UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 2 सजीव जगत में संगठन – Chapter-6 Tissues ( ऊतक) NCERT Based Important Question Answer
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई2 सजीव जगत में संगठन के अंतर्गत चैप्टर6 ( ऊतक ) पाठ के NCERT के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर सहित प्रदान किया जा रहे हैं । UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Class | 9th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Tissues |
NCERT Based Important Question Answer
प्रश्न 1. ऊतक क्या है ?
उत्तर – कोशिकाओं का ऐसा समूह जो बनावट व कार्य में समान होता है, एक ही तरह के कार्य को सम्पन्न करता है ऊतक कहलाता है।
प्रश्न 2. बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
उत्तर – बहुकोशिक जीवों में लाखों कोशिकाएँ होती हैं। इनमें से अधिकतर कुछ ही कार्यों को सम्पन्न करने के लिए होती हैं। प्रत्येक विशेष कार्य कोशिकाओं के विभिन्न समूहों द्वारा किया जाता है। बहुकोशिक जीवों में श्रम विभाजन होता है। शरीर के अन्दर ऐसी कोशिकाएँ जो एक तरह के कार्य को सम्पन्न करने में दक्ष होती हैं, सदैव एक ही समूह में रहती हैं अर्थात् ऊतक बनाती हैं।
प्रश्न 3. सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर – सरल ऊतकों के तीन प्रकार हैं-
(i) मृदूतक
(ii) स्थूलकोण ऊतक
(iii) दृढ़ोतक ।
प्रश्न 4. प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर – एपिकल विभज्योतक जड़ तथा तने की चोटी पर पाया जाता है। यह तने तथा जड़ों की वृद्धि करने में सहायता करता है।
प्रश्न 5. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?
उत्तर – स्क्लेरेन्काइमा (दृढ़ोतक) ऊतक से।
प्रश्न 6. फ्लोएम के संघटक कौन–कौन से हैं?
उत्तर – (i) चालनी नलिका, (ii) सहकोशिकाएँ, (iii) फ्लोएम मृदूतक, (iv) फ्लोएम रेशे।
प्रश्न 7. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर – पेशी ऊतक हमारे शरीर की गति के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न 8. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है ?
उत्तर – तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को न्यूरॉन कहा जाता है। न्यूरॉन में कोशिकाएँ केन्द्रक तथा साइटोप्लाज्म होते हैं। इससे लम्बे, पतले बालों जैसी शाखाएँ निकली होती हैं। प्रायः प्रत्येक न्यूरॉन में इस तरह का एक लम्बा प्रवर्ध होता है, जिसे एक्सॉन कहते हैं और बहुत सारी छोटी शाखा वाले प्रवर्धी को डेन्ड्राइट्स कहते हैं। एक तंत्रिका कोशिका एक मीटर लम्बी हो सकती है।
प्रश्न 9. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर – हृदय पेशी ऊतक के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं-
(i) ये अनैच्छिक पेशियाँ ही होती हैं जो सामान्य परिस्थितियों में जीवनपर्यन्त लयबद्ध संकुचन और प्रसार करती हैं।
(ii) ये ऊतक बेलनाकार, कम शाखित व एक या दो केन्द्रकीय होते हैं।
(iii) इन ऊतकों पर हल्की व कम गहरी धारियाँ होती हैं।
प्रश्न 10. एरीओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर – एरीओलर ऊतक त्वचा व पेशी के बीच रक्त वाहिकाओं के गिर्द, अस्थिमज्जा व तन्त्रिकाओं में पाया जाता है।
कार्य – (i) यह अंगों के मध्य स्थान की पूर्ति करता है।
(ii) अन्दर के अंगों को सहारा देता है।
(iii) यह ऊतकों की मरम्मत में भी सहायता करता है।
प्रश्न11. ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर – कोशिकाओं के ऐसे समूह को जिनकी उत्पत्ति, रचना व कार्य एक समान हो, ऊतक कहते हैं।
