UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science Chapter-6 Control and Coordination ( नियंत्रण एवं समन्वय ) Notes in hindi

UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science [विज्ञान] ईकाई 2 जैव जगत – Chapter- 6 Control and Coordination ( नियंत्रण एवं समन्वय ) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं विज्ञान ईकाई 2  जैव जगत (Organic world) के अंतर्गत चैप्टर 6 ( नियंत्रण एवं समन्वय )  पाठ के अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं लघु उत्तरीय प्रश्न  प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं हमारी मेहनत की क़द्र करते हुए इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करेंगे।

मानव में समन्वयन, तंत्रिका तंत्र की सामान्य संरचना, प्रतिवर्ती क्रिया, जंतुओं में रासायनिक समन्वय: अंतः स्रावी ग्रंथियां एवं हॉर्मोन्स, पौधों में समन्वय: पादप हॉर्मोन्स

Class  10th  Subject  Science (Vigyan)
Pattern  NCERT  Chapter-  Control and Coordination

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न / लघु उत्तरीय प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. रसायनानुवर्तन का एक उदाहरण दीजिए।

उत्तरपरागनलिका का बीर्जाड की ओर वृद्धि करना।

प्रश्न 2. बहुकोशिकीय जीवों में नियंत्रण तथा समन्वय प्रदान करने वाले दो ऊतकों के नाम लिखिए।

उत्तर(1) तंत्रिका ऊतक, (ii) पेशी ऊतक।

प्रश्न 3. कौनसी अंतःस्त्रावी ग्रन्थि वृद्धि हॉर्मोन का स्त्राव करती है?

उत्तरपीयूष ग्रन्थि।

प्रश्न 4. कोशिका विभाजन को बढ़ावा देने वाले पादप हॉर्मोन का नाम लिखिए।

उत्तरसाइटोकाइनिन ।

प्रश्न 5. प्ररोह के प्रकाश की ओर झुक जाने को हम क्या कहते हैं?

उत्तरप्रकाशानुवर्तन ।

प्रश्न 6. न्यूरॉन (तंत्रिका कोशिका) क्या है?

उत्तरतंत्रिका तंत्र की रचनात्मक इकाई को तंत्रिका कोशिका कहते हैं, जिनकी सहायता से मेरुरज्जु तथा मस्तिष्क की सभी क्रियाएँ सम्पन्न होती हैं।

प्रश्न 7. प्रतिवर्ती (reflex) क्रिया की परिभाषा लिखिए।

उत्तरकिसी उद्दीपन के प्रति अत्यंत तेज अचेतन एवं अनैच्छिक क्रिया प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है। जैसे-पुतली के आकार में परिवर्तन, गर्म वस्तु को स्पर्श करने पर हाथ हटाना आदि।

प्रश्न 8. उस हॉर्मोन का नाम बताइए, जो पत्तियों के टूटने में योगदान देता है?

उत्तरएब्सिसिक अम्ल।

प्रश्न 9. थायरॉक्सिन के स्त्रावण में कौनसा तत्त्व आवश्यक है?

उत्तरआयोडीन।

प्रश्न 10. किन्हीं दो प्रकार के अनुवर्तन के नाम बताइए।

उत्तर(i) गुरुत्वानुवर्तन, (ii) प्रकाशानुवर्तन, (iii) जलानुवर्तन, (iv) स्पर्शानुवर्तन।

प्रश्न 11. हॉर्मोन क्या होते हैं?

उत्तर जन्तुओं में अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित विशिष्ट रसायनों को हॉर्मोन्स (hormones) कहते हैं। ये प्रोटीन्स, ऐमीनो अम्ल, स्टीरॉयड्स आदि के व्युत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 12. मेकरज्जु क्या है? इसके द्वारा कौनसा कार्य नियन्त्रित किया जाता है?

