UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran – द्विगु समास Dvigu Samas with example

UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran -द्विगु समास Dvigu Samas with example

इस पोस्ट में द्विगु समास का ज्ञान कराया गया है

बच्चों! यहां पर हम आपको कक्षा 10वी के लिए द्विगु समास एवं द्विगु समास की परिभाष एवं द्विगु समास के नियमों को उदाहरण सहित समझाया गया है  आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आई इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें

Chapter Name द्विगु समास
Part 3 Sanskrit Vyakaran
Board Name UP Board (UPMSP)
Topic Name द्विगु समास ( Dvigu Samas with example)

 

द्विगु समास

परिभाषा – संख्या पूर्वी द्विगुः (पूर्वपद संख्या प्रधान)

 

इस समास में पूर्व पद संख्यावाचक होता है और उत्तर पद उस संख्या का विशेष्य होता है। इसी का एक रूप समाहार द्विगु है। समाहारे द्विगुर्द्वन्द्वश्च नपुंसकंस्यात्’  समाहार अर्थ में द्विगु और द्वन्द्व दोनों समासों से बने पद नपुंसक हो जाते हैं।

अकारान्तोत्तपरदो द्विगुः स्त्रियामिष्टः’ – अकारान्त उत्तर पदवाले समाहार द्विगु में स्त्रीलिङ्ग का प्रयोग होता है। अतः समस्त पद के अन्त में दीर्घ ईकार हो जाती है।

उदाहरण

समस्त पद                                                विग्रह                                        हिन्दी अर्थ

 त्रिलोकी                                     त्रयाणां लोकानां समाहारः                    तीनों लोकों का समूह

पञ्चगवम्                                   पञ्चानां गवानां समाहारः                       पाँच गायों का समूह

पञ्चवटी                                     पञ्चानां वटानां समाहारः                       पाँच बरगदों का समूह

त्रिभुवनम्                                   त्रयाणां भुवनानां समाहारः                     तीन भुवनों का समूह

अष्टाध्यायी                                 अष्टानाम् अध्यायानां समाहारः               आठ अध्यायों का समूह

त्रिपथम्                                      त्रयाणां पथानां समाहारः                        तीन मार्गों का समूह

सप्ताध्यायी                                 सप्तानाम् अध्यायानां समाहारः             सात अध्यायों का समूह

त्रिनेत्र                                          त्रयाणाम् नेत्राणाम् समाहारः                तीन नेत्रों का समूह

पञ्चपात्रम्                                    पञ्चानाम् पात्राणाम् समाहारः              पाँच पात्रों का समूह

नवरात्रम्                                     नवानां रात्राणाम् समाहारः                   नौ रात्रों का समूह

अभ्यास

विग्रह सहित समासों के नाम लिखिए –

त्रिफलम्, चतुर्जातम्, त्रिपूषणम्, त्रिलोकी, त्रिवेणी, सप्तशती, नवरात्रम्, पञ्चदिनम्, दशमूली, दशाहः पञ्चपात्रम्, नवरत्नम् ।

 

द्विगु समास क्या है? Hindi me

Samas in sanskrit में द्विगु समास – 

द्विगु समास भी तत्पुरुष समास का ही उपभेद है; अत: इसका भी पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान होता है। 

द्विगु समास’ तथा ‘कर्मधारय समास’ में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद अन्य कोई भी विशेषण हो सकता है।

 

  • पंचानां गवां समाहारः = पञ्चगवम् (पाँच गायों का समूह) 
  • पंचानां पात्राणां समाहारः = पञ्चपात्रम् – (पाँच पात्रों का समूह) 
  • चतुर्णां युगानां समाहारः = चतुर्युगम् (चार युगों का समुह) 
  • त्रयाणां लोकानां समाहारः = त्रिलोकी – (तीन लोकों का समूह) 
  • सप्तानां दिनानां समाहार: सप्तदिनम् ( सात दिनों का समूह)
  • त्रयाणां भुवनानां समाहार: त्रिभुवनम् (तीन भवनों का समुह)
  • पञ्चानां पात्राणां समाहार: पञ्चपात्रम् (पांच पात्रों का समूह)
  • पञ्चानां रात्रीणा समाहार: पञ्चपात्रम् (पांच रातों का समूह)
  • शतानाम् अब्दानां समाहार: शताब्दी (सौ शब्दों का समूह)
  • त्रयाणां लोकानां समाहार: त्रिलोकी ( तीनों लोकों का समूह)
  • अष्टानाम् अध्यायानां समाहार: अष्टाध्यायी ( आठ अध्यायों का समूह)
  • पञ्चानां वटानां समाहार: पञ्चवटी ( पांच वृक्षों का समूह)
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