UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] History [इतिहास] Chapter- 2 यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रान्ति (Europe Me Samajwad aur Rusi Kranti) MCQ, Important Year, Important word
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-1: इतिहास भारत और समकालीन विश्व-1 खण्ड-1 घटनायें और प्रक्रियायें के अंतर्गत चैप्टर-2 यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रान्ति (Europe Me Samajwad aur Rusi Kranti)पाठ के बहु विकल्पीय प्रश्न, महत्वपूर्ण वर्ष एवं महत्वपूर्ण शब्द प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 9th] |
Chapter Name | यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रान्ति (Europe Me Samajwad aur Rusi Kranti) |
Part 3 | History [इतिहास] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | भारत और समकालीन विश्व-1 |
यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रान्ति (Europe Me Samajwad aur Rusi Kranti)
Important year (महत्वपूर्ण वर्ष /तिथियाँ)
- 1850-80- रूस में समाजवाद पर बहस।
- 1898- रशियन सोशल डेमोक्रेटिक वर्कर्स पार्टी की स्थापना।
- 1904-05- रूस तथा जापान के बीच युद्ध।
- 1905- खूनी रविवार और 1905 ई. की क्रान्ति ।
- 1914- प्रथम विश्वयुद्ध का प्रारम्भ।
- 1915- प्रथम विश्वयुद्ध रूस जर्मनी से पराजित हुआ।
- 1917- 2 मार्च : जार द्वारा पदत्याग।
- 24 अक्टूबर : पेत्रोग्राद में बोल्शेविक विद्रोह। ।
- 1918- 20-गृहयुद्ध।
- 1919- कॉमिन्टर्न का गठन
- 1929- सामूहिकीकरण की शुरूआत
Important Words (महत्वपूर्ण शब्दार्थ)
- उदारवादी– यूरोपीय देशों में प्रायः किसी एक धर्म को महत्त्व दिया जाता था। रूस के उदारवादी ऐसे देश की कल्पना करते थे जिसमें सभी धर्मों को बराबर का सम्मान मिले। उदारवादी वंश आधारित शासकों की अनियंत्रित सत्ता के खिलाफ थे तथा सरकार के समक्ष व्यक्ति के अधिकारों की सुरक्षा के पक्षमें थे।
- पूँजीवाद– यह वह सामाजिक तथा आर्थिक व्यवस्था है जिसके अन्तर्गत उत्पादन के साधनों; जैसे- कारखानों, भूमि, पूँजी, यातायात के साधनों, संवादवहन के साधनों आदि पर थोड़े-से लोगों का स्वामित्व तथा नियंत्रण होता है। बहुसंख्यक जनता जो कारखानों में काम करती है, अधिकारों से वंचित होती है तथा उसे अत्यंत दरिद्रता का जीवन जीना पड़ता है। पूँजीवाद का आधार उत्पादन के साधनों का निजी स्वामित्व होता है। फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा आस्ट्रेलिया पूँजीवादी देश हैं।
- रैडिकल– रैडिकल रूस को एक ऐसा देश बनाना चाहते थे जिसमें सरकार देश की जनता के बहुमत के समर्थन पर आधारित हो। इनमें बहुत-से लोग महिला मताधिकार आन्दोलन का समर्थन करते थे। उदारवादियों के विपरीत ये लोग बड़े जमींदारों तथा सम्पन्न उद्योगपतियों के विशेषाधिकारों के विरूद्ध थे।
- समाजवाद– आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक समानता के लक्ष्य को सम्मुखं रखकर बनाई गई सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था जिस विचारधारा पर आधारित समझी जाती है, उसे समाजवाद कहते हैं। इसके अन्तर्गत उत्पादन के साधनों पर चंद व्यक्तियों के बदले सारे समाज के स्वामित्व की व्यवस्था को प्रमुखता दी जाती है। इस व्यवस्था के अनुसार उत्पादन के साधन समाज के नियंत्रण में तथा समाज के लाभार्थ होने चाहिए क्योंकि समाज ही सम्पत्ति का वास्तविक स्वामी है।