उत्तर मेरुरज्यू (Spinal Cord) केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र के अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु आते हैं। मेकशेरुदण्ड की तत्रिका नाल में स्थित होता है। मस्तिष्क का मस्तिष्क पुच्छ (medulla oblongata) खोपड़ी से निकलकर मेकरज्जु बनाता है। मेरुरज्जु से मेरु तन्त्रिकाएँ निकलती हैं।

कार्य(i) मेरुरज्जु प्रतिवती क्रियाओं का संचालन, नियमन तथा नियन्त्रण करता है।

(ii). यह मस्तिष्क में आने-जाने वाली प्रेरणाओं के लिए मार्ग प्रदान करता है।

प्रश्न 13. लैंगरर्हन्स की द्वीपिकाएँ कहाँ पायी जाती है?

उत्तरअग्न्याशय में।

प्रश्न 14. मनुष्य में किन्हीं चार अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के नाम लिखिए।

उत्तर (i) पीयूष अन्धि, (ii) वाइरॉइड ग्रन्थि, (iii) अधिवृक्क ग्रन्थि, (iv) पैराथाइरॉइड ग्रन्थि।

प्रश्न 15. एक व्यक्ति के हाथ में एक आलपिन चुभा दी गयी। उसने अपना हाथ झटके से तुरन्त हटा लिया। इस कार्य में कौनसी क्रिया घटित हुई?

उत्तरप्रतिवर्ती क्रिया (reflex action)।

प्रश्न 16. मस्तिष्क का कौनसा भाग शरीर में सन्तुलन बनाने का काम करता है?

उत्तरपश्च मस्तिष्क का अनुमस्तिष्क (cerebellum)।

प्रश्न 17. किसी मनुष्य में प्रतिवर्ती क्रियाएँ नहीं हो रही हैं, उसके तन्त्रिका तन्त्र का कौनसा भाग क्षतिग्रस्त हो गया है?

उत्तरमेरु तन्त्रिकाओं के क्षतिग्रस्त हो जाने से प्रतिवर्ती क्रियाएँ नहीं होती हैं।

प्रश्न 18. इन्सुलिन के अल्पस्त्रावण से रुधिर में ग्लूकोस की प्रतिशत मात्रा बढ़ जाने वाले रोग का नाम लिखिए।

उत्तरमधुमेह (Diabetes) रोग।

प्रश्न 19. बीटाकोशिकाएँ कहाँ पायी जाती हैं तथा इसके क्या कार्य होते हैं?

उत्तरबीटा-कोशिकाएँ अग्न्याशय में स्थित लैंगर हैन्स की द्वीपिकाओं में पायी जाती हैं। इनसे इन्सुलिन हॉर्मोन स्स्रावित होता है जो रक्त में शर्करा का नियमन करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. मानव वृषण द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन का नाम लिखिए। इसके कार्यों का उल्लेख कीजिए। 

उत्तरमानव वृषण द्वारा स्रावित हॉर्मोन का नाम टेस्टोस्टेरॉन है। कार्य-नर लैगिक (सेक्स) अंगों का विकास एवं नियंत्रण, नर लक्षणी, जैसे-मूंछ, दाढ़ी आदि का नियंत्रण एवं निर्धारण।

प्रश्न 2. हमारे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के दो प्रमुख अंगों के नाम लिखिए। इनमें से कौनसा अंग सोचने के प्रक्रम के बिना ही पेशियों को कार्य करने का आदेश देने में प्रमुख भूमिका निभाता है? इससे सम्बद्ध परिघटना का नाम लिखिए। केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के दो प्रमुख अंग है

उत्तर(i) मस्तिष्क, (ii) मेरुरज्जु।

मेरुरज्जु सोचने के प्रक्रम बिना ही पेशियों को कार्य करने का आदेश देने में प्रमुख भूमिका निभाता है। इससे सम्बन्धित परिपटस का नाम प्रतिवर्ती क्रिया है।

प्रश्न 3. मानवों में पीयूष ग्रंथि द्वारा स्स्रावित हॉर्मोन का नाय लिखिए तथा इसका कार्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तरपीयूष ग्रन्थि द्वारा सावित हॉर्मोन का नाम वृद्धि हॉर्मोन है। कार्य-वृद्धि और विकास का नियंत्रण करना।

