UP Board Solution of Class 10 Social Science [सामाजिक विज्ञान] Geography [भूगोल] Chapter- 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखायें (Rashtriya Arthvyvstha Ki Jivan Rekhaayein) लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न Notes
प्रिय पाठक! इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कक्षा 10वीं की सामाजिक विज्ञान इकाई-2 : भूगोल समकालीन भारत-2 खण्ड-2 के अंतर्गत चैप्टर-7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखायें पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रदान कर रहे हैं। जो की UP Board आधारित प्रश्न हैं। आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करेंगे।
Subject | Social Science [Class- 10th] |
Chapter Name | राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखायें |
Part 3 | Geography [भूगोल] |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखायें |
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखायें (Rashtriya Arthvyvstha Ki Jivan Rekhaayein)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में जनसंचार के क्षेत्र में हुए किन्हीं तीन प्रमुख विकासों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर – भारत में जनसंचार के क्षेत्र में निम्नलिखित तरह के विकास हुए हैं-
(i) भारत में दो दशक से इंटरनेट की सुविधा हो गई है जिससे काफी लोग सूचना प्राप्त करते हैं।
(ii) पिछले दो दशकों से दूरसंचार के साधनों में काफी विकास हुआ है, भारत में जब से मोबाइल का शुभारंभ हुआ है सूचना क्षेत्र में क्रांति आ गई है।
(iii) बड़े शहरों व नगरों में डाक संचार में शीघ्रता हेतु, हाल ही में छः डाक मार्ग बनाए गए हैं। इन्हें राजधानी मार्ग, मेट्रो चैनल, ग्रीन चैनल, व्यापार चैनल, भारी चैनल तथा दस्तावेज चैनल के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 2. भारत में सड़क परिवहन के सम्मुख उपस्थित किन्हीं पाँच प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – भारतीय सड़क निम्नलिखित समस्याओं का सामना कर रही है-
(i) यात्रियों की अधिक संख्या और माल की ढुलाई की अधिक मात्रा को देखते हुए भारत में सड़क जाल अपेक्षाकृत कम है।
(ii) भारत में लगभग 50 प्रतिशत सड़कें कच्ची हैं। इसलिए यह यातायात के साधनों के लिए सुगम नहीं है।
(iii) वर्षा ऋतु में कच्ची सड़कें कीचड़ से भर जाती हैं। इसलिए वर्षा ऋतु में ये सड़कें अनुपयोगी हो जाती हैं।
(iv) अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सड़कें जल्दी खराब हो जाती हैं।
(v) भारत की अधिकांश पक्की सड़कें संकरी है, जिन पर एक साथ दो गाड़ियों का आवागमन आसानी से नहीं होता।
प्रश्न ३. वायु परिवहन के किन्हीं चार गुणों और किन्हीं दो अवगुणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – वायु परिवहन के चार गुण निम्नलिखित हैं-
(i) परिवहन के अन्य साधनों की अपेक्षा यह दूसरे स्थानों पर पहुँचने में बहुत कम समय लेता है।
(ii) विदेश यात्रा के लिए सबसे सुगम परिवहन का साधन है।
(iii) अन्य परिवहन के साधनों की अपेक्षा इसमें दुर्घटना कम होती है।
(iv) यह परिवहन का बहुत आरामदायक साधन है।
वायु परिवहन के दो अवगुण निम्नलिखित हैं-
(i) यह बहुत महँगा परिवहन का साधन है।
(ii) हवाई पट्टी के लिए काफी जगह की आवश्यकता होती है इसलिए दुर्गम स्थानों में हवाई पट्टी नहीं बनाई जा सकती।
प्रश्न 4. वायु परिवहन का महत्त्व बताइए। भारत की कुछ प्रमुख एयरलाइंस के नाम बताइए।
उत्तर – आज वायु परिवहन तीव्रतम, आरामदायक व प्रतिष्ठित परिवहन का साधन है। इसके द्वारा अति दुर्गम स्थानों; जैसे- ऊँचे पर्वत, मरुस्थलों, घने जंगलों व लंबे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है।
सन् 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया है। इंडियन एयरलाइंस तथा कई निजी एयरलाइंस घरेलू विमान सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। एयर इंडिया अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करती हैं। पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड, तेल व प्राकृतिक गैस आयोग को इसकी अपतटीय संक्रियाओं में तथा अगम्य व दुर्लभ भू-भागों; जैसे-उत्तरी-पूर्वी राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के आंतरिक क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है।
प्रश्न 5. भारत के आर्थिक विकास में परिवहन के साधनों का क्या महत्त्व है?
