UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science Chapter-9 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण) NCERT Based Important Question Answer

UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 3 गति, बल तथा कार्य – Chapter-9 Gravitation (गुरुत्वाकर्षण) NCERT Based Important Question Answer

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई3 गति, बल तथा कार्य  के अंतर्गत चैप्टर9 (गुरुत्वाकर्षण) पाठ के NCERT  के कुछ महत्वपूर्ण  प्रश्न  उत्तर सहित प्रदान किया जा रहे हैं । UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें

Class  9th  Subject  Science (Vigyan)
Pattern  NCERT  Chapter-  Gravitation

NCERT Based Important Question Answer

प्रश्न 1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइये ।

उत्तर-गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम – विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।

माना M तथा m द्रव्यमान के दो पिण्ड A तथा B एक-दूसरे से d दूरी पर रखे हैं। दोनों पिण्डों के बीच लगने वाला बल

F=G Mm/d²

प्रश्न 2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।

हल – F = GMem/R2e

G = गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक = 6.7 × 10-11 Nm2/kg2

M = पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg

m = वस्तु का द्रव्यमान

पृथ्वी के केन्द्र और वस्तु के बीच की दूरी,

R = पृथ्वी की त्रिज्या = 6.4 × 106 m

प्रश्न 3. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-जब किसी वस्तु को किसी मीनार या मकान की छत से मुक्त रूप से छोड़ा जाता है तो वस्तु पृथ्वी के आकर्षण के कारण बढ़ते हुए वेग से पृथ्वी तल की ओर गिरती है। पृथ्वी के आकर्षण के कारण किसी वस्तु का मुक्त रूप से पृथ्वी तल की ओर गिरना मुक्त पतन कहलाता है।

प्रश्न 4. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-पृथ्वी के आकर्षण के कारण पृथ्वी तल की ओर गिरती हुई किसी वस्तु का त्वरण ‘गुरुत्वीय त्वरण’ कहलाता है। इसे ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं। पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 m/s² है।

प्रश्न 5. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?

उत्तर-किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में अन्तर

द्रव्यमान भार
1. किसी वस्तु में निहित द्रव्य की मात्रा उसका द्रव्यमान कहलाती है। 1. किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे पृथ्वी उस वस्तु को अपने केन्द्र की ओर आकर्षित करती है।
2. यह एक अदिश राशि है। 2. भार एक सदिश राशि है।
3. वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर एकसमान अर्थात् स्थिर रहता है, बदलता नहीं। 3. किसी वस्तु का भार गुरुत्वीय त्वरण g पर निर्भर करता है। अतः यह प्रत्येक स्थान पर स्थिर नहीं रहता। यह स्थान-स्थान पर g का मान बदलने पर बदल जाता है।
4. इसका SI मात्रक kg (किलोग्राम) है। 4. भार का SI मात्रक न्यूटन (N) है जो कि बल का भी मात्रक है।

प्रश्न 6. किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार 1 /6 का गुणा क्यों होता है?

उत्तर-चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा छह गुणा कम है जिसके कारण चन्द्रमा वस्तुओं पर छह गुणा कम आकर्षण बल लगाता है। अतः चन्द्रमा पर g का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा 1/ 6 गुणा है।

प्रश्न 7. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?

उत्तर-जब स्कूल बैग को उसके साथ लगे एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाते हैं तो हाथ तथा डोरी के मध्य संपर्क क्षेत्रफल बहुत कम होता है तथा स्कूल बैग के भार के कारण हमारे हाथ पर दाब अधिक पड़ता है क्योंकि जब बल छोटे क्षेत्रफल पर लगता है तो दाब अधिक होता है अर्थात् बल का प्रभाव अधिक होता है इसी कारण स्कूल बैग को पतली डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाना कठिन है।

प्रश्न 8. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-जब किसी वस्तु को किसी तरल पदार्थ में डुबाया जाता है तो उस वस्तु पर ऊपर की दिशा में एक बल लगता है। यह बल वस्तु द्वारा हटाए गए तरल पदार्थ के भार के बराबर होता है। इस प्रकार वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाले बल को उत्प्लावकता बल या उत्प्लावन बल कहते हैं। यदि तरल पदार्थ का घनत्व अधिक होगा तो वस्तु द्वारा हटाए गये तरल पदार्थ का भार भी अधिक होगा और उत्प्लावन बल भी अधिक होगा।

प्रश्न 9. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?