प्रश्न 4. हॉर्मोन क्या होते हैं? निम्नलिखित हॉर्मोन का एकएक कार्य लिखिए

(i) थायरॉक्सिन

(ii) इन्सुलिन।

उत्तरवे रासायनिक पदार्थ जो शरीर के अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा सावित होते हैं तथा जो शरीर में विभिन्न प्रकार के सूचनाओं का संचरण  करता है, हॉर्मोन कहलाते हैं।

(i) थायरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के उपापचय पर नियंत्रण।

(ii) इन्सुलिन रुधिर में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करना।

प्रश्न 5. एक न्यूरॉन (तंत्रिका कोशिका) में

(i) सूचनाएँ कहाँ से प्राप्त होती हैं?

(ii) इम्पल्स के रूप में सूचनाएँ किस भाग से यात्रा करती हैं?

(iii) इम्पल्स (आवेग) कहाँ पर रासायनिक संकेत में बदलकर बाहर आता है?

उत्तर(1) दुमिका (डेंड्राइट) द्वारा, (ii) कोशिका काय तथा एक्सॉन से, (iii) अंतर्ग्रथन (सिनेप्स)।

प्रश्न 6. ‘अनुकुंचनतथावक्रगतियाँ क्या होती हैं? प्रत्येक का एकएक उदाहरण दीजिए।

उत्तरअनुकुंचन गति (Nastic Movement) में उद्दीपन की दिशा का प्रभाव गति की दिशा पर नहीं पड़ता है। उदाहरण के लिए छुई मुई का पौधा स्पर्श करने पर पत्रक बंद कर लेता है, और पत्तियाँ नीचे की ओर लटक जाती हैं।

वक्र गति (Curvature Movement)- ऐसी गतियाँ जो किसी एकदिशीय उद्दीपन की प्रेरणा से उत्पन्न होती हैं तथा वक्रण (curvature) उद्दीपन की दिशा से अनुबंधित होता है। यह ऋणात्मक या धनात्मक प्रकार की हो सकती है। उदाहरण के लिए पौधों का प्रकाश की ओर वृद्धि करना और जड़ों का अंधकार की ओर वृद्धि करना अर्थात् गुरुत्वानुवर्तन ।

प्रश्न 7. ‘प्रतिवर्ती‘ (reflex) क्रिया की परिभाषा लिखिए।

उत्तरकिसी उद्दीपन से होने वाली स्वचलित, त्वरित अनैच्छिक क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं। इसमें मस्तिष्क द्वारा किसी प्रक्रम की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रश्न 8. पादप हॉर्मोन क्या हैं? मुख्य पादप हॉर्मोन्स के नाम बताइए। अथवा पादप हॉर्मोन पर टिप्पणी लिखिए। उत्तरपादप हॉर्मोन (Plant Hormone or Phytochr omes)-पादपों में जैविक क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय केवल विशिष्ट रसायनों द्वारा होता है, इन्हें पादप हॉमोंन या फाइटोक्रोम (phytochromes) कहते हैं। इनका उत्पादन तने तथा जड़ के शीर्ष भाग में होता है। ये विसरित होकर अन्य भागों में क्रियाओं का नियंत्रण एवं समन्वय करते हैं। पौधों में पाए जाने वाले मुख्य हॉर्मोन्स निम्नलिखित हैं-

(i) ऑक्सिन (Auxin), (ii) जिबरेलिन (Gibberellins), (ii) साइटोकाइनिन (Cytokinins), (iv) ऐब्सिसिक अम्ल (Abscisic acid), (v) एथिलीन (Ethylene)।

 

प्रश्न 9. तन्त्रिका तन्त्र किसे कहते हैं? तन्त्रिका कोशिकाएँ कितने प्रकार की होती है?

