UP Board and NCERT Solution of Class 9 Science [विज्ञान] ईकाई 3 गति, बल तथा कार्य – Chapter-8 Force and Laws Of Motion (बल और गति के नियम) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttareey Prashn
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं विज्ञान ईकाई3 गति, बल तथा कार्य के अंतर्गत चैप्टर8(बल और गति के नियम) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं कि पोस्ट आपको पसंद आयेगी अगर पोस्ट आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें
Class | 9th | Subject | Science (Vigyan) |
Pattern | NCERT | Chapter- | Force and Laws Of Motion |
लघु उत्तरीय प्रश्न / Laghu Uttareey Prashn
प्रश्न 1. एक-से दो ट्रक सड़क पर समान वेग से चल रहे हैं। उनमें से एक खाली है और दूसरा बोझ से लदा हुआ है। किस ट्रक को रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी?
उत्तर-भरे ट्रक का द्रव्यमान अधिक होने के कारण इसका संवेग अधिक होगा। अतः भरे ट्रक को रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 2. चलती हुई रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा में फेंकी गेंद लौटकर उसके हाथ में वापस क्यों आ जाती है?
उत्तर-जड़त्व के कारण व्यक्ति एवं गेंद बराबर गाड़ी के साथ उसी वेग से क्षैतिज दिशा में चलते रहते हैं इसलिए यदि गेंद उछालने के पश्चात् व्यक्ति का हाथ गेंद के नीचे ही रहता है तो गेंद उसके हाथ में आ जाती है।
प्रश्न 3. एक यात्री बस तीव्र वेग से सरल रेखा में गतिमान है। बस के एकाएक रुकने पर यात्री का सिर किस ओर झुकेगा ?
उत्तर-यात्री का सिर आगे की ओर अर्थात् बस के चलने की दिशा में गति के जड़त्व के कारण झुकेगा।
प्रश्न 4. यदि एक दीवार पर समान वेग एवं समान आकार की लोहे और लकड़ी की गेंदें टकरायें तो किस गेंद के द्वारा दीवार पर अधिक बल लगेगा ?
उत्तर-यदि एक दीवार पर समान वेग एवं समान आकार की लोहे और लकड़ी की गेंदें टकरायें तो लोहे की गेंद द्वारा दीवार पर अधिक बल लगेगा, क्योंकि लोहे की गेंद का द्रव्यमान अधिक होने के कारण उसका संवेग अधिक होगा।
प्रश्न 5. जब कोई बस या रेलगाड़ी अचानक चल पड़ती है तो उसमें सवार यात्री पीछे की ओर गिर पड़ते हैं। क्यों?
अथवा
क्या कारण है कि बस के अचानक चलने पर सवार यात्रियों को पीछे की ओर धक्का लगता है?
उत्तर-बस या रेलगाड़ी में सवार यात्री गाड़ी के समान स्थिर अवस्था में होते हैं। जब बस या रेलगाड़ी अचानक चल पड़ती है तो यात्री के शरीर का निचला भाग तो गाड़ी की दिशा में गाड़ी की चाल से गतिमान हो जाता है लेकिन उसके शरीर का शेष ऊपरी भाग अपनी विराम अवस्था के जड़त्व के कारण स्थिर बना रहने का प्रयत्न करता है। अतः शरीर का निचला भाग तो आगे निकल जाता है लेकिन ऊपरी भाग पीछे रह जाता है और यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है।
प्रश्न 6. क्या कारण है कि यात्रा के दौरान हम काँच के सामान को थर्मोकोल या अखबारी कागज में ही रखते हैं? आवेग की अवधारणा के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर-यात्रा के दौरान हम काँच के सामान को थर्मोकोल या अखबारी कागज में लपेटकर रखते हैं जिससे झटका लगने पर उत्पन्न हुए आवेग का समयान्तराल अधिक हो जाता है? क्योंकि थर्मोकोल एवं कागज मुलायम होते हैं। समयान्तराल अधिक होने से आवेग बल का मान कम हो जाता है जिससे काँच के सामान को झटका वहुत कम लगता है इससे काँच का सामान टूटने से बच जाता है।
प्रश्न 7. न्यूटन के गति के नियमों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- प्रथम नियम-कोई वस्तु अपनी विराम अथवा एकसमान गति की अवस्था में तब तक बनी रहेगी, जब तक कि वस्तु पर कोई बाह्य-बल आरोपित न किया जाय।
‘द्वितीय नियम-किसी वस्तु पर बल लगाने से उत्पन्न त्वरण, लगाये गये वल के अनुक्रमानुपाती तथा वस्तु के के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है, तथा त्वरण की दिशा वही होती है जो बल की होती है। [गणितीय रूप में, बल = द्रव्यमान x त्वरण]
अथवा किसी वस्तु पर बाह्य बल लगाने से उत्पन्न संवेग-परिवर्तन की समय-दर, लगाये गये वल के अनुक्रमानुपाती होती है।
तृतीय नियम- जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है।
प्रश्न 8. गति के द्वितीय नियम के समीकरण से बल का SI मात्रक प्राप्त कीजिए ।
उत्तर- गति के द्वितीय नियम से
बल = द्रव्यमान * त्वरण
अतः बल का मात्रक= द्रव्यमान का मात्रक * त्वरण का मात्रक
=kg * ms-2 kg m s-2
इसे N (newton) कहते हैं।
प्रश्न 9. संवेग की परिभाषा देते हुए संवेग का SI मात्रक निगमित कीजिए।
उत्तर- संवेग-किसी गतिशील वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं। संवेग को p से व्यक्त करते हैं।
संवेग = द्रव्यमान * वेग
अतः संवेग का मात्रक = द्रव्यमान का मात्रक * वेग का मात्रक
= kg x m s–¹
= kg-m s–¹
प्रश्न 10. गति के द्वितीय नियम के समीकरण से प्रथम नियम कैसे उत्पन्न होता है?