- रूढ़िवादी – रूढ़िवादी लोग रैडिकल और उदारवादियों के खिलाफ थे। रूढ़िवादियों ने 18वीं सदी में परिवर्तन का विरोध किया लेकिन 19वीं सदी में उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मात्रा में परिवर्तन अपरिहार्य हो गया है। लेकिन उनका विश्वास था कि अतीत का सम्मान किया जाना चाहिए तथा परिवर्तन एक धीमी एवं लम्बी प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए।
- सर्वहारा– कारखानों में कठोर श्रम करने वाला यह वर्ग जिसे औद्योगिक प्रबन्धन में कोई अधिकार प्राप्त नहीं था, सर्वहारा कहते थे। इनका लाभ तथा उत्पादन के साधनों पर कोई अधिकार नहीं था।
- पूँजीपति– उद्योगपतियों एवं व्यापारियों का धनी वर्ग जो कारखानों, उत्पादन के साधनों और मंडियों पर नियंत्रण रख अर्थव्यवस्था को अपनी इच्छानुसार संचालित करता है, उसे पूँजीपति कहते हैं। कम्युनिस्ट इसे बुर्जुआ कहते हैं। यह वर्ग शोषक वर्ग की श्रेणी में आता है।
- उत्पादन के साधन– वे सभी साधन जो अनेक प्रकार की वस्तुओं के उत्पादन में सहायक बनते हैं, उत्पादन के साधन कहलाते हैं। भूमि, कारखाना, मशीन, औजार तथा हथियार – ये सभी उत्पादन के साधन हैं। ये मशीन युग की देन हैं। उत्पादन के इन साधनों के स्वामी चंद पूँजीपति हों या पूरा समाज हो- इस बात को लेकर पूँजीवाद तथा समाजवाद की विचारधाराओं में मतभेद दिखाई देता है।
- मार्क्सवाद– मार्क्स के अनुसार मजदूरों और पूँजीपतियों के हित परस्पर विरोधी हैं तथा पूँजीवाद के अंतर्गत आर्थिक संकट अवश्यंभावी हैं क्योंकि मजदूरों की क्रय-शक्ति और कुल उत्पादन में साम्य (बराबरी) नहीं होता। इन संकटों को तभी हल किया जा सकता है जब उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व समाप्त किया जाए तथा उत्पादन व्यवस्था से लाभ की भावना को निकाल दिया जाए। मार्क्स की दृष्टि में मजदूर वर्ग की मुक्ति ही सम्पूर्ण मानव जाति को सामाजिक अन्याय से पूरी तरह मुक्त कर देगी।
- सोवियत– सन् 1905 में रूसी क्रान्ति की असफलता के पश्चात् श्रमिकों-कृषकों की प्रतिनिधि सभाओं को सोवियत कहते थे। सोवियत का कार्य आरम्भ में हड़तालों आदि का संचालन करना था, लेकिन बाद में वे शक्तिशाली स्थानीय राजनीतिक संस्थाएँ बन गईं। सोवियतों के प्रभावस्वरूप, सन् 1917 की अक्टूबर क्रान्ति बिना रक्तपात के सम्पन्न हुई।
- बोल्शेविक– रूस में औद्योगीकरण की शुरुआत होने के साथ ही अनेक मजदूर संगठनों का निर्माण हुआ, जो समाजवादी विचारधारा से प्रभावित थे। कार्ल मार्क्स के अनुयायी जयार्जी प्लेखानोव ने सन् 1833 में ‘रूसी सामाजिक- लोकतांत्रिक पार्टी का’ गठन किया। यह पार्टी सन् 1898 में दूसरे कई समाजवादी ग्रुपों से मिलकर ‘रूसी सामाजिक लोकतांत्रिक पार्टी‘ बन गई। मगर संगठन और नीतियों के सवालों पर शीघ्र ही यह पार्टी दो टुकड़ों में बँट गई। जो भाग बहुमत में था वह ‘बोल्शेविक‘ कहलाया। इस दल का मत था कि एक ऐसे देश में जहाँ कोई लोकतांत्रिक अधिकार न हो और जहाँ संसद न हो, संसदीय सिद्धान्तों पर आधारित कोई पार्टी कोई परिवर्तन लाने में समर्थ नहीं होगी। वे ऐसे लोगों की पार्टी चाहते थे जो पार्टी के अनुशासन से बँधकर क्रांति के लिए काम करें। बोल्शेविकों के नेता ब्लादिमीर इलिइच उल्यानेव थे, जिन्हें साधारणतया लेनिन के नाम से जाना जाता है। उन्हें मार्क्स और एंजिल्स के बाद समाजवादी आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में गिना जाता है।
- कल्पनावादी समाजवादी– सेंट साइमन, चार्ल्स फूरियर तथा राबर्ट ओवेन कल्पनावादी समाजवादी के नाम से जाने जाते हैं। इन्होंने संपत्ति को समाज के लिए उसकी उपयोगिता की दृष्टि से देखा, पूँजीवाद की बुराइयों को पहचाना तथा बेहतर समाज-व्यवस्था स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। सेंट साइमन ने यह नारा दिया- “हरेक से उनकी क्षमता के अनुसार काम और हरेक को उनके काम के अनुसार भुगतान।” इस तरह के समाज की स्थापना के लिए इन विचारकों ने जो तरीके सुझाए वे अव्यावहारिक तथा प्रभावहीन थे। इसीलिए इस दर्शन को काल्पनिक समाजवाद की संज्ञा दी गई।