प्रश्न12. कितने प्रकार के तत्त्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं। उनके नाम बताएँ।
उत्तर – चार प्रकार के अवयव मिलकर जाइलम ऊतक को बनाते हैं। वे निम्न प्रकार के हैं- (1) वाहिनिकाएँ (2) वाहिकाएँ (3) जाइलम पैरेन्काइमा (4) जाइलम फाइबर्स ।
इनमें से वाहिकाएँ सबसे प्रमुख हैं। इनकी कोशिका भित्ति कठोर व सामान्यतया मृत होती है। जाहिकाएँ बेलनाकार होती हैं और एक नलिका-सी बनाती हैं जो पानी व खनिज लवणों को जड़ों से पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाते हैं। पैरेन्काइमा भोजन संग्रहण करती है जबकि फाइबर्स दृढ़ता प्रदान करते हैं।
प्रश्न13. पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर–सरल ऊतक तथा जटिल ऊतक में निम्नलिखित अन्तर हैं-
सरल ऊतक | जटिल ऊत्तक |
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं।
2. ये जीवित कोशिकाएँ हैं जो शिथिलता से जुड़ी होती हैं। 3. ये पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाएँ हैं। 4. ये परत ऊतक के आधारीय पैकिंग का निर्माण करते हैं। |
1. ये विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर निर्मित होते हैं।
2. जाइलम की अधिकांश कोशिकाएँ मृत होती हैं तथा फ्लोएम में फ्लोएम रेशे मृत होते हैं। 3. इनकी कोशिका भित्ति मोटी होती है। 4. ये संवहन बण्डल का निर्माण करते हैं। |
प्रश्न14. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा व स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर – पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा व स्क्लेरेन्काइमा में निम्नलिाखत अन्तर हैं-
पैरेन्काइमा (मृदूतक) | कॉलेन्काइमा (स्थूलकोण ऊतक ) | स्क्लेरेन्काइमा ( दृढ़ोतक ) |
1. इनकी कोशिका भित्ति पतली होती हैं और कोशिकाएँ समान होती हैं ।
2. साइटोप्लाज्म कोशिकाद्रव्य सदैव पाया जाता हैं।
3. ये कोशिकाएँ सजीव होती हैं।
4. इनके बीच अन्तराकोशीय स्थान पाया जाता हैं। |
इनकी कोशिका भित्ति किनारों पर सेलुलोस व पेक्टिन के जमाव के कारण कठोर हो जाती हैं।
इनमें भी कोशिकाद्रव्य पाया जाता हैं।
ये कोशिकाएँ भी सजीव होती हैं।
इनमें अन्तराकोशिकीय स्थान अनुपस्थित होता हैं। |
इनकी कोशिका भित्ति लिग्निन के जमने के कारण कठोर होती हैं।
इनकी भित्ति इतनी मोटी हो जाती हैं अतः सामान्यतया ये कोशिकाद्रव्य से वंचित होती हैं । ये कोशिकाएँ सामान्यतया मृत होती हैं। इन कोशिकाओं के बीच में अन्तराकोशिकीय स्थान अनुपस्थित होता हैं। |
प्रश्न 15. रन्ध्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर– पौधों की पत्तियों में बाह्य त्वचा या एपिडर्मिस की कोशिकाओं में छोटे-छोटे रन्ध्र होते हैं उन्हें स्टोमेटा या वात-रन्ध्र कहते हैं। ये पौधे के लिए अग्र प्रकार आवश्यक हैं-
(i) ये वायुमण्डल से पौधों में वायु की गैसों का आदान-प्रदान कराने में सहायक हैं अर्थात् इनकी सहायता से पौधे प्रकाश संश्लेषण क्रिया के लिए कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं।
(ii) रन्ध्र वाष्पोत्सर्जन की क्रिया में भी पौधे की पत्तियों द्वारा फालतू पानी को वाष्प के रूप में वायुमण्डल में उत्सर्जित करते हैं।
प्रश्न 16. तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर–
चित्र-पेशीय ऊतक: (a) रेखित पेशी,(b) चिकनी पेशी,
(c) कार्डिक (हृदयक) पेशी
प्रश्न 17. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर– हृदयक पेशी ऊतक अनैच्छिक ऊतक है अतः ये जीवनपर्यन्त हृदय में लयबद्ध संकुचन व प्रसार करती रहती हैं, जिसके कारण शरीर में रुधिर का परिवहन होता है और हम जीवित रहते हैं।