उत्तर- गति के द्वितीय नियम से
बल = द्रव्यमान x त्वरण
अथवा F=m.a
अब यदि F = 0 हो तो a = 0 होगा।
अर्थात् वस्तु पर बाह्य बल (F) की अनुपस्थिति में वस्तु का त्वरण (a) शून्य होगा-जिससे वस्तु यदि स्थिर है तो स्थिर रहेगी तथा यदि गतिमान है तो उसकी एकसमान गति (चाल तथा गति की दिशा) में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यही गति का प्रथम नियम है।
प्रश्न 11. किसी वस्तु के वेग पर क्या प्रभाव होगा यदि वस्तु पर कोई बल गति की दिशा के (i) अनुदिश, (ii) विपरीत, (iii) अभिलंबवत् लगाया जाय ।
उत्तर- (i) वस्तु की चाल बढ़ती जायगी।
(ii) वस्तु की चाल घटती जायगी तथा एक समय में वस्तु रुककर विपरीत दिशा में बढ़ती हुई चाल से गतिमान हो जायगी।
(iii) वस्तु की गति की दिशा बदलती जायगी परंतु चाल अपरिवर्तित रहेगी।
प्रश्न 12. ‘जड़त्व’ से क्या तात्पर्य है? जड़त्व की माप वस्तु के किस लक्षण से की जाती है ?
उत्तर-जड़त्व- किसी वस्तु द्वारा अपनी विरामावस्था अथवा एकसमान गति की अवस्था स्वयं न बदल सकने की प्रवृत्ति को ‘जड़त्व’ कहते हैं। जड़त्व की माप वस्तु के द्रव्यमान से की जाती है।
प्रश्न 13. न्यूटन का गति का तृतीय नियम लिखिए। पृथ्वी प्रत्येक वस्तु पर आकर्षण बल लगाती है। इस बल की प्रतिक्रिया किस प्रकार होती है ?
उत्तर- जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है।
किसी वस्तु पर पृथ्वी जितना आकर्षण बल लगाती है, उतना ही प्रतिक्रिया बल वस्तु द्वारा पृथ्वी पर (आकर्षण के रूप में) वस्तु की ओर लगता है।
प्रश्न 14. निम्नलिखित के कारण स्पष्ट कीजिए-
(i) किसी तीव्रगामी कार में अकस्मात् ब्रेक लगाने से कार में बैठे व्यक्ति आगे की ओर गिरते हैं।
(ii) कुएँ से पानी खींचता व्यक्ति रस्सी के एकाएक टूट जाने से पीछे की ओर गिर जाता है।
(iii) बन्दूक से गोली छोड़ने पर बन्दूक पीछे की ओर धक्का देती है।
उत्तर- (i) इसका कारण यह है कि ब्रेक लगाने पर कार में बैठे व्यक्ति के शरीर का निचला भाग तो कार के साथ रुक जाता है परन्तु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण गतिमान ही बना रहता है। अतः व्यक्ति आगे की ओर गिर जाता है।
(ii) जब रस्सी टूट जाती है तो व्यक्ति पर आगे की ओर लगने वाला खिंचाव अकस्मात् समाप्त हो जाता है। यदि रस्सी एकाएक टूटती है तो, इसके पहले कि व्यक्ति पैरों द्वारा पृथ्वी पर बल लगाना समाप्त करे, पृथ्वी की प्रतिक्रिया उसे पीछे को धक्का दे देती है तथा वह पीछे गिर जाता है।
पानी की बाल्टी खींचते समय व्यक्ति पर दो बल कार्य करते हैं-
(a) बाल्टी के भार के कारण व्यक्ति पर रस्सी का खिंचाव (व्यक्ति द्वारा बाल्टी पर लगाये गये बल की प्रतिक्रिया] तथा
(b) व्यक्ति अपने को आगे खिंच जाने से रोकने के लिए पैरों द्वारा पृथ्वी पर आगे की ओर बल लगाता है। इसकी प्रतिक्रिया में पृथ्वी द्वारा जो प्रतिक्रिया बल मनुष्य पर लगता है वह उसे रस्सी द्वारा आगे खिंच जाने से बचाता है।
(iii) बन्दूक से गोली छूटने पर, बारूद एकदम गैस बन जाती है जो कि फैलने के कारण गोली को बहुत जोर से आगे की ओर फेंक देती है। न्यूटन के गति के तृतीय नियम के अनुसार, प्रत्येक क्रिया बल के बराबर व विपरीत प्रतिक्रिया बल कार्य करता है। यही कारण है कि गोली भी गैस पर उतना ही, परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल लगाती है जिससे कि बन्दूक चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगता है।
प्रश्न 15. एक खाली ट्रक तथा एक लदा हुआ ट्रक समान चालों से गति कर रहे हैं। दोनों में ब्रेक द्वारा समान बल लगाने से कौन-सा ट्रक पहले रुक जायगा तथा क्यों?