- वैज्ञानिक समाजवादी– कार्ल मार्क्स एवं एंजिल्स द्वारा समाजवादी विचारधारा के रूप में जो दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया, उसे वैज्ञानिक समाजवाद कहते हैं। इस दर्शन का लक्ष्य है- वर्गों और वर्ग-विभेदों से युक्त पुराने पूँजीवादी समाज के स्थान पर एक ऐसा नया संघ स्थापित करना जिसमें हर व्यक्ति का स्वतन्त्र विकास ही सबके स्वतन्त्र विकास की शर्त होगी। मार्क्स की दृष्टि में समाजवाद न केवल वांछनीय है अपितु अवश्यंभावी है।
- कोमिंटर्न कम्युनिस्ट इंटरनेशनल– इसका गठन पहली और दूसरी अन्तर्राष्ट्रीय फोरम (संगठन) की तर्ज पर किया गया था। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रांतिकारियों को प्रोत्साहन देने का साधन था। इसे सन् 1943 में समाप्त कर दिया गया।
- फरवरी क्रान्ति– रूस के जार के पतन की इस घटना (जो वस्तुतः 15 मार्च, 1917 को हुई) को फरवरी की क्रांति कहा जाता है क्योंकि पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार यह 27. फरवरी, 1917 को घटित हुई थी।
- अक्टूबर क्रान्ति– करेंस्की सरकार का पतन 7 नवम्बर, 1917 को हुआ तथा रूस की सत्ता सोवियतों की अखिल कांग्रेस के पास आ गई। 7 नवम्बर, 1917 को होने वाली इस घटना को अक्टूबर की क्रांति कहा जाता है क्योंकि उस दिन पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार 25 अक्टूबर की तारीख थी।
- खूनी रविवार– 9 जनवरी, 1905 को रूस की जार सेना ने शान्तिपूर्ण मजदूरों तथा उनके बीबी-बच्चों के एक जुलूस पर गोलियाँ बरसाईं, जिसके फलस्वरूप हजारों लोग मारे गए। इस दिन चूँकि रविवार था इसलिए इसे खूनी रविवार कहा जाता है।
- देश निकाला– अपने ही देश से जबरन निकाला जाना।
- निर्वासित– अपने ही देश से दूर रहने पर विवश करना। यूरोप में उन लोगों का समूह जो देश में ऐसी सरकार के पक्ष में थे जो देश की आबादी के बहुमत के समर्थन पर आधारित हो।
- राष्ट्रवादी– उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ में यूरोप में उन्होंने उदारवादियों एवं रैडिकल का समर्थन किया। वे ऐसा देश चाहते थे जहाँ सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले।
- केन्द्रीय शक्तियाँ– जर्मनी, ऑस्ट्रिया एवं तुर्की को केन्द्रीय शक्तियों के नाम से जाना जाता था।
- मताधिकार आन्दोलन– वोट देने का अधिकार पाने हेतु चलाया गया एक आन्दोलन।
- जदीदीवादी– रूसी साम्राज्य में सक्रिय मुस्लिम सुधारक।
- वास्तविक वेतन– यह इस बात का पैमाना है कि किसी व्यक्ति के वेतन से वास्तव में कितनी चीजें खरीदी जा सकती हैं।
- नोमड़वाद– उन लोगों की जीवनशैली जो एक स्थान पर नहीं रहते अपितु एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हैं
Social Science इतिहास (History) Chapter- 2 बहुविकल्पीय प्रश्न
नोट-निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
- क्रांति से पूर्व रूस के सूती वस्त्र उद्योग में हड़ताल हुई–
(क) 1911 में
(ख) 1896-97 में✓
(ग) 1917 में
(घ) 1906
- क्रांति से पूर्व रूस की अधिकांश जनता का व्यवसाय था–
(क) व्यापार
(ख) खनन
(ग) कारखानों में काम करना
(घ) कृषि✓
- ऐसे लोग जो परिवर्तनों का विरोध करते हैं, कहलाते हैं–
(क) रूढ़िवादी
(ख) राष्ट्रवादी
(ग) उदारवादी✓
(घ) रैडिकल
- जार निकोलस–द्वितीय ने किसकी सलाह पर 2 मार्च, 1917 को राजगद्दी छोड़ दी?