उत्तर – भारत के आर्थिक विकास में परिवहन के साधनों का महत्त्व निम्नलिखित बिन्दुओं से स्पष्ट होता है-
(i) सम्पर्क प्रदान करना – परिवहन के साधन देश की जीवन रेखाएँ हैं। ये देश के एक भाग को दूसरे भाग से जोड़ती हैं। परिवहन के साधनों द्वारा ही आवश्यक वस्तुएँ दूर-दूर के स्थानों तक पहुँचती हैं।
(ii) अर्थव्यवस्था का विकास – परिवहन तथा संचार के साधनों के माध्यम से उद्योगों तक कच्चा माल पहुँचता है तथा उनके तैयार उत्पाद रेल मार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा ले जाए जाते हैं। कृषि भी अधिकतर परिवहन पर निर्भर करती है।
(iii) वैश्विक गाँव – सक्षम एवं तीव्र गति वाले परिवहन से आज विश्व एक बड़े गाँव में परिवर्तित हो गया है। परिवहन का यह विकास संचार साधनों के विकास की सहायता से ही सम्भव हो सका है। इसीलिए परिवहन, संचार व व्यापार एक-दूसरे के पूरक हैं।
प्रश्न 6. पाइपलाइन क्या है? पाइपलाइन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर – पाइपलाइन एक नया परिवहन का साधन है। पहले पाइपलाइन का उपयोग शहरों व उद्योगों में पानी पहुँचाने हेतु होता था। आज इसका उपयोग कच्चे तेल, पेट्रोल उत्पाद तथा तेल से प्राप्त प्राकृतिक तथा गैस क्षेत्र में उपलब्ध गैस शोधनशालाओं, उर्वरक कारखानों व बड़े ताप विद्युत गृहों तक पहुँचाने में किया जाता है। ठोस पदार्थों को तरल अवस्था में परिवर्तित कर पाइपलाइनों द्वारा ले जाया जाता है। सुदूर आंतरिक भागों में स्थित शोधनशालाएँ; जैसे-बरौनी, मथुरा, पानीपत तथा गैस पर आधारित उर्वरक कारखानों की स्थापना पाइपलाइनों के जाल के कारण ही संभव हो पाई है। पाइपलाइन बिछाने की प्रारंभिक लागत अधिक है, लेकिन इसको चलाने की लागत न्यूनतम है।
प्रश्न 7. रेल परिवहन की अपेक्षा सड़क परिवहन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – सड़क परिवहन, रेल परिवहन से अधिक महत्त्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि-
(i) सड़कों के निर्माण में कम खर्च आता है।
(ii) इनका निर्माण ऊबड़-खाबड़ व विच्छिन्न भू-भाग पर आसानी से हो सकता है।
(iii) इनका निर्माण ढाल वाले क्षेत्रों व पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से हो सकता है।
(iv) यह अन्य परिवहन साधनों से सस्ता है।
(v) यह हमें, हमारे घरों से भी जोड़ता है।
(vi) यह अन्य परिवहन साधनों (जल, वायु) को जोड़ने का भी कार्य करता है।
प्रश्न 8. सड़क परिवहन के तीन गुण बताइए।
या सड़क परिवहन के कोई तीन लाभ बताइए।
या सड़क परिवहन के सापेक्षिक लाभों की विवेचना कीजिए।
उत्तर – भारत विश्व के सर्वाधिक सड़क जाल वाले देशों में से एक है। सड़क परिवहन के तीन प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-
(i) सड़क परिवहन, अन्य परिवहन साधनों के उपयोग में एक कड़ी के रूप में भी कार्य करता है; जैसे- सड़कें, रेलवे स्टेशन, वायु व समुद्री पत्तनों को जोड़ती हैं।
(ii) सड़कों की निर्माण लागत कम होती है तथा यह ऊबड़-खाबड़ भू-भागों पर भी बनाई जा सकती है।
(iii) यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है।
प्रश्न 9. रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन का साधन है तथा क्यों?
