UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran -तुमुन् प्रत्यय Tumun Pratyay with Example
इस पोस्ट में आपको तुमुन् प्रत्यय के बारे में बताया गया है
प्यारे बच्चों! यहां पर हम आपको कक्षा 10वी के लिए तुमुन् प्रत्यय एवं तुमुन् प्रत्यय परिभाष एवं तुमुन् प्रत्यय के नियमों को उदाहरण सहित समझाया गया है आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Chapter Name | तुमुन् प्रत्यय |
Part 3 | Sanskrit Vyakaran |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | तुमुन् प्रत्यय (Tumun Pratyay with Example) |
तुमुन् प्रत्यय
निमित्त अथवा प्रयोजन सूचित करने के लिए धातु से तुमुन् प्रत्यय होता है, इसका ‘तुम्’ शेष रह जाता है। हिन्दी में इसे जाने को, जाने के लिए, जाने के निमित्त आदि अर्थों द्वारा व्यक्त करते हैं। जैसे- द्रष्टुम्, पठितुम्, गन्तुम् आदि। कृष्णं द्रष्टुम् याति – कृष्ण को देखने के लिए जाता है।
तुमुन् प्रत्यय वहीं होता है, जहाँ दोनों क्रियाओं का कर्त्ता एक होता है। भिन्न कर्त्ता होने से तुमुन् प्रत्यय नहीं होता है। जैसे- रामः पठितुम् इच्छति। राम पढ़ना चाहता है। यहाँ दोनों क्रियाओं का कर्ता (रामः) एक ही है।
कुछ धातुओं के तुमुन् प्रत्ययान्त रूप नीचे दिये जा रहे हैं-
धातु अर्थ तुमुन् प्रत्यय धातु अर्थ तुमुन् प्रत्यय
पठ् पढ़ना पठितुम् जि जीतना जेतुम्
गम् जाना गन्तुम् ग्रह लेना ग्रहीतुम्
भू होना भवितुम् क्री खरीदना क्रेतुम्
पच् पकाना पक्तुम् दृश् देखना दुष्टुम्
अर्च पूजा करना अर्चितुम् कृ करना कर्तुम्
मृ मरना मर्तुम् स्मृ स्मरण करना स्मर्तुम्
शी सोना शेतुम् स्ना नहाना स्नातुम्
रुद् रोना रोदितुम् हस् हँसना हसितुम्
कथ् कहना कथयितुम् चुर् चुराना चोरयितुम्
पा पीना पातुम् कृ करना कर्तुम्
दा देना दातुम पृच्छ पूछना प्रष्टुम्
UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran – अनीयर् प्रत्यय Aniyar Pratyay with Example
इस पोस्ट में आपको अनीयर् प्रत्यय बारे में बताया गया है
प्यारे बच्चों! यहां पर हम आपको कक्षा 10वी के लिए अनीयर् प्रत्यय एवं अनीयर् प्रत्यय परिभाष एवं अनीयर् प्रत्यय के नियमों को उदाहरण सहित समझाया गया है आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Chapter Name | अनीयर् प्रत्यय |
Part 3 | Sanskrit Vyakaran |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | अनीयर् प्रत्यय ( Aniyar Pratyay with Example) |
अनीयर् प्रत्यय
भाववाच्य और कर्मवाच्य में ही इस प्रत्यय का प्रयोग सदा होता है, कर्तृवाच्य में नहीं। इस प्रत्यय में अनीय शेष रहता
है, जो धातु के आगे जुड़ जाता है। ‘चाहिए’ अर्थ में इस प्रत्यय का प्रयोग होता है। जैसे–
धातु अनीयर् प्रत्यय अर्थ
कृ करणीयः करना चाहिए
गम् गमनीयः जाना चाहिए
पूज् पूजनीयः पूजना चाहिए
याच् याचनीयम् याचना करनी चाहिए
दृश् दर्शनीयः देखना चाहिए
स्मृ स्मरणीयः स्मरण करना चाहिए
मन् मननीयः मनन करना चाहिए
पठ् पठनीयः पढ़ना चाहिए
वच् वचनीयः कहना चाहिए
कथ् कथनीयः कहना चाहिए
ह हरणीयः हरना चाहिए
भुज् भोजनीयः खाना चाहिए
मान् माननीयः मान करना चाहिए
दा दानीयम् दान करना