UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Geography[भूगोल ] Chapter-6 जनसंख्या (Jansankhya) लघु उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttariy Prashn
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-2: भूगोल समकालीन भारत-1 खण्ड-3 के अंतर्गत चैप्टर-6 जनसंख्या (Jansankhya) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 9th] |
Chapter Name | जनसंख्या (Jansankhya) |
Part 3 | Geography [भूगोल] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | समकालीन भारत-1 |
जनसंख्या (Jansankhya)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ग्रामीण जनसंख्या और नगरीय जनसंख्या में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- ग्रामीण जनसंख्या और नगरीय जनसंख्या में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं-
नगरीय जनसंख्या |
ग्रामीण जनसंख्या |
|
1. | नगरीय जनसंख्या का जीवन स्तर सामान्यतः उच्च पाया जाता है। | ग्रामीण जनसंख्या का जीवन स्तर सामान्यतः निम्न पाया जाता है। |
2. | भारत की नगरीय जनसंख्या 37.7 करोड़ है, लेकिन 35 महानगरों में 27% से अधिक नगरीय जनसंख्या रहती है। | ग्रामीण जनसंख्या 83.32 करोड़ है। इसका बहुत छोटा भाग गौण व तृतीयक व्यवसाय में लगा है। |
3. | नगरीय जनसंख्या का 65 प्रतिशत भाग प्रथम श्रेणी के नगरों में रहता है। प्रथम श्रेणी के नगरों की संख्या 2929 है। | ग्रामीण जनसंख्या अधिकतर प्राथमिक व्यवसाय में लगी होती है। जैसे-कृषि करना, लकड़ी काटना, मछली पकड़ना, पशुपालन, खनन आदि। |
4. | नगरीय जनसंख्या को सर्वाधिक सुविधाएँ सुलभ हैं। | ग्रामीण जनसंख्या को सार्वजनिक सेवाएँ बहुत कम सुलभ हैं। |
5. | देश की लगभग 31.2% जनसंख्या नगरों में रहती है। | भारत गाँवों का देश है। देश की लगभग 68.8% जनसंख्या गाँवों में रहती है। |
प्रश्न 2. जन्म दर और वृद्धि दर में अन्तर कीजिए।
उत्तर- जन्म दर और वृद्धि दर में निम्नलिखित अन्तर है-
वृद्धि दर |
जन्म दर | |
1. | जन्म दर और मृत्यु दर के अन्तर को वृद्धि दर कहते हैं। | किसी देश या क्षेत्र में वर्ष के मध्य जीवित जन्मे बच्चों की संख्या को जन्म दर कहते हैं। |
2. | विकासशील देशों में वृद्धि दर सामान्य से अधिक है। विकसित देशों में वृद्धि दर 1 प्रतिशत से कम है। | विकसित देशों में जन्म दर कम होती है और विकासशील देशों में जन्म दर अधिक होती है। |
3. | आजकल भारत की प्राकृतिक वार्षिक वृद्धि दर 21.3 प्रतिशत है। | भारत में जन्म दर 19.7 व्यक्ति प्रति हजार (2019) है। |
4. | उच्च वृद्धि दर से प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर भारी दबाव पड़ता है। | उच्च जन्म दर पिछड़ेपन का प्रतीक बन गई है। |
5. | वृद्धि दर को प्रतिशत में व्यक्त करते हैं। | जन्म दर प्रति हजार में व्यक्त की जाती है। |
प्रश्न 3. भारत के मैदानी भागों में बताइए। सघन आबादी पाए जाने के कारण
उत्तर- भारत के मैदानी भागों में सघन जनसंख्या पाए जाने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं- 1. समतल मैदान, 2. उपजाऊ मिट्टी, 3. पर्याप्त मात्रा में वर्षा, 4. सिंचाई के विकसित साधन, 5. परिवहन के विकसित साधन, 6. उद्योग एवं कृषि का विकास।
प्रश्न 4. भारत में राज्यवार जनसंख्या वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 19.981 करोड़ है। यहाँ भारत की कुल जनसंख्या का 16.51 प्रतिशत निवास करते हैं।
भारत का सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम है तथा लक्षद्वीप केन्द्र शासित प्रदेशों में सबसे कम जनसंख्या वाला क्षेत्र है। सिक्किम की जनसंख्या 6 लाख, 10 हजार है जबकि लक्षद्वीप में जनसंख्या 64,429 है।
भारत की जनसंख्या का लगभग 50 प्रतिशत भाग निम्नलिखित पाँच राज्यों में निवास करता है।
उत्तर प्रदेश | 16.51% |
महाराष्ट्र | 9.28% |
बिहार | 8.60% |
पश्चिम बंगाल | 7.54% |