उत्तर – भारत में रेल परिवहन वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन का प्रमुख साधन है। रेल परिवहन अनेक कार्यों में सहायक है; जैसे- व्यापार, भ्रमण, तीर्थ यात्राएँ व लंबी दूरी तक सामान का परिवहन आदि। भारत के उत्तरी मैदानों में रेल परिवहन अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन है, क्योंकि उत्तरी मैदान अपनी विस्तृत समतल भूमि, सघन जनसंख्या घनत्व, संपन्न कृषि व प्रचुर संसाधनों के कारण रेल परिवहन के विकास व वृद्धि में सहायक रहा है।
प्रश्न 10. सीमांत सड़कों का महत्त्व बताइए।
उत्तर – भारत के सीमांत क्षेत्र में सड़कों के निर्माण व देख-रेख का कार्य सीमा सड़क संगठन करता है। यह उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्त्व की सड़कों का विकास करता है। इन सड़कों का महत्त्व इस प्रकार है-
(i) ये सड़कें सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों विशेषकर चौकियों की रखवाली करने वाले सैनिकों की प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने में बड़ी सहायक सिद्ध होती हैं।
(ii) युद्ध के समय इन्हीं सड़कों से फौजियों को लड़ाई का सामान, खाद्य सामग्री तथा अन्य सहायता पहुँचाई जाती है।
(iii) इन सड़कों से दुर्गम क्षेत्रों में आना-जाना सरल हुआ है।
(iv) ये सड़कें इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई हैं।
प्रश्न 11. व्यापार से आप क्या समझते हैं? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – राज्यों व देशों के बीच विभिन्न वस्तुओं का आदान – प्रदान व्यापार कहलाता है। स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर निम्नलिखित हैं-
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार – दो देशों के मध्य विभिन्न वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। यह समुद्री, हवाई व स्थलीय मार्गों द्वारा हो सकता है। किसी देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक विकास का सूचक है।
स्थानीय व्यापार – एक देश के अंदर विभिन्न वस्तुओं का आदान-प्रदान स्थानीय व्यापार कहलाता है। स्थानीय व्यापार शहरों, कस्बों व गाँवों में होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आधुनिक समय में संचार के साधनों का महत्त्व बताइए।
उत्तर – आधुनिक युग में वैश्विक स्तर पर संचार के साधनों की महत्ता को न निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट कर सकते हैं-
- देश के किसी भी हिस्से से आने वाली कृत्रिम व प्राकृतिक विपदा से निपटने के लिए संचार के साधनों का प्रयोग करके तुरंत सहायता पहुँचाई जा सकती है।
- संचार साधनों के विकास से देश के आंतरिक तथा बाहरी व्यापार को बढ़ावा मिला है।
- सक्षम संचार साधनों ने दुनिया को छोटा कर दिया है। पूरे विश्व को एक बड़े गाँव में परिवर्तित कर दिया है।
- संचार साधनों ने हमारे जीवन को समृद्ध किया है तथा आरामदायक जीवन के लिए सुविधाओं व साधनों में बढ़ोतरी की है।
- संचार के विभिन्न साधन जीवन के लिए बड़े महत्त्वपूर्ण हो गए हैं, क्योंकि इनके माध्यम से लोग दूर-दराज में रहने वाले अपने संबंधियों से संपर्क बनाए रखते हैं।
- संचार मानव को मनोरंजन के साथ बहुत से राष्ट्रीय कार्यक्रमों व नीतियों के विषय में जागरूक करता है।
- संचार के विभिन्न साधनों से राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा मिला है।
- संचार के साधनों का प्रयोग युद्ध के समय तथा देश में आंतरिक शांति बनाए रखने के लिए भी सरकार द्वारा किया जाता है।
संचार के साधनों को देश की जीवन रेखा कहते हैं क्योंकि ये साधन देश के माजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।
प्रश्न 2. भारत में संचार के साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – भारत में संचार सेवाएँ-भारत में तीन प्रकार की संचार सेवाएँ हैं-