उत्तर-जब किसी वस्तु को पानी की सतह पर रखा जाता है या पानी में डुबाया जाता है तो यदि वस्तु द्वारा हटाए गये पानी का भार वस्तु के भार से अधिक है अर्थात् वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम है तो वस्तु पानी पर तैरती रहेगी। यदि वस्तु द्वारा हटाए गये पानी का भार वस्तु के भार से कम हो अर्थात् वस्तु का घनत्व पानी से अधिक हो तो वस्तु पानी में डूब जायेगी।

प्रश्न 10. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?

उत्तर-वास्तव में हमारा द्रव्यमान 42 kg से अधिक है। जब हम अपना द्रव्यमान एक कमानीदार तुला से मापते हैं तो वायु द्वारा हमारे शरीर पर ऊपर की ओर उत्प्लावन बल लगता है, जिसके कारण हमारा द्रव्यमान कुछ कम हो जाता है।

प्रश्न 11. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?

उत्तर-वास्तव में रुई का बोरा लोहे की छड़ की अपेक्षा भारी होगा क्योंकि रुई के बोरे का आयतन अधिक होने के कारण रुई के बोरे द्वारा हटाये गये वायु का भार लोहे की छड़ द्वारा हटाये गये वायु के भार से अधिक होगा। अतः वायु में रुई के बोरे के भार में अधिक कमी होती है। परन्तु दोनों का वायु में भार समान है अतः हम कह सकते हैं कि वास्तव में रुई के बोरे का भार लोहे की छड़ की अपेक्षा अधिक होगा।

प्रश्न 12. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती ?

उत्तर- स्वतंत्र रूप से गिरते समय प्रत्येक वस्तु त्वरण ‘g’ अनुभव करती है इसे g= GM/r2 द्वारा व्यक्त किया जाता है, जहाँ, G = सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक तथा r = पृथ्वी की त्रिज्या है। अतः स्वतंत्र रूप से गिरते समय, भारी वस्तु अपेक्षाकृत तेजी से नहीं गिरती है।

प्रश्न 13. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा ? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106 m है)।

हल-गुरुत्वीय स्थिरांक, G = 6.67 × 10-11 Nm2 kg-2

पृथ्वी का द्रव्यमान, m₁ = 6 x 1024 kg

वस्तु का द्रव्यमान, m2 = 1 kg

पृथ्वी की त्रिज्या, r = 6.4 × 106 m

गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियमानुसार, F = Gm1m2 /r2 =6.67 x 10-11 Nm2kg-2 x 6 x 1024 kg x 1 kg / (6.4 x 106m) या,

F = 9.8 N =. उत्तर

प्रश्न 4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों ?

उत्तर-पृथ्वी चंद्रमा को उसी बल से अपनी ओर आकर्षित करती है जिस बल से चंद्रमा पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्योंकि, गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम के अनुसार, अंतरिक्ष में प्रत्येक वस्तु अन्य दूसरी वस्तु को उसी बल से आकर्षित करती है जो उन वस्तुओं की मात्रा के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

प्रश्न 5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?

उत्तर-न्यूटन की गति के तीसरे नियम के अनुसार, चंद्रमा भी पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है। किन्तु, न्यूटन की गति के दूसरे नियम के अनुसार त्वरण, वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है। चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी से बहुत कम है। अतः हम पृथ्वी को चंद्रमा की ओर गति करते नहीं देखते हैं।

प्रश्न 7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?

उत्तर-गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्त्व –

(i) इस बल के कारण ही सभी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे आदि पृथ्वी पर टिके हुए हैं।

(ii) सौरमण्डल में सूर्य के चारों ओर ग्रह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चक्कर लगाते हैं।

(iii) चन्द्रमा भी पृथ्वी के चारों ओर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चक्कर लगाता है।

(iv) समुद्र में ज्वार-भाटा भी चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण उत्पन्न होता है।

(v) पृथ्वी पर वायुमण्डल भी इसी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण है।

प्रश्न 8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?

उत्तर-स्वतंत्र रूप से नीचे गिरती हुई वस्तुओं का त्वरण 9.8 m/s² होता है जो निम्न प्रकार से ज्ञात किया जा सकता है-

मान लिया कोई m द्रव्यमान की वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर नीचे त्वरण से गिरती है तो वस्तु पर लगा बल

F=mg

परन्तु गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार

F = G.M.m / R2 या mg =  G.M.m / R2

g= G.M / R2

= 6.67×10¹¹Nm²kg -2  x 6.0 x 1024 kg /(6.4×106m)2

= 9.8 m/s2 उत्तर

प्रश्न 9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे ?

