UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 4 खाद्य उत्पादन – Chapter-12 Improvement in Food Resources(खाद्य संसाधनों में सुधार विज्ञान ) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttareey Prashn
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई4 खाद्य उत्पादन के अंतर्गत चैप्टर12(खाद्य संसाधनों में सुधार विज्ञान) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Class | 9th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Improvement in Food Resources |
लघु उत्तरीय प्रश्न / Laghu Uttareey Prashn
प्रश्न 1. चरागाह क्या है और ये मधु उत्पादन से कैसे सम्बन्धित हैं?
उत्तर-मधुमक्खियाँ जिन स्थानों से मधु एकत्र करती हैं, उसे मधुमक्खी का चरागाह कहते हैं। मधुमक्खी पुष्पों से मकरन्द तथा पराग एकत्र करती हैं। चरागाह के पुष्पों की किस्में शहद के स्वाद को प्रभावित करती हैं।
प्रश्न 2. मकरंद किस प्रकार शहद में परिवर्तित होता है?
उत्तर-जब मधुमक्खी फूलों से मकरंद चूसती है, यह मकरंद उसके मधुकोष (Honey sac) में पहुँचता है जहाँ वह कुछ इनवर्टेस एन्जाइम की क्रिया द्वारा डेक्सट्रोस तथा लेबुलोस में रूपांतरित हो जाता है। प्रत्यावहन के बाद उपचारित मकरंद आखिरकार शहद में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 3. हरित खाद क्या है? हरित खाद कैसे तैयार की जाती है?
उत्तर-हरित खाद उत्पन्न करने वाले पादपों तथा सनहेम्प (क्राटोलेरिया जूसिया) ढेंचा (सिसबेनिया एक्यूलिएट) एवं ग्वार (स्यामोप्सोस ट्रेआगोनालोबा) से प्राप्त कार्बनिक पदार्थों के पूर्ण अपघटन से प्राप्त खाद हरित खाद कहलाती है।
हरित खाद तैयार करना – (i) हरित खाद उत्पन्न करने वाले पादपों को आरंभिक अवस्था (फूल खिलने की अवस्था) में ही खेत में काटकर गिरा दिया जाता है (ii) इनके अवशेषों को 1-2 महीनों के लिए जमीन के नीचे दबा दिया जाता है। अब खेत को अगली फसल के लिए तैयार किया जाता है। (iii) प्रायः उच्च पोषक तत्त्व की जरूरत वाली फसलों यथा चावल (धान), मक्का, गन्ना, कपास, गेहूँ आदि को हरित खाद वाले खेतों में बोया जाता है।
प्रश्न 4. मछलियों को हानि पहुँचाने वाले कारक क्या हैं? इनकी रोकथाम किस प्रकार की जा सकती है?
उत्तर-मछलियों को अनेक जन्तु, जैसे भृंग, जलीय शलभ, मेंढक, साँप, पक्षी आदि खा जाते हैं। मछलियों में जीवाणु तथा विषाणुओं के कारण अनेक
रोग हो जाते हैं। मछलियों में VHS (वायरल होमोरेजिक सेप्टीसेमिया), IPN (इन्फेक्सीयस प्रैक्रियाटिक नेक्रोसिस) आदि सामान्य संक्रमणीय रोग हैं। जल प्रदायों का प्रदूषण मछलियों को बहुत हानि पहुँचाता है। जल प्रदूषण के कारण मछलियाँ बहुत अधिक संख्या में मर जाती है। मत्स्यपालन के लिए जल-प्रदायों का उचित रख-रखाव आवश्यक है।
प्रश्न 5. रोगों से कुक्कुटों को बचाने के लिए कुछ उपाय बताइए।
उत्तर-(i) कुक्कुटों के रहने के स्थान को उचित रूप से और नियमित रूप से साफ करना चाहिए। (ii) कुक्कुटों के रहने का स्थान बड़ा, हवादार, उचित प्रकाश और संवातन वाला होना चाहिए। जाड़ों के दिनों में ठण्ड से चिड़ियों को बचाने के लिए कुक्कुट फार्म की खिड़कियों और रोड की जालीदार दीवारों को ढक दिया जाता है। (iii) कुक्कुट फार्म मक्खियों, चुहियों, चूहों, बिल्लियों इत्यादि से मुक्त होना चाहिए।
प्रश्न 6. वसा क्या हैं? उनके विभिन्न स्रोत क्या हैं?
उत्तर-वसा (Fats)-” लम्बी श्रृंखला वाले वसीय अम्लों व ग्लिसरॉल (एक प्रकार का ऐल्कोहॉल) के एस्टर, वसा कहलाते हैं।” जैसे-ब्यूटायरिक अम्ल, पॉमीटिक अम्ल, ओक्टानोइक अम्ल ।
वसा के मुख्य स्रोत हैं- मक्खन, घी, दूध, पनीर, अंडे की जर्दी, गिरी, मांस, तेल आदि। तेलों में नारियल के तेल में 40.1% व तिल के तेल में 43.3% वसा है।
प्रश्न 7. प्रोटीन क्या हैं? उनके विभिन्न स्रोत क्या हैं?
