UP Board Solution of Class 9 Social Science भूगोल (Geography) Chapter- 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी-वनस्पति (Prakritik Vanspati Tatha Vany Praani) Laghu Uttariy Prashn

UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Geography[भूगोल ] Chapter- 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी-वनस्पति (Prakritik Vanspati Tatha Vany Praani) लघु  उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttariy Prashn

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान  इकाई-2: भूगोल समकालीन भारत-1 खण्ड-2  के अंतर्गत चैप्टर-5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी-वनस्पति (Prakritik Vanspati Tatha Vany Praani) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न  प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।

Subject Social Science [Class- 9th]
Chapter Name प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी-वनस्पति (Prakritik Vanspati Tatha Vany Praani)
Part 3  Geography [भूगोल]
Board Name UP Board (UPMSP)
Topic Name समकालीन भारत-1

प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी-वनस्पति (Prakritik Vanspati Tatha Vany Praani)

लघु  उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. वनों के क्षेत्र को बढ़ाना क्यों आवश्यक है?

उत्तर भारत में वनों को बढ़ाना निम्न कारणों से आवश्यक है-

  1. वन वायुमण्डल से नमी आकर्षित कर वर्षा कराने में सहायक हैं।
  2. वन वन्य प्राणियों को संरक्षण प्रदान करते हैं।
  3. पारितन्त्र को बनाए रखने के लिए तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड की मात्रा वायुमण्डल में वांछनीय मात्रा तक रखने के लिए वनों का विस्तार अधिक क्षेत्र पर चाहिए।
  4. वन अकाल की स्थिति से देश को बचाते हैं।
  5. भारत में वनों का कुल क्षेत्र (21.71%) है जो वांछनीय सीमा (33.3%) से बहुत कम है।
  6. वनों से मरुस्थल का विस्तार होने पर प्रतिबन्ध लगता है तथा मृदा अपरदन रुकता है।

प्रश्न 2. उन प्रमुख वनस्पति प्रदेशों के नाम लिखिए जिनसे आबनूस और सुन्दरी वृक्ष सम्बन्धित हैं। उन दो राज्यों के नाम लिखिए जहाँ हाथी पाए जाते हैं। प्राचीन जलोढ़क (बांगर) की दो विशेषताएँ दीजिए।

उत्तर दो वनस्पतियों के नाम – 1. सुन्दरी – ज्वारीय वन।

  1. आबनूस – उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन।

दो राज्यों के नाम जहाँ हाथी पाए जाते हैं-

  1. केरल तथा 2. पश्चिम बंगाल।

प्राचीन जलोढ़क (बांगर) की दो विशेषताएँ

  1. प्राचीन जलोढ़क उस क्षेत्र में मिलती है जहाँ अब बाढ़ का पानी नहीं पहुंचता।
  2. यह कम उपजाऊ होती है।

प्रश्न 3. उन प्रमुख वनस्पति प्रदेशों के नाम लिखिए जिनसे साल तथा रोजवुड वृक्ष सम्बन्धित हैं। एक सींग वाले गैंडे कहाँ पाए जाते हैं? दो क्षेत्रों के नाम बताइए। नवीन जलोढ़क (खादर) की दो विशेषताएँ लिखिए।

उत्तरवृक्ष : वनस्पति के प्रकार

साल : उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन

रोजवुड : उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन।

एक सींग वाले गैंडे निम्नलिखित क्षेत्रों में पाए जाते हैं-

  1. 1. मानस राष्ट्रीय पार्क, 2. काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क।

नवीन जलोढ़क की विशेषताएँ

  1. यह बांगर की अपेक्षा अधिक उपजाऊ होती है।
  2. इसमें सिंचाई के बिना भी साक सब्जियों की खेती की जाती है।
  3. नवीन जलोढ़क प्रतिवर्ष बाढ़ के समय प्राप्त होती है।

प्रश्न 4. पारितन्त्र के संरक्षण के तीन उपाय लिखिए।

उत्तर पारितन्त्र के संरक्षण के तीन उपाय इस प्रकार हैं-

  1. जंगली जीवों तथा वन सम्पदा के शिकार तथा काटने पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।
  2. मृदा अपरदन पर रोक लगाई जाए।
  3. हर प्रकार के प्रदूषण जैसे-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण को रोका जाए।

उपर्युक्त उपायों में सरकार के साथ मानवीय प्रयासों का विशेष महत्त्व है। उनको अपने पारितन्त्र के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

प्रश्न 5. ज्वारीय वनों की तीन विशेषताएँ बताइए।

उत्तर– 1. ये वन तट के सहारे नदियों के ज्वारीय क्षेत्र में पाए जाते हैं।

  1. ज्वारीय क्षेत्र में मीठे व ताजे जल का मिलन होता है। अतः इन वनों के वृक्षों में, ऐसे जल में पनपने की क्षमता होती है।
  2. ज्वारीय क्षेत्र में मिलने के कारण इन वनों को ज्वारीय वन कहा जाता है। ज्वारीय वन सुन्दरी नामक वृक्षों के लिए प्रसिद्ध हैं। अतः इन वनों को सुन्दरी वन भी कहा जाता है। सुन्दरी, ताड़, गरान (मैंग्रोव) आदि इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं। ऐसे वन गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, कृष्णा, गोदावरी और महानदी के डेल्टा प्रदेशों में मिलते हैं। व्यापारिक दृष्टि से इन वनों का विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 6. गंगाब्रह्मपुत्र के डेल्टा में ज्वारीय वन क्यों पाए जाते हैं। इन वनों की दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

उत्तर गंगा और ब्रह्मपुत्र के डेल्टा प्रदेश में उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वनों की भाँति ज्वारीय वन पाए जाते हैं।

ज्वारीय वनों की विशेषताएँ1. डेल्टाई क्षेत्र में मृदा की उर्वरता वनों को और अधिक सघन बनाने और समृद्ध करने में सहायक होती है। इन वृक्षों की नीचे की डालियाँ भूमि में पहुँचकर जड़ों का रूप धारण कर लेती हैं। इससे सघनता और बाढ़ जाती है।

  1. ज्वारीय क्षेत्र में ताजे पानी एवं खारे पानी की सुलभता लगातार बनी रहती है।

प्रश्न 7. सदाबहार वन पश्चिमी घाटों के पश्चिमी ढालों पर क्यों पाए जाते हैं। दो कारण बताइए।

उत्तरभारत में सदाबहार वन पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल पर पाए जाते हैं; क्योंकि –

  1. यहाँ वर्षभर उच्च तापमान पाया जाता है। वर्षा की अधिकता एवं उच्च तापमान के कारण पश्चिमी घाट में पश्चिमी ढालों पर सदाबहार वन पाए जाते हैं।
  2. यहाँ 200 सेमी से अधिक वार्षिक वर्षा होती है।

UP Board Solution of Class 9 Social Science भूगोल (Geography) Chapter- 4 जलवायु (Jalwaayu) Laghu Uttariy Prashn

 

error: Copyright Content !!
Scroll to Top