UP Board Solution of Class 9 Social Science भूगोल (Geography) Chapter- 1 भारत: आकार एवं स्थिति (Bharat: Aakaar Aur Sthiti) Long Answer

UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Geography[भूगोल ] Chapter- 1 भारत: आकार एवं स्थिति (Bharat: Aakaar Aur Sthiti) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न Long Answer

प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान  इकाई-2: भूगोल समकालीन भारत-1 खण्ड-1  के अंतर्गत चैप्टर-1 भारत: आकार एवं स्थिति (Bharat: Aakaar Aur Sthiti) पाठ के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।

Subject Social Science [Class- 9th]
Chapter Name भारत: आकार एवं स्थिति (Bharat: Aakaar Aur Sthiti)
Part 3  Geography [भूगोल]
Board Name UP Board (UPMSP)
Topic Name समकालीन भारत-1

भारत: आकार एवं स्थिति (Bharat: Aakaar Aur Sthiti)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 

प्रश्न 1. भारत की हिन्द महासागर के शीर्ष पर सामरिक स्थिति ने प्राचीन तथा मध्यकाल में बाहरी संसार के साथ स्थलीय तथा जलीय सम्बन्ध स्थापित करने में सहायता पहुँचाई। व्याख्या कीजिए।

उत्तर- हिन्द महासागर के शीर्ष पर स्थित भारत की स्थिति सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इस स्थिति ने भारत को प्राचीन तथा मध्यकाल में बाहरी संसार के साथ स्थल तथा जल मार्गों द्वारा सम्बन्ध स्थापित करने में सहायता पहुँचाई। परन्तु जलमार्ग की तुलना में स्थल मार्ग द्वारा बाहरी संसार से सम्पर्क बहुत ही प्राचीन है। उत्तर के पर्वतों में कई दरें हैं। इन दर्रों ने प्राचीनकाल में विदेशी यात्रियों को मार्ग प्रदान किया। देश की उपजाऊ घाटियों में पशुचारणिक चलवासियों के प्रसार में सहायता पहुँचाई।

भारत का प्राचीन काल से ही विदेशों के साथ वस्तुओं एवं विचारों का आदान-प्रदान होता रहा है। भारत का पश्चिमी, पूर्वी, मध्य तथा दक्षिणी एशिया के साथ सम्पर्क बहुत ही महत्त्व रखता है। भारत से बौद्ध यात्री तिब्बत, चीन, जापान तथा कोरिया तक गए और वहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार किया। दूसरी ओर, मंगोल, तुर्क, अरब तथा ईरानी भारत में आए। उन्होंने हमारी कलात्मक विरासत को समृद्ध बनाया। विदेशों से सम्पर्क के कारण भारत की अंक प्रणाली, दशमलव प्रणाली तथा उपनिषदों के विचार संसार के कोने-कोने तक पहुँचे।

वास्तव में अपनी स्थिति के कारण ही भारत प्राचीनकाल से विदेशों के आपसी सम्पर्क का केन्द्र बिन्दु बना रहा है।

प्रश्न 2. भारत की स्थिति के विषय में आप क्या जानते हैं? इस स्थिति ने भारत को दुनिया में कैसे महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है?

उत्तर-             भारत की स्थिति

संसार के मानचित्र पर प्रकृति ने भारत को एक महत्त्वपूर्ण स्थिति प्रदान की है। ग्रीनविच रेखा के पूर्व में स्थित होने के कारण भारत पूर्वी गोलार्द्ध में पड़ता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की स्थिति लगभग केन्द्रीय है। अतः पूर्वी गोलार्द्ध पर एक विहंगम नजर डालते ही इसकी स्थिति स्पष्ट हो जाती है। भारत का विस्तार एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग के मध्य में है। अपनी केन्द्रीय स्थिति के कारण ही प्राचीनकाल में भारत ने पश्चिम में अरब देशों से तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया एवं सुदूरपूर्व के देशों के साथ सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं वाणिज्यिक सम्बन्ध स्थापित कर लिए थे।