उत्तर-किसी वस्तु तथा पृथ्वी के मध्य लगा आकर्षण बल उस वस्तु का भार कहलाता है।

प्रश्न 10. एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को दे देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं तो क्यों ? (संकेत ध्रुवों पर ४ का मान विषुवत् वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)

उत्तर-व्यक्ति A का मित्र उसके द्वारा ध्रुवों पर खरीदे गए सोने के भार से सहमत नहीं होगा क्योंकि भूमध्य (या विषुवत्) रेखा पर उसी सोने का भार ध्रुवों की अपेक्षा कम होगा। इसका कारण यह है कि वस्तु का भार गुरुत्वीय त्वरण g पर निर्भर करता है। पृथ्वी ध्रुवों पर थोड़ी पिचकी हुई है जिसके कारण ध्रुवों पर पृथ्वी की त्रिज्या भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम है। गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। ध्रुवों पर g का मान भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम होगा। अतः ध्रुवों पर सोने का भार भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम होगा।

प्रश्न 11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?

उत्तर-जब कागज के पन्ने को गेंद की आकृति में बदला जाता है तो उसका पृष्ठ क्षेत्रफल जो वायु के संपर्क में आता है कम हो जाता है इस प्रकार नीचे गिरते समय वायु द्वारा उस पर पेपर शीट की अपेक्षा कम प्रतिरोध लगता है। अतः गेंद की आकृति का कागज नीचे जल्दी गिरता है, पेपर शीट का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण वायु का प्रतिरोध अधिक लगता है इसलिए वह धीरे गिरता है।

प्रश्न 12. चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा ⅙ गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चन्द्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा ?

हल-वस्तु का द्रव्यमान m 10 kg

पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m/s²

पृथ्वी पर वस्तु का भार = mx g = 10 × 9.8 = 98 N

चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g = 9.8/6 m/s² = 1.63 m/s² 6

चन्द्रमा पर वस्तु का भार = mg = 10 × 1.63 N = 16.3 N

वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहता है अतः वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान = 10 kg

वस्तु का चन्द्रमा पर द्रव्यमान = 10 kg. उत्तर

प्रश्न 14. 19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।

हल-मीनार की ऊँचाई h = 19.6 m

g = 9.8 m/s2

पत्थर का आरंभिक वेग u = 0

मान लिया पत्थर का अन्तिम वेग v = ?

हम जानते हैं,

v2 – u² = 2 gh

v2 – 0 = 2(9.8)*19.6

v2 = 19.6* 19.6

v= 19.6 m/s उत्तर

प्रश्न 18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए-

(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;

(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा

(c) 4 s पश्चात् गेंद की स्थिति।

हल-(a) गेंद द्वारा ऊपर जाने तथा वापस आने में लिया गया कुल

समय = 6 s

गेंद द्वारा अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लिया गया समय

t= 6/2 = 3s

गेंद का अधिकतम ऊँचाई पर वेग v = 0

मान लिया गेंद का प्रारंभिक वेग = u

गुरुत्वीय त्वरंण g = – 9.8 m/s²

हम जानते हैं कि,

v = u + gt

0= u-9.8×3

u= 29.4 m/s

अतः वस्तु को 29.4 m/s के वेग से ऊपर की ओर फेंका गया।

(b) मान लिया गेंद द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई = h जहाँ u= 29.4 m/s, t = 3 s

h= ut + ½ gt²

= 29.4 x 3- ½ *9.8*(3)²

=88.2-4.9*9

=88.2-44.1

=44.1m

(c) मान लिया 4 s के पश्चात् गेंद की ऊँचाई = h

u=29.4 m/s, t = 4 s, g = -9.8 m/s2

h = ut + 1l2 gt2

= 29.4 × 4-1/2 *9.8*(4)2

=117.6-78.4=78.4=39.2m

अतः गेंद पृथ्वी तल से 39.2 m की ऊँचाई पर होगी। उत्तर

प्रश्न 19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?

उत्तर-जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबोया जाता है तो वस्तु पर ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर उत्प्लावन बल लगता है। प्रश्न 20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?

उत्तर-जब प्लास्टिक के गुटके को पानी में डुबोकर छोड़ा जाता है तो वह पानी की सतह पर ऊपर आ जाता है क्योंकि प्लास्टिक के गुटके पर पानी के कारण लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होता है। या हम यह भी कह सकते हैं कि प्लास्टिक के गुटके का घनत्व पानी के घनत्व से कम है इसलिए यह पानी में छोड़ने पर पानी में नहीं डूबता बल्कि पानी पर तैरने लगता है।

प्रश्न 21.50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm³ है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm³ हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा ? हल-पदार्थ का द्रव्यमान, m = 50 g

आयतन, V = 20 g/cm³

पदार्थ का घनत्व m/v =50/20=2.5g/cm3

पदार्थ का घनत्व (2.5 g/cm³) पानी के घनत्व (1 g/cm³) से अधिक है इसलिए यह पानी में डूब जाएगा।

 

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