(क) सोवियतों के
(ख) ड्यूमा के
(ग) बोल्शेविकों कें✓
(घ) सैनिक कमांडरों के
- सरकार ने ड्यूमा को बर्खास्त कर दिया –
(क) 24 फरवरी, 1905✓
(ख) 25 फरवरी, 1917
(ग) 21 फरवरी, 1908
(घ) 22 फरवरी, 1914
- मेन्शेविकों का नेता था–
(क) एलैक्जेंडर केरेंस्की
(ख) ट्राटस्की
(ग) लेनिन
(घ) निकोलस द्वितीय✓
- निम्नलिखित रूसी क्रान्ति का कारण नहीं था –
(क) निरंकुश शासन✓
(ख) जनसाधारण की शोचनीय दशा
(ग) समाजवाद का प्रसार
(घ) राजतंत्र की लोकप्रियता
- पूँजीपति के लिए मजदूर ही मुनाफा कमाता है, यह विचार दिया था–
(क) कार्ल मार्क्स ने
(ख) लेनिन ने
(ग) करेंस्की
(घ) प्रिंस ल्योव ने✓
- निम्नलिखित भिक्षु रूस की जारीना का सलाहकार था जिसने राजतंत्र को बदनाम किया –
(क) रासपुतिन
(ख) व्लादिमीर पुतिन✓
(ग) करेंस्की
(घ) लेनिन
- प्रथम विश्वयुद्ध कब लड़ा गया था?
(क) 1915-19
(ख) 1916-20
(ग) 1914-18✓
(घ) 1916-18
- इंग्लैंड में ‘समाजवाद का जनक‘ किसे माना जाता है?
(क) सेंट साइमन को
(ख) चार्ल्स घूरिए को
(ग) रॉबर्ट ओवेन को✓
(घ) लुई ब्लाँ को
- प्रथम इंटरनेशनल की स्थापना हुई थी–
(क) रूस में
(ख) फ्रांस में
(ग) जर्मनी में
(घ) लंदन में✓
- रूस की बोल्शेविक क्रांति का नेतृत्व किया–
(क) केरेंस्की ने
(ख) ट्रॉट्स्की ने
(ग) लेनिन ने✓
(घ) स्टालिन ने
- साम्यवादी घोषणापत्र के लेखक थे–
(क) लियो टॉल्सटॉय
(ख) मैक्सिम गोर्की
(ग) लेनिन
(घ) कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स✓
- ‘खूनी रविवार‘ की घटना कब घटित हुई?
(क) 1903 में
(ख) 1904 में
(ग) 1905 में✓
(घ) 1906 में
- लेनिन ने ब्रेस्ट लिटोव्स्क की संधि (1918) किस राष्ट्र के साथ की?
(क) इंग्लैंड
(ख) फ्रांस
(ग) जर्मनी✓
(घ) इटली
- रूस में कुलक कौन थे?
(क) मध्यम वर्ग के लोग
(ख) गरीब किसान
(ग) अमीर किसान✓
(घ) भूमिहीन मजदूर
- ‘रेड‘ के नाम से किन्हें जाना जाता था?
(क) बोल्शेविकों को✓
(ख) मेन्शेविकों को
(ग) उदारवादियों को
(घ) रूढ़िवादियों को
- “अप्रैल थीसिस” क्या थी?
(क) लेनिन की आत्मकथा
(ख) लेनिन की तीन माँगें✓
(ग) समाजवाद पर एक किताब
(घ) समाजवादी देशों के सिद्धांत
- रॉबर्ट ऑवन कौन था?
(क) एक रूसी नेता
(ख) एक अंग्रेज पादरी
(ग) एक अंग्रेज निर्माता✓
(घ) एक अमेरिकी राजनेता
- गिसेप्पे मजीनी कौन था?
(क) एक इतालवी राष्ट्रवादी✓
(ख) एक जर्मन राष्ट्रवादी
(ग) एक जर्मन प्रोफेसर
(घ) एक इतालवी अर्थशास्त्री
- रूस में 1914 में किसका शासन था?
(क) लेनिन
(ख) स्तालिन
(ग) जारीना एलेक्सान्द्रा
(घ) जार निकोलस द्वितीय।✓
- जदीदीवादी कौन थे?
(क) रूसी साम्राज्य में मुस्लिम सुधारक✓
(ख) रूसी साम्राज्य में रूढ़िवादी ईसाई
(ग) रूसी साम्राज्य में प्रसिद्ध दार्शनिक
(घ) लेनिन के समर्थक
- ‘ग्रीन्स‘ किन्हें कहा जाता था?
(क) बोल्शेविकों को
(ख) प्रो-जारीस्ट्स को
(ग) समाजवादी क्रांतिकारी को✓
(घ) इनमें से कोई नहीं
- रूसी समाजवादी डेमोक्रेटिक वर्कर्स पार्टी का गठन कब हुआ?
(क) 1890 में
(ख) 1899 में
(ग) 1895 में
(घ) 1898 में✓