UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 1 द्रव्य- प्रकृति एवं व्यवहार – Chapter-2 Is Matter Around Us Pure ( क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं ) NCERT Based Important Question Answer
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई 1 द्रव्य- प्रकृति एवं व्यवहार के अंतर्गत चैप्टर 2 (क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं) पाठ के NCERT के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर सहित प्रदान किया जा रहे हैं । UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Class | 9th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Is Matter Around Us Pure |
NCERT Based Important Question Answer
प्रश्न 1. पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – पदार्थ वह है जिसमें उपस्थित सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं।
प्रश्न 2. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर – समांगी और विषमांगी मिश्रण में अन्तर
समांगी |
विषमांगी |
1. इसके प्रत्येक अवयव के संघटन तथा गुण समान होते हैं। | 1. इसके प्रत्येक अवयव के संघटन तथा गुण समान नहीं होते। |
2. इसमें उपस्थित अवयवों को पृथक रूप से नहीं देखा जा सकता है।
उदाहरण-पीतल, काँसा, पानी में चीनी, ऐल्कोहॉल में पानी, प्रदूषण रहित वायु आदि । |
2. इसमें उपस्थित अवयवों को पृथक रूप से देखा जा सकता है।
उदाहरण-रेत कण और लौह चूर्ण, रेत + अमोनियम क्लोराइड, पानी में चॉक, पानी में तेल आदि ।
|
प्रश्न 3. उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर – समांगी प्रकृति – द्रव्य की वह स्थिति जिसमें सभी जगह गुण समरूप हों, समांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे, चीनी का घोल सर्वत्र समान रूप से मीठा होता है। अतः चीनी का घोल समांगी है।
विषमांगी प्रकृति–द्रव्य की स्थिति जिसमें एक अंश के गुण दूसरे से भिन्न हों, विषमांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे-मिट्टी युक्त पानी आदि ।
प्रश्न 4. विलयन, निलंबन और कोलॉइड़ एक–दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर – विलयन, निलंबन और कोलॉइड में निम्न प्रकार से अन्तर स्पष्ट किया जा सकता है-
विलयन |
कोलॉइड |
निलंबन |
1. यह दो या अधिक पदार्थों का सजातीय मिश्रण होता है। | यह सजातीय दिखने वाला लेकिन विषमजातीय मिश्रण होता है। | यह किसी ठोस का विषमजातीय मिश्रण है जो द्रव या गैस में विक्षेपित रहता है। |
2. विलेय के अणु दिखाई नहीं दे सकते हैं। | विलेय के अणु सूक्ष्मदर्शी से दिखाई दे सकते हैं। | ठोस अवस्था के अणु नंगी आँखों से दिखाई दे सकते हैं। |
3. कणों का आकार 10-7 cm से कम होता है। | कणों का आकार 10-7 cm से 10-5 cm तक होता है। | कणों का आकार 10-5cm से अधिक होता है। |
4. छनकर संघटकों को पृथक नहीं किया जा सकता है। | संघटकों को केवल अपकेन्द्रीकरण द्वारा ही पृथक किया जा सकता है। | संघटकों को साधारणतया बनकर पृथक किया जा सकता है। |
5. उदाहरण : चीनी का जलीय विलयन। | दुग्ध। | गंदला पानी। |
प्रश्न 5. एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36 g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293 K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सांद्रता प्राप्त करें।
हल : विलेय (सोडियम क्लोराइड) का द्रव्यमान = 36 g विलायक (जल) का द्रव्यमान = 100 g
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान = 36 g + 100 g = 136 g
विलयन की सान्द्रता = विलेय का द्रव्यमान / विलयन का द्रव्यमान × 100
=36 / 136 = × 100 = 26.47% उत्तर
प्रश्न 6. निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें– पेड़ों को काटना, मक्खन का एक बर्तन में पिघलना, अलमारी में जंग लगना, जल का उबलकर वाष्प बनना, विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना, जल में साधारण नमक का घुलना, फलों से सलाद बनाना तथा लकड़ी और कागज का जलना।
उत्तर – भौतिक परिवर्तन – पेड़ों का काटना, मक्खन का एक बर्तन में पिघलना, जल का उबलकर वाष्प बनना, जल में साधारण नमक का घुलना, फलों से सलाद बनाना।
रासायनिक परिवर्तन – अलमारी में जंग लगना, जल में विद्युतधारा का गुजरना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना, कागज और लकड़ी का जलना।
प्रश्न 7. अपने आस–पास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर – ऑक्सीजन, कॉपर, ऐलुमिनियम आदि शुद्ध पदार्थ हैं तथा वायु, शर्बत, पीतल आदि मिश्रण हैं।
प्रश्न 8. चाय तैयार करने के लिए आप किन–किन चरणों का प्रयोग करेंगे ?
विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर– चाय बनाते समय हम निम्नलिखित चरणों का प्रयोग करेंगे-
चरण 1. एक पतीली में थोड़ा पानी (विलायक) गर्म करें।
चरण 2. एक केतली में थोड़ी चाय-पत्तियाँ (विलेय) डालें।
चरण 3. उबलते पानी को केतली में डाल दें और पत्तियों को कुछ देर फूलने दें। यह एक विलयन में बदल जाएगा।
चरण 4. एक कप में चीनी (विलेय) डालें।
चरण 5. विलयन को केतली में हिलाएँ।
चरण 6. छलनी से छानकर विलयन को कप में डालें। दो छोटे चम्मच दूध डालें। चम्मच से मिलाएँ। अब चाय तैयार है। चाय की पत्तियाँ (अवशेष) छलनी में रह जाएँगी जबकि चाय (छना हुआ भाग) विलयन में घुल जाएगी। चीनी और दूध घुलनशील विलेय हैं जबकि चाय की पत्तियाँ अघुलनशील विलेय हैं।
प्रश्न 9. प्रज्ञा ने तीन अलग–अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा तथा नीचे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100 g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है–
विलेय पदार्थ |
तापमान K में |
||||
283 | 293 | 313 | 333 | 353 | |
पोटैशियम नाइट्रेट | 21 | 32 | 62 | 106 | 167 |
सोडियम क्लोराइड | 36 | 36 | 36 | 37 | 37 |
पोटैशियम क्लोराइड | 35 | 35 | 40 | 46 | 54 |
अमोनियम क्लोराइड | 24 | 37 | 41 | 55 | 66 |
(a) 50 g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी ?
(b) प्रज्ञा 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठंडा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी ?
(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन–सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-(a) तालिका के अनुसार, 313 K पर 100 g जल में 62h पोटैशियम नाइट्रेट संतृप्त विलयन बनाने के लिए घोला है। अतः 50g जल मे इसका संतृप्त विलयन बनाने के लिए 50*62/100 =31g पोटैशियम नाइट्रेट घोलना पड़ेगा।
(b) जब पोटैशियम क्लोराइड के 353 K (80°C) पर संतृप्त घोल की कमरे के तापमान (293 K या 20°C) तक ठंडा किया गया तो उसकी विलेयता घट जाती है और इसके क्रिस्टल पात्र की तली पर इकट्ठा हो जायेंगे।
(c) 20°C पर पोटैशियम नाइट्रेट की विलेयता
100 g m जल में पोटैशियम नाइट्रेट की विलेय मात्रा = 32g विलयन की संहति = 100 + 32 = 132 g
विलेयता = = 32 / 132 × 100
=3200 / 132 = 24.3% लगभग
(ii) सोडियम क्लोराइड की 20°C पर विलेयता – 100 g पानी में घोली गई सोडियम क्लोराइड की संहति 36 g विलयन की संहति = 100 + 36 = 136 g
विलेयता = 36 / 136*100
= 3600 / 136 × 100 = 26.47%
(iii) पोटैशियम क्लोराइड की 20°C पर विलेयता -100g पानी में घुलित पोटैशियम क्लोराइड की संहति = 35 g विलयन की संहति = 100 + 35 = 135 g
विलेयता = 35/135 × 100
= 3500 / 135 = 26%
(iv) अमोनियम क्लोराइड की 20°C पर विलेयता – 100 g जल में अमोनियम क्लोराइड की घुलित संहति=37g
विलयन की संहति 100 + 37 =137g
विलेयता= 37 / 137*100 =3700 / 137 =27%
अतः अमोनियम क्लोराइड की विलेयता अधिकतम है।
(d) किसी भी पदार्थ की घुलनशीलता तापमान के बढ़ने से बढ़ जाती है।
प्रश्न 10. निम्नलिखित की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिएका
(a) संतृप्त विलयन
(b) शुद्ध पदार्थ
(c) कोलॉइड
(d) निलम्बन।
उत्तर– (a) संतृप्त विलयन– किसी दिए हुए तापमान पर जब उस द्रव में और अधिक विलेय पदार्थ न घुल सके उसे संतृप्त घोल कहते हैं।
उदाहरण-कक्ष ताप (20°C) पर 50 mL पानी एक बीकर में लो। अब इसमें सोडियम क्लोराइड (नमक) थोड़ा-थोड़ा करके डालो और घोल लो। ध्यान रहे कि नमक तली में न रहे। इसी प्रकार नमक डालो और हिलाओ। एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि और पदार्थ (नमक) घुलना बन्द हो जाता है। यही कक्ष ताप पर संतृप्त विलयन है।