उत्तर-प्रोटीन (Protein)- ये कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन व नाइट्रोजन के अत्यन्त जटिल यौगिक हैं। कुछ प्रोटीनों के संघटन में सल्फर (गन्धक) व फॉस्फोरस भी उपस्थित होते हैं। प्रोटीन के मुख्य संघटक अमीनो अम्ल हैं।
प्रोटीन के मुख्य स्रोत हैं-बीन, सोयाबीन, दूध, पनीर, अंडां, दालें आदि। दालों में मसूर दाल में 25.1%, मूंग दाल में 24.5%, उड़द दाल में 24.0%, अरहर दाल में 22.3%, प्रोटीन की मात्रा होती है। इसी प्रकार मूँगफली (दाने) में 26.7%, मछली में 18.8% व अंडे में 13.3% प्रोटीन की मात्रा उपस्थित है।
प्रश्न 8. कार्योपयोगी पशु किन्हें कहते हैं? किन्हीं दो के नाम लिखिए।
उत्तर-वे पालतू पशु जो कृषि करने, बोझा ढोने आदि में प्रयोग किये जाते हैं, कार्योपयोगी पशु कहलाते हैं; जैसे गधा, घोड़ा, बैल।
प्रश्न 9. खाद्य उत्पाद प्राप्त करने हेतु, पशुपालन में आवश्यक पद्धतियों को क्रमबद्ध कीजिए।
उत्तर- पशुपालन में आवश्यक पद्धतियाँ निम्न प्रकार है-
(i) भरण-पशुओं को भोजन दो रूपों में दिया जाता है- (a) ठोस आहार (concentrate) व (b) मोटा चारा (रुक्षांश)। पशु को उचित आहार पूरी मात्रा में दिया जाये।
(ii) आवास-आवास के लिए आश्रय-स्थल स्वच्छ, साफ-सुथरा हो जिसमें प्रकाश, वायु एवं पानी की समुचित व्यवस्था हो। अपशिष्ट पदार्थों के निकास एवं विसर्जन की उचित व्यवस्था हो।
(iii) उन्नत नस्लें- पशुओं की उन नस्लों का पालन किया जाये जो अधिक उत्पादन करती हों।
प्रश्न 10. रुक्षांश किसे कहते हैं? पशु इसे कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-पशु आहार का रेशेदार व कम पोषण वाला भाग, जो यारे या घास-फूस से मिलता है, रुक्षांश कहलाता है। पशु इसे मोटे चारे, बरसीम, भूसा, रिजका आदि से प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 11. दुग्धधारी पशुओं में आहार उनके उत्पादन को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर- दुग्धधारी पशुओं का उत्पादन उनके आहार पर बहुत निर्भर करता है। अपुष्ट अथवा अल्पपुष्ट पशु आहार देने से दुग्ध उत्पादन कम होता है। आहार की उचित व्यवस्था न होने के कारण हमारे देश में गाय 0.5 L व भैंस 1.5 L दूध प्रतिदिन कम देती हैं।
प्रश्न 12. कृषि उत्पादों के भंडारण को हानि पहुँचाने में कौन-से कारक उत्तरदायी हैं? इन्हें किस प्रकार नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर-जैविक कारकों के अंतर्गत कृंतक, कीट तथा जीवाणु आदि आते हैं। अजैविक कारकों के अंतर्गत भंडारण के स्थान पर उपस्थित नमी तथा ताप का प्रभाव मुख्य कारक हैं। पीड़कों को नष्ट करने के लिए धूमकों का प्रयोग उचित रहता है।
अनाज को भंडारण से पहले धूप में और फिर छाया में सुखा लेना चाहिए। अनाज में नमी की मात्रा 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए। भंडार गृह जल तथा नमी के लिए अभेद्य होने चाहिए। भंडारित खाद्य पदार्थों का समय-समय पर निरीक्षण करते रहना चाहिए।
प्रश्न 13. मिश्रित फसलों के कोई दो लाभ लिखिए।
उत्तर- (i) अवयवी फसलों के समपूरक प्रभाव के कारण दोनों फसलों की उपज बढ़ जाती है। उदाहरणार्थ गेहूँ और चना।
(ii) दो फसलों को एक साथ उगाने से भूमि की उर्वरता में सुधार होता है।
प्रश्न 14. किन कारणों से, भारतीय नस्लों से मुर्गे मुर्गियों की संकर नस्लें क्यों लाभदायक हैं?
