UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science Chapter- 6 Tissues (ऊतक) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttareey Prashn

UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 2 सजीव जगत में संगठन – Chapter-6 Tissues ( ऊतक) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttareey Prashn

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई2 सजीव जगत में संगठन  के अंतर्गत चैप्टर6 ( ऊतक ) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें

Class  9th  Subject  Science (Vigyan)
Pattern  NCERT  Chapter-  Tissues

लघु उत्तरीय प्रश्न / Laghu Uttareey Prashn

प्रश्न 1. जाइलम एवं फ्लोएम में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – जाइलम एवं फ्लोएम में निम्नलिखित अन्तर हैं-

जाइलम (Xylem) फ्लोएम (Phloem)
1. जाइलम द्वारा जल और उसमें घुले लवणों का संवहन होता है। 1. फ्लोएम से पत्तियों द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थों का संवहन होता है।
2. यह निर्जीव ऊतक है। 2. यह सजीव ऊतक है।
3. इसमें मुख्यतः संवहन नलिकाएँ होती हैं। 3. इसमें मुख्यतः चालनी नलिकाएँ होती हैं।
4. इनकी भित्ति बहुत मोटी होती है। 4. इनकी भित्ति कम मोटी होती है।

प्रश्न 2. लसिका के कार्य लिखिए।

उत्तर – लसिका के कार्य निम्नलिखित हैं

(i) लसिका ऊतकों तक भोज्य पदार्थों का संवहन करती है।

(ii) ऊतक से उत्सर्जी पदार्थ एकत्रित करती है।

(iii) हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके शरीर की रक्षा करती है।

(iv) पचे वसा का अवशोषण करके शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती है।

(v) शरीर के घाव भरने में सहायक होती है।

प्रश्न 3. लसिका तथा रक्त में अन्तर लिखिए।

उत्तर- लसिका तथा रक्त में निम्नलिखित अन्तर हैं-

लसिका (Lymph) रक्त (Blood)
1. लसिका रंगहीन द्रवीय ऊतक है। 1. रक्त लाल रंग का द्रवीय ऊतक है।
2. इसमें प्रोटीन की मात्रा कम होती है। 2. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
3. इसमें लाल रक्त कणिकाओं का पूर्ण अभाव होता है। 3. इसमें लाल रक्त कणिकाएँ पायी जाती हैं।
4. इसमें उत्सर्जी पदार्थ अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। 4. इसमें उत्सर्जी पदार्थ कम मात्रा में पाये जाते हैं।

प्रश्न 4. स्थूलकोण ऊतक, दृढ़ोतक तथा मृदृतक में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- स्थूल कोण ऊतक, दृढ़ोतक तथा मृदृतक में अन्तर

क्र.सं. स्थलकोण ऊतक दृढोतक मृदूतक
1. इसकी कोशिकाएँ समूह में होती हैं तथा कोनों पर मोटी होती हैं। इसकी कोशिकाएँ मोटी व मृत होती हैं। इसकी कोशिकाएँ पतली भित्ति वाली व सजीव होती हैं।
2. इनमें बहुत कम इनमें कोशिकाओं के अन्तराकोशीय स्थान होते हैं। मध्य अन्तराकोशीय स्थान नहीं होते। यह इनमें कोशिकाओं के मध्य अन्तराकोशीय स्थान होते हैं।
3. यांत्रिक सहायता व लचीलापन प्रदान करता है। पौधों को मजबूती प्रदान करता है। पौधे को सहायता प्रदान करता है और भोजन का भंडारण करता है।

 प्रश्न 5. पादपों में विभज्योतक ऊतकों का क्या महत्त्व है?

उत्तर- ये पादप के केवल वृद्धि करने वाले भागों जैसे प्ररोह की चोटी, जड़ की चोटी तथा कैम्बियम जैसे क्षेत्र, जो मोटाई में वृद्धि करता है, में पाये जाते हैं। इनकी कोशिकाएँ निरन्तर विभक्त होती रहती हैं जिससे पौधे की लम्बाई तथा मोटाई में वृद्धि होती है। विभज्योतक का मुख्य कार्य कोशिका विभाजन द्वारा नवीन कोशिकाओं का निर्माण करना है।

प्रश्न 6. मनुष्य की पेशियों के चार प्रमुख कार्य बताइए।

उत्तर- पेशियों के कार्य

(1) पेशियों शरीर के सभी बाह्य एवं आन्तरिक अंगों को गति प्रदान करने में सहायक होती हैं।

(2) पेशियाँ शरीर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का कार्य करती हैं।

(3) पेशियों हृदय की धड़कनों के द्वारा रुधिर को प्रवाहित करने का कार्य करती हैं।

(4) पेशियाँ अन्य जन्तुओं पर बल लगाकर यान्त्रिक कार्य करती हैं। जैसे- किसी वस्तु को ऊपर उठाना, खींचना तथा धकेलना।

प्रश्न 7. उपास्थि तथा अस्थि में अन्तर स्पष्ट कीजिए। उपास्थियाँ शरीर में मुख्यतः कहाँ-कहाँ पायी जाती हैं?

उत्तर- उपास्थि तथा अस्थि में मुख्य अन्तर निम्नलिखित हैं-

उपास्थि अस्थि
1. मैट्रिक्स काण्ड्रिन का बना होता है। 1. मैट्रिक्स ओसीन का बना होता है।
2. कोशिकाएँ अर्द्धगोलाकार होती हैं। 2. कोशिकाएँ अनियमित आकार की होती हैं।
3. कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता होती है। 3. कोशिकाएँ विभाजित नहीं होती हैं।
4. इनमें अस्थिमज्जा का अभाव होता है। 4. इनमें अस्थिमज्जा होती है।
5. कोमल व लचीली होती हैं। 5. कठोर होती हैं।

उपास्थियाँ मुख्यतः बाह्य-कान, नाक का सिरा, श्वास-नलिकाओं के छल्लों, बाहों एवं पैरों की लम्बी अस्थियों के सिरों तथा मेरुदण्ड की कशेरुकाओं के बीच पायी जाती हैं।

प्रश्न 8. हृदयक पेशी की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- हृदयक पेशी की विशेषताएँ- ये पेशियाँ केवल हृदय की मांसल ‘भित्तियों में पायी जाती हैं और शाखान्वित होती हैं। ये शाखाएँ आपस में मिलकर एक जाल का निर्माण करती हैं। पेशियों में एक- एक केन्द्रक उपस्थित होता है एवं चारों तरफ से सार्कीलेमा द्वारा घिरा होता है। इन पेशियों में रेखित व अरेखित पेशियों के गुण पाये जाते हैं। एक केन्द्रक दूसरे केन्द्रक से अन्तर्विष्ट पट्टियों (intercalated discs) द्वारा अलग रहते हैं। इन पेशियों में स्वतः ही संकुचन निरन्तर एक ही लय (rhythm) में जीवन के आरम्भ से मृत्यु तक चलता रहता है। ये पेशियाँ अनैच्छिक एवं कभी न थकने वाली होती हैं।

प्रश्न9. ‘अरेखित’ तथा ‘रेखित’ पेशी में अन्तर स्पष्ट कीजिए एवं दोनों के उदाहरण दीजिए।

उत्तर- अरेखित पेशियों का संचालन जीव की इच्छानुसार नहीं होता जबकि रेखित पेशियों का संचालन जीव की इच्छानुसार होता है।

अरेखित पेशी हैं- मूत्राशय, फेफड़े आदि में।

रेखित पेशी हैं- अग्रपाद तथा पश्चपाद में।

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