उत्तर- यदि ट्रक पर ब्रेक द्वारा लगा बल F’तया द्रव्यमान हो तो ट्रक में उत्पन्न मंदन a = F/m होगा। अब यदि प्रारम्भिक वेग ५ से चलती हुई ट्रक रुकने से पहले दूरी चले तो गति के तृतीय समीकरण से
अर्थात् जिस ट्रक का द्रव्यमान अधिक होगा वह अधिक दूरी तक जाकर रुकेगा। अतः खाली ट्रक कम द्रव्यमान होने के कारण पहले रुक जायेगा।
प्रश्न 16. चलती हुई ट्रेन में हम एक गेंद को ऊपर उछालते हैं। गेंद के नीचे गिरने तक हम ट्रेन के साथ कुछ आगे बढ़ चुके होते हैं परन्तु गेंद हमारे हाथ में ही बापय गिरती है। इसका कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- ऊपर को उछालते समय गेंद का आगे की ओर वेग वही होना है जो ट्रेन के साथ हमारे हाथ का है। उछालने से हाथ में वापस गिरने तक के समय में गेंद पर कोई भी बल आगे की या पीछे की ओर नहीं लगता-अतः गेंद का वेग आगे की दिशा में, जडत्व के कारण, वही बना रहता है जो हमारे हाथ का अर्थात् इस समय में हमारा हाथ जितना आगे जाता है. गेंद भी उतना ही आगे जाती है। अतः गेंद हाथ में ही वापस गिरती है।
प्रश्न 17. ऊर्ध्वाधरतः ऊपर को उछाली गयी वस्तु एक ऊँचाई तक जाकर क्यों रुक जाती है तथा फिर वापस क्यों गिरती है?
उत्तर-ऊध्वाधरतः ऊपर को उछाली गयी वस्तु का प्रारम्भिक वेग ऊपर की ओर होता है परन्तु पृथ्वी का आकर्षण बल इसके विपरीन नीचे की ओर होता है। अतः वस्तु का ऊपर की ओर वेग घटता जाता है एवं कुछ ऊँचाई पर जाकर शून्य हो जाता है-अर्थात् गेंद एक क्षण के लिए रुक जाती है। अब इस रुकी हुई वस्तु पर पृथ्वी का आकर्षण बल नीचे की ओर लगते रहने के कारण वस्तु वापस नीचे की ओर गति करती अर्थात् गिरती है।
प्रश्न 18 किमी पत्थर को हाथ पर रखने से चोट नहीं लगती परन्तु वही पत्थर कुछ ऊँचाई से हाथ पर गिरने से चोट पहुँचाता है। क्यों?
उत्तर-ऊपर से गिरते समय पत्थर के वेग के कारण उसमें संवेग होता है। हाथ पर गिरने पर पत्थर को रोकने अर्थात् संवेग को शून्य करने के लिए हाथ द्वारा जितना बल पत्थर पर लगता है, उतना ही प्रतिक्रियात्मक बल पत्थर द्वारा हाथ पर लगाया जाता है। इसी बल के कारण हम चोट का अनुभव करते हैं तथा हाथ को क्षति भी पहुँच सकती है।
प्रश्न 19. किसी चलती ट्रेन से प्लेटफॉर्म पर उत्तरना घातक क्यों होता है ?
उत्तर-प्लेटफॉर्म के सम्पर्क में आने पर घर्षण-बल के कारण मनुष्य के पैर तो अकस्मान् रुक जाते हैं परन्तु शरीर का ऊपरी भाग ट्रेन के वेग से ही, जड़त्व के कारण, आगे की ओर बढ़ता जाता है, जिससे मनुष्य प्लेटफॉर्म पर गिर पड़ता है तथा ट्रेन एवं प्लेटफॉर्म के बीच में चला जा सकता है। इससे उसे गम्भीर चोट लग सकती है अथवा मृत्यु भी हो सकती है।
प्रश्न 20. किसी नाव में बैठकर पानी में पतवार चलाने से नाव आगे क्यों बढ़ती है?
उत्तर- मल्लाह पतवार के द्वारा नदी के जल पर पीछे की ओर जो बल लगाता है, उसकी प्रतिक्रिया के रूप में जल द्वारा पतवार पर उतना ही बल नाव पर आगे की ओर लगता है अतः नाव आगे बढ़ती है।