व्यंजन वर्ण (Vyanjan Varn)- हिंदी वर्णमाला – Hindi Varnmala – Hindi Vyakran स्पर्श अंतःस्थ ऊष्म व्यंजन

व्यंजन वर्ण (Vyanjan Varn)- हिंदी वर्णमाला – Hindi Varnmala – Hindi Vyakran  Sparsh Vyanjan Ushm Vyanjan Antasth Vyanjan 

व्यंजन वर्ण (Vyanjan Varn)- हिंदी वर्णमाला – Hindi Varnmala – Hindi Vyakran – (Hindi Grammar) Hindi Vyakaran ॥ Hindi Grammar ॥ हिंदी व्याकरण ॥  सामान्य हिंदी ॥ 

व्यंजन वर्ण (Vyanjan Varn)- हिंदी वर्णमाला - Hindi Varnmala - Hindi Vyakran व्यंजन की परिभषा –  Vyanjan ki Paribhasha 

व्यंजन वर्ण वे हैं, जिनका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है। प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण में ‘अ’ की ध्वनि छिपी रहती है। ‘अ’ के बिना व्यंजन का उच्चारण संभव नहीं; जैसे – क् + अ = क, ख् + अ = ख। व्यंजन वह ध्वनि है, जिसके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख में कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी रूप में, बाधित होती है। स्वरवर्ण स्वतंत्र और व्यंजनवर्ण स्वर पर आश्रित हैं।

हिंदी में व्यंजनवर्णों की संख्या ३३ है। इनकी निम्नलिखित श्रेणियाँ हैं- -(१) स्पर्श, (२) अंतःस्थ, और (३) ऊष्म ।

स्पर्श व्यंजन – ये कंठ, तालु, मूर्द्धा, दंत और ओष्ठ स्थानों के स्पर्श से बोले जाते हैं। इसी से इन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। इन्हें हम ‘वर्गीय व्यंजन’ भी कहते हैं; क्योंकि ये उच्चारण-स्थान की अलग-अलग एकता लिए हुए वर्गों में विभक्त हैं। इस जाति के पाँच-पाँच व्यंजनों के पाँच वर्ग बना लिए गए हैं। (स्पर्श व्यंजन 25) उदाहरणार्थ-

१. कवर्ग – क, ख, ग, घ, ङ (कंठ से)

२. चवर्ग — च, छ, ज, झ, ञ (तालु से)

३. टवर्ग — ट, ठ, ड, ढ, ण (मूर्द्धा से)      

४. तवर्ग — त, थ, द, ध, न (दंत से)

५. पवर्ग – प, फ, ब, भ, म (ओष्ठ से)

अंतःस्थ व्यंजन 4 हैं य, र, ल, व। इनका उच्चारण जीभ, तालु, दाँत और ओठों के परस्पर सटाने से होता है, किंतु कहीं भी पूर्ण स्पर्श नहीं होता। अतः ये चारों. अंतस्थ व्यंजन ‘अर्द्धस्वर’ कहलाते हैं।

ऊष्म व्यंजनों का उच्चारण एक प्रकार की रगड़ या घर्षण से उत्पन्न ऊष्म वायु से होता है। ये 4 हैं— श, ष, स, ह।

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