त कर लेता है। अब इसका ताप स्थिर रहता है क्योंकि अब समस्त ऊष्मा अवस्था परिवर्तन में काम आती है तथा यह तब तक रहता है जब तक पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था में पूर्ण रूप से न बदल जाए, ऐसी ऊष्मा को पदार्थ की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

प्रश्न 12. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।

उत्तर हम जानते हैं कि पदार्थ की अवस्थाएँ दाब व तापमान के द्वारा तय होती हैं। ताप कम करके व दाब बढ़ाकर पदार्थ की अवस्था का परिवर्तन किया जा सकता है। वायुमण्डलीय गैस की ऊपर ऊँचाई पर ताप कम होने के कारण गैस संघनित होकर बादलों में बदल जाती है जो द्रव की छोटी-छोटी बूँदों से मिलकर बना होता है।

प्रश्न 13. गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है?

उत्तर कूलर के आधार में एक पानी भरने का बर्तन होता है। घनाकार बर्तन के एक फलक पर पंखा लगाया जाता है व अन्य तीन फलकों पर घास की चटाई। उन पर एक युक्ति का प्रयोग कर पानी गिराया जाता है, पंखा बाहरी हवा को अंदर खींचता है और पानी का वाष्पन होता है जिसके लिए वह ऊष्मा अन्दर आने वाली हवा से ग्रहण करता है और हवा ठंडी हो जाती है।

प्रश्न 14. गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है?

उत्तर मिट्टी से बने घड़े में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिनसे घड़े में भरा पानी रिसकर बाहर आ जाता है तथा वायुमंडल की गर्म वायु के संपर्क में आकर वाष्पीकृत हो जाता है। जल के वाष्प में परिवर्तित होने के लिए आवश्यक ऊष्मीय ऊर्जा घड़े के भीतर वाले जल से प्राप्त होती है। इससे घड़े के भीतर उपस्थित जल ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 15. ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?

उत्तर ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र शीघ्रता से वाष्पीकृत हो जाते हैं। जब इन पदार्थों को हथेली पर डाला जाता है तो यह हथेली से ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं तथा वाष्पीकृत हो जाते हैं। ऊर्जा (ताप) के ह्रास से हमारी हथेली ठंडी हो जाती है।

प्रश्न 16. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?

उत्तरवाष्पीकरण या वाष्पन एक सतही प्रक्रिया है। प्लेट की खुली सतह का क्षेत्रफल कप के क्षेत्रफल से अधिक होता है, अतः प्लेट में दूध या चाय का वाष्पीकरण कप की अपेक्षा तेजी से होता है, और वे जल्दी ठंडे हो जाते हैं।

प्रश्न 17. गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए ?

उत्तर गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए। पसीने के वाष्पीकरण के दौरान पसीना हमारे शरीर या आसपास से ऊर्जा प्राप्त करके वाष्प में बदल जाता है। वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मीय ऊर्जा हमारे शरीर से अवशोषित हो जाती है जिससे शरीर ठंडा हो जाता है। चूँकि सूती कपड़ों में पसीने का अवशोषण अधिक होता है, इसलिए हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमंडल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है।

प्रश्न 18. निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें :

(a) 293 K

(b) 470 K

उत्तर – (a) °C = K – 273

= 293 – 273 = 20 °C

(b) °C = K – 273

= 470 – 273 = 197 °C

प्रश्न 19. निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें :

(a) 25 °C

(b) 373 °C

उत्तर – (a) K=°C + 273

= 25 + 273 = 298K

(b) K=°C + 273

= 373 + 273 = 646K

प्रश्न 20. निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें

(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।

उत्तर-नैफ्थलीन एक ऊर्ध्वपातज पदार्थ है और यह ठोस अवस्था से सीधे गैस में (बिना द्रव बने) परिवर्तित हो जाता है। अतः कोई अवशेष नहीं बचता ।

(b) हमें इत्र की गन्ध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।

उत्तर इत्र के कण वायु के कणों के साथ शीघ्रता से विसरित होकर वायुमण्डल में फैल जाते हैं। इसी प्रकार चारों ओर फैलने के कारण हमें कई मीटर दूर बैठे भी गन्ध पहुँच जाती है।

प्रश्न 21. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें

(a) जल

(b) चीनी

(c) ऑक्सीजनl

उत्तर ऑक्सीजन < जल < चीनी।

प्रश्न 22. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्थाएँ क्या हैं ?

(a) 25° C

(b) 0° C

(c) 100° C

उत्तर(a) 25°C पर पानी द्रव अवस्था में होगा।

(b) 0°C पर पानी ठोस अवस्था में होगा क्योंकि पानी 0°C पर जम जाता है।

(c) 100°C पर पानी गैसीय अवस्था में होगा क्योंकि 100°C पर पानी वाष्प अवस्था में बदल जाता है।

प्रश्न 23. पुष्टि हेतु कारण दें

(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।

(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस होती है।

उत्तर(a) पानी कक्ष-ताप पर द्रव होता है क्योंकि इसका कोई निश्चित आकार नहीं होता, इसे जिस बर्तन में डाला जाता है उसी की आकृति जैसा बन जाता है। इसका निश्चित आयतन होता है, इसे फर्श पर डालने से ढलान की ओर रहता है अतः हम कह सकते हैं कि कक्ष-ताप पर पानी द्रव है।

(b) लोहे की अलमारी कठोर व असंपीड्य है, इसका आकार निश्चित है इसीलिए यह ठोस है।

प्रश्न 24. 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?

उत्तर273 K पर पानी के कणों की अपेक्षा बर्फ के कणों की ऊर्जा कम होती है। फलतः, बर्फ वातावरण से अधिक ऊष्मा अवशोषित कर सकती है। यही कारण है कि समान ताप पर होते हुए भी बर्फ पानी की अपेक्षा अधिक ठंडक पहुँचाती है।

प्रश्न 25. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है?

उत्तर373 K पर वाष्प के कणों की ऊर्जा समान ताप पर पानी के कणों की ऊर्जा से अधिक होती है। ऐसा वाष्प के कणों द्वारा वाष्पन की गुप्त ऊष्मा के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा अवशोषित किए जाने के कारण होता है। अतः जब वाष्प त्वचा के संपर्क में आता है तो समान ताप पर उबलते पानी की अपेक्षा अधिक ऊर्जा मुक्त करता है। फलतः 373 K पर वाष्प द्वारा समान ताप पर उबलते पानी की अपेक्षा अधिक जलन पैदा होती है।

प्रश्न 26. निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन को नामांकित करें

उत्तर – A = गलनांक, B = वाष्पीकरण, C = संघनन, D = जमना, E = ऊर्ध्वपातन, F = निक्षेपण (संघनन)

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