उत्तरतन्त्रिका तन्त्र यह तन्त्रिका कोशिकाओं (neurons) से बनता है। तन्त्रिका तन्तु संवेदी अंगों से उद्दीपनों को ग्रहण करके मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक पहुंचाते हैं। ये उद्दीपन प्रेरणाओं को विद्युत आवेगों के रूप में कार्यकारी (effectors) अंगों में पहुँचकर उद्दीपन के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।

तन्त्रिका तन्त्र को तीन प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है-

() केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र इसके अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु आती है।

() परिधीय तन्त्रिका तन्त्र इसके अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु से सम्बन्धित तन्त्रिकायें आती हैं।

() स्वायत्त तन्त्रिका तन्त्र इसके अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु से सम्बन्धित तन्त्रिकायें आती हैं।

प्रश्न 10. गैसीय अवस्था में पाया जाने वाला हॉर्मोन कौनसा है? इसका मुख्य कार्य क्या है?

उत्तरएथिलीन गैसीय हॉर्मोन है। यह सामान्यतया वृद्धिरोधक का कार्य करता है और पुष्पन का संदमन करता है। यह कुकुरविटेसी कुल के पौधों में मादा पुष्पों की संख्या को बढ़ाता है और नर पुष्पों की संख्या को कम करता है। यह अनन्नास में पुष्पन को प्रेरित करता है। यह फलों के पकाने में सहायक होता है।

प्रश्न 11. पादप हॉर्मोन्स की चार प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

उत्तरपादप हॉर्मोन्स की विशेषताएँ

(i) ये मुख्य रूप से प्ररोह शीर्ष (shoot apex) और मूल शीर्ष (root apex) के विभज्योतकी क्षेत्रों में बनते हैं।

(ii) ये अत्यन्त सूक्ष्म मात्रा में पौधों की वृद्धि तथा अन्य क्रियाओं को नियन्त्रित करते हैं।

(iii) पादप हॉर्मोन्स संश्लेषण स्थल से जहाँ आवश्यकता होती है, पहुंचाये जाते हैं।

(iv) एक ही पादप हॉर्मोन्स पौधे के अलग-अलग अंगों में क्रियाशील हो सकता है, लेकिन उसकी सान्द्रता अर्थात मात्रा का विशिष्ट प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 12. पादप हॉर्मोन एथिलीन के प्रभाव लिखिए।

अथवा  गैसीय अवस्था में पाये जाने वाले हॉर्मोन का नाम बताइए तथा इसके तीन प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तरएथिलीन (Ethylene)- यह एकमात्र गैस अवस्था का हॉर्मोन है। 1962 में बर्ग (Burg) ने इसे पादप हॉर्मोन के रूप में सिद्ध किया था। एथिलीन के प्रमुख कार्य निम्नवत् हैं-

1.यह पत्तियों, पुष्पों तथा फलों में विलगन को प्रेरित करता है।

2.इसके फलस्वरूप अनेक एकलिंगाश्रयी पौधों में मादा पुष्पों की संख्या में वृद्धि होती है।

3. यह सामान्यतया पुष्पन को कम करता है लेकिन अन्ननास में पुष्पन को प्रेरित करता है।

4.यह वृद्धिरोधक का कार्य करता है। गुरुत्वानुवर्तन गति को समाप्त करता है।

5.यह फलों को पकाने में सहायक होता है।

इथेफोन (2-chloroethyl phosphoric acid) से एथिलीन गैस मुक्त होती है। इथेफोन का उपयोग कृत्रिम रूप से फलों को पकाने के लिए किया जाता है। इसमें फल प्राकृतिक रूप से पके दिखाई देते हैं।

प्रश्न 13. हॉर्मोन्स तथा एन्जाइम्स में अन्तर लिखिए।

अथवा  हॉर्मोन्स तथा विकर (एन्जाइम्स) किसे कहते हैं? इनमें कोई दो अन्तर लिखिए।

उत्तर–                                              हॉर्मोन्स तथा एन्जाइम्स में अन्तर

हॉर्मोन्स (Hormones)

एन्जाइम्स (Enzymes)