पश्चिम से पूर्व तथा पूर्व से पश्चिम जाने वाले महत्त्वपूर्ण जलमार्ग तथा वायुमार्ग भारत से होकर ही जाते हैं। भारतीय प्रायद्वीप के तीनों ओर समुद्र होने के कारण भारत पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में सुगमता से जलमार्ग द्वारा व्यापार कर सकता है। जबकि स्थलीय सीमावर्ती देश नेपाल और अफगानिस्तान आदि स्वयं किसी भी देश से जलमार्ग द्वारा व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित करने में समर्थ नहीं है। इस प्रकार भारत की भौगोलिक स्थिति व्यापारिक एवं सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 3. भारत की स्थिति और विस्तार का वर्णन कीजिए।

उत्तर-उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित भारत विश्व का सातवाँ बड़ा देश है। इसका भौगोलिक विस्तार 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक तथा 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्व देशान्तर तक फैला है। 23°30′ उत्तर अक्षांश रेखा जिसे कर्क रेखा भी कहते हैं, भारत को दो लगभग समान भागों में बाँटती है। भारत के मुख्य भूभाग के दक्षिण-पूर्व में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में तथा पश्चिम-दक्षिण में लक्षद्वीप समूह अरब सागर में स्थित हैं। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम ऐसे राज्य हैं जिनमें से कर्क रेखा गुजरती है।

भारत के भूभाग का कुल क्षेत्रफल लगभग 32.8 लाख वर्ग किमी है। भारत का क्षेत्रफल विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है। यह विश्व का सातर्वा सबसे बड़ा देश है। भारत की थल सीमा रेखा लगभग 15.200 किमी और समुद्री तट रेखा अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समूह को मिलाकर 7,516 किमी है। भारत उत्तर-पश्चिम, उत्तर एवं उत्तर-पूर्वी सीमा पर नवीनतम वलित पर्वतों से घिरा हुआ है। यह दक्षिण में 22° उत्तर अक्षांश से हिन्द महासागर की ओर सँकरा होता चला गया है जहाँ इसे दो सागरों पश्चिम में अरब सागर तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी में विभाजित कर देता है।

प्रश्न 4. भारत की स्थलीय एवं तटीय सीमाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर-भारत की स्थलीय एवं तटीय सीमाओं का वर्णन निम्नवत् है-

  1. बांग्लादेश तथा म्यांमार से लगने वाली सीमा- पूर्व की ओर भारत की सीमा बांग्लादेश से मिलती है जो कृत्रिम है। इसके सीमान्त पर पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्य स्थित हैं। म्यांमार और भारत के मध्य हिमालय की अराकानयोमा पर्वत श्रेणी है। इस सीमान्त पर अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर तथा मिजोरम राज्य स्थित हैं।
  2. चीन से लगने वाली उत्तरी सीमा – भारत की उत्तरी सीमा चीन, नेपाल तथा भूटान देशों से मिलती है। यहाँ हिमालय पर्वतमाला एक प्राकृतिक सीमा रेखा के रूप में कार्य करती है। भारत-चीन के मध्य की सीमा को मैकमोहन रेखा कहते हैं जो सिक्किम राज्य से म्यांमार की सीमा तक 4,248 किमी लम्बी है। सामरिक दृष्टि से यह सीमा रेखा बहुत ही अहम है।
  3. भारत की तटरेखा- भारत की तटरेखा 6,100 किमी लम्बी है, जो पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर हिन्द महासागर के शीर्ष से होती हुई पश्चिम में कच्छ की खाड़ी (अरब सागर) तक विस्तृत है। अरब सागर में लक्षद्वीप तथा बंगाल की खाड़ी में अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। इस क्षेत्र में भारत की सीमा पाक जलडमरूमध्य द्वारा श्रीलंका से मिलती है।
  4. पाकिस्तान से लगने वाली सीमा– भारत की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से मिलती है, जो अप्राकृतिक है तथा जिसकी लम्बाई 1,120 किमी है। भारत के गुजरात, राजस्थान, पंजाब राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की सीमाएँ पाकिस्तान को अलग करती हैं।

प्रश्न 5. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए-

(i) अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह के नाम बताइए। दक्षिण में कौन-कौन से द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं?

