UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Civics [नागरिक शास्त्र] Chapter-4 संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions) MCQ Aur Important word
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-3: नागरिक शास्त्र लोकतांत्रिक राजनीति-1 खण्ड-2 के अंतर्गत चैप्टर4 संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions) पाठ के बहु विकल्पीय प्रश्न एवं महत्वपूर्ण शब्द प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 9th] |
Chapter Name | संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions) |
Part 3 | Civics [नागरिक शास्त्र ] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | लोकतांत्रिक राजनीति-1 |
संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions)
Important word (महत्वपूर्ण शब्दार्थ)
- सरकार– संस्थाओं का ऐसा समूह जिसके पास देश में व्यवस्थित जन-जीवन सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने, लागू करने और उसकी व्याख्या करने का अधिकार होता है। व्यापक अर्थ में सरकार किसी देश के लोगों और संसाधनों को नियन्त्रित और उसकी निगरानी करती है।
- गठबन्धन सरकार– विधायिका में किसी एक दल को बहुमत प्राप्त न होने की स्थिति में दो या अधिक राजनीतिक दल के गठबन्धन से बनी सरकार को गठबन्धन सरकार कहते हैं।
- कार्यपालिका– व्यक्तियों का ऐसा निकाय जिसके पास देश के संविधान और कानून के आधार पर प्रमुख नीति बनाने, निर्णय करने और उन निर्णयों को लागू करने का अधिकार होता है।
- न्यायपालिका– एक राजनीतिक संस्था जिसके पास न्याय करने और कानूनी विवादों के निबटारे का अधिकार होता है। देश की सभी अदालतों को एक साथ न्यायपालिका के नाम से पुकारा जाता है ।
- न्यायिक समीक्षा– न्यायिक समीक्षा सर्वोच्च न्यायालय की वह शक्ति है जिसके द्वारा वह विधायिका द्वारा पारित कानून अथवा कार्यपालिका द्वारा की गई कार्रवाई को यह जानने के लिए प्रयोग कर सकती है कि उक्त कानून या कार्रवाई संविधान द्वारा निषिद्ध है अथवा नहीं। यदि न्यायालय यह पाता है कि कोई कानून अथवा आदेश संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो यह ऐसे कानून या आदेश को अमान्य घोषित कर सकता है।
- राज्य– निश्चित क्षेत्र में फैली राजनैतिक इकाई, जिसके पास संगठित सरकार हो और घरेलू तथा विदेश नीतियों को बनाने का अधिकार है। सरकारें बदल सकती हैं पर राज्य बना रहता है। बोलचाल की भाषा में देश, राष्ट्र और राज्य को समानार्थी के रूप में प्रयोग किया जाता है। ‘राज्य’ शब्द का एक अन्य प्रयोग किसी देश के अन्दर की प्रशासनिक इकाइयों या प्रान्तों के लिए भी होता है। इस अर्थ में राजस्थान, झारखण्ड, त्रिपुरा आदि भी राज्य कहे जा सकते हैं।
- राष्ट्रपति प्रणाली– जिस देश में राष्ट्रपति देश व सरकार दोनों का मुखिया होता है। उदाहरणत संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति।
- न्यायपालिका की स्वतन्त्रता– न्यायपालिका की स्वतन्त्रता का अर्थ है कि यह विधायिका अथवा कार्यपालिका के नियन्त्रण से मुक्त है। न्यायाधीश सरकार के निर्देशों या सत्ताधारी दलों की इच्छा के अनुसार काम नहीं करते। यही कारण है कि सभी आधुनिक लोकतन्त्रों में अदालतें, विधायिका और कार्यपालिका के नियन्त्रण से मुक्त होते हैं।
- लोकसभा– इसका चुनाव प्रायः लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है तथा इसके सदस्य शक्ति को जनता की ओर से प्रयोग करते हैं।
- राज्यसभा– इसे प्रायः परोक्ष रूप से चुना जाता है तथा यह कई विशिष्ट कार्य करती है।
- संसदीय प्रणाली– हमारे देश जैसे अन्य देशों में संसद सर्वोच्च होती है। ऐसी शासन प्रणाली को संसदीय प्रणाली कहा जाता है।
- राजनैतिक कार्यकारी– लोकतान्त्रिक देशों में कार्यकारी एक निश्चित अवधि के लिए जनता द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं जिन्हें राजनैतिक कार्यकारी कहते हैं। जैसे-राजनेता।
- स्थायी कार्यकारी या नौकरशाह– ऐसे लोग जिन्हें लम्बी अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है उन्हें स्थायी कार्यकारी या नौकरशाह कहा जाता है।
- कार्यालय आदेश– सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी पत्र जिसमें सरकार के फैसले अथवा नीति के विषय में बताया जाता है।
- आरक्षण– भेदभाव के शिकार, वंचित एवं पिछड़े लोगों और समुदायों के लिए सरकारी नौकरियों एवं कुछ शैक्षिक संस्थाओं में सीटों को आरक्षित करने की नीति आरक्षण कहलाती है।
- सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग– सरकार के अधीन सिविल सेवा एवं अन्य सेवाओं की रिक्तियों में से 27% रिक्तियाँ सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित की गई हैं।
- विधायिका– जन प्रतिनिधियों की सभा जिसके पास देश का कानून बनाने का अधिकार होता है। इसके अतिरिक्त यह विधायिका को कर बढ़ाने, बजट बनाने और दूसरे वित्त विधेयकों को बनाने का विशेष अधिकार होता है।
- कार्यालय ज्ञापन– सक्षम अधिकारी द्वारा जारी पत्र जिसमें सरकार के निर्णयों या नीति के विषय में बताया गया होता है, कार्यालय ज्ञापन कहते हैं।
- राजनीतिक संस्था– देश की सरकार और राजनीतिक जीवन के आधार को नियमित करने वाली प्रक्रियाओं का समूह राजनीतिक संस्था कहलाता है।
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव– ऐसा प्रस्ताव जिसके अन्तर्गत संसद के सदस्य सरकार का ध्यान किसी समस्या विशेष की ओर खींचते हैं, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कहलाता है।
- निषेधाधिकार– असहमति प्रकट करना अथवा किसी प्रस्ताव के विरोध में मतदान कर उस प्रस्ताव को अस्वीकार करना निषेधाधिकार कहलाता है।
Social Science नागरिक शास्त्र (Civics) Chapter- 4 बहुविकल्पीय प्रश्न
नोट-निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
1.अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन–सा फैसला स्वयं कर सकते हैं?