- डाक–तार सेवाएँ – भारत के सभी नगरों एवं गाँवों में संचार की सुविधाएँ, उपलब्ध कराना अत्यन्त कठिन कार्य है। भारत का डाक विभाग डाक व तार द्वारा संदेश भेजने की सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। भारत के डाक विभाग में 466,903 व्यक्ति काम करते हैं। स्वतंत्रता के समय भारत में डाकघरों की संख्या 23,344 थी, जिनमें 19,184 ग्रामीण क्षेत्रों और 4,160 शहरी क्षेत्रों में थे, जबकि 31 मार्च, 2011 तक देश में 154,866 डाकघर थे। इनमें से 1,39,040 ग्रामीण क्षेत्रों में और 15,826 शहरी इलाकों में हैं। इस प्रकार भारत विश्व का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क देश है। भारत में संचार मंत्रालय द्वारा डाक कार्य शीघ्र निपटाने के लिए पिनकोड संख्या जो 6 अंकों में होती है, शुरू की गयी। डाक विभाग देशभर में (डाक पत्रों, चिट्ठियों) के वितरण की व्यवस्था कराता है।
टेलीफोन या दूरभाष भी शीघ्र संदेश भेजने का साधन है। चीन के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार नेटवर्क वाला देश बन गया है। यहाँ इस क्षेत्र के 1.18 बिलियन ग्राहक हैं। भारत की मोबाइल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कम्प्यूटर के प्रयोग के कारण फोन सेवाओं का स्तर ऊँचा हो गया है। वर्तमान में देश के 200 नगरों में टेलेक्स सुविधा उपलब्ध है तथा इलेक्ट्रॉनिक्स मेल की सुविधा का तेजी से प्रसार हो रहा है, 1986 में विदेश संचार निगम बनाया गया जो देश की अन्तर्राष्ट्रीय संचार सेवा का कार्य करता है।
- इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या जनसंचार – रेडियो और टेलीविजन इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम हैं। रेडियो शिक्षा, समाचार व मनोरंजन का सशक्त माध्यम है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय देश में 6 आकाशवाणी केन्द्र थे। मार्च, 2018 तक आकाशवाणी के देशभर में कुल 662 में से 139 मीडियम वेव, 48 शार्ट वेव और 475 एफ एम ट्रांसमीटर हो गये। 1947 के छह रेडियो केन्द्रों की तुलना में मार्च, 2018 में देशभर में 469 रेडियो केन्द्र हो गये। दूरदर्शन दृश्य एवं श्रव्य जनसंचार माध्यम है। भारत में दूरदर्शन सेवा 1959 में शुरू हो गयी। इस समय दूरदर्शन के 34 उपग्रह चैनल हैं। दूरदर्शन (डी. डी. डायरेक्ट) की फ्री टू एयर डीडीएच सेवा शुरू की गयी है। इस सेवा का उद्घाटन 16 दिसम्बर, 2004 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया। वर्तमान समय में दूरदर्शन के डीटीएच प्लेटफार्म पर 56 टीवी चैनल हैं। वर्तमान में दूरदर्शन के 67 स्टूडियो केन्द्र और 1416 ट्रांसमीटर हैं।
- मुद्रण माध्यम – समाचार-पत्र एवं अन्य पत्रिकाएँ जो दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक रूप से प्रकाशित की जाती हैं, प्रमुख मुद्रण माध्यम हैं। प्रेस पंजीयक द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार 2010-11 तक पंजीकृत समाचार पत्रों/पत्रिकाओं की कुल संख्या 82,222 थी, जिसमें (दैनिक समाचार-पत्र, साप्ताहिक-पत्र, पाक्षिक एवं मासिक) पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं। ये देश की जनता, सरकार, व्यापार व उद्योग के बीच विचारों एवं संदेशों के आदान-प्रदान के प्रभावी माध्यम हैं। समाचार पत्र लगभग 100 भाषाओं तथा बोलियों में प्रकाशित होते हैं।
प्रश्न 3. वायु परिवहन आजकल अधिक उपयोगी क्यों है? कोई तीन बिन्दु पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – वायु परिवहन वर्तमान युग का अत्यधिक उपयोगी साधन है। इस साधन का आर्थिक और सामरिक दृष्टि से तथा प्राकृतिक आपदा राहत कार्यों में सबसे अधिक महत्व है। भारत जैसे विशाल देश के लिए वायु परिवहन का सबसे अधिक महत्व है। वायु मार्गों की लम्बाई की दृष्टि से भारत का विश्व में चौथा स्थान है। वायु परिवहन के द्वारा अति दुर्गम स्थानों जैसे ऊँचे पर्वत, मरुस्थलों, घने जंगलों व लम्बे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है। वायु परिवहन का माध्यम वायु है। यह तीव्र गति वाला साधन है तथा समय की बचत करता है। वायु परिवहन की उपयोगिता से सम्बन्धित प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं. –
