UP Board Solution of Class 9 Social Science नागरिक शास्त्र (Civics) Chapter- 4 संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions) Laghu Uttariy Prashn

UP Board Solution of Class 9 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Civics [नागरिक शास्त्र] Chapter-4 संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions) लघु  उत्तरीय प्रश्न Laghu Uttariy Prashn

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प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान  इकाई-3: नागरिक शास्त्र लोकतांत्रिक राजनीति-1 खण्ड-2 के अंतर्गत चैप्टर4 संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions) पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।

Subject Social Science [Class- 9th]
Chapter Name संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions)
Part 3  Civics [नागरिक शास्त्र ]
Board Name UP Board (UPMSP)
Topic Name लोकतांत्रिक राजनीति-1

संस्थाओं का कामकाज (Working Of Institutions)

लघु  उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. राष्ट्रपति को उसके पद से किस तरह हटाया जा सकता है?

उत्तर- संविधान का उल्लंघन करने और उसकी रक्षा करने में विफल रहने पर राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा उसके पद से हटाया जा सकता है। महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किया जा सकता है। इसके लिए सदन में 1/4 सदस्य हस्ताक्षर सहित 14 दिन का नोटिस दें। उसके पश्चात् सदन उस प्रस्ताव पर विचार करेगा। यदि सदन अपनी कुल संख्या के बहुमत तथा उपस्थित व मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दे, तो उसे दूसरे सदन के पास भेज दिया जाता है। यदि दूसरा सदन भी उसी प्रकार से उस प्रस्ताव को पास कर दे, तो महाभियोग प्रस्ताव संसद द्वारा पारित समझा जाएगा और राष्ट्रपति पद से हट जाएगा।

प्रश्न 2. लोकतान्त्रिक देश में संसद का महत्त्व बताइए।

उत्तर- प्रायः सभी लोकतान्त्रिक देशों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की सभा जनता के प्रतिनिधि के रूप में सर्वोच्च राजनीतिक सत्ता का प्रयोग करती है। इस तरह जनता द्वारा निर्वाचित राष्ट्रीय सभा को संसद कहते हैं। राज्य स्तर पर इसे विधानसभा कहते हैं। लोकतान्त्रिक देशों में संसद के महत्त्व को हम निम्न रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं-

  1. संसद देश में कानून बनाने वाली सर्वोच्च सत्ता है। यह वर्तमान कानूनों को बदल/समाप्त कर सकती है अथवा पुराने कानूनों के स्थान पर नए कानून ला सकती है।
  2. संसद सरकार के पास उपलब्ध धन को भी नियन्त्रित करती है।
  3. संसद का सरकार को चलाने वाले लोगों पर नियन्त्रण होता है। संसद के समर्थन के बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता।
  4. संसद देश में सार्वजनिक मुद्दों तथा राष्ट्रीय नीतियों पर परिचर्चा का सर्वोच्च मंच है। यह किसी भी मामले में सूचना की माँग कर सकती है।

प्रश्न 3. न्यायपालिका भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा किस तरह करती है?

उत्तर- भारतीय संविधान द्वारा भारत के नागरिकों को प्रदान किए गए मौलिक अधिकारों की सुरक्षा का उत्तरदायित्व भारत के सर्वोच्च न्यायालय को दिया गया है। यदि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनती है या कोई नागरिक किसी दूसरे नागरिक को उसके मौलिक अधिकारों का प्रयोग स्वतन्त्रतापूर्वक नहीं करने देता, तो वह नागरिक अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण ले सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार’ के अन्तर्गत संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। इन संवैधानिक उपचारों में बन्दी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा तथा उत्प्रेक्षण लेख आदि का प्रयोग नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए किया जाता है।

प्रश्न 4. भारत के राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

उत्तर- राष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया जाता है। संसद के सभी सदस्य अर्थात् सांसद तथा राज्य विधानसभाओं के सभी सदस्य अर्थात् विधायक उसका चुनाव करते हैं। राष्ट्रपति पद के किसी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए बहुमत प्राप्त करना होता है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि भारत का राष्ट्रपति पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता दिखाई दे।

प्रश्न 5. लोकसभा और राज्यसभा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-                                                                                         लोकसभा और राज्यसभा

 

लोकसभा

राज्यसभा

1 लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
2 धन सम्बन्धी बिल केवल लोकसभा में पेश किए जा सकते हैं। यह लोकसभा ही है जो देश का प्रशासन चलाने के लिए धन प्रदान करती है। राज्यसभा के पास धन सम्बन्धी मामलों में अधिक शक्ति प्राप्त नहीं है।

 

3 लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है। राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 250 से ज्यादा नहीं होती।
4 लोकसभा राज्यसभा की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली है। लोकसभा की अपेक्षा राज्यसभा कम शक्तिशाली है।
5 प्रत्येक लोकसभा का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष होता है। 5 वर्ष के बाद निर्वाचित किए गए सभी सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। लोकसभा भंग हो जाती है। राज्यसभा एक स्थायी निकाय है। यह कभी भंग नहीं होती किन्तु इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष के पश्चात् सेवानिवृत्त हो जाते हैं।

 

प्रश्न 6. लोकसभा वित्तीय मामलों में किन शक्तियों का प्रयोग करती है?

उत्तर- भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था में वित्तीय मामलों में लोकसभा की शक्ति सर्वोच्च है। लोकसभा द्वारा एक बार सरकारी बजट अथवा धन सम्बन्धी कोई कानून पास कर देने के बाद राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती। राज्यसभा इसमें केवल 14 दिनों की देरी कर सकती है अथवा इसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है। यह लोकसभा का अधिकार है कि वह उन सुझावों को माने या न माने।

प्रश्न 7. क्या भारत का राष्ट्रपति संकटकालीन शक्तियों का प्रयोग करके तानाशाह बन सकता है? अपने तर्क प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- यह सत्य है कि राष्ट्रपति को अनेक संकटकालीन शक्तियाँ प्राप्त हैं किन्तु उसके ऊपर अनेक लोकतान्त्रिक प्रतिबन्ध भी हैं जिससे वह तानाशाह नहीं बन सकता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  1. यदि राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता है, तो संसद उसके विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव पास करके उसे पद से हटा सकती है।
  2. राष्ट्रपति की घोषणा पर एक महीने के अन्दर संसद की स्वीकृति लेनी पड़ती है।
  3. राष्ट्रपति संकटकालीन स्थिति की घोषणा तभी कर सकता है, जब मन्त्रिमण्डल लिखित रूप में उसे ऐसा करने का परामर्श दे।

 

UP Board Solution of Class 9 Social Science नागरिक शास्त्र (Civics) Chapter- 3 चुनावी राजनीति (chunavi rajniti) Laghu Uttariy Prashn

 

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