UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science Chapter-9 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttareey Prashn

UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 3 गति, बल तथा कार्य – Chapter-9 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttareey Prashn

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई3 गति, बल तथा कार्य  के अंतर्गत चैप्टर9 (गुरुत्वाकर्षण) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें                        

Class  9th  Subject  Science (Vigyan)
Pattern  NCERT  Chapter-  Gravitation

लघु उत्तरीय प्रश्न / Laghu Uttareey Prashn

 

प्रश्न 1. गुरुत्वीय त्वरण का किसी पिण्ड की गति पर क्या प्रभाव पड़ता है यदि-

(i) पिण्ड को ऊर्ध्वाधरतः ऊपर को फेंका गया हो?

(ii) पिण्ड को कुछ ऊँचाई से गिराया गया हो?

(iii) पिण्ड को ऊँचे स्थान से क्षैतिज दिशा में फेंका गया हो ?

(iv) पिण्ड को भूमि से कुछ कोण बनाते हुए ऊपर को फेंका गया हो?

उत्तर- (i) पिण्ड ऊपर की ओर घटती हुई चाल से गति करता है तथा एक ऊँचाई तक जाकर रुक जाता है। इसके बाद पिण्ड नीचे की ओर बढ़ती हुई चाल से गिरता है।

(ii) पिण्ड बढ़ती हुई चाल से पृथ्वी की ओर ऋजु रेखा में गिरता है।

(iii) पिण्ड की क्षैतिज चाल एकसमान रहती है एवं ऊर्ध्वाधरतः नीचे की ओर गिरने पर चाल बढ़ती जाती है। पिण्ड एक अर्द्ध-परवलय के मार्ग पर पृथ्वी पर आगे जाकर गिरता है।

(iv) पिण्ड एक परवलयाकार मार्ग पर गति करते हुए कुछ ऊँचाई तक ऊपर उठता है तथा उसके बाद नीचे पृथ्वी पर, कुछ आगे जाकर गिरता है।

प्रश्न 2. न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सम्बन्धी नियम लिखिए तथा सम्बन्धित सूत्र दीजिए।

उत्तर-दो बिन्दु कणों का पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा बल की दिशा दोनों वस्तुओं को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।

यदि एक कण का द्रव्यमान m₁  दूसरे कण का द्रव्यमान m2 तथा इनके बीच की दूरी R हो तो

F=G. m1 m2 /r2

यहाँ F दोनों वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल है तथा G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।

प्रश्न 3. गुरुत्वाकर्षण नियतांक क्या होता है? इसका SI मात्रक निगमित कीजिए।

उत्तर-यदि दो पिण्डों के द्रव्यमान m₁ एवं m₂ तथा उनके बीच की दूरी हो तो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल

प्रश्न 4. गुरुत्वाकर्षण, गुरुत्व तथा गुरुत्वीय त्वरण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-पदार्थ के किन्हीं दो कणों के बीच उनके द्रव्यमान तथा बीच की दूरी पर निर्भर रहने वाले आकर्षण बल के उत्पन्न होने के गुण को गुरुत्वाकर्षण (gravitation) कहते हैं, जबकि पृथ्वी द्वारा किसी पिण्ड पर आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व (gravity) तथा इसके द्वारा पिण्ड में उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।

इस प्रकार गुरुत्वाकर्षण द्रव्य का एक मौलिक गुण, गुरुत्व एक बल तथा गुरुत्वीय त्वरण एक त्वरण है।

प्रश्न 5. राशियाँ G तथा क्या व्यक्त करती हैं? इनमें सम्बन्ध बताने वाला समीकरण स्थापित कीजिए।

उत्तर-राशि G गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। इसका मान परस्पर 1 m की दूरी पर स्थित 1 kg द्रव्यमान के दो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल को व्यक्त करता है।

राशि g गुरुत्वीय त्वरण है अर्थात् यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण को व्यक्त करती है।

g तथा G में सम्बन्ध निम्नवत् है-

g=G.Me / Re2

जबकि M. पृथ्वी का द्रव्यमान तथा R पृथ्वी की औसत त्रिज्या है।

प्रश्न 6. किसी वस्तु के ‘भार’ से क्या तात्पर्य है? भार का SI मात्रक क्या है?

उत्तर-किसी वस्तु पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल को वस्तु का भार कहते हैं। इसका मान वस्तु के द्रव्यमान (m) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल से व्यक्त होता है (W = m.g) ।

भार का SI मात्रक वही है जो बल का अर्थात् न्यूटन (Newton) I

प्रश्न 7. लोहे का बना जहाज जल पर तैरता है जबकि ठोस लोहे का टुकड़ा जल में डूब जाता है। क्यों?

