Ram Brikshabenipuri ji ka jivan parichy, jivani, and Rachnaaye राम वृक्ष बेनीपुरी जीवन परिचय, जीवनी, एवम् रचनाएँ Biography

Ram Briksha benipuri ji ka jivan parichy, jivani, and Rachnaaye राम वृक्ष बेनीपुरी जीवन परिचय, जीवनी, एवम् रचनाएँ (Biography of Ram Briksha benipuri).

मेरे प्यारे विद्यार्थियो हम यहाँ पर आपको हिंदी साहित्य के महान लेखक राम वृक्ष बेनीपुरी जी का जीवन परिचय प्रदान कर रहे है और उनकी रचनाये एवम् जीवन का सार नीचे उलेखित किया गया है। Biography of  Ram Briksha benipuri. Ram viksha venipuri ji ka Jeevan Parichay (Biography) Sahityik Parichay of Ram Briksha benipuri. Ram Briksha benipuri

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लेखक का  संक्षिप्त जीवन परिचय (फ्लो चार्ट)
  • जन्म – सन् 1902 ई०।
  • जन्म स्थान –बेनीपुर मुजफ्फरपुर, (बिहार)।
  • साहित्य में पहचान कवि, पत्रकार, क्रांतिकारी।
  • मृत्यु – सन् 1968 ई०।
  • युग– शुक्लोत्तर युग।
पूरा नाम राम वृक्ष बेनीपुरी – Ram Briksha benipuri
जन्म सन् 1902 ई०।
जन्म स्थान बेनीपुर मुजफ्फरपुर, (बिहार)।
पिता फूलवन्त सिंह।
शिक्षा   विशारद।
युग शुक्लोत्तर युग।
पेशा कवि, पत्रकार, क्रांतिकारी।
राजनैतिक पार्टी  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।
मृत्यु सन् 1968 ई०।

जीवन परिचय

हिंदी साहित्य के महान लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म सन् 1902 ई० में बिहार स्थित मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री फूलवन्त सिंह था ये एक साधारण किसान थे। रामवृक्ष बेनीपुरी के माता-पिता का बचपन में ही देहावसान हो गया था और इनका लालन-पालन इनकी मौसी की देख-रेख में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा बेनीपुर में ही हुई।

बाद में इनकी शिक्षा इनके ननिहाल में हुई। और  मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के पूर्व ही सन् 1920 में इन्होंने अध्ययन छोड़ दिया और महात्मा गाँधी के नेतृत्व में प्रारम्भ हुए असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े। बाद में हिन्दी साहित्य सम्मेलन से ‘विशारद’ की परीक्षा उत्तीर्ण की। ये राष्ट्रसेवा के साथ-साथ साहित्य की भी साधना करते रहे। साहित्य की ओर इनकी रुचि ‘रामचरितमानस’ के अध्ययन से जागृत हुई। पन्द्रह वर्ष की आयु से ही ये पत्र-पत्रिकाओं में लिखने लगे थे। देश-सेवा के परिणामस्वरूप इनको अनेक वर्षों तक जेल की यातनाएँ भी सहनी पड़ी।

इनकी अधिकांश रचनाएँ जेल में लिखी गयी हैं ये एक राजनीतिक एवं समाजसेवी व्यक्ति थे। विधानसभा, सम्मेलन, किसान सभा, राष्ट्रीय आन्दोलन, विदेश यात्रा, भाषा-आन्दोलन आदि के बीच में रमे रहते हुए भी इनका साहित्यकार व्यक्तित्व हिन्दी साहित्य को अनेक सुन्दर ग्रंथ दे गया है। बेनीपुरी जी बहुमुखी प्रतिभावाले लेखक हैं। इसी क्रम में हिंदी साहित्य और देश सेवा करते हुए इस महान साहित्यकार का सन् 1968 में देहावसान हो गया।

रचनाएँ

  1. उपन्यास-पतितों के देश में।
  2. रेखाचित्र-माटी की मूरत, लालतारा।
  3. कहानी-चिता के फूल।
  4. नाटक-अंबपाली।
  5. निबंध-गेहूँ और गुलाब, गन्दे वाणी विनायको, मशाल।
  6. संस्मरण-जंजीरें और दीवारें, यात्रा-वर्णन-पैरों में पंख बाँधकर।
  7. पत्र-पत्रिकाएँ– बालक, 2. तरुण भारती, 3. युवक, 4. किसान-मित्र, 5. कैदी, 6. योगी, 7. जनता, 8. हिमालय, 9. नयी धारा, 10. चुन्नू-मुन्नू। आदि इनकी प्रमुख रचनाएँ है।

पुरस्कार

अखिल भारतीय राम बृक्षबेनीपुरी पुरस्कार दिया गया।

भाषा-शैली

इनकी रचनाओं में खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।

  • चित्रशेपन शैली
  • डायरी शैली
  • नाटकीय शैली।

यह भी देखे-

Jeevan Parichay || Jivan Parichaya || Biography || Jeevani || Jivani || Vyaktitva and Krititva

जीवन परिचय || जीवनी || रचनाएँ || व्यक्तित्व और कृतित्व 

Post Overview

Post Name

Ram Briksha benipuri ji ka Jivan Parichay, jivani

Class All
Subject Hindi
Topic Jivan Parichay/ Biography/ Jeevani 
Board All Board and All Students 
State Uttar Pradesh
Session All 
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