आन्ध्र प्रदेश | 6.99% |
प्रश्न 5. नगरों में बढ़ती जनसंख्या ने न केवल नगरीय केन्द्रों में समस्याएँ पैदा की हैं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है। प्रत्येक के विषय में दो बिन्दु स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (क) बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण नगरीय केन्द्रों में उत्पन्न समस्याएँ इस प्रकार हैं-
- नगरों के संसाधनों तथा जन-सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ता है।
- लोगों के नैतिक मूल्यों में परिवर्तन और गिरावट।
- वस्तुओं की गुणवत्ता में गिरावट आना।
- आवश्यक वस्तुओं की कमी तथा उनके मूल्यों में आशातीत वृद्धि।
- चोरबाजारी, कालाबाजारी, रिश्वत तथा लूट-पाट को बोलबाला।
(ख) नगरीय जनसंख्या में वृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभाव इस प्रकार है-
- भूमिहीन किसानों की निर्धनता में वृद्धि।
- कृषि जोतों का अलाभकारी होना तथा छोटे किसानों के गाँव में बेकार हो जाने से उनका नगरों में जाकर मजदूरी करना।
- रोजगार की खोज में लोगों का ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्रों की ओर पलायन करना।
प्रश्न 6. भारत में भूमि की उर्वरता जनसंख्या वितरण को किस प्रभावित करती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा बड़ा देश है। यहाँ की जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। सामान्यतः जनसंख्या का वितरण भूमि की उर्वरता के अनुरूप पाया जाता है। जिन क्षेत्रों में मिट्टी अधिक उपजाऊ पायी जाती है, वहाँ जनसंख्या की सघनता अधिक मिलती है और जिन क्षेत्रों की मिट्टी कम उपजाऊ होती है, वहाँ जनसंख्या कम पायी जाती है। भारत भूमि प्रधान देश है। कृषि और मिट्टी का सीधा सम्बन्ध है। हमारे भरण-पोषण की अधिकांश सामग्री प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मिट्टी से ही मिलती है।
उदाहरण के लिए उत्तरी मैदान, पूर्व तटीय मैदान, पश्चिम तटीय मैदान, डेल्टाई मैदान एवं घाटी प्रदेश सघन आबादी वाले हैं। यदि इन प्रदेशों का भी अवलोकन करें तो स्पष्ट होता है कि प्रत्येक प्रदेश में जनसंख्या का वितरण समान नहीं है। उत्तरी मैदान में जनसंख्या पश्चिम से पूर्व की ओर घटती जाती है। हरियाणा राज्य पश्चिम बंगाल की तुलना में कम सघन है। पश्चिम बंगाल की मृदा बहुत उर्वर है। पर्वतीय प्रदेश में मिट्टी की परत पतली होती है। इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत मिट्टी की परत मोटी और उपजाऊ होती है। अतः घाटी प्रदेशों में पर्वतीय प्रदेशों से अधिक सघन जनसंख्या पायी जाती है।
प्रश्न 7. भारत में जनसंख्या वृद्धि को नियन्त्रित करने के उपाय बताइए।
उत्तर-भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। जनसंख्या की तीव्र वृद्धि को जन्म दर कम करके ही रोका जा सकता है। जन्म दर को निम्नलिखित उपायों के माध्यम से कम किया जा सकता है-
- स्त्री शिक्षा पर अधिक बल दिया जाए।
- गर्भधारण से लेकर प्रजनन प्रक्रिया से जुड़ी अनेकानेक समस्याओं का ज्ञान होने के कारण शिक्षित महिलाओं की जीवन प्रत्याशा अधिक होती है। वह अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग होती है।
- भारतीय संविधान में निर्धारित शादी की न्यूनतम आयु लड़कियों की 18 तथा लड़कों की 21 वर्ष को व्यावहारिक रूप दिया जाए।
- शिक्षित महिलाओं की दृष्टि व्यापक होती है, उनकी सोच राष्ट्रीय स्तर की होने के कारण बड़े परिवार को राष्ट्रीय संसाधनों पर बोझ मानती हैं।
- दो या इससे कम बच्चों वाले माता-पिता को सरकारी नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों में प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, विशेष वेतन-वृद्धि का प्रावधान हो।
- भारत में दो बच्चों के परिवार को राष्ट्रीय आदर्श माना गया है, उसका दृढ़ता से पालन कराया जाए।
- परिवार कल्याण सुविधाओं का देशभर में विस्तार किया जाए।