UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Geography[भूगोल ] Chapter- 2 भारत का भौतिक स्वरूप (Bharat ka Bhautik Swarup) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttariy Prashn
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-2: भूगोल समकालीन भारत-1 खण्ड-1 के अंतर्गत चैप्टर-2 भारत का भौतिक स्वरूप (Bharat ka Bhautik Swarup) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 9th] |
Chapter Name | भारत का भौतिक स्वरूप (Bharat ka Bhautik Swarup) |
Part 3 | Geography [भूगोल] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | समकालीन भारत-1 |
भारत का भौतिक स्वरूप (Bharat ka Bhautik Swarup)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. दक्कन के पठार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर– दक्कन का पठार एक तिकोना भूखण्ड है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। उत्तर की ओर इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा की श्रृंखला स्थित है जबकि कैमूर की पहाड़ियाँ, मैकाल की श्रृंखला एवं महादेव इसका पूर्वी विस्तार है। दक्कन का पठार पश्चिम में ऊँचा तथा पर्व में कम ढलान वाला है। इस पठार का एक भाग उत्तर-पूर्व में भी देखा जाता है जिसे स्थानीय रूप से ‘मेघालय’, ‘कार्बी ऐगलौंग पठार’ तथा ‘उत्तर कचार पहाड़ी’ के नाम से जाना जाता है। यह एक भ्रंश के द्वारा छोटानागपुर पठार से अलग हो गया है। पश्चिम से पूर्व की आक भंश महत्त्वपूर्ण श्रृंखलाएँ गारो, खासी तथा जयन्तिया हैं। दक्कन के पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी सिरे पर क्रमशः पूर्वी तथा पश्चिमी घाट स्थित हैं।
प्रश्न 2. प्रायद्वीपीय पठार को प्राचीनतम भूभाग क्यों माना जाता है?
उत्तर–भारत का प्रायद्वीपीय पठार कभी गोंडवानालैण्ड का भाग था। गोंडवानालैण्ड को पृथ्वी का प्राचीनतम भूभाग माना जाता है। प्रायद्वीपीय पठार इसी भूभाग के टूटने तथा खिसकने से ही अस्तित्व में आया। इसी कारण इसे भी भारत का प्राचीनतम भूभाग माना जाता है। भारत के अन्य भूभाग इसके बाद अस्तित्व में आए।
प्रश्न 3. हिमालय की हिमाद्रि एवं शिवालिक श्रेणियों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर–हिमाद्रि की विशेषताएँ –
- हिमाद्रि हिमालय की सबसे ऊँची उत्तरी पर्वत श्रृंखला है जिसकी औसत ऊँचाई 6,000 मीटर से अधिक है।
- विश्व की सर्वोच्च पर्वत श्रृंखला एवरेस्ट इसी श्रेणी में स्थित है।
- इस क्षेत्र में वर्ष पर्यन्त बर्फ जमी रहती है।
शिवालिक की विशेषताएँ –
- यह पर्वत श्रृंखला जलोढ़ चट्टानों से निर्मित है। इसलिए यह अधिक कठोर नहीं है।
- यह हिमालय की दक्षिणतम श्रृंखला है। इसे बाह्य हिमालय भी कहते हैं।
- भूकम्प और भूस्खलन इस श्रेणी की सामान्य घटना है। यह सबसे नवीन पर्वत श्रेणी है। अतः इसमें मृदा अपरदन भी सबसे अधिक होता है।
प्रश्न 4. दून क्या हैं और ये कहाँ पायी जाती हैं?