1. ये प्रोटीन्स, ऐमीनो अम्ल, स्टीरॉय ड्स आदि से व्युत्पत्र होते हैं। 1. ये सरल प्रोटीन्स होते हैं।
2. इनका अणुभार बहुत अधिक होता है। 2. इनका अणुभार बहुत कम होता है।
3. ये अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्त्रावित होते हैं। 3. ये बहिःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित होते हैं।
4. इनका वितरण रक्त के माध्यम से होता है। 4. ग्रन्थि इन्हें सम्बन्धित भाग में नलिका द्वारा पहुंचाती है।
5. ये उपापचयी क्रियाओं से सीधे भाग नहीं लेते हैं। 5. ये उपापचयी क्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।

प्रश्न 14. अग्न्याशय से स्त्रावित होने वाले हॉर्मोन का नाम तथा इनके एकएक कार्य का उल्लेख कीजिए।

अथवा इन्सुलिन कहाँ बनता है? इसका कार्य एवं महत्त्व लिखिए।

अथवा अग्न्याशय के अन्तः स्त्रावी भाग में स्थित एल्फा (α) तथा बीटा (β)कोशिकाओं से स्त्रावित हॉर्मोन्स के नाम तथा कार्य लिखिए।

उत्तरइन्सुलिन (insulin) हॉर्मोन अग्न्याशय में स्थित लैंगर हैन्स की द्वीपिकाओं की -कोशिकाओं से स्त्रावित होता है। यह शरीर में शर्करा की मात्रा का नियमन करता है। इन्सुलिन आवश्यकता से अधिक ग्लूकोस को ग्लाइकोजन में बदलता है। ग्लाइकोजन संचित भोजन के रूप में यकृत कोशिकाओं में एकत्र हो जाता है। लैंगर हैन्स की द्वीपिकाओं की -कोशिकाओं से स्स्रावित ग्लूकैगॉन (glucagon) हॉर्मोन आवश्यकता पड़ने पर ग्लाइकोजन को शर्करा में बदल देता है।

इन्सुलिन की कमी से मधुमेह रोग (diabetes) हो जाता है। अतः मधुमेह के उपचार हेतु इन्सुलिन के इन्जेक्शन लगाये जाते हैं।

प्रश्न 15. मनुष्य में उपापचयी रोग विकार का संक्षेप में वर्णन

उत्तरउपापचयी रोग (Metabolic Diseases)- अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्स्रावित हॉर्मोन शरीर की उपापचय क्रियाओं का नियन्त्रण तथा नियमन करते हैं। विभिन्न हॉर्मोन्स की कमी या अधिकता के कारण अनेक उपापचयी रोग हो जाते हैं।

प्रश्न 16. अधिवृक्क ग्रन्थि से स्वावित हॉर्मोन्स के नाम तथा कार्य लिखिए।

अथवा  एड्रीनल ग्रन्थि के कॉर्टेक्स भाग से स्त्रावित हॉर्मोन्स के नाम लिखिए तथा उनके कार्यों का उल्लेख कीजिए। 

उत्तर() अधिवृक्क कॉर्टेक्स के हॉर्मोन्स एवं कार्य इससे तीन प्रकार के हॉर्मोन्स स्रावित होते हैं-

(i) खनिज नियन्त्रक हॉर्मोन्स या मिनरैलोकॉरटिकॉइड्स (Mineralocorticoides)- ये शरीर में Na, K, CI तथा जल की उचित मात्रा को बनाये रखते हैं। इनके अन्तर्गत ऐल्डोस्टीरोन मुख्य हॉर्मोन है।

(ii) ग्लूकोज नियन्त्रक हॉर्मोन्स या ग्लूकोकॉरटिकॉइड्स (Glucocorticoids)- इसके अन्तर्गत मुख्य हॉर्मोन्स कॉरटिसोल (cortisol) तथा कॉरटि कोस्टीरोन (corticosterone) आते हैं। इनके प्रमुख कार्य निम्न प्रकार हैं-

(अ) कॉरटिसोल (cortisol) का प्रभाव इन्सुलिन विरोधी होता है। यह रक्त में ग्लूकोस की मात्रा को बढ़ाता है।

(ब) यह प्रदाह-विरोधी (anti-inflammatory) होता है। WBCs पर रोक लगाकर शरीर की सामान्य सुरक्षा प्रक्रिया को रोक देता है।

