जयशंकर प्रसाद Jaishankar prasad  Biography – Jay shankar prasad ka Jeevan Parichay

जयशंकर प्रसाद Jaishankar prasad  Biography – Jay shankar prasad ka Jeevan Parichay जीवन परिचय व कृतियाँ भाषा शैली साहित्यिक परिचय व साहित्य में स्थान 

Jaishankar Prasad Gyansindhuclasses- Jaishankar Prasad (जयशंकर प्रसाद) जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय and Up Board Exam Hindi Sahityik parichay evan jivan parichay va Kritiyan.

नाम  जयशंकर प्रसाद जन्म  1889 ई०
पिता  देवी प्रसाद जन्मस्थान  काशी
युग  Chhayavadi Yug  मृत्यु  1937 ई0

Jaishankar prasad  Biography - Jay shankar prasad ka Jeevan Parichay

जयशंकर प्रसाद जी का  जीवन परिचय

छायावाद के प्रसिद्ध कवि जयशंकर प्रसाद जी का जन्म काशी के प्रसिद्ध वैश्य परिवार में सन 1889 ई ० को हुआ था । इनका परिवार सुंघनी साहू के नाम से काशी में प्रसिद्ध था ।

जय शंकर प्रसाद जी के पिता का नाम देवी प्रसाद तथा पितामह का नाम शिवरतन साहू था । इनके बड़े भाई का नाम शंभूनाथ था । इनके माता – पिता के मृत्यु के बाद शंभू नाथ जी ने ही इनकी पढ़ाई का प्रबंध किया ।

सर्वप्रथम क्वींस कॉलेज में प्रवेश लिया इनका मन वहां नहीं लगा तो घर पर ही अंग्रेजी और संस्कृत का अध्ययन करने लगे । प्रसाद जी 17 वर्ष के थे तभी शंभूनाथ जी की मृत्यु हो गई ।

इन्होंने तीन शादियां की और तीनों ही पत्नियों की असमय में मृत्यु हो गई । थोड़े दिनों बाद उनके छोटे भाई की भी मृत्यु हो गई और यह अंदर ही अंदर टूट गए । इसी दुःख में डूबे हुए क्षय – रोग से पीड़ित होकर के सन् 1937 ई ० में पंचतत्व में विलीन हो गए ।

कृतियाँ :

प्रसाद जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । प्रसाद जी महान कवि , सफल नाटककार , उपन्यासकार , कुशल कहानीकार और श्रेष्ठ निबंधकार थे । इनकी रचनाएं निम्नलिखित हैं- 

नाटक : इनके प्रमुख नाटकों में चंद्रगुप्त , स्कंदगुप्त , अजातशत्रु , ध्रुवस्वामिनी , राज्यश्री , कामना , जन्मेजय का नागयज्ञ , करुणालय , एक घूँट ।

कहानी संग्रह- प्रतिध्वनि , छाया , इंद्रजाल , आकाशदीप आदि ।

काव्य – कामायनी { महाकाव्य } झरना , लहर , आंसू

उपन्यास : – कंकाल , तितली , इरावती , इरावती अपूर्ण है ।

निबंध संग्रह : – काव्य कला और अन्य निबंध ।

    जयशंकर प्रसाद जी की भाषा शुद्ध साहित्यिक एवं संस्कृतनिष्ठ खडीबोली है । वर्णनात्मक , अलंकारिक , भावात्मक शैली के इनके साहित्य में दर्शन होते हैं ।

error: Copyright Content !!
Scroll to Top