UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran – अव्ययीभाव समास Avyayibhav Samas with example
इस पोस्ट में अव्ययीभाव समास का ज्ञान कराया गया है
प्यारे बच्चों! यहां पर हम आपको कक्षा 10वी के लिए अव्ययीभाव समास एवं अव्ययीभाव समास की परिभाष एवं अव्ययीभाव समास के नियमों को उदाहरण सहित समझाया गया है आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Chapter Name | अव्ययीभाव समास |
Part 3 | Sanskrit Vyakaran |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas with example) |
अव्ययीभाव समास
परिभाषा – प्रायेण पूर्वपदप्रधानः अव्ययीभावः
जिस समास में पूर्व पद अव्यय हो और उसी के अर्थ की प्रधानता हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
विशेष
(ⅰ) अव्ययीभाव समास नित्य समास होता है, इस कारण उसका विग्रह नहीं होता। विग्रह के लिए केवल समस्त पद का अर्थ बताया जाता है।
(ii) अव्ययीभाव समास करके बना हुआ समस्त पद अव्यय ही बनता है। उसका रूप एकवचन में बनता है।
उदाहरण
समस्त पद विग्रह
उपगङ्गम् (गङ्गा के समीप) – गङ्गायाः समीपम्
निर्मक्षिकम् (मक्खियों का अभाव) – मक्षिकाणाम् अभावः
सहरिः (हरि के सदृश) – हरेः सादृश्यम्
अनुविष्णु (विष्णु के पीछे) – विष्णोः पश्चात्
यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार) – शक्तिम् अनतिक्रम्य
आसमुद्रम् (समुद्रपर्यन्त) – समुद्रस्य पर्यन्तम्
प्रतिदिनम् (हर रोज) – दिनं दिनं प्रति
अनुगङ्गम् (गङ्गा के समीप) – गङ्गायाः समीपम्
उपकूलम् (कूल के समीप) – कूलस्य समीपम् ।
आहिमालयम् (हिमालय तक) – हिमालस्य पर्यन्तम् ।
उपकृष्णम् (कृष्ण के समीप) – कृष्णस्य समीपम्
प्रत्येकम् (प्रति एक) – एकं एकं प्रति
यथासंख्यम् – संख्यम् अनतिक्रम्य
प्रतिदिशम् – दिशं दिशं प्रति
अभ्यास
विग्रह सहित समासों के नाम लिखिए।
यथोचितम्, प्रतिदिनम्, अधिहरि, अनुरागम्, सतृणम्, अनुकूलम् अतिहिमम् ।