प्रश्न 18. रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर – रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशी में निम्नलिखित अन्तर हैं–
रेखित या ऐच्छिक पेशी | अरेखित या अनैच्छिक पेशी | हृदय पेशी |
1.इस ऊतक की कोशिकाएँ लंबी बेलनाकार तथा अशाखित होती हैं।
2. इस पर हल्के व गहरे रंग के बंध एकान्तर क्रम में उपस्थित होते हैं।
3. इनमें बहुत सारे केन्द्रक होते हैं जो पेशी के बाहर की ओर स्थित होते हैं ।
4. ये पेशियाँ हमारी इच्छानुसार कार्य करती हैं।
5. ये पेशियाँ हड्डियों के साथ जुड़ी होती हैं। और शरीर की गति में सहायता करती हैं। |
इस ऊतक की कोशिकाएँ लंबी, तर्कुरूपी व शाखित होती है।
इन पर कोई बन्ध नही होते इसलिए इन्हें अरेखित पेशी ऊतक कहते हैं।
इन कोशिकाओं के अन्दर मध्य भाग में स्थित एक केन्द्रक है ।
ये पेशियाँ हमारी इच्छा के अनुसार कार्य नहीं करती हैं।
ये पेशियाँ हमारे शरीर के अन्दर आमाशय, मूत्रवाहिनी आदि अंगों की भित्ति में होती हैं। |
कोशिकाएँ बेलनाकार तथा शाखित होती हैं ।
इनके आर- पार बंध बहुत हल्के (कम गहरे) होते हैं ।
प्रत्येक कोशिका के मध्य एक या कभी-कभी दो केन्द्र भी होते हैं।
ये पेशियाँ भी हमारी इच्छा के अनुसार कार्य नहीं करती हैं।
सामान्य परिस्थिति में लयबद्ध संकुचन व प्रसार करती हैं। इसी से शरीर में रुधिर का परिवहन होता हैं। |
प्रश्न 19. न्यूरॉन का एक चिन्हित चित्र बनाएँ।
उत्तर – न्यूरॉन का चित्र
प्रश्न 20. निम्नलिखित के नाम लिखिए –
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक ।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक ।
उत्तर– (a) शल्की या पट्टीदार एपिथीलियम (Squamous epithelium)
(b) कण्डरा (Tendon)
(c) फ्लोएम (Phloem)
(d) वसामय ऊतक (Adipose tissue)
(e) रक्त (Blood)
(f) न्यूरॉन (Neuron)
प्रश्न 21. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें – त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन वण्डल ।
उत्तर– (1) त्वचा – शल्की एपिथीलियम ऊतक ।
(2) पौधे का वल्क – विभज्योतक ।
(3) अस्थि – अस्थि संयोजी ऊतक ।
(4) वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाकार एपिथीलियम।
(5) संवहन बण्डल – जाइलम और फ्लोएम ।
प्रश्न 22. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?
उत्तर – ये ऊतक पौधे के विभिन्न भागों में जैसे जड़, तना, पत्तियाँ, फल, फूल इत्यादि में पाए जाते हैं। इन ऊतकों में जब क्लोरोफिल पाई जाती है और ये पौधे का भोजन बनाती हैं उस स्थिति में इन्हें क्लोरेन्काइमा कहते हैं।
प्रश्न 23. पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर – एपिडर्मिस जो कोशिकाओं की बाह्यतम परत है वह रक्षात्मक ऊतक का कार्य करती है। ये ऊतक सामान्यतया जड़, तने, पत्तियों और फूलों की कोशिकाओं के बाहर पाए जाते हैं। यह मोटाई में एककोशिकीय होती है जिसके बाहर क्यूरिन की परत चढ़ी होती है। जैसे-जैसे पौधे की आयु बढ़ती है परिधि पर स्थित एपिडर्मिस के अन्दर की कोशिकाएँ कॉर्क कोशिकाओं में रूपान्तरित हो जाती हैं। इनकी कोशिका भित्ति सुबेरिन के जमाव के कारण बहुत मोटी व मृत हो जाती है। यह जल की हानि को कम करती है।
प्रश्न 24. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?
उत्तर – कॉर्क एक सुरक्षा ऊतक की तरह कार्य करता है क्योंकि-
(i) इसकी कोशिकाएँ मृत होती हैं तथा बिना स्थान छोड़े लगातार परत बनाती हैं।
(ii) इसकी भित्ति पर सुबेरिन जमा होता है जो इसे गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करने योग्य बनाता है। अतः कॉर्क ऊतकों की अत्यधिक पानी हानि बाह्य वायुमंडल के प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करती है।