(i) वायु परिवहन द्वारा यात्रियों को कम समय में अधिक दूरी की यात्रा सुलभ कराई जाती है, वहीं इससे कम मात्रा में माल ढोने का भी कार्य किया जाता है।
(ii) पृथ्वी पर होने वाले अवरोधों का इस परिवहन को सामना नहीं करना पड़ता है। चूंकि ‘वायु’ परिवहन का माध्यम है अतः इस परिवहन में मौसम का अधिक प्रभाव पड़ता है।
(iii) अकाल, बाढ़, भूकम्प, सुनामी आदि आपदाओं के समय तत्काल राहत पहुँचाने में वायु परिवहन की महती उपयोगिता है।
(iv) हल्के, मूल्यवान और शीघ्र नष्ट होने वाले सामान ढोए जाने पर वायु परिवहन का व्यापारिक महत्त्व बढ़ गया है।
प्रश्न 4. भारत में विभिन्न प्रकार की सड़कों का वर्णन कीजिए।
अथवा निम्नलिखित प्रत्येक वर्णन लगभग 40 शब्दों में कीजिए-
(अ) स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग
(ब) राष्ट्रीय राजमार्ग
(स) राज्य राजमार्ग।
उत्तर – 1. राष्ट्रीय राजमार्ग – राष्ट्रीय महत्त्व की ये सड़कें एक राज्य से दूसरे राज्य को होकर जाती हैं और देश की सीमाओं को आपस में मिलाती हैं। इन सड़कों का निर्माण कार्य, देखभाल, मरम्मत आदि का दायित्व केन्द्रीय सरकार का है। भारत के प्रमुख राष्ट्रीय मागों में ब्रांड ट्रंक रोड, मुगल रोड, आगरा-मुंबई मार्ग आदि हैं।
राष्ट्रीय राजमार्गों को अब उनके नंबर से जाना जाता है। राष्ट्रीय महामार्गों की कुल लंबाई 1,32,499 किमी है। तीव्रगामी परिवहन की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की योजना बनायी गयी है। इस दिशा में काफी कार्य आरंभ हो चुका है। ये राजमार्ग 4 से 6 लेन वाले होंगे। इन एक्सप्रेस राजमार्गों का विवरण इस प्रकार है-
- स्वर्णिम चतुष्कोण – यह एक्सप्रेस महामार्ग मुंबई, चेन्नई, कोलकाता तथा दिल्ली को मिलायेगा। इसकी लंबाई 5,846 किमी होगी।
- गलियारे – (i) उत्तर–दक्षिण गलियारा – यह सड़क राजमार्ग श्रीनगर को कन्याकुमारी में मिलायेगा।
(ii) पूर्व–पश्चिम गलियारा – यह एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग सिल्चर (असम) को पोरबंदर (गुजरात) से मिलाएगा। इन दोनों गलियारों की लंबाई 7300 किमी होगी।
- स्वर्णिम चतुष्कोण और गलियारों को 10 प्रमुख समुद्र पत्तनों से जोड़ने वाले एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग – यह राजमार्ग कांडला, जवाहरलाल नेहरू पत्तन, मुरमूगांव, तूतीकोरिन, चेन्नई, इन्नौर, विशाखापट्टनम, पारादीप और हल्दिया-कोलकाता को आपस में जोड़ेगा। इनकी कुल लंबाई 363 किमी होगी।
- राज्य राजमार्ग – ये सड़कें राज्य के प्रमुख नगरों एवं जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाली होती हैं। इन सड़कों के निर्माण तथा देख-रेख का दायित्व राज्य सरकारों का होता है।
- जिले और गाँव की सड़कें – जिले की सड़कें विभिन्न तहसीलों तथा कस्बों को जोड़ती हैं। इनका निर्माण व देख-रेख जिला बोर्ड करता है। गाँव की कच्ची सड़कों का निर्माण ग्राम पंचायत जिला प्रशासन के आर्थिक सहयोग से करती है। गाँव को जोड़ने वाली पक्की सड़कों के निर्माण का दायित्व जिला प्रशासन का होता है।
- सीमावर्ती सड़कें – देश की सीमा विस्तृत है। सीमा की रक्षा का दायित्व प्रत्येक नागरिक व सरकार पर है। सीमा सुरक्षा के लिए सीमावतीं क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण किया जाता है। सीमा सड़कों के निर्माण का कार्य केंद्रीय सरकार कराती है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए-
(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवनरेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?