(स) ग्लूकोकॉरटिकॉइड्स शरीर की प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया (immune reaction) को रोक देते हैं।

(द) ग्लूकोकॉरटिकॉइड्स RBCs की संख्या बढ़ाते हैं और WBCs की संख्या को घटाते हैं।

(iii) लिंग हॉर्मोन्स (Sex Hormones)- ये जननांगों एवं पेशियों के विकास को प्रेरित करते हैं।

() एड्रीनल मेड्यूला के हॉर्मोन्स तथा इनके कार्य इससे दो हॉर्मोन्स 80% एड्रीनेलीन (adrenalin) तथा 20% नॉर- ऐड्रीनेलीन (nor-adrenalin) स्रावित होते हैं। मेड्यूला हॉर्मोन्स रक्तदाब, हृदय स्पंदन दर, श्वास दर, उपापचयी दर, ग्लूकोस की खपत आदि को बढ़ा देता है। इसके फलस्वरूप रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रक्त स्कंदन (blood clotting) का समय घट जाता है। शरीर संकटावस्था में एक उग्र प्रतिक्रिया (violent reaction) के लिए तैयार हो जाता।

अधिवृक्क हॉर्मोन्स की कमी के कारण शरीर संक्रमण, गर्मी, सर्दी के प्रति अति संवेदनशील हो जाता है। इसे एडीसन रोग कहते हैं। अधिवृक्क हॉर्मोन्स की अधिकता से हाइपरग्लाइसीमिया, लकवा (paralysis) आदि रोग हो जाते हैं। लड़कियों में लिंग परिवर्तन की सम्भावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 17. तन्त्रिका तन्त्र की कार्यिकी का उल्लेख कीजिए।

उत्तरतन्त्रिका तन्त्र की कार्यिकी संवेदी अंगों से संवेदी तन्त्रिकायें उद्दीपनों को ग्रहण करके मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु तक पहुँचाती हैं। मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु समन्वय केन्द्र का कार्य करते हैं। ये उद्दीपनों का विश्लेषण करके कार्यकारी अंगों को आदेश देते हैं। मस्तिष्क या मेरुरज्जु से प्रेरणायें चालक तन्त्रिकाओं द्वारा कार्यकारी अंगों तक पहुँचती हैं। कार्यकारी अंग (पेशियाँ, ग्रन्थियाँ) उद्दीपन के अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं।

प्रश्न 18. साइटोकाइनिन के कार्य लिखिए।

उत्तरसाइटोकाइनिन (Cytokinins) के कार्य

  1. कोशिका विभाजन तथा कोशिका वर्धन को प्रेरित करते हैं।
  2. साइटोकाइनिन की मात्रा प्ररोह तथा मूलतन्त्र की वृद्धि को नियन्त्रित रखती है।
  3. साइटोकाइनिन के प्रयोग से जीर्णावस्था को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है।
  4. साइटोकाइनिन के प्रयोग से पार्श्व कलिकायें शीर्षस्थ कलिकाओं की वृद्धि के साथ-साथ विकसित होने लगती हैं।
  5. साइटोकाइनिन अनेक बीजों की प्रसुप्ति को दूर करके अंकुरण में सहायता करते हैं।
  6. साइटोकाइनिन पुष्पन का समारंभन (initiation) करते हैं।
  7. साइटोकाइनिन अनिषेकफलन (parthenocarpy) को प्रेरित करते हैं।

प्रश्न 19. यदि किसी तन्त्रिका कोशिका के सभी डेन्ड्रॉन तथा डेन्ड्रॉइट्स काट दिये जायें तो उस तन्तु की दिनचर्या पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तरतन्त्रिका कोशिका के तीन मुख्य भाग होते हैं

(i) तन्त्रिका – काय (cyton), (ii) डेन्ड्रॉन (dendron), तथा (ii) तन्त्रिकाक्ष (axon)