(ii) उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं?

(iii) हमारे उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी पड़ोसी देशों के नाम बताइए।

(iv) भारत में किन-किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है? उनके नाम बताइए।

उत्तर- (i) अरब सागर में लक्षद्वीप तथा बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। भारत के दक्षिण में श्रीलंका तथा मालदीव द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं।

(ii) रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया क्षेत्रफल में भारत से बड़े देश हैं।

(iii) भारत के उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान व अफगानिस्तान, उत्तर में चीन, नेपाल व भूटान, उत्तर-पूर्व में म्यांमार व बांग्लादेश स्थित हैं।

(iv) कर्क रेखा भारत के गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्यों से होकर गुजरती है।

प्रश्न 6. सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में सूर्योदय गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घण्टे पहले होने के कारण निम्नलिखित हैं-

  1. प्रत्येक मध्याह्न रेखा पर सूर्य निकलने के समय में 4 मिनट का अन्तर आता है।
  2. सूर्योदय पूरब में होता है। अतः पूरब में समय पश्चिम की तुलना में आगे होता है।
  3. भारत की घड़ियाँ 82°30′ पूर्व के मानक समय को मानती हैं और प्रत्येक मध्याह्न रेखा पर घड़ी के अनुसार समय एक जैसा ही रहता है। 82°30′ भारत का मानक याम्योत्तर है। यह रेखा भारत के मिर्जापुर जनपद (उत्तर प्रदेश) से होकर गुजरती है।
  4. अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग की अन्तिम मध्याह्न रेखा 97°25′ पूर्व है जबकि गुजरात के पश्चिमी भाग की मध्याह्न रेखा 68°7′ पूर्व है। इन दोनों स्थानों में लगभग 30 मध्याह्न रेखाओं का अन्तर है।
  5. इस प्रकार गुजरात के पश्चिमी भाग में अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग की अपेक्षा समय 2 घण्टे पीछे रहता है।

प्रश्न 7. हिन्द महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप्त हुआ है?

उत्तर- हिन्द महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति में इसे निम्नलिखित लाभ प्राप्त हुए हैं-

  1. उत्तर में पर्वतों के आर-पार जाने वाले विभिन्न दरों से प्राचीन यात्रियों को आने-जाने का मार्ग मिलता था। उपनिषदों, रामायण, पंचतन्त्र की कहानियों, भारतीय अंकों और दशमलव प्रणाली से सम्बन्धित विचार इसी माध्यम से संसार के अन्य भागों में पहुँचा था।
  2. भारतीय भूखण्ड पूर्वी एवं पश्चिमी एशिया के केन्द्र में स्थित है।
  3. हिन्द महासागर में स्थित किसी भी अन्य देश का समुद्र तट भारत जितना बड़ा नहीं है और वास्तव में भारत की महत्त्वपूर्ण स्थिति के कारण ही इस महासागर का नामकरण ‘हिन्द महासागर’ भारत के नाम पर किया जाना सही है।
  4. प्राचीन समय में भारत का समुद्री व्यापार समुद्र मार्ग से होता था। हिन्द महासागर के शीर्ष पर स्थित भारत की केन्द्रीय स्थिति इस कार्य में सहायक रही है।
  5. मसाले, मलमल और व्यापार का अन्य सामान भारत से अन्य देशों में ले जाया जाता था। दूसरी ओर, यूनानी मूर्तिकला, पश्चिम एशिया से विभिन्न प्रकार के गुम्बद एवं मीनार बनाने की भवन निर्माण कला देश के विभिन्न भागों में देखी जा सकती है।
  6. भारत के विचार तथा वस्तुओं का आदान-प्रदान अफ्रीका के पूर्वी तटीय देशों, एशिया के पश्चिमी भाग तथा दक्षिणी देशों, पूर्व में चीन, जापान तथा दक्षिण-पूर्वी देशों के साथ होता रहा है।

 

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