उत्तर-लोहे के टुकड़े का भार उसके द्वारा हटाए गए जल के भार से अधिक होता है जिससे वह जल में डूब जाता है। जहाज का ढाँचा इस प्रकार बनाया जाता है कि इसके थोड़े से हिस्से द्वारा हटाए गए जल का भार जहाज तथा उसमें लदे सामान के भार के बराबर होता है जिससे जहाज तैरने लगता है।

प्रश्न 8. जब मनुष्य चलता है तो भूमि पर दाब क्यों अधिक पड़ता है, अपेक्षाकृत कि जब वह खड़ा होता है?

उत्तर-जब मनुष्य चलता है, तो एक समय पर उसका एक ही पैर भूमि पर होता है। इसके कारण, मनुष्य के भार का दाब उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, जब मनुष्य खड़ा होता है, तो उसके दोनों पैर भूमि पर होते हैं। इसके कारण मनुष्य के भार का बल भूमि के बड़े क्षेत्र पर लगता है और भूमि पर कम दाब उत्पन्न करता है।

प्रश्न 9. गद्दे पर जब मनुष्य खड़ा होता है तो क्यों काफी अधिक दबता है अपेक्षाकृत कि जब वह उस पर लेटा होता है?

उत्तर-जब मनुष्य गद्दे के ऊपर खड़ा होता है तो उसके केवल दो पैर (कम क्षेत्रफल वाले) गद्दे के संपर्क में होते हैं। इसके कारण मनुष्य का भार गद्दे के छोटे से क्षेत्र पर लगता है और अधिक दाब उत्पन्न करता है। यह अधिक दाय गद्दे में बड़े गर्त का कारण होता है। दूसरी ओर जब वही मनुष्य गद्दे के ऊपर लेटा होता है, तो इसका संपूर्ण शरीर (बड़े क्षेत्रफल वाला) गद्दे के संपर्क में होता है। इस स्थिति में मनुष्य का भार गद्दे के काफी बड़े क्षेत्र के ऊपर लगता है और काफी कम दाब उत्पन्न करता है और यह कम दाब गद्दे में बहुत छोटा गर्त बनाता है।

प्रश्न 10. गुरुत्वीय त्वरण (g) व गुरुत्वीय स्थिरांक (G) में सम्बन्ध तथा अन्तर बताइये।

उत्तर-गुरुत्वीय त्वरण (g) व गुरुत्वीय स्थिरांक (G) में सम्बन्ध

g=G.Me / R2

गुरुत्वीय त्वरण व गुरुत्वीय स्थिरांक में अन्तर

गुरुत्वीय त्वरण (g) गुरुत्वीय स्थिरांक (G)
1. इसका मान 9.81 ms-2 होता है। 1. इसका मान 6.6734 × 10-11 N-m² kg-2 होता है।
2. इसका मान भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न होता है। 2. इसका मान सदैव स्थिर रहता है।

 

3. इसका मात्रक m s-2 है। 3. इसका मात्रक N-m² kg-2 है।
4. यह एक सदिश राशि है।

 

4. यह एक अदिश राशि है।

 

 प्रश्न 11. नीचे की ओर गिरती हुई और ऊपर की ओर फेंकी गयी वस्तुओं के लिए u, v, g और h में सम्बन्ध लिखिए।

उत्तर- (1) यदि कोई वस्तु आरम्भिक वेग u से नीचे गिर रही है,

तब t सेकण्ड पश्चात् अन्तिम वेग

(v) = u + gt

t सेकण्ड पश्चात् तय की गयी दूरी

(h) = ut + 1/2g t²

v, u व h में सम्बन्ध v² = u² + 2 gh

(2) यदि कोई वस्तु विराम की अवस्था से नीचे गिर रही है तब आरम्भिक वेग (u) = 0

t सेकण्ड पश्चात् अन्तिम वेग (v) = gt

t सेकण्ड पश्चात् तय की गयी दूरी (h) = 1/2 g t²

v, u व h में सम्बन्ध v² = 2 g h

(3) जब कोई वस्तु आरम्भिक वेग (u) से ऊपर जा रही है, तब गुरुत्वीय त्वरण (g) ऋणात्मक होगा क्योंकि वस्तु के वेग की दिशा ऊपर की ओर है और गुरुत्वीय त्वरण की दिशा नीचे की ओर।

इस स्थिति में

t सेकण्ड पश्चात् अन्तिम वेग

(v) = u gt

t सेकण्ड पश्चात् तय की गयी दूरी

(h) u t -1/2 g t²

v, u व h में सम्बन्ध v² = u² – 2 g h

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