तन्त्रिका कार्य से अनेक डेन्ड्रॉन तथा एक तन्त्रिकाक्ष लगा होता है। डेन्ड्रॉन्स के शाखामय प्रवों को डेन्ड्रॉइट्स कहते हैं। ये उद्दीपन या प्रेरणा को तन्त्रिका काय (cyton) तक पहुँचाते हैं। तन्त्रिका काय से उद्दीपन या प्रेरणा को ले जाने का कार्य तन्त्रिकाक्ष करता है। डेन्ड्रॉन्स तथा डेन्ड्रॉइट्स को काट देने से उद्दीपन या प्रेरणाओं का प्रसारण न हो पाने में जीवधारी उद्दीपन के प्रति प्रतिक्रिया प्रदर्शित नहीं कर पायेगा।

प्रश्न 20. निम्नलिखित के कार्य लिखिए

(i) प्रमस्तिष्क, (ii) अनुमस्तिष्क, (iii) मेड्यूला ऑब्लांगेटा (iv) मेरुरज्जु

उत्तर (i) प्रमस्तिष्क के कार्य यह स्मृति, सोचने-विचारने, चेतना, तर्क, नैतिकता, उत्तरदायित्व की भावना तथा सीखने का केन्द्र होता है।

(ii) अनुमस्तिष्क के कार्य यह पेशियों को नियन्त्रित करके शरीर के सन्तुलन को बनाये रखता है, प्रचलन में सहायता करता है।

(iii) मेड्यूला ऑब्लांगेटा के कार्य यह शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं, जैसे-हृदय स्पन्दन, श्वसन, परिसंचरण, शरीर ताप नियमन आदि का नियमन करता है।

(iv) मेरुरज्जु के कार्ययह प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियन्त्रण एवं नियमन करता है। मस्तिष्क को आने-जाने वाली प्रेरणाओं के लिए मार्ग प्रदान करती है। अनेक अनैच्छिक क्रियाओं का नियन्त्रण भी करती है।

प्रश्न 21. नलिकाविहीन ग्रन्थियों से आप क्या समझते हैं?

अथवा  अन्तः स्त्रावी ग्रन्थियाँ किसे कहते हैं?

उत्तर– नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ- ये ग्रन्थियाँ सम्बन्धित एपिथीलियम से सम्बन्ध समाप्त हो जाने के कारण नलिकाविहीन (ductless) हो जाती हैं। इससे स्रावित हॉर्मोन्स (hormones) सीधे ही रक्त में मुक्त होते हैं। हॉर्मोन्स का वितरण भी रक्त द्वारा होता है। जैसे- थाइरॉयड ग्रन्थि, पीयूष ग्रन्थि आदि।

प्रश्न 22. प्रतिवर्ती क्रिया किसे कहते हैं? एक उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर हमारे शरीर में होने वाली कुछ ऐसी अभिक्रियाएँ हैं जो मस्तिष्क के आदेश के बिना ही तुरन्त हो जाती है। इस प्रकार की अनुक्रियाएँ प्रतिवर्ती या स्वतः प्रेरित क्रियाएँ कहलाती हैं जो मेरुरज्जु द्वारा ही सम्पन्न हो जाती हैं। पलकों का झपकना, छींकना या खाँसना सभी प्रतिवर्ती क्रियाएँ हैं।

उदाहरण के लिए, जब हाथ पर सुई चुभोई जाती है तो एकदम हाथ हट जाता है, यह प्रतिवर्ती क्रिया है। जब सुई चुभोते हैं तो शरीर का यह भाग उत्तेजित हो जाता है। फलस्वरूप यह उत्तेजना (उद्दीपन) आवेग के रूप में बदल जाता है, यह आवेग डेन्ड्राइट ग्रहण कर लेते हैं। यहाँ से आवेग मेरुरज्जु में पहुँचता है। यह आवेग मेरुरज्जु से होते हुए न्यूरॉन में जाता है जहाँ से यह अपवाही अंग में पहुँच जाता है। अपवाही अंग में प्रेरणा के पहुँचते ही शरीर के इस भाग को उद्दीपन के स्थान से हटा लिया जाता है।

 

UP Board and NCERT Solution of Class 10 Science Chapter- 6 Control and Coordination ( नियंत्रण एवं समन्वय ) MCQ

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