उत्तर – वस्तुओं, सेवाओं तथा लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना परिवहन कहलाता है। यह परिवहन तीन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों से किया जाता है-स्थल, जल तथा वायु।
संचार के साधन वे साधन हैं जिनका प्रयोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए किया जाता है। ये दोनों ही किसी देश की जीवन रेखा कहे जाते हैं क्योंकि-
- आज भारत अपने विशाल आकार, विविधताओं, भाषाई तथा सामाजिक व सांस्कृतिक बहुलताओं के बावजूद संसार के सभी क्षेत्रों से जुड़ा है।
- रेल, वायु एवं जल परिवहन, समाचारपत्र, रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा तथा इंटरनेट आदि इसके सामाजिक-आर्थिक विकास में अनेक प्रकार से सहायक हैं।
- स्थानिक से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय व्यापार ने अर्थव्यवस्था को जीवन शक्ति दी है।
- इसने हमारे जीवन को समृद्ध किया है तथा आरामदायक जीवन के लिए सुविधाओं व साधनों में विकास किया है।
- आधुनिक संचार तथा परिवहन के साधन हमारे देश और इसकी आधुनिक अर्थव्यवस्था को संचालित करते हैं। इसलिए सघन व सक्षम परिवहन का जाल तथा संचार के साधन आज विश्व, राष्ट्र व स्थानीय व्यापार हेतु पूर्व-अपेक्षित हैं। इसीलिए इन साधनों को देश की जीवन रेखाएँ तथा अर्थव्यवस्था कहा जाता है।
- प्रत्येक व्यक्ति अपने प्रतिदिन के जीवन में विभिन्न सामग्रियों एवं सेवाओं का प्रयोग करता है। इनमें से कुछ उसके आसपास उपलब्ध होती हैं, जबकि कुछ अन्य चीजों की आवश्यकता दूसरे स्थानों से लाकर पूरी की जाती हैं।
- वस्तुएँ तथा सेवाएँ माँग स्थल से आपूर्ति स्थल पर अपने आप नहीं पहुँचतीं, उनकी आपूर्ति स्थानों से माँग स्थानों तक ले जाने में परिवहन की आवश्यकता होती है।
- एक देश के विकास की गति वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन के साथ उनके एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की सुविधा पर निर्भर करती है। इसलिए सक्षम परिवहन के साधन तीव्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
(ii) पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – दो देशों के बीच व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। किसी देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक व्यापार का सूचक है, इसलिए इसे राष्ट्र का आर्थिक बैरोमीटर कहते हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत के औद्योगिक विकास के फलस्वरूप विदेश-व्यापार में प्रगति हुई। वस्तुओं के आदान-प्रदान की अपेक्षा सूचनाओं, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान बढ़ा है। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभरा है तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।
विश्व के सभी भौगोलिक प्रदेशों तथा सभी व्यापारिक खंडों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध हैं। पिछले कुछ वर्षों से निर्यात वृद्धि वाली वस्तुएँ ये हैं- कृषि संबंधित उत्पाद, खनिज व अयस्क, रत्न व जवाहरात, रसायन व संबंधित उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान तथा पेट्रोलियम उत्पाद आदि।
भारत में आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम तथा पेट्रोलियम उत्पाद, मोती व बहुमूल्य रत्न, अकार्बनिक रसायन, कोयला, कोक तथा कोयले का गोला मशीनरी आदि शामिल हैं। भारी वस्तुओं के आयात में 39.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हमें आयात की अपेक्षा निर्यात को बढ़ाने की कोशिश करनी होगी जिससे विश्व बाजार में भारत सम्माननीय स्थान पा सकें।