(क) अपनी पसन्द के व्यक्ति को प्रधानमन्त्री चुन सकते हैं।
(ख), लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमन्त्री को उसके पद से हटा सकते हैं। .
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।✓
(घ) मन्त्रिपरिषद् में अपनी पसन्द के नेताओं का चयन कर सकते हैं।
- निम्नलिखित में कौन राजनैतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?
(क) जिलाधीश
(ख) गृह मन्त्रालय का सचिव
(ग) गृहमन्त्री।✓
(घ) पुलिस महानिदेशक
- न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन–सा बयान गलत है?
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।✓
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतन्त्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
- निम्नलिखित राजनैतिक संस्थाओं में से कौन–सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमन्त्री
(घ) संसद✓
- मंत्रिपरिषद् किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
(क) राज्यसभा
(ख) प्रधानमंत्री
(ग) लोकसभा✓
(घ) राष्ट्रपति
- भारत में द्वितीय पिछड़ी जाति आयोग का गठन बी०पी० मण्डल की अध्यक्षता में कब किया गया?
(क) 1979✓
(ख) 1980
(ग) 1981
(घ) 1982
- आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण कब से मिलना शुरू हुआ?
(क) 1990
(ख) 1991
(ग) 1992
(घ) 1993✓
- लोकसभा की अधिकतम संख्या कितनी हो सकती है?
(क) 548
(ख) 550✓
(ग) 553
(घ) 554
- राज्यसभा की अधिकतम संख्या कितनी हो सकती है?
(क) 247
(ख) 249
(ग) 250✓
(घ) 251
- राज्यसभा वित्त विधेयक को कितने दिन रोक सकती है?
(क) 13
(ख) 14✓
(ग) 15
(घ) 16
- संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता कौन करता है?
(क) राज्यसभा का सभापति
(ख) लोकसभा-अध्यक्ष✓
(ग) वित्तमंत्री
(घ) प्रधानमंत्री
- मंत्रिपरिषद् में कितने प्रकार के मंत्री होते हैं?
(क) 2
(ख) 3✓
(ग) 4
(घ) 5
- देश का मुखिया कौन है?
क) राष्ट्रपति✓
(ख) प्रधानमन्त्री
(ग) कैबिनेट मन्त्रीगण
(घ) मन्त्रिपरिषद्
- भारत का राष्ट्रपति चुने जाने के लिए व्यक्ति की न्यूनतम आयु होनी चाहिए–
(क) 20 वर्ष
(ख) 35 वर्ष✓
(ग) 49 वर्ष
(घ) 45 वर्ष
- नागरिकों तथा सरकार के बीच विवाद को कौन सुलझाता है?
(क) सर्वोच्च न्यायालय✓
(ख) उच्च न्यायालय
(ग) सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं
- संसद में कितने सदन हैं?
(क) एक सदन
(ख) दो सदन✓
(ग) तीन सदन
(घ) चार सदन
- राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है –
(क) जनता द्वारा
(ख) संसद द्वारा
(ग) राज्य विधानसभाओं द्वारा
(घ) संसद तथा राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा✓
- लोकसभा द्वारा एक बार सरकारी बजट या कोई अन्य वित्त विधेयक पारित करने के बाद राज्यसभा उसे अस्वीकार नहीं कर सकती। वह इसमें केवल है? दिनों का विलम्ब कर सकती
(क) 20 दिन
(ख) 19 दिन
(ग) 15 दिन
(घ) 14 दिन✓
- सदनों में पारित सभी बिल राष्ट्रपति की सहमति के बाद ही लागू क्यों होते हैं?
(क) क्योंकि राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं होते।
(ख) क्योंकि भारत के राष्ट्रपति भी संसद के एक अंग हैं।✓
(ग) क्योंकि राष्ट्रपति देश के मुखिया हैं।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- भारत के प्रधानमन्त्री की नियुक्ति की जाती है–
(क्र) राष्ट्रपति द्वारा✓
(ख) संसद द्वारा
(ग) उप-राष्ट्रपति द्वारा
(घ) उपर्युक्त में से किसी के द्वारा नहीं