वर्ण विचार – Varn Vichar – Varn Ki Paribhasha Hindi Vyakran ||वर्ण का स्वरूप (Varnmala -Hindi Warnmala)
वर्ण विचार – Varn Vichar – Varn Ki Paribhasha Hindi Vyakran(Hindi Grammar) Hindi Vyakaran ॥ Hindi Grammar ॥ हिंदी व्याकरण ॥ सामान्य हिंदी ॥
वर्ण का स्वरूप (Varnmala -Hindi Warnmala) Varn ka swaroop
वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड न हो; जैसे – अ, ई, व, च, क इत्यादि। ‘पानी’ शब्द की दो ध्वनियाँ हैं— ‘पा’ और ‘नी’। इनके भी चार खंड हैं— प् + आ, न् + ई। इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकड़े नहीं किए जा सकते, इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण या अक्षर हैं।
संक्षेप में, वर्ण वह छोटी-सी छोटी ध्वनि है, जो कान का विषय है और जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते।’ वर्ण हमारी उच्चरित भाषा या वाणी की सबसे छोटी इकाई है। इन्हीं इकाइयों को मिलाकर शब्दसमूह और वाक्यों की रचना होती है। स्पष्ट है कि वर्ण और उच्चारण का बड़ा ही गहरा संबंध है। एक को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। मूलतः हिंदी में 52 वर्ण हैं। वर्णों के उच्चारण-समूह को ‘वर्णमाला’ (alphabet) कहते हैं।
स्वर | अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ | ||||
व्यंजन | |||||
कवर्ग | क, ख, ग, घ, ङ | ||||
चवर्ग | च, छ, ज, झ, ञ | ||||
टवर्ग | ट, ठ, ड, ढ, ण | ||||
तवर्ग | त, थ, द, ध, न | ||||
पवर्ग |
प, फ, ब, भ, म | ||||
अंतः स्थ |
य, र, ल, व | ||||
ऊष्म | श, ष, स, ह | ||||
संयुक्त व्यंजन : | क्ष, त्र, ज्ञ, श्र | ||||
द्विगुण व्यंजन : | ड़, ढ़ | ||||
अनुस्वार (•), |
विसर्ग ( 🙂 |