UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran -शतृ और शानच् प्रत्यय Shatru aur Shaanach Pratyay with Example
इस पोस्ट में आपको शतृ और शानच् प्रत्यय के बारे में बताया गया है
प्यारे बच्चों! यहां पर हम आपको कक्षा 10वी के लिए शतृ और शानच् प्रत्यय एवं शतृ और शानच् प्रत्यय परिभाष एवं शतृ और शानच् प्रत्यय के नियमों को उदाहरण सहित समझाया गया है आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Chapter Name | शतृ और शानच् प्रत्यय |
Part 3 | Sanskrit Vyakaran |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | शतृ और शानच् प्रत्यय (Shatru aur Shaanach Pratyay with Example) |
शतृ और शानच्
हिन्दी में करते हुए, जाते हुए, या करते – करते, जाते- जाते इत्यादि अर्थों में संस्कृत में परस्मैपदी धातुओं – से शतृ और आत्मनेपदी धातुओं से ‘शानच्’ प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं। । अंग्रेजी में इसे (Present Participle) (क्रियार्थक विशेषण) कहते हैं। उभयपदी धातुओं से दोनों ही प्रत्यय हो सकते हैं। प्रयोग करने पर शतृ में ‘अन्’, शानच् में आन (मान) बचता है। जैसे- सः पठन् गच्छति – पढ़ते हुए जा रहा है। यहाँ पठन् में पठ् धातु से शतृ हुआ है।
सः शयानः लिखति – वह सोते हुए लिखता है। यहाँ ‘शयानः’ में शी धातु आत्मनेपदी है। अतः शानच् प्रत्यय हुआ।
यदि शानच् के पूर्व अकारान्त धातु रूप आवे तो शानच् (आन) के स्थान पर मान जुड़ता है। इन प्रत्ययों से बने शब्दों के रूप विशेषणों के समान प्रयुक्त होते हैं। नीचे कुछ रूप उदाहरण दिये जा रहे हैं-
शतृ प्रत्ययान्त शब्द के उदाहरण
धातु अर्थ पुँल्लिङ्ग स्त्रीलिङ्ग नपुंसकलिङ्ग
पठ् पढ़ना पठन् पठन्ती पठत्
गम् जाना गच्छन् गच्छन्ती गच्छत्
कृ करना कुर्वन् कुर्वन्ती कुर्वत्
दृश् देखना पश्यन् पश्यन्ती पश्यत्
पृच्छ पूछना पृच्छन् पृच्छन्ती पृच्छत्
कथ् कहना कथयन् कथयन्ती कथयत्
क्रीड् खेलना क्रीडन् क्रीडन्ती क्रीडत्
खाद् खाना खादन् खादन्ती खादत्
नी ले जाना नयन् नयन्ती नयत्
लिख् लिखना लिखन् लिखन्ती लिखत्
शानच् प्रत्ययान्त शब्द के उदाहरण
दा देना ददानः ददाना ददानम्
कृ करना कुर्वाणः कुर्वाणा कुर्वाणम्
नी ले जाना नयमानः नयमाना नयमानम्
चुर चुराना चोरयमाणः चोरयमाणा चोरयमाणम्
शी सोना शयानः शयाना शयानम्
सेव् सेवा करना सेवमानः सेवमाना सेवमानम्
लभ् पाना लभमानः लभमाना लभमानम्
वृध् बढ़ना वर्धमानः वर्धमाना वर्धमानम्
कम्प काँपना कम्पमानः कम्पमाना कम्पमानम्
वृत् वर्तमान वर्तमानः वर्तमाना वर्तमानम्