उत्तर- (i) ये अधिक अण्डे देती हैं। (लगभग 700 अण्डे वार्षिक जबकि देशी मुर्गी प्रति वर्ष 60 देती है। (ii) वे अधिक मांस उत्पादित करते हैं। 1 kg मांस के लिए 2.3 kg चारा, जबकि देशी किस्में 1 kg मांस देने के लिए लगभग 5-6 kg चारा खाती हैं।
प्रश्न 15. विभिन्न फसलों को अलग-अलग मौसम में क्यों उगाते हैं?
उत्तर-फसलों को समुचित वृद्धि एवं जीवन चक्र पूरा करने के लिए निम्न कारकों की आवश्यकत्ता होती है-
(i) जलवायु सम्बन्धी परिस्थितियाँ, (ii) तापमान, (iii) दीप्तिकाल (photoperiod) 1
कुछ फसलें कम तापमान और कुछ अधिक तापमान पर उगती एवं वृद्धि करती हैं, कुछ फसलों को सूर्य का तेज प्रकाश और कुछ को सामान्य प्रकाश की आवश्यकता होती है, इसीलिए विभिन्न फसलों को अलग-अलग मौसम में उगाया जाता है।
प्रश्न 16. खाद क्या हैं? इनके मुख्य प्रकार लिखिए।
उत्तर-वे कार्बनिक पदार्थ जो बहुत अधिक आयतन में होने पर कम मात्रा में पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं, खाद कहलाते हैं। ये निम्न प्रकार के होते हैं-
(i) गोबर की खाद (Farm Yard Manure) या (FYM)- यह पशुओं के गोबर या अपशिष्ट पदार्थों से बनायी जाती है। कृषि एवं पशुओं के अपशिष्ट जब कुछ दिन के लिए छोड़ दिये जाते हैं तो वे खाद में बदल जाते हैं।
(ii) हरी खाद (Green Manure) – यह हरे पौधों को खेत में दबाकर बनायी जाती है। पटसन, मूँग, ग्वार, ढेंचा आदि की फसल को हल चलाकर मिट्टी में दबा देते हैं। कुछ समय पश्चात् यह खाद में बदल जाती है जिसे हरी खाद कहते हैं। यह मृदा में नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस की भरपूर आपूर्ति करती है।
प्रश्न 17. कम्पोस्ट खाद कैसे तैयार की जाती है?
उत्तर-कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए, 4 से 5 m लम्बा, 1.5 से 1.8 m चौड़ा व 1.0 से 1.8 m गहरा गड्ढा खोदा जाता है। गड्ढे में पशुओं के अपशिष्ट, कृषि के अपशिष्ट, घर का कूड़ा-करकट एवं अपशिष्ट आदि को डालते जाते हैं। जब यह गड्ढा भर जाता है तो इसके ऊपर कुछ पानी डालकर मिट्टी की एक परत से बंद कर दिया जाता है। दो या तीन महीने में यह काले रंग के कार्बनिक पदार्थ में बदल जाता है।
प्रश्न 18. संपूषणीय कृषि की क्या आवश्यकता है?
उत्तर- मनुष्य की बदलती आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एवं पर्यावरण की गुणवत्ता बनाये रखने एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु संपूषणीय (sustainable) कृषि की आवश्यकता है।
प्रश्न 19. भविष्य में हम खाद्य आवश्यकताओं की किस प्रकार पूर्ति कर सकते हैं?
उत्तर-भविष्य में हम खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति, हमारी सम्पदाओं जैसे-स्थल, जल और वायु तथा मानवनिर्मित संसाधनों जैसे उर्वरक, पीड़कनाशक तथा कृषि सम्बंधित उपकरणों का उचित एवं सफल प्रबंधन करके कर सकते हैं।
प्रश्न 20. वृहत् पोषक तत्त्व व सूक्ष्म पोषक तत्त्व क्या हैं? उनके नाम लिखिए व बताइये कि पौधे उन्हें कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर-पौधों की वृद्धि हेतु आवश्यक तत्त्व, पोषक तत्त्व कहे जाते हैं। ये दो प्रकार के हैं-
(i) वृहत् पोषक तत्त्व (Macro nutrients)
(ii) सूक्ष्म पोषक तत्त्व (Micro nutrients)
वृहत् पोषक तत्त्व : वे तत्त्व जिनकी आवश्यकता पौधों को अधिक मात्रा में पड़ती है, वृहत् पोषक तत्त्व कहलाते हैं; जैसे-C, H, O, N, P, K, Ca, Mg, S.
सूक्ष्म पोषक तत्त्व : वे तत्त्व जिनकी आवश्यकता पौधों को सूक्ष्म मात्रा में पड़ती है, सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहलाते हैं; जैसे-Fe, Mn, Cu, Zn, B, Mo, Cl. पौधों को ये पोषक तत्त्व मिट्टी से प्राप्त होते हैं।