उत्तर– दून एक प्रकार की समतल घाटियाँ हैं जो कंकड़ों, पत्थरों तथा अवसाद के गहरे निक्षेपों से ढकी हुई हैं। ये हिमालय की शिवालिक श्रेणी तथा मध्य हिमालय के बीच पायी जाती हैं और उसके भिन्न-भिन्न भागों को एक-दूसरे से अलग करती हैं। देहरादून, कोटली दून तथा पाटलीदून इसके कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 5. लघु हिमालय किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर– सर्वोच्च हिमालय के दक्षिण में स्थित पर्वत श्रृंखलाओं को लघु हिमालय या मध्य हिमालय भी कहते हैं। लघु हिमालय को हिमाचल श्रेणी भी कहते हैं। लघु हिमालय की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- इस श्रेणी में अनेक पर्वतीय नगर पाए जाते हैं। इन पर्वतीय नगरों में डलहौजी, शिमला, धर्मशाला, मसूरी, दार्जिलिंग व नैनीताल स्थित हैं।
- कश्मीर की पीर पंजाल श्रेणी, जम्मू-कश्मीर व हिमाचल में विस्तृत धौलाधार श्रेणी लघु हिमालय के ही हिस्से हैं।
- यह हिमालय पर्वत की मध्यवर्ती श्रृंखला है।
प्रश्न 6. पश्चिम तटीय मैदान की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर– पश्चिम तटीय मैदान की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
- इसका विस्तार एक सँकरी पट्टी के रूप में है।
- यह तटीय प्रदेश अधिक वर्षा वाला है। वर्षा दक्षिण-पश्चिमी मानसून से होती है।
- इसके उत्तर भाग में ज्वारनद मुख है और दक्षिणी भाग में लैगून और पश्च जल के क्षेत्र पाए जाते हैं।
- इस तट पर देश के कई प्रमुख प्राकृतिक पत्तन हैं।
- इसके उत्तरी भाग को कोंकण तट तथा दक्षिणी भाग को मालाबार तट के नाम से पुकारते हैं।
- इस मैदान की मुख्य उपज नारियल, केला, कहवा और चावल है।
- पश्चिमी तटीय मैदान का विस्तार गुजरात से केरल तक पश्चिम घाट और अरब सागर के मध्य स्थित है।
प्रश्न 7. हिमालय पर्वतों का क्षेत्रीय वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर– हिमालय पर्वत श्रृंखला पश्चिम से पूर्व की ओर क्षेत्र के आधार पर बाँटी गई है।
- काली और तिस्ता नदी के बीच का क्षेत्र नेपाल हिमालय के नाम से एवं तिस्ता व दिहांग नदी के बीच का क्षेत्र असम हिमालय के नाम से विख्यात है।
- सिन्धु तथा सतलुज नदी के मध्य के हिमालय के भाग को पारम्परिक रूप से पंजाब हिमालय के नाम से जाना जाता है। लेकिन क्षेत्रीय रूप से इसे क्रमशः कश्मीर और हिमाचल हिमालय के नाम से जाना जाता है।
- दिहांग महाखड्ड के बाद हिमालय पर्वत तेजी से दक्षिण दिशा में मुड़ता है और भारत की पूर्वी सीमा के साथ फैल जाता है। इसे पूर्वांचल या पूर्वी पहाड़ियों एवं पर्वतों के नाम से जाना जाता है। पूर्वांचल से पटकाई, नागा, मणिपुर एवं मीजो पहाड़ियाँ आती हैं।
- काली नदी और सतलुज नदी के बीच के क्षेत्र को कुमाऊँ हिमालय के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 8. ‘प्रवाल पॉलिप्स‘ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– कम समय तक जीवित रहने वाले सूक्ष्म प्राणी जो समूहों में रहते हैं, को प्रवाल पॉलिप्स कहते हैं। प्रवाल पॉलिप्स का विकास छिछले व गर्म जल में होता है। इनसे कैल्सियम कार्बोनेट का स्राव होता है। प्रवाल स्राव एवं प्रवाल अस्थियाँ टीले के रूप में निक्षेपित होती हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं-
- तटीय प्रवाल भित्ति,
- प्रवाल वलय द्वीप,
- प्रवाल रोधिका।
आस्ट्रेलिया का ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ प्रवाल रोधिका का अच्छा उदाहरण है। प्रवाल वलय द्वीप गोलाकार या हार्स-शू आकार वाले रोधिका होते हैं।