(b) शुद्ध पदार्थ – वे वस्तुएँ जिनका दिए गए तापमान पर रंग-रूप, संरचना, स्वाद व स्वभाव एकसमान रहे और उसके हर भाग में संरचना समान हो और उसे सरल भौतिक विधियों द्वारा और सरल पदार्थों में विभाजित न किया जा सके उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं।
एक शुद्ध पदार्थ या तो तत्त्व होगा या फिर यौगिक ।
उदाहरण– सोना, चाँदी, सोडियम, पोटैशियम, कार्बन डाइऑक्साइड आदि शुद्ध पदार्थ हैं।
(c) कोलॉइड–यह एक ऐसा विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलेय व विलायक दोनों के कण समान रूप से फैले होते हैं और अधिक देर तक रखने पर भी कण नीचे नहीं बैठते। क्योंकि इनका आकार 1 nm से 100 nm के बीच होता है। ये कोलॉइडी कण परिक्षेपण माध्यम में से गुजरने वाले दृश्य प्रकाश का प्रकीर्णन कर देते हैं।
उदाहरण-दूध, स्याही, धुंध, रक्त आदि।
(d) निलम्बन – निलम्बन एक ऐसा विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलायक में विलेय पदार्थ घुलता नहीं है और उसके कणों को नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है। इसके कणों का आकार 10-5 cm से भी ज्यादा होता है। अधिक देर बिना हिलाए रखने पर कण नीचे बैठ जाते हैं।
उदाहरण – जैसे- चॉक के पाउडर का पानी में विलयन।
प्रश्न 11. निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें– सिरका, सोडा जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, छनी हुई चाय।
उत्तर– समांगी मिश्रण: सोडा जल, सिरका, छनी हुई चाय, वायु, बर्फ।
विषमांगी मिश्रण : लकड़ी, मिट्टी।
प्रश्न 12. आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?
उत्तर– रंगहीन तरल पदार्थ किसी भी भौतिक विधि द्वारा और अधिक सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता यदि इसे वाष्पित किया जाए तो शेष कुछ नहीं बचता इसलिए दिया गया तरल शुद्ध पदार्थ है। दिए गए तरल का विद्युत विच्छेदन करने पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन आयतन के अनुसार 2:1 के अनुपात में प्राप्त होती है अतः दिया गया तरल जल है जो एक यौगिक है। दिया गया तरल वायुमण्डलीय दाब पर 373 K पर उबलने लगता है जो कि शुद्ध जल का क्वथनांक है अतः दिया गया तरल शुद्ध जल है।
प्रश्न 13. निम्नलिखित में से कौन–सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ हैं ?
(a) बर्फ
(b) दूध
(c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(d) लोहा
(e) कैल्सियम ऑक्साइड
(f) पारा
(g) इंट
(h) लकड़ी
(i) वायु
उत्तर– निम्न शुद्ध ‘पदार्थ’ हैं- (a) बर्फ (c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (d) लोहा (e) कैल्सियम ऑक्साइड (1) पारा।
प्रश्न 14. निम्न मिश्रणों में से विलयन की पहचान करो –
(a) मिट्टी
(b) समुद्री जल
(c) वायु
(d) कोयला
(e) सोडा जल
उत्तर– विलयन– (b) समुद्री जल (c) वायु (e) सोडा जल।
प्रश्न 15. निम्नलिखित में से कौन टिण्डल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा?
(a) नमक का घोल
(b) दूध
(c) कॉपर सल्फेट का विलयन
(d) स्टार्च विलयन
उत्तर-(b) दूध और (d) स्टार्च विलयन ‘टिण्डल प्रभाव’ दिखाएँगे।
प्रश्न 16. निम्नलिखित को तत्त्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें –
(a) सोडियम
(b) मिट्टी
(c) चीनी का घोल
(d) चाँदी
(e) कैल्सियम कार्बोनेट
(f) टिन
(g) सिलिकन
(h) कोयला
(i) वायु
(j) साबुन
(k) मेथेन
(l) कार्बन डाइऑक्साइड
(m) रक्त
उत्तर–तत्त्व–सोडियम, चाँदी, टिन, सिलिकन।
यौगिक–कैल्सियम कार्बोनेट, मेथेन, कार्बन डाइऑक्साइड।
मिश्रण–मिट्टी, चीनी का घोल, कोयला, साबुन, वायु, रक्त।
प्रश्न 17. निम्नलिखित में से कौन–कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं?
(a) पौधों की वृद्धि
(b) लोहे में जंग लगना
(c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को मिलाना
(d) खाना पकाना
(e) भोजन का पाचन
(f) जल से बर्फ बनना
(g) मोमबत्ती का जलना
उत्तर–पौधों में वृद्धि, लोहे में जंग लगना, खाना पकाना, भोजन का पाचन और मोमबत्ती का जलना-रासायनिक परिवर्तन हैं।